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अच्छा, सही, प्रसन्न करने वाला, उत्तम, सबसे अच्छा

परिभाषा:

“अच्छा” शब्द सामान्यतः किसी के गुण-लक्षणों के सकारात्मक मूल्यांकन के सन्दर्भ में होता है, जो प्रायः नैतिक या भावनात्मक भाव में होता है| तथापि, बाईबल में प्रकरण के आधार पर इस शब्द के द्वारा अनेक अवांतर भेद व्यक्त किए जाते हैं|

  • कोई वस्तु "अच्छी" है तो वह भावनाओं को अभिभूत करती है और नैतिकता में न्यायोचित होती है, सर्वोचित होती है, अनुकूल या लाभकारी होती है|
  • बाईबल में, "अच्छा" का सामान्य अर्थ प्रायः "बुरे" की विषमता में दर्शाया जाता है|

अनुवाद के सुझाव:

  • लक्षित भाषा में “अच्छा” के लिए जो भी सामान्य शब्द है उसका उपयोग किया जाए, यदि उसका सामान्य अर्थ उचित एवं स्वाभाविक हो विशेष करके ऐसे संदर्भों में जहां यह शब्द बुराई के विपरीत अर्थ में आया हो।
  • प्रकरण के अनुसार इसके अन्य अनुवाद रूप हो सकते हैं, “दयालू” या "अति उत्तम" या “परमेश्वर को प्रसन्न करने योग्य” या “न्यायोचित” या "नैतिकता में खरा" या “लाभकारी”
  • “अच्छी भूमि” का अनुवाद हो सकता है, “उपजाऊ भूमि” या “उत्पादक भूमि”; “अच्छी फसल” का अनुवाद हो सकता है, “विपुल फसल” या “बहुत अधिक फसल”।
  • “भलाई करना” का अर्थ है मनुष्यों के लाभ के काम और इसका अनुवाद हो सकता है, किसी “पर दया करना” या “सहायता करना” या “लाभ पहुंचाना” या किस के लिए "समृद्धी का कारन होना"
  • “सब्त के दिन भलाई करना” अर्थात “किसी के लाभ का काम सब्त के दिन करना”।
  • प्रकरण के अनुसार “भलाई" के अनुवाद हो सकते हैं, “आशिष” या “दया” या “नैतिक सिद्धता” या “धार्मिकता” या “शुद्धता”

(यह भी देखें: धार्मिकता, समृद्ध होना, बुरा)

बाइबल सन्दर्भ:

बाइबल की कहानियों के उदाहरण:

  • 1:4 परमेश्वर ने देखा कि जो सृष्टि उसने की है वह अच्छी है।।
  • 1:11 परमेश्वर ने अच्छे और बुरे के ज्ञान का पेड़ लगाया।
  • 1:12 फिर परमेश्वर ने कहा “आदमी का अकेला रहना अच्छा नहीं है।”
  • __ [2:4](rc://hi/tn/help/obs/02/04)__ "परमेश्वर इतना जानता है कि जैसे ही तुम इसे खाते हो, तो तुम परमेश्वर की तरह हो जाओगे और अच्छे और बुरे को समझोगे जैसा वह समझता है।"
  • 8:12 "आपने दास के रूप में मुझे बेचकर तुमने बुराई करने की कोशिश की, लेकिन परमेश्वर ने भलाई के लिए बुराई का इस्तेमाल किया!"
  • 14:15 यहोशू एक अच्छा अगुआ था क्योंकि वह परमेश्वर पर विश्वास करता था व उसकी आज्ञाओ का पालन करता था।
    • 18:13 कुछ राजा अच्छे भी थे, जिन्होंने उचित शासन किया और परमेश्वर की उपासना की।
    • 28:1 “हे उत्तम गुरु, अनन्त जीवन का वारिस होने के लिए मै क्या करूँ?” यीशु ने उससे कहा, “तू मुझे ‘उत्तम’ क्यों कहता है? जो उत्तम है वह केवल एक ही है, और वह परमेश्वर है"

शब्द तथ्य:

  • स्ट्रोंग्स: H0117, H0145, H0155, H0202, H0239, H0410, H1580, H1926, H1935, H2532, H2617, H2623, H2869, H2895, H2896, H2898, H3190, H3191, H3276, H3474, H3788, H3966, H4261, H4399, H5232, H5750, H6287, H6643, H6743, H7075, H7368, H7399, H7443, H7999, H8231, H8232, H8233, H8389, H8458, G00140, G00150, G00180, G00190, G05150, G07440, G08650, G09790, G13800, G20950, G20970, G21060, G21070, G21080, G21090, G21140, G21150, G21330, G21400, G21620, G21630, G21740, G22930, G25650, G25670, G25700, G25730, G28870, G29860, G31400, G36170, G37760, G41470, G46320, G46740, G48510, G52230, G52240, G53580, G55420, G55430, G55440