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नरक, आग की झील
परिभाषा:
नरक अनन्त पीड़ा और कष्टों का वह अन्तिम स्थान है जहां परमेश्वर उसके द्रोहियों को और यीशु के बलिदान के द्वारा उनके उद्धार की योजना का तिरस्कार करनेवालों को दण्ड देगा। इसे “आग की झील” भी कहा गया है।
- नरक को आग और घोर पीड़ा का स्थान कहा गया है।
- शैतान और उसके साथ की दुष्टात्माएं अनन्त दण्ड के लिए नरक में डाली जाएंगी।
- जो लोग उनके पापों के लिए यीशु के बलिदान में विश्वास नहीं करते और उद्धार के लिए उसमें विश्वास नहीं करते उन्हें भी सदा के लिए दण्ड हेतु नरक में डाला जाएगा।
अनुवाद के लिए सुझाव:
- इन शब्दों का अनुवाद अलग-अलग शब्दों द्वारा किया जाए क्योंकि वे अलग-अलग प्रकरणों में आते हैं।
- कुछ भाषाओं में “आग की झील” का झील शब्द काम में नहीं लिया जा सकता क्योंकि उस भाषा में झील का अर्थ पानी की झील है।
- “नरक” शब्द का अनुवाद “पीड़ा का स्थान” या “अन्धकार और पीड़ा का अन्तिम स्थान” किया जा सकता है।
- “आग की झील” का अनुवाद “आग का समुद्र” या “विशाल अग्नि” या “आग का क्षेत्र” किया जा सकता है।
(यह भी देखें: स्वर्ग, मृत्यु, अधोलोक, अथाह कुण्ड)
बाइबल सन्दर्भ:
- याकूब 03:5-6
- लूका 12:4-5
- मरकुस 09:42-44
- मत्ती 05:21-22
- मत्ती 05:29-30
- मत्ती 10:28-31
- मत्ती 23:32-33
- मत्ती 25:41-43
- प्रकाशितवाक्य 20:13-15
बाइबल कहानियों से उदाहरण:
- 50:14 वह (परमेश्वर) उन्हें नरक में फेंक देगा, जहाँ वे वेदना में सदा रोएँगे और दाँत पीसेंगे। वह आग जो कभी नही बुझती उन्हें हमेशा जलाती रहेगी और कीड़े उन्हें हमेशा खाते रहेंगे।
- 50:15 वह शैतान को नरक में डाल देगा जहाँ वह उन लोगों के साथ हमेशा जलता रहेगा, जिन्होंने परमेश्वर की आज्ञा मानने की बजाय उसकी बात मानने का चुनाव किया।
शब्द तथ्य:
- Strong's: H7585, G86, G439, G440, G1067, G3041, G4442, G4443, G4447, G4448, G5020, G5394, G5457