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1 | Reference | ID | Tags | Quote | Occurrence | Question | Response |
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2 | 1:1 | mb92 | परमेश्वर की सेवा में पौलुस का उद्देश्य क्या था? | उसका उद्देश्य था कि परमेश्वर के चुने हुओं का विश्वास स्थिर रहे और सत्य के ज्ञान को स्थापित करे। | |||
3 | 1:2 | yy3q | परमेश्वर ने अपने चुने हुओं को अनन्त जीवन की प्रतिज्ञा कब से दी है? | उसने इसकी प्रतिज्ञा सनातन से की है। नहीं। | |||
4 | 1:3 | aaaa | सही समय के आने पर परमेश्वर ने अपना सन्देश सुनाने के लिए किस को काम में लिया था? | परमेश्वर ने प्रेरित पौलुस को काम में लिया था। | |||
5 | 1:4 | csdr | तीतुस और पौलुस में क्या संबन्ध था? | तीतुस विश्वास की एकता में पौलुस का सच्चा पुत्र था। | |||
6 | 1:6 | im5n | एक अध्यक्ष के पारिवारिक जीवन में क्या सच होना है? | उसे एक पत्नी का पति होना है और उसकी सन्तान अनुशासित हों। उसे संयमी होना है, वह पियक्कड़ न हो, विवाद करनेवाला न हो, धन का लोभी न हो, अतिथि सत्कार करनेवाला हो, जितेन्द्रिय और पवित्र हो। | |||
7 | 1:7 | vax8 | परमेश्वर के घराने में एक अध्यक्ष का क्या स्थान और क्या उत्तरदायित्व है? | वह घराने का प्रबन्धक है। | |||
8 | 1:9 | ffmn | झूठे शिक्षकों के साथ अध्यक्ष को क्या करना चाहिए? | वह उनको डांटकर उनका मुंह बन्द कराने और उन्हे कड़ी चेतावनी देने के योग्य हो। | |||
9 | 1:10 | jrit | झूठे शिक्षक अपनी शिक्षा से क्या करते है? | वे लोगों को धोखा दे रहे थे और परिवारों को तोड़ रहे थे। | |||
10 | 1:11 | j5y3 | झूठे शिक्षकों का प्रेरक बल क्या था? | वे नीच कमाई के लिए काम करते थे। | |||
11 | 1:14 | f6se | पौलुस के अनुसार उन्हे किस बात पर समय नहीं गवांना है? | उन्हे यहूदियों की कथा कहानियों पर और मनुष्यों की आज्ञाओं पर मन नहीं लगाना है। | |||
12 | 1:15 | eoe3 | अविश्वासी मनुष्य का क्या भ्रष्ट होता है? | उनके मन और विवेक भ्रष्ट हो चुके हैं। | |||
13 | 1:16 | xg6p | यद्यपि भ्रष्ट मनुष्य कहता है कि वह परमेश्वर को जानता है परन्तु वह उसका इन्कार कैसे करता है? | वह अपने कामो से परमेश्वर का इन्कार करता है। | |||
14 | 2:2 | ej0i | कलीसिया में वृद्ध जनों के गुण कैसे हों? | उन्हे सचेत, गंभीर और संयमी होना है और उनका विश्वास, प्रेम और धीरज पक्का हो। | |||
15 | 2:3 | co81 | कलीसिया में वृद्ध स्त्रियों में क्या गुण होने चाहिएं? | उनका चालचलन पवित्र लोगों का सा हो, दोष लगानेवाली और पियक्कड़ नही पर अच्छी बातें सिखानेवाली हों। | |||
16 | 2:4 | pvlm | वृद्ध स्त्रियां जवान स्त्रियों को क्या चेतावनी दें? | वे जवान स्त्रियों को चेतावनी देती रहें कि अपने अपने पति से प्रेम करे और उनकी आज्ञा माने और बच्चों से प्रेम रखें और संयमी, पतिव्रता, घर का कारबार करनेवाली हों। | |||
17 | 2:7 | t6o1 | विश्वासियों का आदर्श बनने के लिए तीतुस को क्या करना था? | उसके उपदेशों में सफाई, गंभीरता और खराई पाई जाए कि कोई दोष नहीं लगा पाए। | |||
18 | 2:9 | tebs | विश्वासी दासों का व्यवहार कैसा होना था? | उन्हे सब बातों में अपने स्वामियों के अधीन रहना था, चोरी न करें, और सब प्रकार से विश्वासी निकलें। | |||
19 | 2:10 | if7r | पौलुस के निर्देशों के अनुसार जब दास व्यवहार करें तब तो अन्यों पर कैसा प्रभाव पड़ता था? | इससे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर के उपदेश की शोभा बढ़ती है। | |||
20 | 2:11 | ei56 | परमेश्वर का अनुग्रह किसके उद्धार का कारण है? | परमेश्वर का अनुग्रह सबके उद्धार का कारण है। | |||
21 | 2:12 | bokq | परमेश्वर का अनुग्रह हमें किस बात से मन फिराने की चेतावनी देता है? | परमेश्वर का अनुग्रह हमें चेतावनी देता है कि हम अभक्ति और सांसारिक अभिलाषाओं से मन फिराएं। | |||
22 | 2:13 | hapb | विश्वासी किस भावी घटना की बाट जाहते रहें? | विश्वासी अपने महान परमेश्वर और उद्धारकर्ता मसीह की महिमा के प्रकट होने की बाट जोहते रहें। | |||
23 | 2:14 | aj94 | यीशु ने हमारे लिए अपने आप को क्यों दे दिया? | उसने अपने आप को हमारे लिए दे दिया कि हमें हर प्रकार के अधर्म से छुड़ा ले और भले कामों में सरगर्म होने के लिए शुद्ध करके एक जाति बनाया। | |||
24 | 3:1 | abfg | हाकिमों और अधिकारियों के प्रति विश्वासियों का स्वभाव कैसा हो? | विश्वासी को अधीन रहकर आज्ञाकारी होना है और हर एक अच्छे काम के लिए तैयार रहना है। | |||
25 | 3:3 | vkjz | अविश्वासियों को भटकाने और दास बनानेवाला क्या है? | वे विभिन्न प्रकार की अभिलाषाओं और सुखविलास के कारण भटके हुए थे। | |||
26 | 3:5 | lpbf | परमेश्वर ने किस साधन से हमारा उद्धार किया है? | उसने नये जन्म के स्नान और पवित्र आत्मा के नवीकरण द्वारा हमारा उद्धार किया है। हम केवल परमेश्वर की दया से उद्धार पाते हैं। | |||
27 | 3:7 | nmka | हमें धर्मी ठहराकर परमेश्वर क्या करता है? | पमरेश्वर हमें अपना वारिस बनाता है। | |||
28 | 3:8 | qt4v | विश्वासी किस बात का ध्यान रखें? | विश्वासी भले भले कामों में लगे रहने का ध्यान रखें जो परमेश्वर ने रखे हैं। | |||
29 | 3:9 | wx70 | विश्वासी किस बात से बचें? | विश्वासी मूर्खता के विवादों से बचे। | |||
30 | 3:10 | r03f | एक या दो बार चेतावनी देने के बाद किस को अलग कर देना है? | किसी पाखंडी को एक या दो बार समझाकर उसे अलग कर देना है। | |||
31 | 3:14 | qzr4 | फलवन्त होने के लिए विश्वासी किस काम में लगे रहें? | विश्वासी आवश्यक्ताओं को पूरा करने के लिए अच्छे कामों में लगे रहना सीखें। |