याकूब इस्राएली जाती के तीन पितरों में अंतिम था:अब्राहम, इसहाक और याकूब|
* इब्रानी भाषा में याकूब शब्द उस शब्द के समरूप है जिसका अर्थ है,"एड़ी"| जन्म के समय याकूब अपने जुड़वा भाई एसाव की एड़ी पकड़े हुए था।पुराने युग में शरीर के अंग, एड़ी का अभिप्रेत अर्थ था, वार करना और मनुष्य के शरीर का अधो भाग| इब्रानी नाम याकूब संभवतः किसी पर पीछे से वर करने का अर्थ रखता था|
* याकूब ने लाबान की दो पुत्रियों से विवाह किया था जिनके नाम: लिआ और राहेल थे जिनके साथ उनकी सेविकाएँ, जिल्पा और बिल्हा भी थीं। इन चार स्त्रिओं से बारह पुत्र उत्पन्न हुए जो इस्राएल के बारह गोत्रों के पितृ हुए।
* __[7:1](rc://hi/tn/help/obs/07/01)__फिर वे लड़के बढ़ने लगे, रिबका __याकूब__ से प्रीति रखती थी, लेकिन इसहाक एसाव से प्रीति रखता था। __याकूब__ सीधा मनुष्य था और तम्बुओ में रहा करता था, परन्तु एसाव तो वनवासी होकर चतुर शिकार खेलनेवाला हो गया।
* __[7:7](rc://hi/tn/help/obs/07/07)__ __याकूब__ वर्षों वहाँ रहा,उसी समय याकूब ने विवाह किया और उसके बारह पुत्र और एक पुत्री उत्पन्न हए। परमेश्वर ने उसे बहुत धनवान बनाया।
* __[7:8](rc://hi/tn/help/obs/07/08)__ बीस वर्ष तक अपने घर से, जो कनान में है, दूर रहने के बाद __याकूब__ अपने परिवार, सेवकों, और अपने सारे जानवरों समेत वापस आ गया।
* __[7:10](rc://hi/tn/help/obs/07/10)__ परमेश्वर ने अब्राहम से,तदोपरांत इसहाक से जो वाचा बाँधी थी, वह अब __याकूब__ की भी हो गई थी।
* __[8:1](rc://hi/tn/help/obs/08/01)__वर्षों बाद, जब __याकूब__ वृद्ध हो गया, तो उसने अपने प्रिय पुत्र यूसुफ को भेजा कि वह जाकर अपने भाइयो को देखे जो भेड़ बकरियों के झुंड की देखभाल कर रहे थे।