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मूसा
तथ्य:
मूसा एक भविष्यद्वक्ता और इस्राएलियों का अगुआ था, उसने 40 वर्ष उनकी अगुआई की थी। मिस्र से निर्गमन के समय वह उनका अगुआ था, जैसा निर्गमन की पुस्तक में वर्णन किया गया है।
- शिशु अवस्था में मूसा के माता-पिता ने उसे एक टोकरी में रखकर नील नदी के नरकटों के मध्य छोड़ दिया था, वे उसे मिस्र के फिरौन से सुरक्षित रखना चाहते थे। मूसा की बहन मिरयम उसकी रखवाली कर रही थी। मूसा की जान बच गई क्योंकि फिरौन की पुत्री उसे अपने महल में ले गई कि अपना पुत्र बनाकर उसका पालन पोषण करे।
- परमेश्वर ने मूसा को चुना कि इस्राएलियों को मिस्र के दासत्व से निकाल कर प्रतिज्ञा के देश में ले जाए।
- मिस्र से निकलने के बाद जब इस्राएली जंगल में थे तब परमेश्वर ने मूसा को पत्थर की पट्टियों पर लिखकर दस आज्ञाएं दी थी।
- अपने जीवन के अन्त में मूसा ने प्रतिज्ञा के देश को तो देखा परन्तु वहाँ प्रवेश नहीं कर पाया क्योंकि उसने परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार कार्य नहीं किया था।
(अनुवाद के सुझाव नामों का अनुवाद कैसे करें)
(यह भी देखें: मिरयम, प्रतिज्ञा का देश, दस आज्ञाए)
बाइबल सन्दर्भ:
बाइबल की कहानियों के उदाहरण:
- 9:12 एक दिन, मूसा जब अपनी भेड़ो की देख रेख कर रहा था , तब उसने देखा कि किसी झाड़ी में आग लगी है |
- 12:5 मूसा ने लोगों से कहा, “डरो मत, परमेश्वर आप ही तुम्हारे लिये लड़ेगा और तुम्हे बचाएगा |”
- 12:7 परमेश्वर ने मूसा से कहा कि अपनी लाठी उठाकर अपना हाथ समुद्र के ऊपर बढ़ा और वह दो भाग हो जाएगा |
- 12:12 जब इस्राएलियों ने देखा कि मिस्र के लोग मारे गए है, तो उन्होंने परमेश्वर पर भरोसा किया और विश्वास करने लगे कि मूसा परमेश्वर का एक नबी है।
- __13:7__परमेश्वर ने यह दस आज्ञाएँ मूसा को दो पत्थर की तख्तियों पर लिख के दे दीं |
शब्द तथ्य:
- Strong's: H4872, H4873, G3475