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# सिद्ध, खरा
## परिभाषा:
बाइबल में “सिद्ध” शब्द का अर्थ है मसीह जीवन में परिपक्वता प्राप्त करना। किसी काम को सिद्धता में करने का अर्थ है, उस काम को तब तक करना जब तक कि वह काम उत्कृष्ट एवं त्रुटिरहित न हो जाए। पुराने नियक की बालियों को "सिद्ध" या "दोष रहित होना आवश्यक था अर्थात, निष्कलंक|
* सिद्ध एवं परिपक्व का अर्थ है वह विश्वासी आज्ञाकारी है न कि पापमुक्त।
* “सिद्ध” शब्द का अर्थ “पूर्ण” एवं “सर्वांग” भी होता है।
* नये नियम में याकूब की पत्री में लिखा है कि परखे जाने से विश्वासी में पूर्णता और परिपक्वता उत्पन्न होती है।
* विश्वासी बाइबल अध्ययन करके उसका अनुसरण करते हैं तो वे आत्मिकता में अधिकाधिक सिद्ध एवं परिपक्व होते जाते हैं क्योंकि वे अपने आचरण में अधिकाधिक मासिम के सदृश्य होते जाते हैं|
## अनुवाद के सुझाव:
* इस शब्द का अनुवाद हो सकता है, “बिना त्रुटि के” या “बिना चूक के” या “निर्दोष” या “निष्कलंक” या “बिना किसी दोष के”।
## बाइबल सन्दर्भ:
* [इब्रानियों 12:2](rc://hi/tn/help/heb/12/02)
* [याकूब 3:2](rc://hi/tn/help/jas/03/02)
* [मत्ती 5:46-48](rc://hi/tn/help/mat/05/46)
* [भजन संहिता 19:7-8](rc://hi/tn/help/psa/019/007)
## शब्द तथ्य:
* स्ट्रोंग्स: H3632, H3634, H4359, H8003, H8503, H8537, H8549, H8552, G199, G2675, G2676, G3647, G5046, G5047, G5048, G5050