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परमेश्‍वर का प्रतिरूप, स्वरूप

परिभाषा:

मूरत का अर्थ है किसी के स्वरूप में या चरित्र या तत्त्व में किसी के समान। “परमेश्वर का प्रतिरूप” प्रकरण के अनुसार भिन्न-भिन्न रूप में काम में लिया गया है।

  • आरंभ में परमेश्वर ने मनुष्य को “अपने स्वरूप” में सृजा था अर्थात् उसकी समानता में। इसका अर्थ है कि मनुष्य के कुछ गुण परमेश्वर के स्वरूप को दर्शाते हैं जैसे भावनाओं की अनुभूति की क्षमता, तर्क करने और विचारों का आदान प्रदान करने की क्षमता और अनश्वर आत्मा।
  • बाइबल की शिक्षा के अनुसार यीशु, परमेश्वर का पुत्र, परमेश्वर का प्रतिरूप है अर्थात् वह परमेश्वर है। यीशु सृजा नहीं गया था जैसे मनुष्य सृजा गया था। अनादिकाल से पुत्र परमेश्वर में परमेश्वर के सब गुण हैं, क्योंकि उसके पास पिता परमेश्वर का संपूर्ण तत्त्व है।

अनुवाद के सुझाव:

  • जब यीशु को परमेश्वर का प्रतिरूप कहा जाता है तो अनुवाद हो सकता है, “परमेश्वर की यथार्थ समानता में” या “परमेश्वर के तत्त्व में” या “परमेश्वर के अस्तित्व में”।
  • मनुष्यों के संदर्भ में “परमेश्वर ने उसे अपने स्वरूप में बनाया” का अनुवाद इस प्रकार की उक्तियों से किया जाए जिनका अर्थ है, “परमेश्वर ने उसे अपनी समानता में बनाया” या “परमेश्वर ने उसे अपने जैसे गुणों में बनाया”।

(यह भी देखें: रूप , परमेश्वर का पुत्र, परमेश्वर का पुत्र)

बाइबल सन्दर्भ:

शब्द तथ्य:

  • Strong's: H4541, H1544, H2553, H6456, H6459, H6754, H6816, H8403, G504, G179