* “समान” शब्द का उपयोग प्रायः लाक्षणिक भाषा की अभिव्यक्ति, "उपमा" में किया जाता है जिसमें एक वस्तु की तुलना किसी और से की जाती है जो प्रायः सामान गुणों को उजागर करती है| उदाहरणार्थ, “उसके वस्त्र सूर्य की नाई चमकने लगे” और “उसकी वाणी गर्जन की सी थी” (देखें: [उपमा](rc://hi/ta/man/translate/figs-simile))
* “के सदृश्य होना” या “के सामान सुनाई देना” या “समानता में होना” का अर्थ है जिससे तुलना की जा रही है उस वस्तु या मनुष्य के लक्षण/गुण उसमें होना।
* मनुष्य परमेश्वर के “स्वरूप” में सृजा गया था अर्थात उसके “प्रतिरूप” में। इसका अर्थ है कि मनुष्य परमेश्वर के गुणों की "समानता" या "सादृश्य में" है जैसे सोचने की क्षमता, अनुभूति तथा विचारों का आदान-प्रदान करना।
* किसी वस्तु या मनुष्य की “समानता में होना” अर्थात उस वस्तु या मनुष्य के गुण उसमें होना।
* “पापी देह की समानता में” का अनुवाद हो सकता है, “पापी मनुष्य के सदृश्य होना” या “मनुष्य होना”। सुनिश्चित करें कि इस उक्ति का अनुवाद यह न दर्शाए कि यीशु पापी था।
* “उसकी समानता में” का अनुवाद हो सकता है, “उसके स्वरूप होना” या “उसके जैसे अनेक गुण होना”।
* “नाशवान मनुष्य या पशुओं जैसे पक्षियों चौपायों और रेंगनेवाले जन्तुओं की समानता में” का अनुवाद हो सकता है “नाशवान मनुष्यों या पशुओं जैसे पक्षियों चौपायों तथा छोटे-छोटे रेंगनेवाले जन्तुओं के रूप में बनाई गई मूर्तियां”