* पुराने नियम में मूर्तियों को "व्यर्थ" वस्तुएं कहा गया है जो निकम्मी है और कुछ कर नहीं सकती हैं।
* यदि कोई काम “व्यर्थ” में किया गया है तो इसका अर्थ है कि उसके लिए किए गयी प्रयास या कार्य कुछ भी उपलब्ध नहीं कर पाए हैं। "व्यर्थ में", इस उक्ति का अनुवाद विभिन्न रूपों में किया जा सकता है, जैसे: "परिणाम के बिना;" "कोई परिणाम नहीं?" "निरर्थक", "अकारण", या "निरुद्देश्य"
* प्रकरण के अनुसार “व्यर्थ” शब्द का अनुवाद हो सकता है, “खाली” या “निकम्मा” या “निराशाजनक” या “घटिया” या “अर्थहीन” हो सकता है।