* __[12:13](rc://en/tn/help/obs/12/13)__ इस्राएलियों ने बहुत उत्साहित होकर आनन्द मनाया क्योंकि परमेश्वर ने उन्हें मृत्यु व गुलामी से बचाया! अब वह परमेश्वर की __आराधना__ करने की लिये स्वतंत्र थे |
* __[17:08](rc://en/tn/help/obs/17/08)__ जब दाऊद ने यह शब्द सुने, उसने तुरन्त ही परमेश्वर को धन्यवाद दिया और उसकी __प्रशंसा__ की, क्योंकि परमेश्वर ने दाऊद से महान गौरव और बहुत सी आशीषों की वाचा बाँधी थी |
* __[22:07](rc://en/tn/help/obs/22/07)__ तब जकरयाह ने कहा कि, “प्रभु परमेश्वर __धन्य हो__, क्योंकि उसने अपने लोगों पर दृष्टि की और उनका छुटकारा किया है |
* __[43:13](rc://en/tn/help/obs/43/13)__ और परमेश्वर की __स्तुति__ करते हुए आनन्द करते थे और वे हर वस्तुए एक दुसरे से बाटते थे |
* __[47:08](rc://en/tn/help/obs/47/08)__ उन्होंने पौलुस और सीलास को बंदीगृह के सबसे सुरक्षित क्षेत्र में रखा था और यहां तक कि उनके पैरों को भी बांध रखा था| फिर भी आधी रात को पौलुस और सीलास प्रार्थना करते हुए परमेश्वर के __भजन__ गा रहे थे |