From c7f0e040b134157b9d415387427d606e552a586b Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: tsDesktop Date: Sun, 24 Apr 2016 07:51:53 +0530 Subject: [PATCH] Sun Apr 24 2016 07:51:53 GMT+0530 (India Standard Time) --- 00/title.txt | 1 + 02/04.txt | 2 +- 02/05.txt | 2 +- 02/06.txt | 2 +- 02/07.txt | 4 +--- 02/08.txt | 3 +-- 6 files changed, 6 insertions(+), 8 deletions(-) create mode 100644 00/title.txt diff --git a/00/title.txt b/00/title.txt new file mode 100644 index 0000000..f5f2ef2 --- /dev/null +++ b/00/title.txt @@ -0,0 +1 @@ +खुलीं बाइबिल कहानी \ No newline at end of file diff --git a/02/04.txt b/02/04.txt index 51edcbd..e031f41 100644 --- a/02/04.txt +++ b/02/04.txt @@ -1,2 +1,2 @@ साँप नै लुगाई को जाबब दिया, " यों साँच ना सैै ! थम ना मरोगे | -पणमेश्वर यो जाणयै सै की थम उस्सै फल को खाओगे, थम पणमेश्वर के जिस्से हो जाओगे अर जुकर आच्छे और बुरे नै वो समझे सै थमै भी समझण लगोगे | \ No newline at end of file +पणमेश्वर यो जाणयै सै की थम उस्सै फल को खाओगे, थम पणमेश्वर के जिस्से हो जाओगे अर जुकर आच्छे और बुरे नै वो समझे सै थमै भी समझण लगोगे | \ No newline at end of file diff --git a/02/05.txt b/02/05.txt index 1051e26..4aaf3ba 100644 --- a/02/05.txt +++ b/02/05.txt @@ -1 +1 @@ -लुगाई ने देख्या की फल आछा सैै अर देखण मै स्वादिष्ट सै | वयो बुद्धिमान भी बणना चहावै सै , ज्याते उनताही किम्मे फल लिया अर उस्से खाया | फेर उस्सै कीमे अपणै पत्ति की खातेर भी देया , जोब उसके गैल्या था , अर उस्से भी उस्से खा लिया सै | \ No newline at end of file +लुगाई ने देख्या की फल आछा सैै अर देखण मै स्वादिष्ट सै | वयो बुद्धिमान भी बणना चहावै सै , ज्याते उनताही किम्मे फल लिया अर उस्से खाया | फेर उस्सै कीमे अपणै पत्ति की खातेर भी देया , जोब उसके गैल्या था , अर उस्से भी उस्से खा लिया सै | \ No newline at end of file diff --git a/02/06.txt b/02/06.txt index 7949db1..cf61a51 100644 --- a/02/06.txt +++ b/02/06.txt @@ -1 +1 @@ -चाणचक, उनकी आँखें खुल गी , अर उनको बरेया पाटया की वो नंगै सै | अर उनताही अपणै देह ढकण खातेर पत्ते को जोड़ जोड़ कै उनताही लत्ते बनावण की जतन करेया | \ No newline at end of file +चाणचक, उनकी आँखें खुल गी , अर उनको बरेया पाटया की वो नंगै सै | अर उनताही अपणै देह ढकण खातेर पत्ते को जोड़ जोड़ कै उनताही लत्ते बनावण की जतन करेया | \ No newline at end of file diff --git a/02/07.txt b/02/07.txt index f93eaf1..21592a3 100644 --- a/02/07.txt +++ b/02/07.txt @@ -1,3 +1 @@ -फेर माणस अर उसकी लुगाई ने बगीचा म्ह पणमेश्वर के चालण की आवाज सुणी | वो दोनु पणमेश्वर ते लुक् गे | फेर पणमेश्वर ने माणस ते बोलया ," थम कडै सो ?" आदम ने उतर दिया मन्ये थारी बगीचे म्ह चालते सुणया अर मे डर गया था क्युके में उघाडा था |ज्याते में लुहुक ग्या| - - \ No newline at end of file +फेर माणस अर उसकी लुगाई ने बगीचा म्ह पणमेश्वर के चालण की आवाज सुणी | वो दोनु पणमेश्वर ते लुक् गे | फेर पणमेश्वर ने माणस ते बोलया ," थम कडै सो ?" आदम ने उतर दिया मन्ये थारी बगीचे म्ह चालते सुणया अर मे डर गया था क्युके में उघाडा था |ज्याते में लुहुक ग्या| \ No newline at end of file diff --git a/02/08.txt b/02/08.txt index d86bba8..0f8462b 100644 --- a/02/08.txt +++ b/02/08.txt @@ -1,3 +1,2 @@ फेर पणमेश्वर ने बुझया,"किसने तन्नै - कह्या के तू उघाडा सै - + कह्या के तू उघाडा सै| जिस पेड़ का फल खाण ते तनये मना किया सै, के तनये उसका फल खाया सै ?" मा \ No newline at end of file