“प्रेरितों”, यीशु द्वारा भेजे गए पुरूष जो परमेश्वर और उसके राज्य के प्रचारक थे। “प्रेरिताई” अर्थात प्रेरित होने के लिए चुने गए पुरुषों का पद और अधिकार।
* “प्रेरित” शब्द का अनुवाद ऐसे शब्द या उक्ति द्वारा भी किया जा सकता है जिसका भावार्थ “भेजा गया मनुष्य” या “भेजा गया” या “मनुष्यों को परमेश्वर का सन्देश सुनाने के लिए बुलाया गया एवं भेजा गया मनुष्य”।
* “प्रेरित” और “शिष्य” शब्दों का अनुवाद भिनार्थक शब्दों में किया जाना आवश्यक है।
इस बात का भी ध्यान रखें कि इस शब्द का अनुवाद स्थानीय या राष्ट्रीय भाषा के बाइबल अनुवाद में कैसा है। (देखें [अपरिचित शब्दों का अनुवाद कैसे करे](rc://en/ta/man/translate/translate-unknown))
* __[26:10](rc://en/tn/help/obs/26/10)__ फिर यीशु ने बारह लोगों को चुना, जो कि __प्रेरित__ कहलाए। __प्रेरित__ यीशु के साथ-साथ चलते थे और वह यीशु से सीखते थे।
* __[30:01](rc://en/tn/help/obs/30/01)__ यीशु ने प्रचार करने के लिए और कई अलग- अलग नगरों में लोगों को सिखाने के लिए अपने __शिष्यों__ को भेजा।
* __[38:02](rc://en/tn/help/obs/38/02)__ यीशु के __शिष्यों__ में से एक यहूदा नाम का एक आदमी था। वह __चेलों__ के धन की देखभाल करता था, वह पैसों से प्रेम करता था और अकसर उसमें से चुराता था।
* __[43:13](rc://en/tn/help/obs/43/13)__ चेले लगातार __प्रेरितों__ से शिक्षा पाने, और संगति रखने, और रोटी तोड़ने, और प्रार्थना करने में लौलीन रहे।
* __[46:08](rc://en/tn/help/obs/46/08)__ तब बरनबास ने उसे अपने साथ __प्रेरितों__ के पास ले जाकर उनको बताया कि दमिश्क में इसने कैसे हियाव से यीशु के नाम से प्रचार किया।