From 94c950d77eac7aff176ed7de6c8662c6f81a47f1 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: UGM Date: Mon, 31 Jul 2017 14:08:08 +0530 Subject: [PATCH] Mon Jul 31 2017 14:08:07 GMT+0530 (India Standard Time) --- 02/01.txt | 2 +- 02/03.txt | 2 +- 02/05.txt | 2 +- 02/16.txt | 2 +- manifest.json | 5 ++++- 5 files changed, 8 insertions(+), 5 deletions(-) diff --git a/02/01.txt b/02/01.txt index b124a7f..450f702 100644 --- a/02/01.txt +++ b/02/01.txt @@ -1 +1 @@ -\c 2 \v 1 \v 2 1-नाई पानके मनया आई ठान लिय्या कि नंगे पास बितबारी ना उदास हित बारी हाँ बी| 2-क्योंकि ना नंग उदास घयरीव तो नाके मजा वे वाल्ला हू हीरी| \ No newline at end of file +\c 2 \v 1 नाई पानके मनया आई ठान लिय्या कि नंगे पास बितबारी ना उदास हित बारी हाँ बी| \v 2 क्योंकि ना नंग उदास घयरीव तो नाके मजा वे वाल्ला हू हीरी| \ No newline at end of file diff --git a/02/03.txt b/02/03.txt index 50f134e..d8ac4eb 100644 --- a/02/03.txt +++ b/02/03.txt @@ -1 +1 @@ -\v 3 \v 4 3-अवरी नाई अई बतकाव तबइ लिख्ख्वा की कही इन्द हा ही नाके बितवारी जोला को मनव बी चाहिय्यो ना आइला से उदास गूआ क्योंकि ननी पर नाके अई बतकाव के भरोसा वाह कि जो नाके मनव वाह आई ननीके भी वाह| 4-बइना क्लेश अवरी मनोव के दुःखय से नाई झिक्क आँसू बहाउतबारी नंग लिख्वा| \ No newline at end of file +\v 3 अवरी नाई अई बतकाव तबइ लिख्ख्वा की कही इन्द हा ही नाके बितवारी जोला को मनव बी चाहिय्यो ना आइला से उदास गूआ क्योंकि ननी पर नाके अई बतकाव के भरोसा वाह कि जो नाके मनव वाह आई ननीके भी वाह| \v 4 बइना क्लेश अवरी मनोव के दुःखय से नाई झिक्क आँसू बहाउतबारी नंग लिख्वा| \ No newline at end of file diff --git a/02/05.txt b/02/05.txt index 3d55b9e..6244a54 100644 --- a/02/05.txt +++ b/02/05.txt @@ -1 +1 @@ -\v 5 \v 6 \v 7 5-अवरी कोइला उदास घय्या तो ना हा हा वरन(कि आई हटाया शक्ति ता खय)कुछ कुछ ननीलाई दुःख जिघासी| 6-इन्द जन के खानी अई दण्ड जो भव्वाला के झिक्कलाइ बा| 7-इसलिए अइके अई भला ही की अइके अपराध क्षमा खयनी अवरी शान्ति वे न हो की आई मन्छ दुःख या हा ओक्का चाहीयो| \ No newline at end of file +\v 5 अवरी कोइला उदास घय्या तो ना हा हा वरन(कि आई हटाया शक्ति ता खय)कुछ कुछ ननीलाई दुःख जिघासी| \v 6 इन्द जन के खानी अई दण्ड जो भव्वाला के झिक्कलाइ बा| \v 7 इसलिए अइके अई भला ही की अइके अपराध क्षमा खयनी अवरी शान्ति वे न हो की आई मन्छ दुःख या हा ओक्का चाहीयो| \ No newline at end of file diff --git a/02/16.txt b/02/16.txt index 61f762b..5407904 100644 --- a/02/16.txt +++ b/02/16.txt @@ -1 +1 @@ -16-घयनु खानी तो सी खानी निश्चित मृत्यु की घान्दे घयनू खानी जीवन की निमित जीवन की खुशबु अवरी अई बतकाव के योग्य हु वाह | 17-क्योंकि नानी आइला के समान हा गू बाई जो परिमेश्वर के वचन या मिलावट खयरे परन्तु मनोव के निक्को से अवरी परिमेश्वर के बढाई से परिमेश्वर को उपस्थित में देहोवत वारी मसीहा में हा हा हारे | \ No newline at end of file +\v 16 \v 17 16-घयनु खानी तो सी खानी निश्चित मृत्यु की घान्दे घयनू खानी जीवन की निमित जीवन की खुशबु अवरी अई बतकाव के योग्य हु वाह | 17-क्योंकि नानी आइला के समान हा गू बाई जो परिमेश्वर के वचन या मिलावट खयरे परन्तु मनोव के निक्को से अवरी परिमेश्वर के बढाई से परिमेश्वर को उपस्थित में देहोवत वारी मसीहा में हा हा हारे | \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 207b279..5e630d5 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -49,6 +49,9 @@ "01-19", "01-21", "01-23", - "02-title" + "02-title", + "02-01", + "02-03", + "02-05" ] } \ No newline at end of file