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चमत्कार, आश्चर्यकर्मों, अद्भुत, आश्चर्य के कामों, चिन्ह, चिन्हों

परिभाषा:

“चमत्कार” एक ऐसा अद्भुत कार्य है जो परमेश्वर ने किए जो मनुष्य के लिए संभव नही है।

  • यीशु के आश्चर्यकर्मों में आंधी को शान्त करना, अंधे मनुष्य को दृष्टिदान।
  • आश्चर्यकर्मों को अद्भुत काम भी कहा गया है क्योंकि उन्हें देखकर मनुष्य आश्चर्य एवं विस्मय से अभिभूत हो जाता है।
  • “अद्भुत काम” का संदर्भ सामान्यतः परमेश्वर के सामर्थ्य आश्चर्यजनक प्रदर्शन से भी है जैसे जब उसने आकाश और पृथ्वी की रचना की।
  • आश्चर्यकर्मों को “चिन्ह” भी कहा गया है क्योंकि वे परमेश्वर के सर्वसामर्थी होने का संकेत या प्रमाण हैं, ब्रह्माण्ड पर उसका संपूर्ण अधिकार है।
  • कुछ आश्चर्यकर्म परमेश्वर के मुक्ति कार्य है जैसे जब उसने इस्राएलियों को मिस्र के दासत्व में से निकाला था और दानिय्येल को शेरों की हानि से सुरक्षित रखा था।
  • अन्य आश्चर्यकर्म हैं, परमेश्वर का दण्ड जैसे नूह के युग में उसने जलप्रलय भेजा या मूसा के युग में मिस्र पर विपत्तियां डालीं।
  • परमेश्वर के अन्य अनेक आश्चर्यकर्मों में रोगियों को चंगा करना और मृतकों को जिलाना था।
  • यीशु द्वारा रोगियों की चंगाई, आंधी शान्त करना, पानी पर चलना, मृतकों को जिलाना परमेश्वर के सामर्थ्य का प्रदर्शन था। यह सब आश्चर्यकर्म थे।
  • परमेश्वर ने भविष्यद्वक्ताओं और प्रेरितों को भी सामर्थ्य दिया कि वे आश्चर्यकर्म करें जैसे रोग निवारण तथा अन्य सामर्थ्य के कार्य जो केवल परमेश्वर के सामर्थ्य से ही संभव थे।

अनुवाद के सुझाव:

  • “आश्चर्यकर्म” और “अद्भुत कामों” के अनुवाद हो सकते हैं, “परमेश्वर कृत असंभव कार्य” या “परमेश्वर के सामर्थी कार्य” या “परमेश्वर के विस्मयकारी कार्य”
  • “चिन्ह एवं चमत्कार” एक ऐसी अभिव्यक्ति है जिसका बार-बार उपयोग किया गया है, इसका अनुवाद हो सकता है, “प्रमाण एवं आश्चर्यकर्म” या “परमेश्वर के सामर्थ्य को सिद्ध करने वाले आश्चर्य के काम” या “विस्मयकारी चमत्कार जिनसे परमेश्वर की महानता प्रकट होती है”
  • ध्यान दें कि चमत्कारी चिन्ह का अर्थ किसी बात के प्रमाण को सिद्ध करने के चिन्ह से भिन्न है। इन दोनों का अर्थ समान हो सकता है।

(यह भी देखें: सामर्थ्य, भविष्यद्वक्ता, प्रेरित, चिन्ह)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

  • 16:08 परमेश्वर इस्राएलियों को बचाने के लिए गिदोन का प्रयोग करना चाहता है, इसके लिए उसने परमेश्वर से दो चिह्न पूछे |
  • 19:14 परमेश्वर ने एलीशा के द्वारा बहुत से चमत्कार किए |
  • 37:10 अनेक यहूदी उसका यह काम देखकर, उस पर विश्वास किया।
  • 43:06 “हे इस्राएलियो ये बातें सुनो: यीशु नासरी एक मनुष्य था, जिसने परमेश्वर की सामर्थ्य से कई आश्चर्य के कामों और चिन्हों को प्रगट किया, जो परमेश्वर ने तुम्हारे बीच उसके द्वारा कर दिखाए जिसे तुम आप ही जानते हो |”
  • 49:02 यीशु बहुत से आश्चर्यकर्म किये जो यह सिद्ध करते हैं कि वह परमेश्वर है | वह पानी पर चला, तूफान को शांत किया, बहुत से बीमारों को चंगा किया, दुष्टात्माओं को निकाला, मुर्दों को जीवित किया, और पांच रोटी और दो छोटी मछलियों को इतने भोजन में बदल दिया कि वह 5,000 लोगों के लिए काफी हो |

शब्द तथ्य:

  • Strong's: G880, G1213, G1229, G1411, G1569, G1718, G1770, G1839, G2285, G2296, G2297, G3167, G3902, G4591, G4592, G5059, H226, H852, H2368, H2858, H4150, H4159, H4864, H5251, H5824, H5953, H6381, H6382, H6383, H6395, H6725, H7560, H7583, H8047, H8074, H8539, H8540,