* __[08:02](rc://en/tn/help/obs/08/02)__ यूसुफ के भाई उससे बैर रखते थे क्योंकि जब यूसुफ के भाइयो ने देखा कि हमारा पिता हम सबसे अधिक उसी से प्रीति रखता है, और यूसुफ ने __स्वप्न में देखा__ था कि वह अपने भाइयो पर राज्य करेगा।
* __[08:06](rc://en/tn/help/obs/08/06)__ एक रात को मिस्र के राजा ने, जिसे फ़िरौन कहते है उसने रात में दो __स्वप्न__ देखे जो उसे निरंतर परेशान कर रहे थे। जो __स्वप्न__ उसने देखा उसका फल बताने वाला कोई भी नहीं है।
* __[08:07](rc://en/tn/help/obs/08/07)__ परमेश्वर ने यूसुफ को यह योग्यता दी थी कि वह __स्वप्न__ का अर्थ समझ सके, इसलिये फ़िरौन ने यूसुफ को बंदीगृह से बुलवा भेजा। यूसुफ ने उसके लिये __स्वप्न__ की व्याख्या की और कहा कि “सारे मिस्र देश में सात वर्ष तो बहुतायत की उपज के होंगे, और उनके पश्चात् सात वर्ष अकाल के आयेंगे।”
* __[16:11](rc://en/tn/help/obs/16/11)__ उसी रात जब गिदोन मिद्यानियों के डेरे में आया तब एक मिद्यानी सैनिक अपने संगी से अपना __स्वप्न__ कह रहा था। वह जन अपने संगी से कह रहा था, “कि इस स्वप्न का अर्थ यह हुआ कि गिदोन की सेना हरा देंगी मिद्यानियों की सेना को।”
* __[23:01](rc://en/tn/help/obs/23/01)__ अत: यूसुफ ने जो धर्मी था और उसको बदनाम करना नहीं चाहता था, उसे चुपके से त्याग देने का विचार किया। जब वह इन बातों के सोच ही में था तो प्रभु का स्वर्गदूत उसे __स्वप्न__ में दिखाई दिया।