* __[26:9](rc://hi/tn/help/obs/26/09)__ बहुत से लोग जिनमें __दुष्टात्माएं__थीं, उन्हें यीशु के पास लाया गया।
* __[32:2](rc://hi/tn/help/obs/32/02)__ जब वह झील की दूसरी तरफ पहुँचे तो तुरन्त एक व्यक्ति जिसमे __अशुद्ध आत्मा__थी, यीशु के पास दौड़कर आया।
* __[32:6](rc://hi/tn/help/obs/32/06)__ __दुष्टात्माग्रस्त__ व्यक्ति ने ऊँचे शब्द से चिल्लाकर कहा “हे यीशु परम प्रधान परमेश्वर के पुत्र, मुझे तुझ से क्या काम है? कृपया मुझे पीड़ा न दे!”
* __[32:9](rc://hi/tn/help/obs/32/09)__ लोगों ने आकर उसको जिसमें __दुष्टात्माएँ__ थीं, कपड़े पहने और सचेत बैठे देखा और एक सामान्य व्यक्ति का सा व्यवहार करते पाया ।
* __[47:3](rc://hi/tn/help/obs/47/03)__ हर दिन जब वे (पौलुस और सीलास) प्रार्थना करने की जगह जाते थे, तो एक दासी उनका पीछा करती थी जिसमें भावी कहने वाली __दुष्टात्मा__थी।