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खुलीं बाइबिल कहानी

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साँप नै लुगाई को जाबब दिया, " यों साँच ना सैै ! थम ना मरोगे |
पणमेश्वर यो जाणयै सै की थम उस्सै फल को खाओगे, थम पणमेश्वर के जिस्से हो जाओगे अर जुकर आच्छे और बुरे नै वो समझे सै थमै भी समझण लगोगे |
पणमेश्वर यो जाणयै सै की थम उस्सै फल को खाओगे, थम पणमेश्वर के जिस्से हो जाओगे अर जुकर आच्छे और बुरे नै वो समझे सै थमै भी समझण लगोगे |

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लुगाई ने देख्या की फल आछा सैै अर देखण मै स्वादिष्ट सै | वयो बुद्धिमान भी बणना चहावै सै , ज्याते उनताही किम्मे फल लिया अर उस्से खाया | फेर उस्सै कीमे अपणै पत्ति की खातेर भी देया , जोब उसके गैल्या था , अर उस्से भी उस्से खा लिया सै |
लुगाई ने देख्या की फल आछा सैै अर देखण मै स्वादिष्ट सै | वयो बुद्धिमान भी बणना चहावै सै , ज्याते उनताही किम्मे फल लिया अर उस्से खाया | फेर उस्सै कीमे अपणै पत्ति की खातेर भी देया , जोब उसके गैल्या था , अर उस्से भी उस्से खा लिया सै |

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चाणचक, उनकी आँखें खुल गी , अर उनको बरेया पाटया की वो नंगै सै | अर उनताही अपणै देह ढकण खातेर पत्ते को जोड़ जोड़ कै उनताही लत्ते बनावण की जतन करेया |
चाणचक, उनकी आँखें खुल गी , अर उनको बरेया पाटया की वो नंगै सै | अर उनताही अपणै देह ढकण खातेर पत्ते को जोड़ जोड़ कै उनताही लत्ते बनावण की जतन करेया |

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फेर माणस अर उसकी लुगाई ने बगीचा म्ह पणमेश्वर के चालण की आवाज सुणी | वो दोनु पणमेश्वर ते लुक् गे | फेर पणमेश्वर ने माणस ते बोलया ," थम कडै सो ?" आदम ने उतर दिया मन्ये थारी बगीचे म्ह चालते सुणया अर मे डर गया था क्युके में उघाडा था |ज्याते में लुहुक ग्या|
फेर माणस अर उसकी लुगाई ने बगीचा म्ह पणमेश्वर के चालण की आवाज सुणी | वो दोनु पणमेश्वर ते लुक् गे | फेर पणमेश्वर ने माणस ते बोलया ," थम कडै सो ?" आदम ने उतर दिया मन्ये थारी बगीचे म्ह चालते सुणया अर मे डर गया था क्युके में उघाडा था |ज्याते में लुहुक ग्या|

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फेर पणमेश्वर ने बुझया,"किसने तन्नै
कह्या के तू उघाडा सै
कह्या के तू उघाडा सै| जिस पेड़ का फल खाण ते तनये मना किया सै, के तनये उसका फल खाया सै ?" मा