किसी को "सिखाने" का अर्थ है कि उसे वह बताना जो वह पहले से न जानता हो। इसका मतलब सामान्य रूप में "जानकारी प्रदान करने" का भी हो सकता है, जिसका संदर्भ सीखने वाले व्यक्ति से नहीं होता। सामान्यतः जानकारी औपचारिक या विधिवत रूप से दी जाती है। एक व्यक्ति का "शिक्षण" या उसकी "शिक्षा" वह हैं जो उसने पढ़ाया है।
* यीशु अपनी शिक्षाओं में परमेश्वर और उसके राज्य की बातें बताता था।
* यीशु के चेले उसे “गुरू” कहते थे। यह परमेश्वर के लिए मनुष्यों में शिक्षा देनेवाले के लिए एक सम्मानित पद था।
* जिन जानकारियों की शिक्षा दी जाती है उनका प्रदर्शन या बोला जा सकता है।
* “सिद्धांत” परमेश्वर के बारे में दी जानेवाली शिक्षाओं का समुच्य तथा जीवन शैली के बारे में परमेश्वर के निर्देश है। इसका अनुवाद “परमेश्वर की शिक्षाएं” या “परमेश्वर जो सिखाता है” के रूप में हो सकता है।
* प्रकरण पर आधारित “तुझे सिखाया गया” का अनुवाद, “इन लोगों ने तुझे जो सिखाया” या “परमेश्वर ने तुझे जो सिखाया” हो सकता है।