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निर्दोष

परिभाषा:

“निर्दोष” शब्द का अर्थ है, अपराध या अनुचित कार्य का दोषी न होना। इसका संदर्भ सामान्यतः उन मनुष्यों से है जो बुरे कामों में नहीं हैं।

  • किसी मनुष्य पर अनुचित कार्य का दोष लगाया गया और उसने वह काम नहीं किया तो वह निर्दोष है।
  • कभी-कभी “निर्दोष” शब्द का उपयोग उन मनुष्यों के लिए किया जाता है जो किसी बुरे काम को नहीं करने के उपरान्त भी दण्डित किए जाते हैं, जैसे शत्रु की सेना “निर्दोषों” पर आक्रमण करती है।

अनुवाद के सुझाव:

*अधिकांश प्रकरणों में “निर्दोष” शब्द का अनुवाद हो सकता है: "निरपराध" या "उत्तरदायी नहीं" या "दोषी नहीं"

  • जब सामान्यतः निर्दोष मनुष्यों के संदर्भ में हो तो इसका अनुवाद होगा, “जिन्होंने कुछ भी अनुचित नहीं किया” या “जो बुराई में सहभागी नहीं हैं”।
  • एक उक्ति बार-बार काम में ली जाती है, “निर्दोष का लहू” इसका अनुवाद हो सकता है, “मनुष्य जिन्होंने कुछ भी अनुचित कार्य नहीं किया कि उन्हें मार डाला गया”
  • “निर्दोष का लहू बहाना” इसका अनुवाद हो सकता है, “निर्दोषों की हत्या” उन लोगों की हत्या करना जिन्होंने कुछ भी अनुचित नहीं किया”
  • किसी की हत्या करने के संदर्भ में “के लहू से निर्दोर्ष” का अनुवाद किया जा सकता है, “हत्या का दोषी नहीं”।
  • यीशु के सुसमाचार को ग्रहण नहीं करने वालों के संदर्भ में अनुवाद होगा, “के लहू से निर्दोष” का अनुवाद होगा, “आत्मिक रूप से मृतक हों या नहीं, वे उसके उत्तरदायी नहीं हैं” या “इस सन्देश को ग्रहण करें या न करें, वे उत्तरदायी नहीं”।
  • जब यहूदा ने कहा, “मैंने एक निष्पाप मनुष्य को घात करवाया है” तो उसके कहने का अर्थ है, "मैंने एक ऐसे मनुष्य के साथ विश्वासघात किया जिसने कोई अपराध नहीं किया है" या "मैंने एक निष्पाप मनुष्य को मृत्यु के मुंह में धकेल दिया।
  • पिलातुस ने यीशु के बारे में कहा, “मैं इस धर्मी के लहू से निर्दोष हूं” इसका अनुवाद किया जा सकता है, “मैं इस मनुष्य की हत्या का उत्तरदायी नहीं जिसने मृत्यु के योग्य कोई काम नहीं किया है।”

(यह भी देखें: [दोष])

# बाइबल सन्दर्भ:

  • [1 कुरिन्थियों 04:3-4]
  • [1 शमूएल 19:4-5]
  • [प्रे.का. 20:25-27]
  • [निर्गमन 23:6-9]
  • [यिर्मयाह 22:17-19]
  • [अय्यूब 09:21-24]
  • [रोमियो 16:17-18]

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • [08:06] दो साल बाद भी, निर्दोष होने के बावजूद यूसुफ बंदीगृह में था।
  • [40:04] उनमें से एक जब यीशु का ठट्ठा उड़ा रहा था तो ,दूसरे ने कहा कि, “क्या तू परमेश्वर से नहीं डरता? हम अपराधी है पर ,यह तो बेगुनाह है।”
  • [40:08] तब सूबेदार जो यीशु का पहरा दे रहे थे, वो सब कुछ जो हुआ था उसे देखकर कहा कि, “यह मनुष्य धर्मी था। सचमुच यह परमेश्वर का पुत्र था।”

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