* परमेश्वर के लिए बलि चढ़ाने में प्रायः पशु को वध किया जाता था।
* केवल यीशु- परमेश्वर का सिद्ध निष्पाप पुत्र, की बलि मनुष्यों के पापों से पूर्ण शोधन प्रदान कर सकती है, जानवरों का बलिदान कभी ऐसा नहीं कर सकता था।
### भेंट
* "भेंट" शब्द का अर्थ है सामान्यतः है कि जो कुछ भी चढ़ाया गया था दिया गया। "बलि" का संदर्भ उस हर एक बात से था जो चढ़ाने वाले के लिए बहुत मूल्य की होती थी।
* परमेंश्वर के लिए भेंट को विशिष्ट चीजें थीं, जिन्हें उसने इस्राएलियों को भक्ति और आज्ञाकारिता व्यक्त करने के लिए आदेश दिया था।
* विभिन्न बलियों के नाम थे "होमबलि" और "मेलबलि" आदि से प्रकट था कि कैसी बलि चढ़ाए।
* "चढ़ाओ" का अनुवाद "परमेश्वर के लिए भेंट" या "परमेश्वर को दी हुई कोई वस्तु" या "कोई मूल्यवान वस्तु जो परमेश्वर को दी गई है" हो सकता है।
* संदर्भ के आधार पर, शब्द "बलि" का अनुवाद "आराधना में कुछ मूल्यवान" या "एक विशेष जानवर को मार डाला और परमेश्वर को दिया गया" के रूप में भी किया जा सकता है।
* "बलिदान के लिए" क्रिया का अनुवाद "मूल्यवान" या "किसी जानवर को मारने और इसे परमेश्वर को दे" देने के लिए किया जा सकता है।
* "जीवित बलिदान के रूप में अपने आप को पेश करने" का अनुवाद करने का एक और तरीका हो सकता है "जैसे कि आप अपना जीवन जीते हैं, अपने आप को परमेश्वर के लिए पूरी तरह से वेदी पर चढ़ाया जाता जानवर के जैसे अपने आप को परमेश्वर को दे देना।"
* __[03:14](rc://en/tn/help/obs/03/14)__तब नूह जहाज में से निकल आने के बाद, उसने एक वेदी बनाई, जिसे __बलिदान__ के लिये इस्तमाल किया जा सके और सभी तरह के जन्तुओ का __बलिदान__ दिया| परमेश्वर उस __बलिदान__ से प्रसन्न हुआ और नूह और उसके परिवार को आशीष दी|
* __[05:06](rc://en/tn/help/obs/05/06)__"अपने एकमात्र बेटे, इसहाक को ले, और __बलिदान__ के रूप में मार डालो।" फिर अब्राहम ने परमेश्वर की आज्ञा का पालन किया, और अपने पुत्र का __बलिदान__ देने के लिये तैयार हो गया|
* __[05:09](rc://en/tn/help/obs/05/09)__ ईश्वर ने इसहाक के बदले __बलिदान__ के लिए मेढ़ा प्रदान किया था|
* __[13:09](rc://en/tn/help/obs/13/09)__जो कोई भी परमेश्वर के व्यवस्थाओं का उल्लंघन करता है, वह मिलापवाले तम्बू के सामने वेदी पर परमेश्वर के लिये पशु का __बलिदान__ चढ़ाएगा। एक याजक जानवर को मारकर वेदी पर जला देगा। उस जानवर का खून जो __बलिदान__ किया गया था, उस व्यक्ति के पाप को आच्छादन किया और उस व्यक्ति को परमेश्वर की दृष्टि से साफ कर दिया।
* __[17:06](rc://en/tn/help/obs/17/06)__ दाऊद चाहता था कि वह एक मंदिर का निर्माण करें जिसमें सभी इस्राएली परमेश्वर की उपासना करें और __बलिदान__ चढाएँ।
* __[48:06](rc://en/tn/help/obs/48/06)__ यीशु सबसे महान महायाजक है| दूसरे याजकों से भिन्न, उसने अपने आप को उस एकलौते __बलिदान__ के रूप में अर्पण किया जो संसार के सभी मनुष्य के पाप को हटा सकती है|
* __[48:08](rc://en/tn/help/obs/48/08)__ परन्तु परमेश्वर ने यीशु को भेजा, परमेश्वर का मेम्ना, कि वह हमारे स्थान पर अपने आप को __बलिदान__ करे|
* __[49:11](rc://en/tn/help/obs/49/11)__ क्योंकि यीशु ने स्वयं का __बलिदान__ दिया, इसलिये परमेश्वर किसी भी पाप को क्षमा कर सकता है, यहाँ तक कि भयानक पापों को भी|