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वचन, शब्द
परिभाषा:
“वचन” शब्द का अर्थ है किसी के द्वारा कही गई बात।
- उदाहरणार्थ, स्वर्गदूत ने जकर्याह से कहा था, “तूने मेरी बातों की प्रतीति न की” अर्थात “मैंने जो तुझ से कहा उस पर तूने विश्वास नहीं किया।”
- यह शब्द प्रायः मात्र एक शब्द की अपेक्षा संपूर्ण सन्देश के संदर्भ में होता है।
- कभी-कभी “वचन” शब्द सामान्य कथन के संदर्भ में भी होता है जैसे “वचन एवं कार्य में सामर्थी” जिसका अर्थ है “कहने और व्यवहार में सामर्थी”।
- बाइबल में “वचन” शब्द प्रायः परमेश्वर की बात या आज्ञा के संदर्भ में होता है जैसे परमेश्वर का वचन या सत्य का वचन।
- इस शब्द का अति विशेष उपयोग है जब यीशु को “वचन” कहा गया है। इन अंतिम दो अर्थों के लिए, देखें परमेश्वर का वचन
अनुवाद के सुझाव
- “वचन” या “वचनों” के अनुवाद के विभिन्न रूप, “शिक्षा” या “सन्देश” या “समाचार” या “कथन” या “जो कहा गया।”
(यह भी देखें: परमेश्वर का वचन)
बाइबल संदर्भ:
- 2 तीमु. 04:1-2
- प्रे.का. 08:4-5
- कुलुस्सियों 04:2-4
- याकूब 01:17-18
- यिर्मयाह 27:1-4
- यूह. 01:1-3
- यूह. 01:14-15
- लूका 08:14-15
- मत्ती 02:7-8
- मत्ती 07:26-27
शब्द तथ्य:
- Strong's: H561, H562, H565, H1697, H1703, H3983, H4405, H4406, H6310, H6600, G518, G1024, G3050, G3054, G3055, G3056, G4086, G4487, G4935, G5023, G5542