33 lines
3.6 KiB
Markdown
33 lines
3.6 KiB
Markdown
# नासरत, नासरी
|
|
|
|
## तथ्य:
|
|
|
|
नासरत उत्तरी इस्राएल के गलील क्षेत्र में एक नगर है। * वह यरूशलेम के उत्तर में लगभग 100 किलोमीटर दूर है। इसकी पद-यात्रा में तीन से पांच दिन लगते हैं।
|
|
|
|
* यूसुफ और मरियम नासरतवासी थे और यीशु का पालन-पोषण वहीं हुआ था। यही कारण है कि यीशु को “नासरी” कहते थे।
|
|
* नासरत के अनेक यहूदी यीशु की शिक्षाओं को स्वीकार नहीं करते थे क्योंकि वह उनके साथ पला-बड़ा था इसलिए वे उसे एक साधारण मनुष्य मानते थे।
|
|
* एक बार यीशु नासरत के आराधनालय में शिक्षा दे रहा था तब वहां के यहूदियों ने उसे मार डालना चाहा क्योंकि उसने मसीह होने का दावा किया और उनके द्वारा उसके परित्याग के लिए उन्हें झिड़का था।
|
|
* जब नतनएल ने सुना कि यीशु नासरत से है तब उसकी टिप्पणी से प्रकट होता है कि उस नगर की प्रतिष्ठा नहीं थी।
|
|
|
|
(यह भी देखें: [मसीह](../kt/christ.md), [गलील](../names/galilee.md), [यूसुफ (नया नियम)](../names/josephnt.md), [मरियम](../names/mary.md))
|
|
|
|
## बाइबल सन्दर्भ:
|
|
|
|
* [प्रे.का. 26:9-11](rc://hi/tn/help/act/26/09)
|
|
* [यूहन्ना 1:43-45](rc://hi/tn/help/jhn/01/43)
|
|
* [लूका 1:26-29](rc://hi/tn/help/luk/01/26)
|
|
* [मरकुस 16:5-7](rc://hi/tn/help/mrk/16/05)
|
|
* [मत्ती 2:23](rc://hi/tn/help/mat/02/22)
|
|
* [मत्ती 21:9-11](rc://hi/tn/help/mat/21/09)
|
|
* [मत्ती 26:71-72](rc://hi/tn/help/mat/26/71)
|
|
|
|
## बाइबल की कहानियों के उदाहरण:
|
|
|
|
* __[23:4](rc://hi/tn/help/obs/23/04)__ अत: यूसुफ और मरियम भी एक लम्बी यात्रा तय करके __नासरत__ को गए, क्योंकि यूसुफ दाऊद के घराने और वंश का था, गलील के नासरत नगर से यहूदिया में दाऊद के नगर बैतलहम को गया |
|
|
* __[26:2](rc://hi/tn/help/obs/26/02)__ यीशु __नासरत__ शहर के पास गया, जहाँ उसने अपना बचपन बिताया था |
|
|
* __[26:7](rc://hi/tn/help/obs/26/07)__ __नासरत__ के लोगों ने आराधना के स्थान से यीशु को बाहर घसीटा और उसे मारने की मनशा से चट्टान के किनारे ले आए, कि उसे वहाँ से नीचे गिरा दें और वह मर जाए|
|
|
|
|
## शब्द तथ्य:
|
|
|
|
* स्ट्रोंग्स: G34780, G34790, G34800
|