* रोटी के आटे को फूलाने के लिए उसमें खमीर मिलाया जाता है। रोटी बिना खमीर के भी बनाई जाती है। \* बाइबल में ऐसी रोटी को “अखमीरी रोटी” कहा गया है, यह रोटी यहूदी फसह के पर्व में खाते थे।
* रोटी बाइबल के युग में मुख्य भोजन होता था, इसे भोजन के स्थान में भी काम में लिया गया है। (देखें: [उपलक्षण](rc://en/ta/man/translate/figs-synecdoche))
* “भेंट की रोटियां” निवास के मण्डप या मन्दिर में परमेश्वर को अर्पित की गई बारह रोटियां थी जिन्हें एक सोने की मेज पर रखा जाता था। ये रोटियां इस्राएल के बारह गोत्रों का प्रतिनिधित्व करती थी और केवल याजक ही उन्हें खा सकता था। इसका अनुवाद हो सकता है, “उनमें परमेश्वर की उपस्थिति के दर्शन वाली रोटियां।” प्रतीकात्मक शब्द, “स्वर्ग की रोटी” विशेष सफेद रंग की अन्न, मन्ना के संदर्भ में है, परमेश्वर ने इस्राएलियों के लिए जंगल में इसका उल्लेख किया था।
* यीशु ने स्वयं को “स्वर्ग से उतरने वाली रोटी” और “जीवन की रोटी” कहा है। यीशु अपने शिष्यों के साथ फसह का भोजन खा रहा था तब उसने अपनी देह को अखमीरी रोटी कहा था जो घायल की जायेगी और अन्त में क्रूस पर मार दी जायेगी। अनेक स्थानों में “रोटी” का अनुवाद “भोजन” किया जा सकता है।