4.8 KiB
4.8 KiB
उत्पन्न, सर्जन करना, सृष्टि, सृजनहार
परिभाषा:
“उत्पन्न” अर्थात रचना करना या किसी को अस्तित्व में लाना। जो कुछ सृजा गया उसे सृष्टि कहते हैं। परमेश्वर को “सृजनहार” कहते हैं क्योंकि उसने सम्पूर्ण जगत को अस्तित्ववान किया।
- जब परमेश्वर के लिए कहा जाता है कि उसने सम्पूर्ण जगत की रचना की तो इसका अर्थ है कि उसने शून्य से उसे उत्पन्न किया।
- जब मनुष्य कोई रचना करता है तो इसका अर्थ है कि वह विद्यमान तत्वों से कुछ बनाता है।
- कभी-कभी “रचना” प्रतीकात्मक रूप में काम में लिया जाता है जैसे “शान्ति की रचना करना” या “मनुष्य में शुद्ध मन रचना”
- “सृष्टि” शब्द का अर्थ है, आरंभ में जब परमेश्वर ने सब कुछ बनाया। यह शब्द परमेश्वर द्वारा सृजित सब के लिए काम में लिया जा सकता है। कभी-कभी “सृष्टि” शब्द विशेष करके पृथ्वी पर मनुष्यों के लिए काम में लिया जाता है।
अनुवाद के सुझाव:
- कुछ भाषाओं में स्पष्ट व्यक्त किया जा सकता है कि परमेश्वर ने “शून्य से” सम्पूर्ण जगत की रचना की, सुनिश्चित करें कि इसका अर्थ स्पष्ट हो।
- “जगत की सृष्टि के समय से” अर्थात “उस समय से जब परमेश्वर ने सम्पूर्ण जगत की रचना की थी”।
- समान वाक्यांश, “सृष्टि के आरंभ में ” का अनुवाद किया जा सकता है, “जब परमेश्वर ने संसार को समय की शुरुआत में बनाया” या “जब संसार को पहली बार बनाया गया।”
- “सारी सृष्टि के लोगों को” सुसमाचार प्रचार करो अर्थात “संपूर्ण पृथ्वी पर मनुष्यों को” सुसमाचार सुनाओ।
- “संपूर्ण सृष्टि आनन्द करे” अर्थात “परमेश्वर द्वारा सृजित सब कुछ आनन्द करे”।
- प्रकरण के अनुसार “सृष्टि करना” का अनुवाद “बनाना” या “अस्तित्व में लाना” या “शून्य से उत्पन्न करना” हो सकता है।
- “सृष्टिकता” का अनुवाद “जिसने सब कुछ बनाया” या “परमेश्वर जिसने संपूर्ण सम्पूर्ण जगत की उत्पत्ति की”।
- “तेरा सृजनहार” का अनुवाद “परमेश्वर जिसने तुझे बनाया” हो सकता है।
(यह भी देखें: परमेश्वर, शुभ सन्देश, संसार)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 11:9-10
- 1 पतरस 04:17-19
- कुलुस्सियों 01: 15-17
- गलातियों 06:14-16
- उत्पत्ति 01:1-2
- उत्पत्ति 14:19-20
शब्द तथ्य:
- Strong's: H3335, H4639, H6213, H6385, H7069, G2041, G2602, G2675, G2936, G2937, G2939, G4160, G5480