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परखना, परखा, परीक्षण, अग्नि परीक्षा

परिभाषा:

“परीक्षा” का संदर्भ कठिन या दुःखदायी अनुभव से है जो मनुष्य की इच्छाशक्ति या दुर्बलता को दर्शाता है।

  • परमेश्वर मनुष्य को जांचता है, परन्तु उनको पाप में नहीं गिराता है। परन्तु शैतान मनुष्यों को पाप करने की परीक्षा में डालता है।
  • परमेश्वर कभी-कभी कसौटी पर रखकर मनुष्य के पाप को प्रकट करता है। परीक्षा एक व्यक्ति को पाप से दूर करने और परमेश्वर के करीब आने में मदद करती है।
  • सोना-चांदी को आग में तपा कर उनकी शुद्धता और मज़बूती देखी जाती है। यह कष्टदायक परिस्थितियों द्वारा मनुष्यों को परखने का चित्रण है।
  • “परख कर देखना” अर्थात् “किसी को चुनौती देना कि अपने महत्व को सिद्ध करे।”
  • परमेश्वर की परीक्षा लेने का अर्थ है, उससे हमारे लिए एक चमत्कार कराने कि कोशिश करना है, उसकी दया का अनुचित लाभ उठाना।
  • यीशु ने शैतान से कहा था कि परमेश्वर की परीक्षा लेना उचित नहीं है। वह सर्वशक्तिमान पवित्र परमेश्वर है जो सबके ऊपर है।

अनुवाद के सुझाव:

  • “परखना” का अनुवाद हो सकता है, “चुनौती देना” या “कठिनाइयों का अनुभव करवाना” या “सिद्ध करना”।
  • “परखना” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “चुनौती” या “कठिनाई”।
  • “परख कर देखना” का अनुवाद हो सकता है, “परीक्षा करना” या “चुनौती देना” या “किसी को विवश करना कि स्वयं को सिद्ध करे।”
  • परमेश्वर की परीक्षा लेने के संदर्भ में इसका अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर को विवश करने का प्रयास करना कि वह अपना प्रेम सिद्ध करे।”
  • कुछ संदर्भों में, जब विषय परमेश्वर नहीं है, “परखना” का अर्थ “परीक्षा” भी हो सकता है।

(यह भी देखें: परीक्षा करना)

बाइबल के सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H5254, H5713, H5715, H5749, H6030, H8584, G1242, G1263, G1303, G1382, G1957, G3140, G3141, G3142, G3143, G3984, G4303, G4451, G4828, G6020