* “घमण्ड” और “बड़ाई” को सकारात्मक अर्थ में भी काम में लिया जाता है जैसे किसी की उपलब्धि पर घमण्ड करना या बच्चों पर घमण्ड करना। “अपने काम पर घमण्ड करना” इस अभिव्यक्तिता का अर्थ है अपना काम करने में आनन्द का अनुभव करना।
* कोई घमण्ड से भरे बिना अपने किए हुए काम पर घमण्ड कर सकता है। कुछ भाषाओं में “घमण्ड” के इन दोनों शब्दों के भाव अलग-अलग शब्दों में व्यक्त किए जा सकते हैं।
* "यहोवा पर गर्व करना " इस अभिव्यक्ति का अनुवाद किया जा सकता है, "यहोवा ने जो कुछ अद्भुत काम किया है, उसके बारे में प्रसन्न होना" या "खुश होना कि यहोवा कितना अद्भुत है।"
* __[04:02](rc://hi/tn/help/obs/04/02)__ उन्हें बहुत __घमंड__ था, और परमेश्वर ने जो कहा था उन्होंने उसकी परवाह नहीं की |
* __[34:10](rc://hi/tn/help/obs/34/10)__ तब यीशु ने कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ कि, परमेश्वर ने चुंगी लेनेवाले की प्रार्थना सुनी और उसे धर्मी घोषित कर दिया | लेकिन उसे धर्म गुरु की प्रार्थना पसंद नहीं आई। “जो कोई अपने आप को __बड़ा__ बनाएगा, उसे परमेश्वर छोटा कर देगा, और जो अपने आप को छोटा बनाएगा, वह बड़ा किया जाएगा |”