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व्यर्थ, अनर्थ

परिभाषा:

“व्यर्थ” शब्द किसी निकम्मी बात या निरूद्देश्य बात को व्यक्त करता है। व्यर्थ बातें निस्सार एवं निकम्मी होती हैं।

  • “अनर्थ” (व्यर्थ ही व्यर्थ) अर्थात निकम्मापन या निस्सारता। इसका संदर्भ घमंड और अभिमान से भी है।
  • पुराने नियम में मूर्तियों को व्यर्थ, निकम्मी कहा गया है, वे मुक्ति या उद्धार नहीं दिला सकतीं। वे निकम्मी हैं, उनकी न तो कोई उपयोगिता है न ही कोई उद्देश्य।
  • यदि कोई काम “व्यर्थ” में किया गया है तो इसका अर्थ है कि उसका कोई शुभ परिणाम प्राप्त नहीं हुआ। उस प्रयास या कार्य से कुछ भी उपलब्ध नहीं हुआ है।
  • 'व्यर्थ में भरोसा करने' का अर्थ कुछ ऐसी चीज़ों में विश्वास करना है जो सत्य नहीं है और वह झूठी आशा देती है।

अनुवाद के सुझाव:

  • प्रकरण के अनुसार “व्यर्थ” शब्द का अनुवाद “खाली” या “निकम्मा” या “निराशाजनक” या “घटिया” या “अर्थहीन” हो सकता है।
  • “व्यर्थ होना” का अनुवाद “परिणाम रहित” या “परिणाम से वंचित” या “अर्थहीन” या “निरूद्देश्य” हो सकता है।
  • “व्यर्थ ही व्यर्थ” का अनुवाद “घमंड” “निकम्मी बात” या “निराशाजनक बात” किया जा सकता है।

(यह भी देखें: मूरत, योग्य)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H205, H1891, H1892, H2600, H3576, H5014, H6754, H7307, H7385, H7386, H7387, H7723, H8193, H8267, H8414, G945, G1432, G1500, G2755, G2756, G2757, G2758, G2761, G3150, G3151, G3152, G3153, G3154, G3155