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दोष, दोषी ठहरा
परिभाषा:
“दोष” का अर्थ है पाप करने तथा अपराध करने का सत्य।
- “दोषी होना” अर्थात अनैतिक रूप में अनुचित काम करना अर्थात परमेश्वर की आज्ञा का उल्लंघन करना।
- “दोषी” का विलोम शब्द है “निर्दोष”
अनुवाद के सुझाव:
- कुछ भाषाओं में “दोष” का अनुवाद “पाप का बोझ” या “पाप का गिनना” किया गया है।
- “दोषी होने” की अनुवाद रूप हो सकते हैं, “दोषी होना” या “नैतिकता के आधार पर गलत काम करना” या “पाप करना”
(यह भी देखें: [निर्दोष], [अधर्म के काम], [दण्ड देना], [पाप])
# बाइबल सन्दर्भ:
- [निर्गमन 28:36-38]
- [यशायाह 06:6-7]
- [याकूब 02:10-11]
- [यूहन्ना 19:4-6]
- [योना 01:14-16]
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- [39:02] वे कई झूठे गवाह लाए जो यीशु के बारे में झूठ बोल रहे थे। हालांकि, उनके बयान एक दूसरे से नहीं मिल रहे थे, इसलिये यहूदी नेता यीशु को दोषी साबित नहीं कर सके।
- [39:11] यीशु से बात करने के बाद पिलातुस भीड़ में आया, और कहा, “मैं तो इस व्यक्ति में कोई दोष नहीं पाता।” परन्तु यहूदी गुरुओं ने चिल्लाकर कहा कि, “इसे क्रूस में चढ़ा दो।” पिलातुस ने कहा कि, “मैं इसमें कोई दोष नहीं पाता।” वह और जोर से चिल्लाने लगे। पिलातुस ने तीसरी बार कहा कि “मैं इसमें कोई दोष नहीं पाता।”
- [40:04] यीशु को दो डाकुओ के बीच क्रूस पर चढ़ाया गया। उनमें से एक जब यीशु का ठट्ठा उड़ा रहा था तो ,दूसरे ने कहा कि, “क्या तू परमेश्वर से नहीं डरता? हम अपराधी है पर ,यह तो बेगुनाह है।”
- [49:10] अपने ही पापों के कारण, तुम अपराधी हो और मृत्यु के योग्य हो।
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