6.0 KiB
6.0 KiB
दाऊद
तथ्य:
दाऊद इस्राएल का दूसरा राजा था, वह परमेश्वर से प्रेम रखता था और उसकी सेवा करता था। भजन-संहिता का मुख्य लेखक वही था।
- दाऊद अपने परिवार की भेड़ें चराते समय किशोर ही था कि परमेश्वर ने उसे इस्राएल का दूसरा राजा होने के लिए चुन लिया था।
- दाऊद एक महान योद्धा था और उसने शत्रुओं के विरूद्ध अनेक युद्धों में इस्राएल का नेतृत्व किया था। पलिश्ती गोलियत जैसे दानव का वध करने के लिए वह प्रसिद्ध है।
- राजा शाऊल ने दाऊद की हत्या करने का प्रयास किया परन्तु परमेश्वर ने उसे सुरक्षित रखा और शाऊल के मृत्यु के बाद उसे राजा बनाया।
- दाऊद ने प्रायश्चित किया तो परमेश्वर ने उसका भयानक पाप क्षमा कर दिया था।
- मसीह यीशु को “दाऊद की सन्तान” कहा गया है क्योंकि वह दाऊद का वंशज था।
(अनुवाद के सुझाव नामों का अनुवाद कैसे करें)
(यह भी देखें: गोलियत, पलिश्ती, शाऊल (पुराना नियम))
बाइबल सन्दर्भ:
- 1 शमूएल 17:12-13
- 1 शमूएल 20:32-34
- 2 शमूएल 05:1-2
- 2 तीमुथियुस 02:8-10
- प्रे.का. 02:25-26
- प्रे.का. 13:21-22
- लूका 01:30-33
- मरकुस 02:25-26
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 17:02 शाऊल के स्थान पर परमेश्वर ने एक जवान इस्राएली को चुना जिसका नाम दाऊद था। बैतलहम नगर में दाऊद एक चरवाहा था। ... दाऊद एक बहुत ही नम्र व धर्मी पुरुष था, जो परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करता था।
- 17:03 दाऊद एक बहुत ही महान सैनिक और अगुआ था। जब दाऊद एक जवान युवक था, वह गोलियत नामक दानव के विरुद्ध भी लड़ा।
- 17:04 शाऊल यह देख कि लोग दाऊद को प्रेम करते है उससे ईर्ष्या रखने लगा। शाऊल ने दाऊद को मारने का कई बार प्रयास किया, इस कारण दाऊद शाऊल से छिप रहा था।
- 17:05 परमेश्वर ने दाऊद को आशीर्वाद दिया और उसे सफल बनाया। दाऊद ने बहुत से युद्ध लड़े और परमेश्वर ने उसकी सहायता की इस्राएल के शत्रुओं को पराजित करने में।
- 17:06 दाऊद चाहता था कि वह एक मंदिर का निर्माण करें जिसमें सभी इस्राएली परमेश्वर की उपासना करें और बलिदान चढाएँ।
- 17:09 दाऊद ने कई वर्षों तक न्याय व निष्ठा के साथ शासन किया, और परमेश्वर ने उसे आशीर्वाद दिया। हालांकि, अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में उसने परमेश्वर के विरुद्ध भयानक अपराध किया।
- 17:13 दाऊद ने जो कुछ भी किया उसे लेकर परमेश्वर का क्रोध उस पर भड़का, परमेश्वर ने नातान भविष्यद्वक्ता द्वारा दाऊद को कहलवा भेजा कि उसके पाप कितने बुरे है। दाऊद को अपने किए हुए अपराधों पर पश्चाताप हुआ और परमेश्वर ने उसे क्षमा किया। अपने बाकी बचे हुए जीवन में, दाऊद ने परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन किया, यहाँ तक कि कठिन समय में भी।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H1732, G1138