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महायाजक

परिभाषा:

“महायाजक” वह याजक था जो सब इस्राएली भाषाओं का अगुआ नियुक्त किया जाता था जिसका कार्यकाल एक वर्ष था।

  • महायाजक के विशेष उत्तरदायित्व थे। एकमात्र वही था जो वर्ष में एक बार विशेष बलि चढ़ाने के लिए वर्ष में एक बार मन्दिर के परम-पवित्र स्थान में प्रवेश कर सकता था।
  • इस्राएल में याजक तो अनेक थे परन्तु एक बार में एक ही महायाजक होता था।
  • जब यीशु को बन्दी बनाया गया था तब कैफा अधिकृत महायाजक था। कभी-कभी कैफा के ससुर हन्ना का भी उल्लेख किया गया है, वह पूर्व महायाजक था और संभवतः प्रजा पर उसका सामर्थ्य और अधिकार अब भी था।

अनुवाद के सुझाव:

  • “महायाजक” का अनुवाद “ सर्वोच्च याजक” या “सबसे बड़ा याजक” किया जा सकता है।
  • सुनिश्चित करें कि इस शब्द का अनुवाद “प्रधान पुरोहित” से भिन्न किया जाए।

(यह भी देखें: [हन्ना], [कैफा], [प्रधान याजक], [याजक], [मन्दिर])

# बाइबल सन्दर्भ:

  • [प्रे.का. 05:26-28]
  • [प्रे.का. 07:1-3]
  • [प्रे.का. 09:1-2]
  • [निर्गमन 30:10]
  • [इब्रानियों 06:19-20]
  • [लैव्यव्यवस्था 16:32-33]
  • [लूका 03:1-2]
  • [मरकुस 02:25-26]
  • [मत्ती 26:3-5]
  • [मत्ती 26:51-54]

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • [13:08] केवल उच्च परोहित को ही उन कमरों में जाने की अनुमति थी क्योंकि परमेश्वर उसमे वास करता था।
  • [21:07] मसीह एक सिद्ध __ उच्च पुरोहित__ होगा जो परमेश्वर के लिए स्वयं का बलिदान देगा।
  • [38:03] यहूदी गुरुओं ने प्रधान याजक के नेतृत्व में यीशु को धोखा देने के लिये उसे तीस चाँदी के सिक्के तोलकर दे दिए |
  • [39:01] तब यीशु के पकड़ने वाले उसको__ महा याजक__ के पास ले गए, कि __ वह(महा याजक)__ यीशु से प्रश्न करें।
  • [39:03] अंत में, महा याजक ने यीशु की ओर देखकर उससे कहा कि, “हमें बता कि क्या तू मसीह है, जीवते परमेश्वर का पुत्र?”
  • [44:07] दूसरे दिन ऐसा हुआ कि यहूदी याजक पतरस और यूहन्ना को लेकर महायाजक के पास गए।
  • [45:02] तब स्तिफनुस को पकड़कर महासभा में ले गए और उसे महायाजक और अन्य यहूदी नेताओं के सामने खड़ा किया गया जहाँ कई ओर झूठे गवाहों ने स्तिफनुस के बारे में झूठ बोला।
  • [46:01] महायाजक ने शाउल को यह अनुमति दी की वह दमिश्क शहर में जाकर वहा के मसीहियों को पकड़कर वापस यरूशलेम ले आए।
  • [48:06] यीशु सबसे महान पुरोहित है। दूसरे याजकों से भिन्न, उसने अपने आप को उस एकलौते बलिदान के रूप में अर्पण किया जो संसार के सभी मनुष्य के पाप को हटा सकती है। यीशु सबसे उत्तम महान पुरोहित है क्योंकि उसने सभी मनुष्यों के सभी पापों का दण्ड, जो उन्होंने अपने जीवन काल में कभी भी किया हो, अपने ऊपर ले लिया।

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