इन शब्दों का अभिप्राय है परमेश्वर के नियमानुसार, मनुष्यों के साथ निष्पक्ष व्यवहार करना। मानवीय नियम जो मनुष्यों के साथ उचित व्यवहार के परमेश्वर निर्धारित मानकों को दर्शाते हैं वे भी न्यायसम्मत हैं।
* “सच्चा” अर्थात मनुष्यों के साथ निष्पक्ष एवं उचित व्यवहार करना। यह परमेश्वर की दृष्टि में नैतिकता में उचित कार्य करना भी है।
* “धर्मी” व्यवहार करना अर्थात मनुष्यों के साथ ऐसा व्यवहार करना जो परमेश्वर के नियमानुसार उचित उत्तम तथा न्यायसम्मत है।
* “न्याय” पाना अर्थात विधान के अन्तर्गत उचित व्यवहार प्राप्त करना, नियमों की सुरक्षा में या नियमों के उल्लंघन में।
* कभी-कभी “सच्चा” का अर्थ व्यापक होता है जैसे “धर्मी” या “परमेश्वर के नियमों का पालन करना”
## अनुवाद के सुझाव: ##
* प्रकरण के अनुसार, “सच्चा” का अनुवाद करने के अन्य रूप हैं “नैतिकता में उचित” या “निष्पक्ष”।
* “न्याय” का अनुवाद हो सकता है, “निष्पक्ष व्यवहार” या “योग्य परिणाम”।
* “सच्चा व्यवहार” का अनुवाद हो सकता है, “निष्पक्ष व्यवहार” या “निष्पक्षता का व्यवहार”
* कुछ प्रकरणों में “सच्चा” का अनुवाद “धर्मी” या “खरा” भी हो सकता है।
* __[17:09](rc://en/tn/help/obs/17/09)__दाऊद ने कई वर्षों तक __न्याय__ व निष्ठा के साथ शासन किया, और परमेश्वर ने उसे आशीर्वाद दिया।
* __[18:13](rc://en/tn/help/obs/18/13)__ कुछ राजा अच्छे मनुष्य भी थे, जिन्होंने __उचित__ रूप से शासन किया और परमेश्वर की उपासना की।
* __[19:16](rc://en/tn/help/obs/19/16)__ उन्होंने लोगों से कहा कि वह अन्य देवताओं की उपासना करना बंद कर दे, और दूसरों के लिए __न्याय__ और उन पर दया करना आरंभ करें।
* __[50:17](rc://en/tn/help/obs/50/17)__ यीशु अपने राज्य पर शान्ति व __न्याय__ के साथ शासन करेगा, और वह हमेशा अपने लोगों के साथ रहेगा।