“काम” शब्द का सन्दर्भ सामान्यतः किसी उपलब्धी के निमित्त प्रयास की क्रिया से है, या उस क्रिया के परिणाम से है| “कर्म” का सामान्य सन्दर्भ सम्पूर्ण कार्य से है अर्थात जो काम हो गया या जो काम करने की आवश्यकता है|
* बाईबल में इन शब्दों को सामान्यतः परमेश्वर और मनुष्य दोनों के सन्दर्भों में काम में लिया गया है|
* परमेश्वर के सन्दर्भ में “काम” शब्द बाईबल में प्रायः परमेश्वर द्वारा ब्रह्माण्ड की रचना या उसके लोगों के उद्धार (क्षत्रु या पाप से या दोनों से) के सन्दर्भ में है|
* परमेश्वर के कामों का सन्दर्भ उसके सब कामों से है जो उसने कर लिए हैं या वह करता है जिसमें जगत की रचना,पापियों का उद्धार, सम्पूर्ण जगत की आवश्यकताओं की पूर्ति तथा सम्पूर्ण जगत को यथास्थान संभाले रहना|
* मनुष्य के द्वारा किए गए काम या तो भले होते हैं या बुरे होते हैं
* “काम” और “कर्म” को “क्रिया” या “किए गए कार्य” में भी अनुवाद कर सकते हैं।
* परमेश्वर के “कार्यों” या “कामों” और "उसके हाथों के काम" का अनुवाद, “चमत्कार” या सामर्थी कार्य” या “उसके आश्चर्यकर्म” हो सकता है।
* “परमेश्वर के कार्य” अभिव्यक्ति का अनुवाद “जो काम परमेश्वर कर रहा है” या "जो आश्चर्यकर्म परमेश्वर करता है" या “परमेश्वर जो अद्भुत काम करता है” या “सब कुछ जो परमेश्वर ने किया है” के रूप में हो सकता है।
* “कार्यों” का एक वचन “कार्य” है जैसे “हर एक अच्छा कार्य” या “हर एक अच्छा काम”