“समृद्धि” शब्द का अर्थ है अच्छा जीवन और इसका संदर्भ सांसारिक एवं आत्मिक समृद्धि से भी हो सकता है। जब मनुष्य या देश “समृद्ध” होते हैं तो इसका अर्थ है वे धनाड्य हैं और सफलता के लिए उनके पास सब कुछ है। वे “समृद्धि” का अनुभव पाते हैं।
* “समृद्ध” शब्द प्रायः धन-सम्पदा का संदर्भ देता है या मनुष्यों के सुखी जीवन के लिए सब आवश्यकताओं की पूर्ति का संदर्भ देता है।
* बाइबल में “समृद्ध” शब्द का अभिप्राय है, स्वास्थ्य एवं सन्तान की आशिष।
* “समृद्ध” नगर या देश वह है जिसमें अनेक लोग हों, भोजन का अच्छा उत्पाद हो तथा बहुत पैसा लानेवाले व्यापार हों।
* बाइबल के अनुसार परमेश्वर की आज्ञाओं को मानने वाला आत्मिक समृद्धि पाता है। उसे आनन्द और शान्ति भी मिलती है। परमेश्वर मनुष्य को सदैव धन सम्पदा नहीं देता है परन्तु उसके मार्गों पर चलने से उन्हें आत्मिक समृद्धि प्रदान करता है।
* प्रकरण पर आधारित “समृद्ध” शब्द का अनुवाद हो सकता है, “आत्मिक उन्नति” या “परमेश्वर द्वारा आशिषित” या “भली वस्तुओं का अनुभव” या “उत्तम जीवन”।
* “समृद्ध” शब्द का अनुवाद यह भी हो सकता है, “सफल” या “धनवान” या “आत्मिकता में फलवन्त”।
* “समृद्धि” का अनुवाद ऐसे भी हो सकता है, “कल्याण” या “धन सम्पदा” या “सफलता” या “विपुल आशिषें”।