* यहूदा “पकड़वाने वाला” था क्योंकि उसने यहूदी अगुओं को युक्ति सुझाई थी कि यीशु को कैसे पकड़ें।
* यहूदा द्वारा विश्वासघात विशेष पाप था, क्योंकि वह यीशु का चेला था और उसने पैसों के बदले में यहूदी अगुओं को जानकारी दी थी जिसका परिणाम यीशु की अन्यायी मृत्यु से हुआ।
* __[21:11](rc://hin/tn/help/obs/21/11)__ भविष्यद्वक्ताओं ने पहले से भविष्यवाणी की थी, कि मसीह को मारने वाले उसके कपड़ों के लिए चिट्ठियां डालेंगे और उसका परम मित्र उसे __धोखा देगा__। जकर्याह भविष्यवक्ता ने पहले से ही भविष्यवाणी की थी, कि मसीह का ही एक चेला उसे तीस चाँदी के सिक्कों के लिए __धोखा देगा__।
* __[38:2](rc://hin/tn/help/obs/38/02)__ यीशु और चेलों द्वारा यरूशलेम पहुँचने के बाद यहूदा यहूदी गुरुओ के पास गया और पैसों के बदले यीशु के साथ __विश्वासघात__ करने का प्रस्ताव रखा।
* __[38:3](rc://hin/tn/help/obs/38/03)__यहूदी गुरुओं ने महायाजक के नेतृत्व में यीशु को __पकडवाने के लिए__ के लिये यहूदा को तीस चाँदी के सिक्के तोलकर दे दिए।
* __[38:6](rc://hin/tn/help/obs/38/06)__ फिर यीशु ने अपने चेलों से कहा, “तुम में से एक मुझे __पकड़वाएगा__।” यीशु ने कहा कि, “जिसे मैं यह रोटी का टुकड़ा दूँगा वही मेरा __पकड़वाने वाला__ होगा।”
* __[38:13](rc://hin/tn/help/obs/38/13)__ जब यीशु तीसरी बार प्रार्थना करके आया तो उसने अपने चेलों से कहा कि, “उठो, मेरे __पकड़ने वाले__ आ गए है।”
* __[38:14](rc://hin/tn/help/obs/38/14)__ यीशु ने यहूदा से कहा कि, “ तूने मुझे __पकड़वाने__ के लिए चूमा है।”
* __[39:8](rc://hin/tn/help/obs/39/08)__ __विश्वासघाती__ यहूदा, ने देखा कि यहूदी अगुओं ने यीशु को मृत्यु दंड का दोषी ठहराया है, तो वह शोकातुर हो गया और उसने जाकर आत्महत्या कर ली।