6.2 KiB
6.2 KiB
पवित्र, पवित्रता, अपवित्र,
परिभाषा:
“पवित्र” और पवित्रता” का संदर्भ परमेश्वर के गुण से है जो पूर्णतः पृथक है और किसी भी पापी और असिद्ध बात से पृथक किया हुआ है।
- केवल परमेश्वर पूर्णतः पवित्र है। वह मनुष्यों और वस्तुओं को पवित्र बनाता है।
- पवित्रजन परमेश्वर का है और वह परमेश्वर की सेवा तथा महिमान्वन के लिए पृथक किया हुआ है।
- जिस वस्तु को परमेश्वर ने पवित्र घोषित कर दिया, वह उसकी महिमा और उपयोग के लिए पृथक कर दी गई है जैसे कि एक वेदी जो उसके बलिदान चढ़ाने के उद्देश्य के लिए है।
- मनुष्य उसकी अनुमति के बिना उसके निकट नहीं आ सकता क्योंकि वे पवित्र और मात्र मनुष्य हैं, पापी और असिद्ध।
- पुराने नियम में, परमेश्वर ने याजकों को पवित्र करके अपनी सेवा के लिए पृथक कर लिया था। उन्हें परमेश्वर के निकट जाने के लिए सांसारिक रूप में पापों से शुद्ध होना होता था।
- परमेश्वर कुछ स्थानों एवं वस्तुओं को भी पवित्रता में पृथक कर लेता है जो उसके होते हैं या जिनमें उसने स्वयं को प्रकट किया है जैसे मन्दिर।
अनुवाद के सुझाव:
- “पवित्र” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “परमेश्वर के लिए पृथक” या “परमेश्वर का” या “पूर्णतः शुद्ध” या “सिद्धता में निष्पाप” या “पाप से पृथक”।
- “पवित्र करना” का अनुवाद प्रायः “शोधन” होता है। इसका अनुवाद “परमेश्वर के महिमा से (किसी को) पृथक करना” भी हो सकता है।
(यह भी देखें: पवित्र आत्मा, पवित्र करना, शोधन, पृथक करना)
बाइबल सन्दर्भ:
- उत्पत्ति 28:22
- 2 राजा 03:02
- विलापगीत 04:01
- यहेजकेल 20:18-20
- मत्ती 07:6
- मरकुस 08:38
- प्रे.का. 07:33
- प्रे.का. 11:08
- रोमियों 01:02
- 2 कुरिन्थियों 12:3-5
- कुलुसियों 01:22
- 1 थिस्लुनिकियों 03:13
- 1 थिस्लुनिकियों 04:07
- 2 तीमुथियुस 03:15
बाइबल कहानियों के उदाहरण:
- 01:16 उस ने सातवें दिन को आशीष दिया और उसे पवित्र बनाया क्योंकि इस दिन परमेश्वर ने अपने काम से विश्राम लिया था।
- 09:12 “जिस स्थान पर तू खड़ा है वह पवित्र भूमि है।”
- 13:02 ,”इसलिये अब यदि तुम निश्चय मेरी मानोगे, और मेरी वाचा का पालन करोगे, तो सब लोगों में से तुम ही मेरा निज धन ठहरोगे, समस्त पृथ्वी तो मेरी है, और तुम मेरी दृष्टी में याजकों का राज्य और पवित्र जाति ठहरोगे।”
- 13:05 तू सब्त के दिन को पवित्र मानने के लिये स्मरण रखना।
- 22:05“इसलिये वह पवित्र जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा।”
- 50:02 जबकि हम यीशु के वापस आने का इंतजार कर रहे हैं, तो परमेश्वर चाहता है कि हम ऐसा जीवन जियें जो पवित्र हो तथा उसे आदर देता हो।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H430, H2455, H2623, H4676, H4720, H6918, H6922, H6942, H6944, H6948, G37, G38, G39, G40, G41, G42, G462, G1859, G2150, G2412, G2413, G2839, G3741, G3742