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5.4 KiB

यहूदियों, यहूदी#

तथ्य:

“यहूदी अगुवे” या “यहूदियों के हाकिम” अर्थात धर्म के अगुवे जैसे पुरोहित और परमेश्वर के वचन के शिक्षक। उन्हें धर्म की अपेक्षा अन्य विषयों के संबन्ध में भी निर्णय देने का अधिकार था।

  • यहूदियों के अगुवे थे प्रधान पुरोहित, प्रमुख पुरोहित और विधि शिक्षक (परमेश्वर प्रदत्त विधान के शिक्षक)
  • यहूदी अगुवों के प्रमुख पंथों में थे फरीसी और सदूकी।
  • यरूशलेम की महासभा में विधान संबन्धित विषयों पर निर्णय लेने के लिए सत्तर यहूदी अगुवे एकत्र हुए थे।
  • अनेक यहूदी अगुवे घमण्डी थे और अपने आप को धर्मपरायण समझते थे। * वे यीशु से ईर्ष्या करते थे और उसे हानि पहुंचाना चाहते थे। वे परमेश्वर को जानने का दावा तो करते थे, परन्तु उसकी आज्ञाओं को नहीं मानते थे।
  • “यहूदी” शब्द अधिकतर यहूदी अगुवों के लिए काम में लिया जाता था। विशेष करके जब वे यीशु पर कुपित होकर उसे जाल में फंसाना चाहते थे या उसे हानि पहुंचाना चाहते थे।
  • इन शब्दों का अनुवाद किया जा सकता है, “यहूदी शासक” या “यहूदियों के प्रशासनिक अधिकारी” या “यहूदी धर्मगुरू”

(यह भी देखें: [यहूदी], [प्रधान-याजकों], [महासभा], [महायाजक], [फरीसी], [याजक], [सदूकी], [शास्त्री])

# बाइबल सन्दर्भ:

  • [निर्गमन 16:22-23]
  • [यूहन्ना 02:17-19]
  • [यूहन्ना 05:10-11]
  • [यूहन्ना 05:16-18]
  • [लूका 19:47-48]

बाइबल कहानियों से उदाहरण:

*[24:03] उन्होंने अपने-अपने पापों को मानकर, बपतिस्मा लिया, बहुत से धर्मी याजक यूहन्ना से बपतिस्मा लेने को आए, परन्तु उन्होंने अपने पापों का अंगीकार न किया |

  • [37:11] परन्तु यहूदियों के धार्मिक गुरु यीशु से ईर्षा रखते थे, इसलिये उन्होंने आपस में मिलकर योजना बनाना चाहा कि कैसे वह यीशु और लाजर को मरवा सके।
  • [38:02] वह(यहूदा) जानता था कि __ यहूदी गुरुओं__ ने यीशु को मसीहा के रूप में अस्वीकार कर दिया था और वे उसे मरवा डालने की योजना बना रहे थे। *[38:03] यहूदी गुरुओं ने प्रधान याजक के नेतृत्व में यीशु को धोखा देने के लिये उसे तीस चाँदी के सिक्के तोलकर दे दिए। *[39:05] यहूदी नेताओं ने महा याजक को उत्तर दिया, “यह मरने के योग्य है।” *[39:09] अगली सुबह यहूदी नेताओ ने यीशु को ले जाकर पिलातुस को सौंप दिया जो एक रोमन राज्यपाल था। *[39:11] परन्तु यहूदी गुरुओं ने चिल्लाकर कहा कि, “इसे क्रूस में चढ़ा दो।” *[40:09] तब यूसुफ और नीकुदेमुस, दो यहूदी याजक जिन्हें विश्वास था कि यीशु ही मसीह है, पिलातुस के पास जाकर यीशु का शव माँगा।
  • [44:07] दूसरे दिन ऐसा हुआ कि __यहूदी याजक __पतरस और यूहन्ना को लेकर महायाजक के पास गए।

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