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आशीष, धन्य, आशीर्वाद
परिभाषा:
किसी को “आशीष” देना अर्थात किसी व्यक्ति या वस्तु के लिए अच्छी एवं लाभकारी बात होने की कामना करना।
- किसी को आशीष देने का अर्थ उसके प्रति सकारात्मक एवं लाभकारी मनोकामना व्यक्त करना।
- बाइबल के युग में पिता प्रायः अपनी सन्तान को विधिवत आशीष देते थे।
- परन्तु मनुष्य जब परमेश्वर को “धन्य”कहता है तब इस शब्द का अभिप्राय है, वे उसका गुणगान कर रहे हैं।
- कभी-कभी “आशीष” शब्द भोजन को खाने से पहले उसे पवित्र करना भी होता है या परमेश्वर को भोजन के लिए धन्यवाद देना और उसका गुणगान करना।
अनुवाद के सुझाव:
- “आशीष” देना का अनुवाद “उदारता से प्रदान करना” या “किसी पर अत्यधिक दया एवं कृपा प्रकट करना” भी हो सकता है।
- “परमेश्वर ने बहुत आशीष दी” का अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर ने बहुत भली वस्तुएँ दी” या “परमेश्वर उसे समृद्धि प्रदान करेगा”।
- “वह आशीषित है” इसका अनुवाद हो सकता है, “वह बहुत लाभ उठाएगा” या “वह अच्छी-अच्छी वस्तुएँ प्राप्त करेगा” या “परमेश्वर उसे समृद्धि प्रदान करेगा”।
- “धन्य है वह पुरूष जो” इसका अनुवाद हो सकता है, “कितना धन्य है वह पुरुष जो”
- “धन्य है प्रभु परमेश्वर” ऐसी अभिव्यक्तियों का अनुवाद “प्रभु की स्तुति हो” या “ यहोवा की स्तुति करो” या “मैं परमेश्वर की स्तुति करता हूं”।
- भोजन को आशिष देने के संदर्भ में इसका अनुवाद किया जा सकता है, “भोजन के लिए परमेश्वर का धन्यवाद किया” या “भोजन के लिए परमेश्वर का गुणगान किया” या “परमेश्वर की स्तुति करके भोजन को पवित्र किया”।
(यह भी देखें: स्तुति करना)
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 कुरिन्थियों 10:14-17
- प्रे.का. 13:32-34
- इफिसियों 01:3-4
- उत्पत्ति 14:19-20
- यशायाह 44: 3-4
- याकूब 01:22-25
- लूका 06:20-21
- मत्ती. 26:26
- नहेम्याह 09:5-6
- रोमियो 04:9-10
बाइबल कहानियों के उदाहरण:
- 01:07 परमेश्वर ने देखा कि यह अच्छा था और उसने उन्हें आशीर्वाद दिया।
- 01:15 परमेश्वर ने अपने स्वरूप में आदम और हव्वा को बनाया। उस ने उन्हें आशीष दिया और उन से कहा, “कई बच्चों और पोतो को पैदा करो और पृथ्वी में भर जाओ!”
- 01:16 इसलिये परमेश्वर ने जो कुछ वह कर रहा था उन सब से विश्राम लिया। उस ने सातवें दिन को आशीष दिया और उसे पवित्र किया क्योंकि इस दिन परमेश्वर ने अपने काम से विश्राम लिया था।
- 04:04 "मैं तुम्हारा नाम महान करूँगा। मैं आशीष दूँगा उनको जो तुझे आशीर्वाद देगा, और जो तुझे कोसे, उसे मैं शाप दूँगा। पृथ्वी के सभी परिवारों को तेरे कारण आशीष दिया जाएगा। "
- 04:07 मलिकिसिदक ने अब्राम को आशीष दिया और कहा, " परमप्रधान परमेश्वर जो स्वर्ग और पृथ्वी का मालिक है अब्राम को आशीष दे।"
- 07:03 इसहाक अपनी आशीष एसाव को देना चाहता था।
- 08:05 यहां तक कि जेल में, यूसुफ परमेश्वर के प्रति वफादार रहा, और परमेश्वर ने उसे आशीष दिया ।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H833, H835, H1288, H1289, H1293, G1757, G2127, G2128, G2129, G3106, G3107, G3108, G6050