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# मरियम, यीशु की माता
## तथ्य:
मरियम एक युवती थी जो नासरत में रहती थी। उसकी मंगनी यूसुफ से हुई थी। परमेश्वर ने मरियम को चुना कि वह परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह की माता बने।
* पवित्र आत्मा ने अलौकिक कार्य से मरियम को गर्भवती किया जब कि वह कुँवारी थी।
* स्वर्गदूत ने मरियम से कहा था कि उससे जन्म लेने वाला शिशु पुत्र परमेश्वर का पुत्र है और उसका नाम यीशु रखा जाए।
* मरियम परमेश्वर से प्रेम करती थी और उसके इस अनुग्रह के लिए उसने परमेश्वर को धन्यवाद दिया।
* यूसुफ ने मरियम से विवाह किया परन्तु वह यीशु के जन्म तक कुँवारी ही थी।
* मरियम ने चरवाहों और ज्योतिषियों द्वारा शिशु यीशु के लिए कहे गए वचनों को मन में बसा लिया था।
* यूसुफ और मरियम यीशु को समर्पित करने के लिए मन्दिर में ले गए। * वे यीशु को हेरोदेस के हाथों हत्या से बचाने के लिए मिस्र ले गए थे। अन्त में वे नासरत लौट आए।
* जब यीशु वयस्क हो गया तब उसने काना में एक विवाह उत्सव के समय पानी से मदिरा बनाई, मरियम भी वहां थी।
* सुसमाचार वृत्तान्तों में लिखा है कि यीशु के क्रूसीकरण के समय मरियम भी वहां थी। यीशु ने अपने शिष्य यूहन्ना को आदेश दिया कि वह मरियम को अपनी माता के जैसा संभाले।
(अनुवाद के सुझाव [नामों का अनुवाद कैसे करें](rc://hi/ta/man/translate/translate-names))
(यह भी देखें: [काना](../names/cana.md), [मिस्र](../names/egypt.md), [हेरोदेस महान](../names/herodthegreat.md), [यीशु](../kt/jesus.md), [यूसुफ (नया नियम)](../names/josephnt.md), [परमेश्वर का पुत्र](../kt/sonofgod.md), [कुंवारी](../other/virgin.md))
## बाइबल सन्दर्भ:
* [यूहन्ना 2:4](rc://hi/tn/help/jhn/02/04)
* [यूहन्ना 2:12](rc://hi/tn/help/jhn/02/12)
* [लूका 1:29](rc://hi/tn/help/luk/01/29)
* [लूका 1:35](rc://hi/tn/help/luk/01/35)
* [मरकुस 6:3](rc://hi/tn/help/mrk/06/03)
* [मत्ती 1:16](rc://hi/tn/help/mat/01/16)
* [मत्ती 1:19](rc://hi/tn/help/mat/01/19)
## बाइबल की कहानियों के उदाहरण:
* __[22:4](rc://hi/tn/help/obs/22/04)__ जब इलीशिबा छ: माह गर्भवती थी, वहीं स्वर्गदूत इलीशिबा की कुटुम्बी __मरियम__ के पास गया | वह एक कुँवारी थी जिसकी मंगनी यूसुफ नामक पुरुष के साथ हुई थी | स्वर्गदूत ने उससे कहा, “तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा |” “तू उसका नाम यीशु रखना | वह महान होगा और परम प्रधान का पुत्र कहलाएगा और हमेशा के लिए राज्य करेगा |”
* __[22:5](rc://hi/tn/help/obs/22/05)__ स्वर्गदूत ने उसको उत्तर दिया, “पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की सामर्थ्य तुझ पर छाया करेगी | इसलिये वह पवित्र जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा |” जो कुछ स्वर्गदूत ने __मरियम__ से कहा, उसने उस पर विश्वास किया |
* __[22:6](rc://hi/tn/help/obs/22/06)__ स्वर्गदूत ने मरियम से बात की, उसके कुछ समय बाद वह इलीशिबा से भेंट करने को गई | ज्योंही इलीशिबा ने __मरियम__ का नमस्कार सुना, त्योंही बच्चा उसके पेट में उछला |
* __[23:2](rc://hi/tn/help/obs/23/02)__ स्वर्गदूत ने उससे कहा, “हे यूसुफ ! तू अपनी पत्नी __मरियम__ को यहाँ ले आने से मत डर, क्योंकि जो उसके गर्भ में है, वह पवित्र आत्मा की ओर से है |
* __[23:4](rc://hi/tn/help/obs/23/04)__ अत: यूसुफ और __मरियम__ भी एक लम्बी यात्रा तय करके नासरत को गए, क्योंकि यूसुफ दाऊद के घराने और वंश का था, गलील के नासरत नगर से यहूदिया में दाऊद के नगर बैतलहम को गया |
* __[49:1](rc://hi/tn/help/obs/49/01)__ एक दूत ने __मरियम__ नाम की एक कुंवारी से कहा कि वह परमेश्वर के पुत्र को जन्म देगी | अतः जबकि वह एक कुँवारी ही थी, उसने एक पुत्र को जन्म दिया और उसका नाम यीशु रखा |
## शब्द तथ्य:
* स्ट्रोंग्स: G31370