* किसी व्यक्ति पर "विश्वास करने" का अर्थ उस व्यक्ति पर "भरोसा" रखना है। भरोसा करने का अर्थ है कि वह व्यक्ति जो कहता है वह हमेशा सच्चाई से बोलता है, और वह करेगा जो उसने करने का वादा किया है।
* जब कोई व्यक्ति वास्तव में किसी चीज़ में विश्वास करता है, तो वह ऐसे तरीके से कार्य करेगा जो इस विश्वास को दर्शाता है।
* वाक्यांश "किसी में विश्वास करना" का अर्थ के रूप में "में विश्वास है।"
* “मसीह पर विश्वास” करने का अर्थ है विश्वास करना कि वह परमेश्वर का पुत्र है, वह स्वयं परमेश्वर है जो मनुष्य बना और हमारे पापों का दण्ड उठाने के लिए मारा गया। इसका अर्थ भरोसा रखना की वे उद्धारक है और ऐसा जीवन जीना जिससे उसका सम्मान हो।
***[03:04](rc://en/tn/help/obs/03/04)** नूह ने लोगों को बाढ़ के विषय में चेतावनी दी , और कहा कि परमेश्वर की ओर मन फिराओ पर उन्होंने नूह पर **विश्वास** नहीं किया।
***[04:08](rc://en/tn/help/obs/04/08)** अब्राम ने परमेश्वर की वाचा पर **विश्वास** किया। परमेश्वर ने घोषित किया कि अब्राम धर्मी है, क्योंकि उसने परमेश्वर की वाचा पर **विश्वास किया** है।
***[11:02](rc://en/tn/help/obs/11/02)** परमेश्वर ने कहा कि, वो मनुष्य जो उस पर **विश्वास करेंगा** वह उसके पहिलौठे पुत्र को बचाएगा।
***[11:06](rc://en/tn/help/obs/11/06)****परन्तु मिस्र के लोग परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते थे या उसकी आज्ञा का पालन नहीं करते थे।**
***[37:05](rc://en/tn/help/obs/37/05)** यीशु ने उससे कहा, “पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूँ। जो कोई मुझ पर **विश्वास करता** है वह यदि मर भी जाए तौभी जीएगा। और हर कोई जो मुझ पर **विश्वास करता** है वह कभी न मरेंगा। क्या तू इस बात पर **विश्वास करती** है?”
***[43:01](rc://en/tn/help/obs/43/01)** **यीशु के स्वर्ग लौटने के बाद, चेले यरूशलेम में ही रहे क्योंकि यीशु ने उन्हें ऐसा करने की आज्ञा दी थी। वहाँ के विश्वासी लगातार प्रार्थना करने के लिए इकट्ठे हुए।**
***_*[43:03](rc://en/tn/help/obs/43/03) जब सभी विश्वासी एक साथ थे, अचानक वह घर जहाँ वे थे एक तेज आवाज की वायु से भर गया*_** । उन्हें आग के समान जीभें फटती हुई दिखाई दी और उनमें से हर एक पर आ ठहरी।
***[43:13](rc://en/tn/help/obs/43/13) प्रतिदिन, बहुत से लोग विश्वासी बन गये**।
***[46:06](rc://en/tn/help/obs/46/06)** **उस दिन से यरूशलेम में बहुत से लोगों ने यीशु के अनुयायियों को सताना शुरू कर दिया, इसलिए विश्वासी अन्य स्थानों पर भाग गए। लेकिन इसके बावजूद, जहाँ भी वे गए उन्होंने यीशु के बारे में प्रचार किया।**
***_*[46:01](rc://en/tn/help/obs/46/01)*_****_शाऊल वह युवक था, जिसने स्तिफनुस की हत्या करने वाले लोगों के परिधानों पर पहरा दिया था। वह यीशु पर विश्वास नहीं करता था, इसलिए उसने विश्वासियों को सताया।_**
***[46:09](rc://en/tn/help/obs/46/09)** कुछ लोग **यरूशलेम के** क्लेश के कारण तितर-बितर हो गए थे, और अन्ताकिया में पहुँच कर यीशु के बारे में प्रचार किया**। यह वही जगह है जहाँ पहली बार यीशु के विश्वासी को** **"मसीह" कहा गया था****।**
***[47:14](rc://en/tn/help/obs/47/14)** **उन्होंने कलीसियाओं में विश्वासियों को प्रोत्साहित करने और सिखाने के लिए कई पत्र भी लिखे।**