जाति एक विशाल जनसमूह है जो किसी प्रकार की सरकार के शासनाधीन रहती है। किसी जाति के लोगों के पूर्वज उनके अपने ही होते हैं और उन सब की सजातीयता एक ही होती है।
* बाइबल में “जाति” कोई देश (जैसे मिस्र, इथोपिया) हो सकता है परन्तु सामान्य परिप्रेक्ष्य में जन समुदायों के संदर्भ में होता है, विशेष करके बहुवचन में हो तब। अतः प्रकरण पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है|
* बाइबल में जिन जातियों का उल्लेख किया गया है वे अनेक हैं जिनमें इस्राएली, पलिश्ती, अश्शूरी, बेबीलोनी, कनानी, रोमी और यूनानी आदि हैं।
* कभी-कभी “जाति” शब्द प्रतीकात्मक रूप में काम में आया है जो किसी विशेष समुदाय के पूर्वजों के संबन्ध में है, जैसे रिबका से परमेश्वर ने कहा था कि उसके जन्म लेने वाले पुत्र दो “जातियां” हैं जो आपस में लड़ते रहेंगे। इसका अनुवाद हो सकता है, “दो जातियों के संस्थापक” या “दो जन समुदायों के पूर्वज”।
* जिस शब्द का अनुवाद “जाति” किया गया है उस शब्द का उपयोग कभी-कभी अन्यजातियों के लिए भी किया जाता है या उन समुदायों के लिए जो यहोवा की उपासना नहीं करते। प्रकरण से इसका अर्थ बहूदा स्पष्ट हो जाता है।
* यदि किसी भाषा में “जाति” के लिए इन सब शब्दों से भिन्न कोई शब्द है तो बाइबल में जहां भी यह शब्द आता है वहां उस शब्द का उपयोग किया जा सकता है, जब तक कि वह प्रत्येक संदर्भ में स्वाभाविक एवं सही है।