स्वर्गदूत परमेश्वर द्वारा बनाई गई एक सामर्थी आत्मिक प्राणी है। स्वर्गदूत परमेश्वर की सेवा के लिए है, वे उसकी हर एक आज्ञा मानते हैं। “ प्रधान स्वर्गदूत” अर्थात सब स्वर्गदूतों पर शासक या अगुवा करनेवाला।
* "प्रधान स्वर्गदूत" का अर्थ है, "प्रमुख सन्देशवाहक" बाइबल में जिस "प्रधान स्वर्गदूत" का उल्लेख किया गया है, वह मीकाईल है।
* बाइबल में स्वर्गदूतों ने मनुष्यों को परमेश्वर का सन्देश सुनाया है। इन सन्देशों में निर्देश थे कि परमेश्वर मनुष्यों से क्या करवाना चाहता था।
* स्वर्गदूतों ने मनुष्यों को भविष्य की घटनाओं की जानकारी भी दी थी या पूर्व की घटनाओं की जानकारी दी थी।
* स्वर्गदूतों के पास परमेश्वर का अधिकार होता था, क्योंकि वे उसके प्रतिनिधि थे। बाइबल में कभी-कभी वे ऐसे बोलते थे जैसे परमेश्वर स्वयं ही कह रहा हो।
* स्वर्गदूतों द्वारा परमेश्वर की सेवा के अन्य रूप थे, मनुष्यों की रक्षा करना और उन्हें बल प्रदान करना।
* “यहोवा का दूत” एक विशेष अभिव्यक्ति है जिसके अर्थ एक से अधिक: 1) “स्वर्गदूत जो यहोवा का प्रतिनिधि है” या “यहोवा की सेवा करने वाला सन्देशवाहक” 2) इसका संदर्भ स्वयं यहोवा हो सकता है, जो मनुष्यों से बात करते समय स्वर्गदूत सा दिखाई देता है। इन दोनों अर्थों से स्पष्ट होता है कि स्वर्गदूत द्वारा “मैं” के उपयोग का अर्थ स्पष्ट होगा “जैसे कि यहोवा स्वयं ही कह रहा हो”।
* “स्वर्गदूत” के अनुवाद रूप हो सकते हैं, “परमेश्वर का सन्देशवाहक” या “परमेश्वर का स्वार्गिक सन्देश वाहक” या “परमेश्वर का सन्देशवाहक आत्मा”।
* “प्रधान स्वर्गदूत” का अनुवाद “प्रमुख स्वर्गदूत” या “प्रमुख प्रशासकीय स्वर्गदूत” या “स्वर्गदूतों का अगुआ”।
* ध्यान दें कि इन शब्दों का अनुवाद राष्ट्रीय भाषा या अन्य स्थानीय भाषाओं में कैसे किया गया है।
* “यहोवा का दूत” का अनुवाद “यहोवा” और “स्वर्गदूत” के अनुवाद रूपों द्वारा किया जाए। इससे उस वाक्य के भिन्न अर्थ अनुवाद प्रकट होगा। संभावित अनुवाद हो सकते है, “यहोवा का स्वर्गदूत” या “यहोवा द्वारा भेजा गया स्वर्गदूत” या “यहोवा, जो स्वर्गदूत सा दिखाई देता है।”
* __[02:12](rc://en/tn/help/obs/02/12)__ परमेश्वर जीवन के वृक्ष का फल खाने से किसी को रोकने के लिये उद्यान के द्वार पर शक्तिशाली __स्वर्गदूतों__ को रखा।
* __[22:03](rc://en/tn/help/obs/22/03)__ __स्वर्गदूत__ ने जकरयाह से कहा, "मैं परमेश्वर द्वारा तुझे यह सुसमाचार सुनाने को भेजा गया हूँ।"
* __[23:06](rc://en/tn/help/obs/23/06)__ अचानक, एक चमकता __स्वर्ग दूत__ उन्हें दिखाई दिया , और वह बहुत डर गए। तब __स्वर्गदूत__ ने उनसे कहा, “ मत डरो; क्योंकि देखो, मैं तुम्हें बड़े आनन्द का सुसमाचार सुनाता हूँ”
* __[23:07](rc://en/tn/help/obs/23/07)__ तब एकाएक __स्वर्गदूतों__ का दल परमेश्वर की स्तुति करते हुए और यह कहते हुए दिखाई दिया,
* __[25:08](rc://en/tn/help/obs/25/08)__ तब __स्वर्गदूत__ आए और यीशु की सेवा करने लगे।
* __[38:12](rc://en/tn/help/obs/38/12)__ यीशु बहुत व्याकुल था और उसका पसीना खून की बूँदो के समान था। परमेश्वर ने अपना एक __स्वर्ग दूत__ भेजा उसे बलवन्त करने के लिए।
* __[38:15](rc://en/tn/help/obs/38/15)__ " क्या तू नहीं जनता कि मैं अपने पिता से विनती कर सकता हूँ, और वह __स्वर्ग दूतों__ की पलटन अभी मेरे पास भेज देगा।"