Mon Jul 31 2017 14:08:07 GMT+0530 (India Standard Time)
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3ad585dd5b
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94c950d77e
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\c 2 \v 1 \v 2 1-नाई पानके मनया आई ठान लिय्या कि नंगे पास बितबारी ना उदास हित बारी हाँ बी| 2-क्योंकि ना नंग उदास घयरीव तो नाके मजा वे वाल्ला हू हीरी|
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\c 2 \v 1 नाई पानके मनया आई ठान लिय्या कि नंगे पास बितबारी ना उदास हित बारी हाँ बी| \v 2 क्योंकि ना नंग उदास घयरीव तो नाके मजा वे वाल्ला हू हीरी|
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\v 3 \v 4 3-अवरी नाई अई बतकाव तबइ लिख्ख्वा की कही इन्द हा ही नाके बितवारी जोला को मनव बी चाहिय्यो ना आइला से उदास गूआ क्योंकि ननी पर नाके अई बतकाव के भरोसा वाह कि जो नाके मनव वाह आई ननीके भी वाह| 4-बइना क्लेश अवरी मनोव के दुःखय से नाई झिक्क आँसू बहाउतबारी नंग लिख्वा|
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\v 3 अवरी नाई अई बतकाव तबइ लिख्ख्वा की कही इन्द हा ही नाके बितवारी जोला को मनव बी चाहिय्यो ना आइला से उदास गूआ क्योंकि ननी पर नाके अई बतकाव के भरोसा वाह कि जो नाके मनव वाह आई ननीके भी वाह| \v 4 बइना क्लेश अवरी मनोव के दुःखय से नाई झिक्क आँसू बहाउतबारी नंग लिख्वा|
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\v 5 \v 6 \v 7 5-अवरी कोइला उदास घय्या तो ना हा हा वरन(कि आई हटाया शक्ति ता खय)कुछ कुछ ननीलाई दुःख जिघासी| 6-इन्द जन के खानी अई दण्ड जो भव्वाला के झिक्कलाइ बा| 7-इसलिए अइके अई भला ही की अइके अपराध क्षमा खयनी अवरी शान्ति वे न हो की आई मन्छ दुःख या हा ओक्का चाहीयो|
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\v 5 अवरी कोइला उदास घय्या तो ना हा हा वरन(कि आई हटाया शक्ति ता खय)कुछ कुछ ननीलाई दुःख जिघासी| \v 6 इन्द जन के खानी अई दण्ड जो भव्वाला के झिक्कलाइ बा| \v 7 इसलिए अइके अई भला ही की अइके अपराध क्षमा खयनी अवरी शान्ति वे न हो की आई मन्छ दुःख या हा ओक्का चाहीयो|
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16-घयनु खानी तो सी खानी निश्चित मृत्यु की घान्दे घयनू खानी जीवन की निमित जीवन की खुशबु अवरी अई बतकाव के योग्य हु वाह | 17-क्योंकि नानी आइला के समान हा गू बाई जो परिमेश्वर के वचन या मिलावट खयरे परन्तु मनोव के निक्को से अवरी परिमेश्वर के बढाई से परिमेश्वर को उपस्थित में देहोवत वारी मसीहा में हा हा हारे |
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\v 16 \v 17 16-घयनु खानी तो सी खानी निश्चित मृत्यु की घान्दे घयनू खानी जीवन की निमित जीवन की खुशबु अवरी अई बतकाव के योग्य हु वाह | 17-क्योंकि नानी आइला के समान हा गू बाई जो परिमेश्वर के वचन या मिलावट खयरे परन्तु मनोव के निक्को से अवरी परिमेश्वर के बढाई से परिमेश्वर को उपस्थित में देहोवत वारी मसीहा में हा हा हारे |
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