उसके मालिक की लुगाई ने यूसुफ तै कहया कि “म्हारे ग्लेया सो”, परै यूसुफ ने महन्या करैया अर कहया कि “म्ह इसी बडयी दुष्टता करै के पणमेश्वर का अपराधी क्यों बणयू |” वयो घणये गुस्साया होये अर यूसुफ पै झूठया दोष लगाया अर उसताही जेलखाणै म्ह गैर दैया | यडयै तकै की जेलखाणे म्ह भी यूसुफ पणमेश्वर के प्रति निष्ठावान रहया अर पणमेश्वर ने उसताही आशीष दई |