“समर्पण” शब्द का अर्थ प्रायः होता है, किसी विशेष कार्य हेतु किसी वास्तु को पृथक करने का विधिवत कार्य या अनुष्ठान का संदर्भ देता है कि किसी विशेष उद्देश्य के निमित्त उसे पृथक कर दिया गया है।
* नहेम्याह ने यरूशलेम की पुनरुद्धार की गई शहरपनाह के समर्पण में इस्राएलियों की गुआई की थी और केवल यहोवा की सेवा करने की और उसके इस नगर की देखरेख की प्रतिज्ञा का नवीकरण किया था। इस घटना में संगीत वाद्यों और संगत के द्वारा परमेश्वर को धन्यवाद दिया गया था।
* “समर्पण करना” शब्द का अनुवाद हो सकता है, “विशेष उद्देश्य की विशेष रूप से नियत करना" या “किसी विशेष उपयोग हेतु किसी वस्तु को समर्पित करना” या “किसी विशेष कार्य हेतु किसी का समर्पण करना”।