* परमेश्वर ने इस्राएल को आज्ञा दी थी कि वे विधवाओं, गरीबों और परदेशियों को गिरा हुआ अन्न उठाने दें कि उनके भोज के लिए हो।
* कभी-कभी खेत का स्वामी सिला बीनने वालों को लवनी करनेवालों के निकट भी आने देता था जिससे वे और भी अधिक अन्न बटोर सकते थे। इस व्यवस्था का स्पष्ट उदाहरण रूत की कहानी में है उसे उदारता-पूर्वक उसके एक संबन्धी बोआज के खेत में लवनी करनेवालों के पास उदारता-पूर्वक सिला बीनने दिया था।
* “सिला बीनने” के अनुवाद हो सकते हैं, “चुनना” या “एकत्र करना” या “संग्रह करना”।