“अभिषेक करना” इस उक्ति का अर्थ है, किसी मनुष्य पर तेल का अभ्यंजन करना या उस पर तेल उंडेलना| कभी-कभी ऐसे तेल में मसाले मिला दी जाते थे की उसमें मनमोहक, सुगन्धित गंध उठे| बाईबल के युग में, किसी का तेल से अभिषेक करने के अनेक कारण होते थे|
* पुराने नियम में याजकों, राजाओं तथा भविष्यद्वक्ताओं को तेल से अभिषेक किया जाता था कि उन्हें परमेश्वर के लिए एक विशेष सेवा के निमित्त अलग किया जाए।
* वेदी तथा मिलापवाले तम्बू का भी तेल से अभिषेक किया जाता था ताकि प्रकट हो कि वे परमेश्वर की उपासना एवं महिमामय काम लेने के लिए थे।
* नये नियम में रोगियों की चंगाई के लिए तेल से अभिषेक किया जाता था।
* नये नियम में दो बार किसी स्त्री ने उपासना स्वरूप यीशु का सुगन्धित द्रव्य से अभिषेक किया था। एक बार यीशु ने कहा कि ऐसा करके वह स्त्री उसे भावी अन्तिम संस्कार के लिए तैयार कर रही है।