यूहन्ना यीशु के बारह शिष्यों में से एक था और यीशु का घनिष्ठ मित्र था।
* यूहन्ना और उसका भाई याकूब एक मछुवारे जब्दी के पुत्र थे।
* उसने यीशु के जीवन का सुसमाचार लिखा तो उसमें स्वयं को “वह चेला जिससे यीशु प्रेम रखता था” लिखा। इससे प्रकट होता है कि यूहन्ना यीशु का विशेष घनिष्ठ मित्र था।
* प्रेरित यूहन्ना ने पांच नए नियम की पुस्तके लिखीं: यूहन्ना का सुसमाचार, यीशु मसीह का प्रकाशितवाक्य, और विश्वासियों को लिखे तीन पत्र।
* ध्यान दें कि प्रेरित यूहन्ना, यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले से भिन्न है।
* __[36:01](rc://en/tn/help/obs/36/01)__ एक दिन यीशु ने अपने तीन चेलों, पतरस, याकूब और __यूहन्ना__ को अपने साथ लिया। (यीशु का चेला __यूहन्ना__ वह यूहन्ना नहीं था, जिसने यीशु को बपतिस्मा दिया था।) और उन्हें एकान्त में प्रार्थना करने के लिए ऊँचे पहाड़ पर ले गया।\\
* __[44:01](rc://en/tn/help/obs/44/01)__ एक दिन पतरस और __यूहन्ना__ प्रार्थना करने के लिये मन्दिर में जा रहे थे। तब उन्होंने एक लंगड़े भिखारी को देखा जो पैसों के लिए भीख माँग रहा था।\\
* __[44:06](rc://en/tn/help/obs/44/06)__ पतरस और __यूहन्ना__ लोगों से जो कह रहे थे, उससे मन्दिर के सरदार उनसे बहुत परेशान थे। तो उन्होंने उन्हें पकड़कर बंदीगृह में डाल दिया। \\
* __[44:07](rc://en/tn/help/obs/44/07)__ दूसरे दिन ऐसा हुआ कि यहूदी याजक पतरस और __यूहन्ना__ को लेकर महायाजक के पास गए। उन्होंने पतरस और __यूहन्ना__ से पूछा कि, “तुम ने यह काम किस सामर्थ्य से और किस नाम से किया है ?”\\
* __[44:09](rc://en/tn/help/obs/44/09)__ जब उन्होंने पतरस और __यूहन्ना__ का साहस देखा, और यह जाना कि ये अनपढ़ और साधारण मनुष्य है , तो आश्चर्य किया। फिर उनको पहचाना कि ये यीशु के साथ रहे है। तब उन्होंने पतरस और __यूहन्ना__ को धमकाकर छोड़ दिया।