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व्यवस्था, सिद्धांत

परिभाषा:

“व्यवस्था” वैधानिक नियम होते हैं, जो प्रायः लिखे हुए रहते हैं और अधिकारी द्वारा लागू किए जाते हैं। “सिद्धान्त” निर्णय लेने और व्यवहार करने के दिशा-निर्देशक नियम हैंजो प्रायः लिखित रूप में नहीं होते हैं और बलात लागू नहीं किए जाते हैं| तथापि, कभी-कभी "व्यवस्था" को भी "सिद्धांत" रूप में काम में लिया जाता है|

*"व्यवस्था" एक "आदेश" के तुल्य है, लेकिन "व्यवस्था" शब्द का प्रायः उच्चारित की अपेक्षा लिखित का सन्दर्भ देता है।

  • “व्यवस्था” और "सिद्धान्त" दोनों ही मनुष्य के व्यवहार के दिशा-निर्देशक सामान्य नियम या मान्यताएँ होते हैं।
  • “व्यवस्था” का अर्थ “मूसा की व्यवस्था” के अर्थ से भिन्न है क्योंकि वे परमेश्वर द्वारा इस्राएल को दी गई आज्ञाएँ एवं निर्देशन थे।
  • जब एक सामान्य नियमों को "व्यवस्था" संदर्भित किया गया हो तो इसका अनुवाद हो सकता है, “सिद्धान्त” या “सार्वजनिक नियम”

(यह भी देखें: मूसा की व्यवस्था, आदेश, आज्ञा, घोषणा)

बाइबल संदर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रांग'स: H1285, H1881, H1882, H2706, H2708, H2710, H4687, H4941, H6310, H7560, H8451, G1785, G3548, G3551, G4747