* याकूब का अर्थ है, “वह एड़ी पकड़ता है” जिसका अर्थ है, “वह छल करता है।” जन्म के समय याकूब अपने जुड़वा भाई एसाव की एड़ी पकड़े हुए था।
* वर्षों बाद परमेश्वर ने याकूब का नाम बदलकर इस्राएल रखा जिसका अर्थ है, “वह परमेश्वर के साथ संघर्ष करता है।”
* याकूब चतुर और धोखा देने वाला था। उसने अपने बड़े भाई एसाव से उसकी पहलौठे की आशिषें और अधिकार प्राप्त करने की युक्ति खोज ली थी।
* एसाव इस पर बहुत क्रोधित हुआ और उसकी हत्या करने की योजना बनाई, अतः याकूब अपने घर से भाग गया। वर्षों बाद याकूब अपनी पत्नियों एवं सन्तान के साथ कनान लौटा, एसाव भी वहीं रहता था। दोनों के कुटुम्ब शान्ति-पूर्वक रहने लगे।
* याकूब के बारह पुत्र थे। उनके वंशज इस्राएल के बारह गोत्र हुए।
* मत्ती रचित सुसमाचार में जो वंशावली दी गई है उसमें एक और याकूब का उल्लेख किया गया है, वह यूसुफ का पिता था।
* __[07:01](rc://en/tn/help/obs/07/01)__फिर वे लड़के बढ़ने लगे, रिबका __याकूब__ से प्रीति रखती थी, लेकिन इसहाक एसाव से प्रीति रखता था। __याकूब__ सीधा मनुष्य था और तम्बुओ में रहा करता था, परन्तु एसाव तो वनवासी होकर चतुर शिकार खेलनेवाला हो गया।
* __[07:07](rc://en/tn/help/obs/07/07)__ जब __याकूब__ वहा था ,उसी दौरान याकूब ने चार स्त्रियों से विवाह किया और उसके बारह पुत्र और एक पुत्री उत्पन्न हुई। परमेश्वर ने उसे बहुत धनवान बनाया।
* __[07:08](rc://en/tn/help/obs/07/08)__ बीस वर्ष तक अपने भवन से, जो कनान में है, दूर रहने के बाद __याकूब__ अपने परिवार, सेवकों, और अपने सारे जानवरों समेत वापस आ गया।
* __[07:10](rc://en/tn/help/obs/07/10)__ परमेश्वर ने अब्राहम की वंशावली के विषय में जो वाचा उससे बाँधी थी, वह अब्राहम से इसहाक और इसहाक से __याकूब__ को दी।
* __[08:01](rc://en/tn/help/obs/08/01)__कई साल बाद, जब __याकूब__ वृद्ध हो गया, तो उसने अपने प्रिय पुत्र यूसुफ को भेजा कि वह जाकर अपने भाइयो को देखे जो भेड़ बकरियों के झुंड की देखभाल कर रहे थे।