Merge pull request 'new and updated artibles' (#8) from STR/hi_ta:master into master
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d5d94632c5
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@ -1,9 +1,11 @@
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# Hindi Translation Academy
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STRs:
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* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/234
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* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/500
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* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/512
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* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/517
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* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/520
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* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/539
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* https://git.door43.org/unfoldingWord/SourceTextRequestForm/issues/634
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@ -22,13 +22,11 @@
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* क्या अनुवाद ने अर्थ को किसी भी तरीके से बदला है?
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1. जाँचकर्ता उन सब बातों को लिख ले जहाँ उसे लगता हो कि कुछ गलत है या कुछ सही किया जा सकता है। हर जाँचकर्ता उन बातों को अनुवाद के दल के साथ बाँटे
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1. एक बाइबल कहानी या अध्याय को व्यक्तिगत तौर पर जाँचने के बाद, जाँचकर्ता अनुवादक अथवा अनुवादक दल से मिलकर, उस कहानी अथवा बाइबल के भाग पर पुनरावलोकन करें। जब वे उस जगह पर पहुँचते हैं जहाँ जाँचकर्ता ने समस्या या प्रश्न को इंगित कर रखा है, तो वे उसमें फेरबदल या विकास के लिए, आपस में प्रश्न पूछें या सुझाव दें। जब जाँचकर्ता और अनुवादक दल प्रश्नों और सुझावों पर विचार विमर्श कर लें, तो वे दूसरे प्रश्नों अथवा बातों को कहने के दूसरे तरीकों के बारे में विचार विमर्श कर सकते हैं। यह अच्छा है ।
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जब जाँचकर्ता और अनुवादक दल एक साथ काम करें, तो कहानी अथवा बाइबल के भाग के अर्थ को सही तरीके से बताने में परमेश्वर उनकी मदद करेगा।
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1. जब जाँचकर्ता और अनुवादक दल बदलने वाली बातों को निर्धारित कर लें, तो अनुवादक दल अनुवाद को अवलोकन करें। अनुवादक दल के द्वारा अनुवाद के अवलोकन के बाद, वे इसे एक दूसरे के सामने या भाषा समुदाय के लोगों के साथ पढ़कर सुनाएँ जिससे कि वह भाषा सुनने में स्वाभाविक लगे।
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1. अनुवादक (या दल) उस बाइबल के भाग को इंगित कर लें जो अभी भी कठिन लगते हों और जहाँ उन्हे बाइबल के जाँचकर्ताओं की अधिक जरूरत महसूस होती हो । कलीसिया के अगुवे और जाँचकर्ता इन लेखों का स्तर दो और तीन में इस्तेमाल करेंगे, जिससे अनुवादकों को उसका अर्थ पता चल सके और पूरी स्पष्टता के साथ उसे बताया जा सके।
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##### अतिरिक्त प्रश्न
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जब आप अनुवाद को पढ़ते हैं तो शब्दों के उच्चारण के लिए निम्न प्रश्नों को पूछें। इन प्रश्नों से आपको भाषा के उच्चारण के लिए एकदम सही शब्द को चुनने में मदद मिलेगी और क्या इन शब्दों को उनकी निरंतरता में लिखा गया है जिससे उन्हे पढ़ना आसान हो।
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1. क्या वह शब्द उस भाषा के उच्चारण में इस्तेमाल करने योग्य है? (क्या कोर्इ और उच्चारण हैं जिनका अर्थ अलग लगता है परंतु उन्हे अलग आवाज के लिए उसी अक्षर के साथ इस्तेमाल करना है) क्या इससे शब्द को पढ़ना कठिन तो नही हो जाता? क्या इन शब्दों को कहीं पर लगाने के लिए कुछ अलग चिन्हों को लगाने की जरूरत है जिससे उनका अंतर पता चल सके
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1. क्या पुस्तक में इस्तेमाल की गर्इ स्पेलिंग सही है? (क्या लेखक को बताने के लिए कोर्इ नियम हैं कि कैसे विभिé हालातों में शब्द कैसे बदलते हैं?) क्या उनका वर्णन किया जा सकता है जिससे दूसरे लोग भाषा को आसानी से पढ़ और लिख सकें?
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1. क्या पुस्तक में इस्तेमाल की गर्इ स्पेलिंग सही है? (क्या लेखक को बताने के लिए कोर्इ नियम हैं कि कैसे विभिé हालातों में शब्द कैसे बदलते हैं?) क्या उनका वर्णन किया जा सकता है जिससे दूसरे लोग भाषा को आसानी से पढ़ और लिख सकें?
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1. क्या अनुवाद ने उन भावों, कथनों, प्रत्ययों या स्पेलिंगों का उपयोग किया है जिन्हे उस भाषा समुदाय के अधिकाँश लोग जानते हैं? यदि अक्षर या स्पेलिंग के बारे में कुछ गलत है, उसको लिख लें जिससे अनुवादक दल के साथ विचार विमर्श किया जा सके
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@ -5,7 +5,7 @@
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* जाँच स्तर एक अथवा उसके ऊपर के स्तर पहुँचा हुआ अनुवाद ही अनफॉल्डिंग-वर्ड की वेबसाइट और अनफॉल्डिंग-वर्ड के मोबाइल ऐप पर उपलब्ध करवाया जाएगा। (देखें http://ufw.io/content/)
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* जाँच स्तर तीन पार कर चुका अनुवाद ही दूसरे अनुवादों के लिए स्रोत लेख के रूप में प्रमाणित किया जाएगा
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* जब एक जाँच स्तर पूरा होता एवं Door43 पर सारे संसोधनों को कर लिया जाता है, जाँचकर्ता अनफॉल्डिंग-वर्ड को जाँच के सारे विवरण बताएगा जिसमें जाँच करने वाले का नाम, जाँचकर्ता के रूप में उसकी योग्यता इत्यादि भी शामिल होगा। तब अनफॉल्डिंग-वर्ड Door43 की प्रति को निकालेगा और अनफॉल्डिंग-वर्ड की वेबसाइट (https://unfoldingword.org) पर इसको कॉपी करेगा और अनफॉल्डिंग-वर्ड मोबाइल ऐप पर इसे उपलबध कराएगा ।प्रिंट के योग्य एक प्रति भी तैयार करें और वह डाऊनलोड के लिए उपलब्ध रहे। door43 पर जाँच किया गया संस्करण भी फेरबदल के लिए उपलब्ध रहेगा जिससे कि भविष्य में भी किसी प्रकार का बदलाव या संपादन किया जा सकता है।
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* *ऑपन बाइबल स्टोरीस* प्रोजेक्ट के लिए: केवल *ऑपन बाइबल स्टोरीस* अनुवाद में ही, जिन्हे अंग्रेजी के स्रोत लेख के 3.0 या उसके ऊँचे वजऱ्न से लिया गया है, जाँच स्तर एक (या उससे ऊपरी स्तर) के तहत फेरबदल के लिए मान्य होगा। 3ण्0 से नीचे के वजऱ्नों के द्वारा तैयार किये गये अनुवाद को जाँच प्रक्रिया के लिए भेजने से पहले अपडेट करना जरूरी है। (देखें [स्रोत लेख एवं वर्जन संख्या](../../translate/translate-source-version/01.md)
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* *ऑपन बाइबल स्टोरीस* प्रोजेक्ट के लिए: केवल *ऑपन बाइबल स्टोरीस* अनुवाद में ही, जिन्हे अंग्रेजी के स्रोत लेख के 3.0 या उसके ऊँचे वजऱ्न से लिया गया है, जाँच स्तर एक (या उससे ऊपरी स्तर) के तहत फेरबदल के लिए मान्य होगा। 3ण्0 से नीचे के वजऱ्नों के द्वारा तैयार किये गये अनुवाद को जाँच प्रक्रिया के लिए भेजने से पहले अपडेट करना जरूरी है। (देखें [स्रोत लेख एवं वर्जन संख्या](../../translate/translate-source-version/01.md))
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### जाँच स्तर
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@ -2,24 +2,17 @@
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अनुवादक दल के द्वारा, स्तर एक के तहत, जाँच कर लेने के बाद, अब यह समय है कि अनुवाद को समुदाय के पास ले जाया जाए जहाँ यह निश्चित किया जा सके कि लक्षित भाषा में यह संदेश को स्पष्ट और स्वाभाविक तरीके बता पा रहा है।
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इस जाँच के लिए, आप अनुवाद के भाग को समुदाय के सदस्यों को पढ़कर सुनाएँगे। अनुवाद को पढ़ने से पहले, सुन रहे लोगों से कहें कि जब भी उन्हे कुछ भी स्वाभाविक न लगे तो बीच में रोक दें। (अनुवाद की स्वाभाविकता का पता लगाने में अधिक जानकारी के लिए, देखें [स्वाभाविक अनुवाद](../natural/01.md)
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इस जाँच के लिए, आप अनुवाद के भाग को समुदाय के सदस्यों को पढ़कर सुनाएँगे। अनुवाद को पढ़ने से पहले, सुन रहे लोगों से कहें कि जब भी उन्हे कुछ भी स्वाभाविक न लगे तो बीच में रोक दें। (अनुवाद की स्वाभाविकता का पता लगाने में अधिक जानकारी के लिए, देखें [स्वाभाविक अनुवाद](../natural/01.md))
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हर *ऑपन बाइबल स्टोरी* और बाइबल के हर अध्याय के लिए प्रश्नों और उत्तरों का एक सेट तैयार है जिससे आप अनुवाद की जाँच कर सकते हैं कि यह सही तरीके से संदेश समझा पा रहा है या नही। (प्रश्नों के लिए, देखें http://ufw.io/tq/)
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इन प्रश्नों का उपयोग करने के लिए, निम्न कदमों का पालन करें:
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1. भाषा समुदाय के एक या अधिक लोगों के सामने अनुवाद के अनुच्छेद को पढ़ें जो इन प्रश्नों का उत्तर देंगे। भाषा समुदाय के ये लोग, कभी भी अनुवादक दल का हिस्सा नही रहे हों।दूसरे शब्दों में, प्रश्न पूछे जा रहे समुदाय के इन सदस्यों को इन प्रश्नों का उत्तर पता नही होना चाहिए जो उन्हे अनुवाद के दौरान या बाइबल के ज्ञान से मिला होगा। हम चाहते हैं कि वे कहानी या बाइबल के भाग के अनुवाद को केवल सुनकर या पढ़कर की उत्तर दें। इसी प्रकार हम पता लगा पाएँगे कि अनुवाद स्पष्ट है या नही। इसी वजह से, यह भी महत्वपूर्ण है कि समुदाय के सदस्य उत्तर देते वक्त बाइबल को नही देखें।
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1. इस अनुच्छेद के लिए, समुदाय के सदस्य से प्रश्न पूछें, एक बार में एक प्रश्न। यह जरूरी नही है कि हर कहानी या अध्याय के लिए सभी प्रश्नों का उपयोग किया जाए यदि यह लगता है कि समुदाय के सदस्य अनुवाद को अच्छी तरह से समझ पा रहे हैं।
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1. हर प्रश्न के पश्चात, भाषा समुदाय का एक सदस्य उस प्रश्न का उत्तर देगा। यदि व्यक्ति प्रश्न का उत्तर केवल ‘‘हाँ’’ या ‘‘नही’’ में दे रहा है तो प्रश्न पूछने वाला एक और प्रश्न पूछे जिससे वह निश्चित हो सके कि अनुवाद को अच्छी तरह से समझा जा रहा है। अगला प्रश्न कुछ इस तरह का हो सकता है, ‘‘आपको यह कैसे पता?’’ या ‘‘अनुवाद का कौनसा भाग यह बात कह रहा है?’’
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1. व्यक्ति के दिए उत्तर को लिख लें। यदि व्यक्ति का उत्तर दिए गए सुझावित उत्तर के समान है, तो कहानी का अनुवाद सही तरीके से संदेश को बता पा रहा है। जरूरीर नही है ेिक दिया गया उत्तर, एकदम सुझावित उत्तर के समान होना चाहिए, परंतु आधारभूत तरीके से उसी सूचना को हम तक पहुँचाने वाला हो। कर्इ बार, सुझावित उत्तर बहुत लंबा होता है। यदि वह व्यक्ति सुझावित उत्तर का एक अंश ही बता रहा है, तो वह भी सही उत्तर है।
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1. यदि दिया गया उत्तर, सुझावित उत्तर से बिल्कुल अलग और अनेपक्षित है या व्यक्ति उत्तर नही दे पा रहा है, तो अनुवादक दल अनुवाद के उस भाग को पुन: देखे जिससे कि संदेश को स्पष्ट किया जा सके।
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1. अनुवादक दल के द्वारा अनुवाद में फेरबदल कर लिए जाने के बाद, समुदाय के किसी दूसरे सदस्य से वही प्रश्न दुबारा पूछें, अर्थात ऐसे व्यक्ति से जो किसी भी प्रकार से, अनुवाद की पिछली जाँचे की प्रक्रिया का हिस्सा नही रहा है। यदि वे प्रश्न का उत्तर सही देते हैं तो अब अनुवाद सही संदेश दे रहा है
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1. हर कहानी अथवा बाइबल के अध्याय के साथ यही प्रक्रिया तब तक दोहराएँ, जब तक कि समुदाय के सदस्य प्रश्नों का सही उत्तर दे सकें जिससे साबित होता है कि अनुवाद सही संदेश दे पा रहा है । जब समुदाय के ये लोग, जिन्होने पहले अनुवाद को नही सुना है, सभी प्रश्नों का सही उत्तर दे देते हैं तो अब अनुवाद कलीसियार्इ जाँच स्तर 2 के लिए तैयार हो जाता है।
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1. समुदाय मुल्यांकन पृष्ठ में जाँ और प्रश्नों के उत्तर दें (देखें [भाषा समुदाय मूल्यांकन प्रश्न](../community-evaluation/01.md))
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@ -12,11 +12,9 @@
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1. क्या अनुवाद से पता चलता है कि इसे स्रोत भाषा एवं लक्षित भाषा तथा उनकी संस्कृति का अच्छा ज्ञान है
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1. क्या भाषा समुदाय पुष्टि करता है कि अनुवाद उनकी भाषा को स्पष्ट और स्वाभाविक तरीके से बोल पा रहा है?
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1. निम्न में से अनुवाद के किस तरीके को अनुवादक ने इस्तेमाल किया है?
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1. शब्द दर शब्द अनुवाद, स्रोत अनुवाद के बिल्कुल समान दिखने की कोशिश।
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1. वाक्य दर वाक्य अनुवाद, भाषा के स्वाभाविक वाक्यों का इस्तेमाल
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1. अर्थ केन्द्रित अनुवाद, स्थानीय भाषा के भावों का पूरी आजादी से इस्तेमाल
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1. क्या समुदाय के अगुवों को लगता है कि अनुवाद के द्वारा इस्तेमाल किया गया तरीका (जैसा प्रश्न 4 में पहचाना गया) समुदाय के लिए उचित है?
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1. क्या समुदाय के अगुवों को लगता है कि अनुवादक के द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द समुदाय के अधिकतर लोगों के द्वारा बोले जाने वाले हैं? उदाहरण के तौर पर, क्या अनुवादक ने ऐसे भाव, वाक्य या स्पेलिंग का उपयोग किया है जिसे भाषा समुदाय के अधिकाँश लोग मान्यता देते हैं?
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1. जब आप अनुवाद को पढ़ते हैं, तो स्थानीय समुदाय के उन सांस्कृतिक विषयों के बारे में सोचें जो पुस्तक में लिखे कुछ भागों के अनुवाद को मुश्किल बना सकते है? क्या अनुवादक ने उस भाग को अनुवाद इस प्रकार किया है जिससे स्रोत भाषा का संदेश स्पष्ट लगे और सांस्कृतिक विषयों के कारण, लोग गलतफहमी में भी न पड़ें।
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@ -24,13 +24,13 @@
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*नीचे लिखे हर कथन के लिए ‘‘नही’’ या ‘‘हाँ’’ पर गोला बनाएँ*
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**नही | हाँ ** यह अनुवाद अर्थ-आधारित अनुवाद है जो मूलभूत लेख के अर्थ को लक्षित भाषा के समान, स्वाभाविक, स्पष्ट और सटीक तरीके से पेश करने की कोशिश करता है।
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**नही | हाँ** यह अनुवाद अर्थ-आधारित अनुवाद है जो मूलभूत लेख के अर्थ को लक्षित भाषा के समान, स्वाभाविक, स्पष्ट और सटीक तरीके से पेश करने की कोशिश करता है।
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**नही | हाँ ** अनुवाद की जाँच कर रहे लोग लक्षित भाषा को स्वयं बोलने वाले लोग हैं।
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**नही | हाँ** अनुवाद की जाँच कर रहे लोग लक्षित भाषा को स्वयं बोलने वाले लोग हैं।
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**नही | हाँ ** इस अध्याय का अनुवाद विश्वास कथन के अनुसार है।
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**नही | हाँ** इस अध्याय का अनुवाद विश्वास कथन के अनुसार है।
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**नही | हाँ ** इस अध्याय के अनुवाद को अनुवाद के निर्देशों के आधार पर किया गया है।
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**नही | हाँ** इस अध्याय के अनुवाद को अनुवाद के निर्देशों के आधार पर किया गया है।
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##### 2. स्वाभाविकता: ‘‘यह *मेरी* भाषा है
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@ -1,10 +1,8 @@
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### कौन कौनसी चीजें जाँचें
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1. आपको जो भी सही नही लगे, पूछें जिससे कि अनुवादक दल उसका वर्णन कर सके। यदि वह उन्हे भी सही नही लगे, तो वे अनुवाद को सही कर सकते हैं। सामान्य तौर पर:
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1. जाँचें कि कहीं कुछ जोड़ना तो नही है जो स्रोत लेख के अर्थ का भाग नही था । (याद रखें कि मूल अर्थ में [अंतर्निहित सूचना](../../translate/figs-explicit/01.md) भी शामिल है)
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1. जाँचें कि कहीं कुछ गायब तो नही है तो मूल स्रोत लेख का भाग था परंतु अनुवाद में शामिल नही हुआ है।
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1. जाँचें कि कहीं ऐसा अर्थ तो नही आ रहा जो स्रोत लेख के अर्थ से बिल्कुल अलग हो।
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1. यह निश्चित करने के लिए जाँचें कि हर भाग का मुख्य बिन्दु या मुख्य विषय स्पष्ट है। अनुवादक दल से एक भाग का सार कहने को कहें और देखें कि वह स्पष्ट है या नही। यदि आप किसी छोटे बिन्दु को मुख्य बिन्दु के रूप में लेते हैं तो उन्हे उस भाग के अनुवाद में आवश्यक बदलाव करना जरूरी है।
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1. जाँचें कि पद्यांशों के विभिé भाग आपस में सही तरीके से जुडे़ हैं - अर्थात लक्षित भाषा में बाइबल पद्यांशों के बीच के जोड़ने वाले, कारण, जोड़, परिणाम, सारांश इत्यादि तथ्य सही तरीके से जुड़े हों।
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@ -2,7 +2,7 @@
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प्रश्नों के उत्तरों को खोजने के कर्इ सारी सामग्रियाँ उपलब्ध हैं:
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* ** translationAcademy** - यह प्रशिक्षण हस्तपुस्तिका पर उपलब्ध है और इसमें निम्नलिखित बातों समेत कर्इ सारी जानकारियाँ मौजूद हैं:
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* **translationAcademy** - यह प्रशिक्षण हस्तपुस्तिका पर उपलब्ध है और इसमें निम्नलिखित बातों समेत कर्इ सारी जानकारियाँ मौजूद हैं:
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* [Introduction](../ta-intro/01.md)) - यह unfoldingWord प्रोजेक्ट का परिचय करवाता है
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* [Process Manual](../../process/process-manual/01.md)) - ‘‘आगे क्या’’ नामक प्रश्न का उत्तर देता है
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* [Translation Manual](../../translate/translate-manual/01.md)) - अनुवाद के सिद्धांतों और प्रायोगिक अनुवाद की मदद की मूलभूत बातों का वर्णन करता है
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@ -21,7 +21,7 @@
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* **संबंध बताएँ (Attribution)** - उचित श्रेय दें, लाइसेंस का लिंक दिखाएँ, यदि बदलाव किया है तो इंगित करें. आप ऐसा किसी भी उचित तरीके से कर सकते हैं, परंतु ऐसे किसी भी तरीके से नही जो लाइसेंस धारक आपको सौंपता है.
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* **ऐसा ही बाँटे (ShareAlike)** - यदि आप पुन: तैयार करते हैं, बदलते हैं या पुन: विकसित करते हैं तो आपको इसी लाइसेंस के तहत ही ऐसा करना होगा.
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**कोर्इ अतिरिक्त प्रतिबंध नही (No additional restrictions)** श्र
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* **कोर्इ अतिरिक्त प्रतिबंध नही (No additional restrictions)** श्र
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#### सूचनाएँ:
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@ -14,20 +14,20 @@ dublin_core:
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description: 'A modular handbook that provides a condensed explanation of Bible translation and checking principles that the global Church has implicitly affirmed define trustworthy translations. It enables translators to learn how to create trustworthy translations of the Bible in their own language.'
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format: 'text/markdown'
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identifier: 'ta'
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issued: '2021-07-01'
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issued: '2021-10-15'
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language:
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identifier: hi
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title: 'हिन्दी, हिंदी (Hindi)'
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direction: ltr
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modified: '2021-07-01'
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publisher: 'Door43'
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||||
modified: '2021-10-15'
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publisher: 'BCS'
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relation:
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- 'hi/glt'
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- 'hi/gst'
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- 'hi/udb'
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- 'hi/ulb'
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- 'hi/iev'
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- 'hi/irv'
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- 'hi/gst'
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- 'hi/iev'
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- 'hi/ulb'
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- 'hi/udb'
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- 'hi/tn'
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- 'hi/tq'
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- 'hi/tw'
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@ -30,7 +30,7 @@
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यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का चेहरा देखना चाहता है, तो वह यह आशा करता है कि वह व्यक्ति उस पर ध्यान देगा।
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> क्या तुम लोग मेरा भय नहीं मानते? - यहोवा की यह वाणी है – या क्या तुम मेरे ** चेहरे** के सामने नहीं थरथराते? (यिर्मयाह 5:22 ULT)
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> क्या तुम लोग मेरा भय नहीं मानते? - यहोवा की यह वाणी है – या क्या तुम मेरे **चेहरे** के सामने नहीं थरथराते? (यिर्मयाह 5:22 ULT)
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> इस्राएल के घराने में से जो कोई अपनी मूर्तियाँ अपने मन में स्थापित करके, और अपने अधर्म की ठोकर उसके **चेहरे** के सामने रखकर भविष्यद्वक्ता के पास आए, उसको, मैं यहोवा, उसकी बहुत सी मूरतों के अनुसार ही उत्तर दूँगा। (यहेजकेल 14:4 ULT)
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@ -115,7 +115,7 @@
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#### मुँह का अर्थ बोलने या शब्दों से है
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> मूर्ख व्यक्ति का मुँह ** उसे उजाड़ देता है। (नीतिवचन 18:7 ULT)
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> मूर्ख व्यक्ति का मुँह उसे उजाड़ देता है। (नीतिवचन 18:7 ULT)
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> मैं अपने मुँह से तुझे दृढ़ करूँगा। (अय्यूब 16:5 ULT)
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@ -21,7 +21,6 @@
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ये तरीके तीन चुनौतियों को पेश करते हैं जो उन्हे पहचानना चाहता है:
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1. बाइबल के किसी रूपक को यदि हम देखें, हमेशा यह व्यक्त नही होता है कि उसमें दो विचार जुड़े हैं । उदाहरण के तौर पर, यह विचार कि परमेश्वर मुझे एक कटिबंध की तरह सामर्थ पहनाता है। (भजन संहिता 18:32), हमें शायद, एकदम से पता न चले कि यहाँ वस्त्र को नैतिक मूल्य से जोड़ा गया है। इस मामले में, कटिबंध की तश्वीर सामर्थ को दिखाती है (देखें [Biblical Imagery - Man-made Objects](../bita-manmade/01.md))
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1. किसी भी विचार को देखते ही, अनुवादक को यह पता करना है कि यह किसी को प्रकट कर रहा है या नही। यह आस पास के कथनों को समझने से ही पहचाना जा सकता है। उदाहरण के तौर पर, आसपास के कथन बताते हैं कि ‘‘दीवट’’ तेल से भरे एक डिब्बे और उसमें लगी बत्ती को दिखाता है या यह केवल एक प्रतीक के रूप में उपयोग हो रहा है। (देखें [Biblical Imagery - Natural Phenomena](../bita-phenom/01.md) में ‘‘आग और दीवट जीवन को दिखाते हैं’’)
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1 राजा 7:50 में, कैंची एक सामान्य दीवट की बत्ती को काटने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला औजार है
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@ -36,7 +35,7 @@
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तब दाऊद के जनों ने शपथ खाकर उससे कहा, ‘‘तू फिर हमारे संग युद्ध करने नही जाएगा, ऐसा न हो कि तेरे मरने से इस्राएल का </u>दीया</u> बुझ जाए’’ (2 शमूएल 21:16-17 ULB)
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1. विचारों को आपस में जोड़ने वाले प्रकटीकरण अक्सर जटिल तरीके से एक दूसरे से जुड़े होते हैं। इतना ही नही, वे अक्सर समान रूपकों अथवा सांस्कृतिक नमूनों के आधार पर जुड़े होते हैं। (देखें [Biblical Imagery - Common Metonymies](../bita-part2/01.md) and [Biblical Imagery - Cultural Models](../bita-part3/01.md)
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1. विचारों को आपस में जोड़ने वाले प्रकटीकरण अक्सर जटिल तरीके से एक दूसरे से जुड़े होते हैं। इतना ही नही, वे अक्सर समान रूपकों अथवा सांस्कृतिक नमूनों के आधार पर जुड़े होते हैं। (देखें [Biblical Imagery - Common Metonymies](../bita-part2/01.md) and [Biblical Imagery - Cultural Models](../bita-part3/01.md))
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उदाहरण के तौर पर, 2 शमुएल 14:7 में, ‘‘अंगारा’’ पुत्र के जीवन की तश्वीर है जिसका प्रकटीकरण उसके पिता को याद कराता है। अत: यहाँ दो प्रकार के युग्मों को देख सकते हैं: पुत्र के जीवन के साथ अंगारे का संबंध एवं पुत्र का पिता की याद के साथ संबंध
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@ -30,6 +30,10 @@ figs-apostrophe:
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recommended: []
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dependencies:
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- figs-intro
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figs-aside:
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- figs-intro
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figs-declarative:
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@ -160,6 +164,10 @@ figs-irony:
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- figs-litotes
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- figs-intro
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- figs-intro
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figs-litotes:
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recommended: []
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dependencies:
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@ -49,10 +49,10 @@
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1. तृतीय पुरुष के स्थान पर केवल प्रथम (’’मैं’’) या द्वितीय पुरुष (’’आप’’) का उपयोग करें।
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> **तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ‘‘…क्या तेरी भुजाएँ ***परमेश्वर के*** समान हैं? क्या तू ***उसकी*** आवाज की भांति गर्जन कर सकता है?** (अय्यूब 40:6,9 ULT)
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> **तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ‘‘…क्या तेरी भुजाएँ***परमेश्वर के*** समान हैं? क्या तू***उसकी*** आवाज की भांति गर्जन कर सकता है?** (अय्यूब 40:6,9 ULT)
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>> तब यहोवा ने भयंकर तूफान में से अय्यूब को उत्तर देकर कहा, ‘‘...क्या तेरी भुजाएँ ***मेरे*** समान हैं? क्या तू ***मेरी*** आवाज की भांति गर्जन कर सकता है?’’
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> **इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि ***तुममें हर कोर्इ*** पूरे दिल ***अपने*** भार्इ को क्षमा न करे।** (मती 18:35 ULT)
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> **इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि***तुममें हर कोर्इ*** पूरे दिल***अपने*** भार्इ को क्षमा न करे।** (मती 18:35 ULT)
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>> इसलिए मेरा स्वर्ग का पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा, यदि ***तुममें हर कोर्इ*** पूरे दिल से ***तुम्हारे*** भार्इ को क्षमा न करे।
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1. उसी क्रिया को कर्तृवाच्य रूप में उपयोग करें और बताएँ कि किसने यह कार्य किया । यदि आप ऐसा करते हैं, तो उस व्यक्ति पर केंद्रित रहें जिस पर यह कार्य किया गया
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> **उसको रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी ***दी जाती***थी।** (यिर्मयाह 37:21 ULB)
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> **उसको रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी***दी जाती***थी।** (यिर्मयाह 37:21 ULB)
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>>***राजा के सेवक***यिर्मयाह को रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी देते थे थी।
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(2) उसी क्रिया को कर्तृवाच्य रूप में उपयोग करें परंतु नही बताएँ कि किसने यह कार्य किया। इसकी बजाय, ‘‘वे’’ या ‘‘लोग’’ या ‘‘कोर्इ’’ जैसे प्रकटीकरणों के शब्दों का उपयोग करें।
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> **उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में ***लटकाया जाता***और वह समुद्र में ***डाल दिया जाता***** (लूका 17:2 ULB)
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> **उसके लिये यह भला होता, कि चक्की का पाट उसके गले में***लटकाया जाता***और वह समुद्र में***डाल दिया जाता***** (लूका 17:2 ULB)
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>>यह भला होता, कि ***वे***उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में ***डाल देते***
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>>यह भला होता, कि ***कोर्इ***उसके गले में चक्की का पाट लटकाकर, उसे समुद्र में ***डाल देता</u>
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(3) सक्रिय वाक्य में अलग क्रिया का उपयोग करें
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> **उसको रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी ***दी जाती***थी।** (यिर्मयाह 37:21 ULB)
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> **उसको रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी***दी जाती***थी।** (यिर्मयाह 37:21 ULB)
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>> उसे रोटीवालों की दूकान में से प्रतिदिन एक रोटी ***मिलती***थी
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### परोक्ष टिपण्णी
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परोक्ष टिपण्णी एक रूपक है जिसमें किसी मनुष्य या किसी समूह से वार्तालाप करनेवाला बीच में ही रुक कर स्वयं से या किसी और से श्रोता के विषय कुछ बोलता है| वक्ता उस व्यक्ति विशेष या समूह के बारे में अपनी भावनाओं को या विचारों को प्रबल रूप में व्यक्त करता है|
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#### इसको अनुवाद की समस्या होने का कारण
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अनेक भाषाओं में इस परोक्ष टिपण्णी का उपयोग नहीं किया जाता है और पाठक इसके कारण उलझन में पढ़ सकते हैं| वे आश्चर्य करते हैं कि श्रोता ने अकस्मात् ही श्रोताओं के बारे में स्वयं से या किसी और से बात करना क्यों आरंभ कर दिया है?
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### बाईबल से उदाहरण
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> तेरी वाचा के लोग तुझे सीमा पर ढकेल रहे हैं|
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>तेरे साथ शांति बनाए रखने वाले लोग तुझे धोखा दे रहे हैं और तुझ पर प्रबल हो रहे है|
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>जो तेरी रोटी खाते हैं तेरे लिए फंदा लगाते हैं
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>**उसमें कुछ समझ नहीं है|** (ओबद्ध्याह 1:7 ULT)
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पहली तीन पंक्तिओं में, यहोवा एदोम के के लोगों से कह रहा है कि उन्होंने यहूदा का साथ नहीं दिया है इसलिए उनके साथ क्या होगा| चौथी पंक्ति में यहोवा एदोम के बारे में स्वयं से बात कर रहा है|
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>मैं ने उनको सब अन्यजातियों से शुद्ध किया| और..बारी और काम ठहरा दिया: याजक और लेवीयोँ के लिए, एक-एक को उसका काम और लकड़ी ले आने के निश्चित समय ठहरा दिए; और पहली उपज देने का समय भी निश्चित कर दिया है| **हे मेरे परमेश्वर! मेरे हित के लिए मुझे स्मरण रख|**
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नहेम्याह अपने विवरण के पाठकों से बातें कर रहा है और निर्वासन से लौट कर आने वालों के लिए यहूदा में सच्ची आराधना के पुनः स्थापन में किए गए उसके कामों में से कुछ का उल्लेख कर रहा है| अकस्मात् ही वह हट कर परमेश्वर से परोक्ष बात करता है,वह परमेश्वर से निवेदन करता है कि उसने उन लोगों के लिए जो किया है उसके निमित परमेश्वर उसको, नहेम्याह को आशीष दे|
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### अनुवाद का कौशल
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यदि परोक्ष टिपण्णी आपकी भाषा में स्वाभाविक है और उचित अर्थ व्यक्त करती है तो इसका उपयोग अवश्य करें| यदि इस प्रकार की परोक्ष बातें उनके लिए उलझन उत्पन्न करें तो वक्ता अपने श्रोताओं से ही बात करता रहे परन्तु स्पष्ट करें कि वह अब उनके प्रति अपने विचार और भावनाएं व्यक्त कर रहा है|
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(2) यदि कोई मनुष्य परोक्षरूप में परमेश्वर से प्रार्थना करता है तो आप उस प्रार्थना को उद्धरण चिन्हों में रख सकते हैं जिससे उसका परोक्ष होना प्रकट हो|
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### अनुवाद कौशल की व्यावहारिकता के उदाहरण
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(1)
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> तेरी वाचा के लोग तुझे सीमा पर ढकेल रहे हैं|
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तेरे साथ शांति बनाए रखने वाले लोग तुझे धोखा देकर तुझ पर प्रबल हुए हैं|
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तेरी रोटी खाने वाले तेरे लिए फंदा लगाते हैं|
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**उनमें कुछ समझ नहीं है|**(ओबद्ध्याह 1:7)
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तेरी वाचा के लोग तुझे सीमा पर ढकेल रहे हैं|
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तेरे साथ शान्ति बनाए रखने वाले धोखा देकर तुझ पर प्रबल हुए हैं|.
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तेरी रोटी खाने वाले तेरे लिए फंदा लगाते हैं|They of your bread will set a trap under you.
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**उनमें कुछ समझ नहीं है|**
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(2)
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>मैं ने उनको सब अन्यजातियों से शुद्ध किया है| मैं ने याजकों और लेविओं के लिए एक-एक करके बारी-बारी से काम ठहरा दिया है; 31 और लकड़ी ले आने के लिए समय निश्चित कर दिया है| और पहली फसल ले आने का भी प्रबंध कर दिया है| **हे परमेश्वर! मेरे हित के लिए मुझे स्मरण कर|** (नहेम्याह 13:30-31 ULT)
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>मैं ने उनको सब अन्यजातियों से शुद्ध किया है|मैं ने याजकों और लेविओं के लिए एक-एक करके बारी-बारी से काम ठहरा दिया है; 31 और लकड़ी ले आने के लिए समय निश्चित कर दिया है| और पहली फसल ले आने का भी प्रबंध कर दिया है| **हे परमेश्वर! मेरे हित के लिए मुझे स्मरण कर|** (नहेम्याह 13:30-31 ULT)
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परोक्ष टिप्पणी, यह अलंकर वास्तव में क्या है?
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परोक्ष टिपण्णी
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(2) यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो वाक्य के एक प्रकार को जोड़कर उस कार्य को बताया जाए।
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> **हे प्रभु यदि तू चाहे, ***तो मुझे शुद्ध कर सकता है***।*** (मत्ती 8:2 ULT)
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> **हे प्रभु यदि तू चाहे,***तो मुझे शुद्ध कर सकता है***।*** (मत्ती 8:2 ULT)
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"तू मुझे शुद्ध कर सकता है" का उद्देश्य एक विनती करना है। कथन के अतिरिक्त, एक विनती को जोड़ा जा सकता है।
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(3) यदि आपकी भाषा में किसी कथन का सही उपयोग स्पष्ट नही हो रहा है, तो क्रिया के एक प्रकार का उपयोग करें जिस में उस कार्य को बताया जा सके।
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> **वह पुत्र जनेगी, और ***तू उसका नाम यीशु रखना***, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा।** (मत्ती 1:21 ULT)
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> **वह पुत्र जनेगी, और***तू उसका नाम यीशु रखना***, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा।** (मत्ती 1:21 ULT)
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वह पुत्र जनेगी, और ***तू उसका नाम यीशु रखना***, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा।** (मत्ती 1:21 ULT)
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> **वह पुत्र जनेगी, और ***तुझे उसका नाम यीशु ही रखना चाहिए***, क्योंकि वह अपने लोगों का उनके पापों से उद्वार करेगा।
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1. वाक्य के एक भाग में जानकारी दें और उसके उद्देश्य को बताने वाले शब्दों को जोड़ें।
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>**जो ***व्यर्थ*** मूर्तियों** पर मन लगाते हैं, उनसे मैं घृणा करता हूँ (भजन संहिता 31:6 ULT) - ‘‘व्यर्थ मूर्तियों’’ का उपयोग कर, दाऊद सारी मूर्तियों पर अपनी टिप्पणी दे रहा और उनसे घृणा करने का कारण बता रहा था। यहाँ व्यर्थ मूर्तियों या मूल्यवान मूर्तियों का अंतर नही बताया जा रहा है
|
||||
>**जो***व्यर्थ*** मूर्तियों** पर मन लगाते हैं, उनसे मैं घृणा करता हूँ (भजन संहिता 31:6 ULT) - ‘‘व्यर्थ मूर्तियों’’ का उपयोग कर, दाऊद सारी मूर्तियों पर अपनी टिप्पणी दे रहा और उनसे घृणा करने का कारण बता रहा था। यहाँ व्यर्थ मूर्तियों या मूल्यवान मूर्तियों का अंतर नही बताया जा रहा है
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>> ***चूँकि*** मूर्तियाँ व्यर्थ हैं, मैं उनकी सेवा करने वालों से घृणा करता हूँ।
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>**...क्योंकि तेरे न्याय ***धर्ममय*** हैं।** (भजन संहिता 119:39 ULT)
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>**...क्योंकि तेरे न्याय***धर्ममय*** हैं।** (भजन संहिता 119:39 ULT)
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>> ... तेरे न्याय अच्छे हैं ***क्योंकि*** वे धर्ममय हैं।
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>**क्या सारा, ***जो नब्बे वर्ष की है***, पुत्र जनेगी?** (उत्पत्ति 17:17-18 ULT) - वाक्याँश ‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ सारा की आयु का याद दिलाता है। यह बताता है कि अब्राहम क्यों प्रश्न को पूछ रहा था। उसने आशा ही नही की थी कि इस आयु में भी औरत बच्चा जन सकती है।
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>**क्या सारा,***जो नब्बे वर्ष की है***, पुत्र जनेगी?** (उत्पत्ति 17:17-18 ULT) - वाक्याँश ‘‘जो नब्बे वर्ष की है’’ सारा की आयु का याद दिलाता है। यह बताता है कि अब्राहम क्यों प्रश्न को पूछ रहा था। उसने आशा ही नही की थी कि इस आयु में भी औरत बच्चा जन सकती है।
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>>क्या सारा बच्चा जन सकती है, ***यद्यपि*** वह नब्बे वर्ष की है?
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> **मैं यहोवा को पुकारूँगा, ***जो स्तुति के योग्य है***** (2 शमूएल 22:4 ULT) - केवल एक ही यहोवा है । वाक्याँश ‘‘स्तुति के योग्य’’ यहोवा को पुकारने का कारण बताता है।
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> **मैं यहोवा को पुकारूँगा,***जो स्तुति के योग्य है***** (2 शमूएल 22:4 ULT) - केवल एक ही यहोवा है । वाक्याँश ‘‘स्तुति के योग्य’’ यहोवा को पुकारने का कारण बताता है।
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>>मैं यहोवा को पुकारूँगा ***क्योंकि***वह स्तुति के योग्य है।
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2. अपनी भाषा में उसे बताने के सबसे अच्छे तरीके का उपयोग कर बताएँ कि ये केवल अतिरिक्त सूचना है।
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>**तू मेरा पुत्र है, ***जिससे मैं प्रेम करता हूँ***. तुझसे मैं प्रसन्न हूँ।** (लूका 3:22 ULT)
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>**तू मेरा पुत्र है,***जिससे मैं प्रेम करता हूँ***. तुझसे मैं प्रसन्न हूँ।** (लूका 3:22 ULT)
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>>तू मेरा पुत्र है। ***मैं तुझसे प्रेम करता हूँ*** और तुझसे मैं प्रसन्न हूँ।
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>>*** मेरा प्रेम पाने वाला***, तू मेरा पुत्र है। तुझसे मैं प्रसन्न हूँ।
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@ -43,16 +43,16 @@
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1. यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य केवल सकारात्मकता को प्रकट करना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें जिससे यह सकारात्मक बन जाएगा
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> **क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक ***नहीं***, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी ***न*** हो सके** (इब्रानियों 4:15 ULB)
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> **क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक***नहीं***, जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी***न*** हो सके** (इब्रानियों 4:15 ULB)
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>> ’’क्योंकि हमारा ऐसा महायाजक है जो हमारी निर्बलताओं में हमारे साथ दुखी होता है’’
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> **.... ताकि वे ***नि*** ष्फल ***न*** रहें** (तीतुस 3:14 ULB)
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> **.... ताकि वे***नि*** ष्फल***न*** रहें** (तीतुस 3:14 ULB)
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>> ‘‘.... ताकि वे फलदायक बनें’’
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||||
(2) यदि बाइबल में उपयोग की गर्इ दो नकारात्मकताओं का उद्देश्य एक शक्तिशाली सकारात्मक वाक्य बनाना है और आपकी भाषा में ऐसा नही होता है, तो दोनो नकारात्मकताओं को हटा दें और ‘‘बहुत’’ या ‘‘निश्चय तौर पर’’ जैसे शब्दों को जोड़ दें।
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>** निश्चय जानो - बुरा मनुष्य ***नि***र्दोष ***न*** ठहरेगा...** (नीतिवचन 11:21 ULB)
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||||
>**निश्चय जानो - बुरा मनुष्य***नि***र्दोष***न*** ठहरेगा...** (नीतिवचन 11:21 ULB)
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||||
>>“मैं निश्चय तौर पर कहता हूँ - बुरा मनुष्य ***अवश्य*** दण्ड पाएगा
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||||
> **सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से ***कोर्इ*** भी वस्तु उसके ***बिना*** उत्पन्न न हुर्इ** (युहन्ना 1:3 ULB)
|
||||
> **सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ और जो कुछ उत्पन्न हुआ है, उस में से***कोर्इ*** भी वस्तु उसके***बिना*** उत्पन्न न हुर्इ** (युहन्ना 1:3 ULB)
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||||
>> ‘‘सब कुछ उसी के द्वारा उत्पन्न हुआ’’ जो कुछ बना है, वह सब उसके द्वारा बनाया गया है
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### बाइबल से उदाहरण
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>दाऊद राजा ***बूढ़ा*** और *** उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी *** (1 राजा 1:1 ULB)
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>दाऊद राजा ***बूढ़ा*** और *** उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी*** (1 राजा 1:1 ULB)
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रेखांकित शब्दों का अर्थ समान है। दोनों शब्दों का अर्थ है ‘‘बहुत बूढ़ा’’
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1. दोनों में से एक शब्द का अनुवाद करें
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> **तुमने .... ***झूठी*** और ***गपशप*** की बातें .... गोष्ठी की है** (दानिय्येल 2:9 ULB)
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> **तुमने ....***झूठी*** और***गपशप*** की बातें .... गोष्ठी की है** (दानिय्येल 2:9 ULB)
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||||
>> ‘‘तुमने ***झूठी*** बातें .... गोष्ठी की है’’
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||||
(2)यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो दोनों में से एक का अनुवाद करें और उस शब्द के साथ ‘‘बहुत’’, -’’अधिक’’, ‘‘कर्इ’’ जैसे शब्दों को जोड़कर बल दें
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> ** दाऊद राजा ***बूढ़ा*** और *** उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी *** ** (1 राजा 1:1 ULB)
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||||
> **दाऊद राजा***बूढ़ा*** और*** उसकी आयु बहुत बढ़ गई थी ***** (1 राजा 1:1 ULB)
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||||
>> ‘‘दाऊद राजा ***बहुत बूढ़ा*** हुआ’’
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||||
(3) यदि दोहरात्मक का उपयोग अर्थ पर बल देने के लिए किया गया है, तो अपनी भाषा में से किसी तरीके का उपयोग करें
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> **....पर ***निर्दोष*** और ***निष्कलंक*** मेम्ने...** (1 पतरस 1:19 ULB) - अंग्रेजी में ‘‘any’’ एवं ‘‘at all’’ जैसे शब्दों से इस पर बल दिया जा सकता है
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||||
> **....पर***निर्दोष*** और***निष्कलंक*** मेम्ने...** (1 पतरस 1:19 ULB) - अंग्रेजी में ‘‘any’’ एवं ‘‘at all’’ जैसे शब्दों से इस पर बल दिया जा सकता है
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||||
>> ‘‘...पर ***बिल्कुल निर्दोष*** मेम्ने...
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@ -31,7 +31,7 @@
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1. अपूर्ण वाक्यों या कथनों में गायब शब्दों को भरें
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> **इस कारण दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, न <u>पापी धर्मियों की मण्डली में</u>** (भजन संहिता 1:5)
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||||
>> .... दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, न <u>पापी धर्मियों की मण्डली में</u>** खड़े रह सकेंगे
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||||
>> .... दुष्ट लोग अदालत में स्थिर न रह सकेंगे, न <u>पापी धर्मियों की मण्डली में</u> खड़े रह सकेंगे
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> ..... जब वह निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं?’’ उसने कहा; हे प्रभु <u>यह कि मैं देखने लगूँ </u> (लूका 18:40-41 ULB)
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||||
>> ....जब अंधा निकट आया, तो यीशु ने उससे पूछा, ‘‘तू क्या चाहता है, कि मैं तेरे लिये करूं?’’ उसने कहा; हे प्रभु <u>मैं चाहता हूँ तू मुझे चंगा कर</u> कि मैं देखने लगूँ’’
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@ -45,7 +45,7 @@
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(3) यदि आपकी भाषा घटनाओं को उनके समयानुक्रम में बताने को महत्व देती है तो घटनाओं को उसी क्रम में लिखें। इसमें दो या तीन पदों को एक साथ लिखने की जरूरत पड़ सकती है (जैसे 5-6)
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> 8और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले … 10 और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी कि तब तक जयजयकार न करें, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोई शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’\*\* (यहोशू 6:8-10 ULB)
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||||
> 8और जब यहोशू ये बातें लोगों से कह चुका, तो वे सात याजक जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे नरसिंगे फूंकते हुए चले … 10 और यहोशू ने लोगों को आज्ञा दी कि तब तक जयजयकार न करें, कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोई शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’ (यहोशू 6:8-10 ULB)
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>
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> > 8,10यहोशु ने लोगों को आज्ञा दी, ‘‘जयजयकार न करो। कि जब तक मैं तुम्हें जयजयकार करने की आज्ञा न दूं, तुम्हारा कोई शब्द सुनने में न आए आज्ञा पाते ही जयजयकार करना’’ तब, जैसे यहोशु ने लोगों को आज्ञा दी थी, वे सात याजक, जो यहोवा के साम्हने सात नरसिंगे लिये हुए थे, नरसिंगे फूंकते हुए चले….
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>
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@ -40,7 +40,7 @@
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(1) आपकी भाषा में विस्मयादिबोधक चिन्ह को यदि क्रिया की जरूरत हैं तो जोड़ें। अक्सर एक अच्छी क्रिया ‘‘है’’ सा ‘‘हैं’’ होती है।
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>अरे मूर्ख!** (मत्ती 5:22 ULB)
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>अरे मूर्ख! (मत्ती 5:22 ULB)
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>
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>>तू इतना निकम्मा व्यक्ति हैं!"
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>
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@ -54,25 +54,22 @@
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>
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>>वे बहुत ही आश्चर्य में होकर कहने लगे, **वाह!** उस ने जो कुछ किया सब अच्छा किया है वह बहिरों को सुनने, की, और गूंगों को बोलने की शक्ति देता है’’
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>
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||||
>हाय, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है** (न्यायियों 6:22 ULB)
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>हाय, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है (न्यायियों 6:22 ULB)
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* ‘‘**अरे नही**, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’
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1. विस्मयादिबोधक चिन्हों का अनुवाद वाक्य के साथ करें जो भावनाओं को दिखाते हैं
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* **<u>हाय</u> , प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’** (न्यायियों 6:22 ULB)
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* प्रभु यहोवा, <u>मेरे साथ क्या होगा</u>? क्योंकि मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!
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* <u>मदद कर</u>, प्रभु यहोवा! मैंने यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!
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1. वाक्य के भाग पर बल देने वाले शब्द का उपयोग करें जो सशक्त भावनाओं को दिखाते हैं
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* **उसके विचार कैसे अथाह, और उसके मार्ग कैसे अगम हैं** (रोमियों 11:33 ULB)
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* उसके विचार <u>बहुत</u> अथाह, और उसके मार्ग बड़े अगम हैं
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1. यदि लक्षित भाषा में शक्तिशाली भावना स्पष्ट नही हैं, तो बताएँ कि व्यक्ति को कैसा लगा
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* **गिदोन ने जान लिया कि वह यहोवा का दूत था । तब गिदोन कहने लगा, <u>हाय</u>, प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!** (न्यायियों 6:22 ULB)
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* गिदोन को पता चला कि वह यहोवा का दूत था। <u>वह भयभीत हो गया</u> और कहने लगा, <u>हाय!</u> प्रभु यहोवा! मैं ने तो यहोवा के दूत को साक्षात देखा है!’’ (न्यायियों 6:22 ULB)
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यदि आपके पाठक उसी रूपक को समझ सकते हैं जिन्हे प्रथम श्रोता समझ सकते थे तो उन्ही का उपयोग करें। यदि नही, तो निम्न रणनीतियों को अपना सकते हैं:
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1. यदि लक्षित श्रोता सोचता है कि तश्वीरों को सीधे (आक्षरिक) तौर पर समझा जाना चाहिए, तो एक उपमा की तरह ‘‘जैसे’’, ‘‘की तरह’’ जैसे शब्दों के उपयोग से इसका अनुवाद किया जाए। इसे केवल प्रथम एक या दो वाक्यों में कहना काफी होगा
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1. यदि लक्षित भाषा इन तश्वीरों को नही जानती है तो उनके अनुवाद का एक तरीका खोजें जिससे वे तश्वीर को समझ सकें।
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1. यदि लक्षित श्रोता फिर भी नही समझ पा रहे तो उसे स्पष्ट तौर पर, वर्णन के साथ बताएँ।
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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### विवरण
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जब कोर्इ लिखता या बोलता है, वह लोगों को कुछ विशेष देना चाहता है कि वे जानें, करें या सोचें। अक्सर वह उस बात को सीधे कहता है। यह है **सूस्पष्ट जानकारी **।
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जब कोर्इ लिखता या बोलता है, वह लोगों को कुछ विशेष देना चाहता है कि वे जानें, करें या सोचें। अक्सर वह उस बात को सीधे कहता है। यह है **सूस्पष्ट जानकारी**।
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वक्ता अनुमान लगाता है कि श्रोताओं को पहले से ही कुछ पता है और अब इस सूचना को समझने के लिए उनके बारे में सोचना जरूरी है। अक्सर वह लोगों को ये बातें नही बताता है क्योंकि उन्हे पहले से ही पता होता है। यह है **अनुमानित ज्ञान**।
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@ -46,15 +46,15 @@
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1. यदि पाठक अनुमानित ज्ञान नही होने के कारण संदेश को नही समझ पा रहे हैं, तो उस ज्ञान को सुस्पष्ट ज्ञान के रूप में लिखें
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>**यीशु ने उससे कहा, ‘‘लोमड़ियों के ***भट*** और आकाश के पक्षियों के ***बसेरे*** होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।’’** (मत्ती 8:20 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि लोमड़ी भटों में और पक्षी बसेरों में सोते हैं
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>**यीशु ने उससे कहा, ‘‘लोमड़ियों के***भट*** और आकाश के पक्षियों के***बसेरे*** होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।’’** (मत्ती 8:20 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि लोमड़ी भटों में और पक्षी बसेरों में सोते हैं
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>> यीशु ने उससे कहा, ‘‘लोमड़ी ***भट में रहती*** और आकाश के पक्षी ***बसेरे में रहते*** हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।’’
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> ** मैं तुम से कहता हूँ; कि ***न्याय के दिन*** तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी। ** (मत्ती 11:21-22 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि सोर और सीदोन के लोग बहुत, बहुत दुष्ट थे। इसे सुस्पष्ट बताया जा सकता है
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> **मैं तुम से कहता हूँ; कि***न्याय के दिन*** तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी।** (मत्ती 11:21-22 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि सोर और सीदोन के लोग बहुत, बहुत दुष्ट थे। इसे सुस्पष्ट बताया जा सकता है
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>> .... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से *** सोर और सीदोन जिसके लोग बहुत दुष्ट थे*** की दशा अधिक सहने योग्य होगी
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>> या:
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>> ... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से ***दूष्ट शहर सोर और सीदोन *** की दशा अधिक सहने योग्य होगी
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>> ... न्याय के दिन तुम्हारी दशा से ***दूष्ट शहर सोर और सीदोन*** की दशा अधिक सहने योग्य होगी
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> **तेरे चेले पुरनियों की रीतों को क्यों टालते हैं? वे ***बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं***** (मत्ती 15:2 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथ धोया करते थे कि वे धर्मी बन सकें। यह रोगों से बचने के लिए किटाणुओं को मारने का तरीका नही था जसा एक आधुनिक पाठक समझता होगा ।
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> **तेरे चेले पुरनियों की रीतों को क्यों टालते हैं? वे***बिना हाथ धोए रोटी खाते हैं***** (मत्ती 15:2 ULB) - अनुमानित ज्ञान यह था कि प्राचीनों की परंपराओं में से एक यह थी जिसमें लोग भोजन करने से पहले परंपरागत तरीके से अपने हाथ धोया करते थे कि वे धर्मी बन सकें। यह रोगों से बचने के लिए किटाणुओं को मारने का तरीका नही था जसा एक आधुनिक पाठक समझता होगा ।
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>> तुम्हारे चेले प्राचीनों की प्रथा को क्यों तोड़ते हैं? क्योंकि ***वे धर्मी बनने के लिए, हाथ धाने की पवित्र प्रथा का पालन नही करते हैं*** जब वे रोटी खाते हैं
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> **तब एक शास्त्री ने पास आकर उससे कहा, ‘‘हे गुरू, जहाँ कहीं तू जाएगा, मैं तेरे पीछे पीछे हो लूंगा।’’ यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु मनुष्य के पुत्र के लिये सिर धरने की भी जगह नहीं है।** (मत्ती 8:20 ULB) - अंतनिर्हित सूचना यह है कि यीशु स्वयं मनुष्य का पुत्र है । एक और अंतर्निहित सूचना यह है कि यदि शास्त्री यीशु के पीछे चलना चाहता है, तो उसे यीशु के समान बिना घर के जीना पड़ता।
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>> यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु ***मनुष्य के पुत्र*** के लिये ***सिर धरने की भी जगह नहीं है। यदि तुम मेरे पीछे चलोगे, तो तुम भी वहाँ जी पाओगे जहाँ मैं जीता हूँ ***
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>> यीशु ने उससे कहा, लोमड़ियों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं; परन्तु ***मनुष्य के पुत्र*** के लिये ***सिर धरने की भी जगह नहीं है। यदि तुम मेरे पीछे चलोगे, तो तुम भी वहाँ जी पाओगे जहाँ मैं जीता हूँ***
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> ** न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी। ** इसे सुस्पष्ट बनाया जा सकता है. (मत्ती 11:22 ULT) - निहित जानकारी यह है कि परमेश्वर न केवल लोगों का न्याय करेगा; वह उन्हें सज़ा देगा। इसे स्पष्ट किया जा सकता है।
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> **न्याय के दिन तुम्हारी दशा से सोर और सीदोन की दशा अधिक सहने योग्य होगी।** इसे सुस्पष्ट बनाया जा सकता है. (मत्ती 11:22 ULT) - निहित जानकारी यह है कि परमेश्वर न केवल लोगों का न्याय करेगा; वह उन्हें सज़ा देगा। इसे स्पष्ट किया जा सकता है।
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>...> न्याय के दिन परमेश्वर आपको मिलने वाले दण्ड से कम *** सोर और सीदोन को दण्ड*** देगा जहाँ के लोग दुष्ट हैं
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>> या:
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>> न्याय के दिन परमेश्वर आपको *** सोर और सीदोन से अधिक दण्ड*** देगा जहाँ के लोग दुष्ट हैं।
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### वर्णन
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कुछ भाषाओं में कह जानी बातें उन्हे स्वाभाविक लगती हैं परंतु उनके अनुवाद के बाद वे अपरिचित सी लग सकती हैं। इसका एक कारण यह है कि कुछ भाषाओं में बातों को सुस्पष्ट तरीके से बताया जाता है जिन्हे दूसरी भाषाएँ अंतर्निहित तरीके से बताती हैं।
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कुछ भाषाओं में किसी बात को कहने की अपनी ही व्यावहारिक विधि होती है जो उनके लिए सामान्य है परन्तु किसी और भाषा में उसका अनुवाद किया जाए तो वह विचित्र सी लगती है| इसका एक कारण है कि कुछ भाषाओं में सविस्तार वर्णन किया जाता है जबकि अन्य भाषाओं में उसको माना हुआ समझ कर छोड़ दिया जाता है|
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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#### अनुवाद की समस्या होने के कारण
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यदि आप स्रोत भाषा की सभी सुस्पष्ट सुचनाओं का अनुवाद लक्षित भाषा में भी सुस्पष्ट तरीके से ही करते हैं, तो ये अपरिचित, अस्वाभाविक, मूर्खतापूर्ण लग सकती हैं यदि उन्हे अंतर्निहित नही किया जाए। इसकी बजाय, उस सूचना को लक्षित भाषा में अंतर्निहित रखना ही बेहतर है।
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यदि आप स्रोत भाषा की सभी सुस्पष्ट जानकारियों को लक्षित भाषा में विस्तृत जानकारियों में अनुवाद कर दें तो वह अपरिचित, अस्वाभाविक और संभवतः निर्बुद्ध सुनाई देगी, यदि लक्षित भाषा उसका सविस्तार वर्णन न करे| इसकी अपेक्षा ऎसी जानकारियों को लक्षित भाषा में अभिप्रेत अर्थ में ही छोड़ देना उत्तम है|
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### बाइबल से उदाहरण
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><u>और</u>अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि <u>उसमें आग लगाए</u> (न्यायियों 9:52 ESV)
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>**और** अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि **उसमें आग लगाए** (न्यायियों 9:52 ESV)
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बाइबलीय इब्री भाषा में, वाक्यों के आपसी संबंध को दिखाने के लिए, ‘‘और’’ जैसे संयोजकों के साथ वाक्यों को शुरू करना एक आम बात थी । अंग्रेजी में, ऐसा करना व्याकरणीय तौर पर गलत है, अंग्रेजी पाठकों के लिए यह उबाऊ होता है, और यह भाव उत्पé होता है कि लेखक पढ़ा लिखा नही है। अंग्रेजी में, अधिकतर मामालों में वाक्यों के बीच में संयोजक के उपयोग को अंतर्निहित रखना ही अच्छा है, उसे अलग से अनुवाद करने की आवश्यकता नही है।
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बाइबल की इब्रानी भाषा में, वाक्यों के परस्पर सम्बन्ध को दिखाने के लिए,अधिकाँश वाक्यों को **और** जैसे संयोजकों से आरम्भ करना एक सामान्य अभ्यास है| अंग्रेजी भाषा में ऐसा करना प्रायोगिक नहीं है| अंग्रेज़ी के पाठक के लिए यह क्लान्तकारी होता है और लेखक के लिए गंवारू होने की छवि दर्शाता है| अंग्रेज़ी में, अधिकाँश वाक्यों के मध्य सम्बन्ध के विचार को अभिप्रेत रखना ही उत्तम है, संयोजक शब्दों को अभिप्रेत ही रहने दिया जाए|
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बाइबल की इब्रानी भाषा में, यह कहना की कोई वस्तु आग से जलाई गई, सामान्य अभिव्यक्ति है| अंग्रेज़ी भाषा में, जलाने का विचार जलाने की क्रिया में अन्तर्निहित है| अतः दोनों विचारों को स्पष्ट व्यक्त करना अस्वाभाविक है| किसी वस्तु को जलाया मात्र कहना ही पर्याप्त है| आग का विचार निहितार्थ रहने दिया जाए|
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बाइबलीय इब्री भाषा में, यह कहना आम है कि कुछ आग से जल रहा था । अंग्रेजी में, आग का विचार आग जलने से संबंधित होता है और उसे आक्षरिक तौर पर लिखना सही नही है । यह कहना काफी है कि कुछ जल रहा था और शेष अर्थ अंतनिर्र्हित रहने दें।
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>सूबेदार ने **उत्तर दिया और कहा** "हे प्रभु मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए....’’ (मत्ती 8:8 ULB)
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>सूबेदार ने <u>उत्तर दिया और कहा</u> ‘‘कि हे प्रभु मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए....’’ (मत्ती 8:8 ULB)
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बाइबल की इब्रानी भाषा में उच्चारित दो क्रियाओं के साथ अपरोक्ष कथन को समाविष्ट करना सामान्य अभ्यास है| एक क्रिया शब्द काम का संकेत देता है तो दूसरा वक्ता के शब्दों का समावेश कराता है| अंग्रेज़ी में, वक्ता ऐसा नहीं करते हैं<इसलिए अंग्रेज़ी भाषा में दो क्रिया शब्दों को काम में लेना अस्वाभाविक और भ्रामक होता है| अंग्रेज़ी भाषा के वक्ता के लिए शब्दोच्चारण का विचार उत्तर देने के विचार में निहित होता है| अंग्रेज़ी में दो क्रियाओं का उपयोग एक बात की अपेक्षा दो भिन्न-भिन्न बातों का अभिप्रेत अर्थ रखता है| अतः अंग्रेज़ी भाषा में, शब्दोच्चारण के लिए एक ही क्रिया शब्द का उपयोग उत्तम है|
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बाइबलीय इब्री भाषा में, दो क्रिया शब्दों के साथ प्रत्यक्ष कथन को बताना स्वाभाविक है। एक क्रिया बताने के तरीके एवं दूसरी क्रिया वक्ता के शब्दों को बताती है। अंग्रेजी वक्ता ऐसा नही करते हैं, अत: उनके लिए दो क्रियाओं का उपयोग करना संदेहपूर्ण एवं अस्वाभाविक होता है। अंग्रेजी वक्ता के लिए, बोलने का तरीका उत्तर देने के तरीके में शामिल होता है। अंग्रेजी में दो क्रियाओं का उपयोग, एक की बजाय, दो विभिé कथनों को दिखाता है। अत: अंग्रेजी में, बोलने की एक क्रिया का उपयोग बेहतर है।
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### अनुवाद की युक्तियाँ
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### अनुवाद रणनीतियाँ
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(1) यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट जानकारी लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक लगती है तो इसका अनुवाद स्पष्ट जानकारी में ही किया जाए|
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(2) यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट व्यक्त जानकारी लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक प्नरतीत नहीं होती है, या अनावश्यक या भ्रामक प्रतीत होती है तो सुस्पष्ट जानकारी को अभिप्रेत ही रहने दें| ऐसा तब ही करें जब पाठक जानकारी को प्रसंग से समझ ले| आप पाठक से किसी गद्यांश विशेष से सम्बंधित प्रश् पूछ कर इसका परिक्षण कर सकते हैं|
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1. यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट सूचना लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक लगती है तो इसे स्पष्ट सूचना के तौर पर ही इसतेमाल करें
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1. यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट सूचना लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक नही लगती है, जरूरी नही है, या संदेह पैदा कर रही है तो स्पष्ट सूचना को अंतर्निहित रहने दें। इसे तभी करें जब पाठक इसकी पृष्ठभूमि से इस सूचना को आसानी से समझ पा रहा हो। आप इस भाग के बारे में किसी पाठक से प्रश्न पूछकर इसे जाँच सकते हैं
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### अनुवाद की युक्तियों के विनियोग के उदाहरण
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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(1) यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट व्यक्त जानकारी लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक सुनाई देती है तो इसे स्पष्टता में ही अनुवाद करें|
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1. यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट सूचना लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक लगती है तो इसे स्पष्ट सूचना के तौर पर ही इसतेमाल करें
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* इस युक्ति के प्रयोग में कथन में कोई भी परिवर्तन नहीं होगा, इसलिए यहाँ कोई उदाहरण नहीं दिया जा रहा है|
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* इस रणनीति के उपयोग से कथन में कोर्इ परिवर्तन नही आएगा, अत: कोर्इ उदाहरण नही दिया गया है
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(2) यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट जानकारी लक्षित भाषा में स्वाभाविक नही है, या अनावश्यक या भ्रामक प्रतीत होती है तो स्पष्ट जानकारी को अभिप्रेत जानकारी में परिवर्तित कर दें| ऐसा तब ही करें जब पाठक जानकारी को प्रसंग से समझ ले| इसका परिक्षण पाठक से गद्यांश सम्बंधित प्रश्न पूछ कर किया जा सकता है|
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1. यदि स्रोत भाषा की स्पष्ट सूचना लक्षित भाषा में भी स्वाभाविक नही लगती है, जरूरी नही है, या संदेह पैदा कर रही है तो स्पष्ट सूचना को अंतर्निहित रहने दें। इसे तभी करें जब पाठक इसकी पृष्ठभूमि से इस सूचना को आसानी से समझ पा रहा हो। आप इस भाग के बारे में किसी पाठक से प्रश्न पूछकर इसे जाँच सकते हैं
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> **तब** अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि **उसमें आग लगाए** (न्यायियों 9:52 ESV)
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>> **और** अबीमेलेक गुम्मट के निकट आया और उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि **उसे जला दे** (या) **की उसमें आग लगा दे**
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अंग्रेज़ी में, स्पष्ट है कि इस पद का कार्य पिछले पद के कार्य का अनुपालन करता हैऔर संयोजक शब्द "और" कीआवश्यक्ता आरम्भ में नहीं है इसलिए उसका निराकरण किया गया है| और यह भी कि "आग से" शब्दों को छोड़ दिया गया है क्योंकि यह जानकारी, "जलाए" शब्द में अभिप्रेत है| "उसे जला दे" के लिए वैकल्पिक अनुवाद होगा, "उसमें आग लगा दे|" अंग्रेज़ी भाषा में "जला दे" और "आग" दोनों का उपयोग स्वाभाविक नहीं है| अतः अंग्रेज़ी के अनुवादक को एक ही शब्द का चुनाव करना होगा| पाठक ईसिस अभिप्रेत जानकारी को समझ गए है इसका परिक्षण एक प्रश्न पूछ कर किया जा सकता है: "द्वार कैसे जलेगा?" यदि वे कहते हैं, "आग से" तो इसका अर्थ है कि वे अभिप्रेत जानकारी को समझ गए हैं| या आप यदि दूसरा विकल्प चुनते हैं तो पूछें, "जिस द्वार को आग से जलाया गया, उसका क्या हुआ?" यदि पाठक का उत्तर है,"जल गया" तो उन्होंने अभिप्रेत जानकारी को समझ लिया है|
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* **तब अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि उसमें आग लगाए** (न्यायियों 9:52 ESV)
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* तब अबीमेलेक गुम्मट के निकट जाकर उसके विरूद्ध लड़ने लगा, और गुम्मट के द्वार तक गया कि <u>उसमें आग लगाए </u> (न्यायियों 9:52 ESV) या <u>उसे आग के हवाले करे </u>
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> **सूबेदार ने उत्तर दिया और कहा, ‘‘हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए...’’** (मत्ती 8:8 ULB)
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>
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अंगे्रजी में, यह स्पष्ट है कि किसी आयत का कार्य उसके पीछे के आयत में हुए कार्य की निरंतरता होती है जो बिना संयोजक ‘‘और’’ के बतार्इ जाती है, इसीलिए इसे लिखा नही गया है। इतना ही नही, ‘‘आग’’ नही लिखा गया, क्योंकि उस शब्द को ‘‘जलाया गया’’ के शब्द के साथ अंतर्निहित बताया गया है। ‘‘जलाया गया’’ का एक वैकल्पिक अनुवाद है ‘‘आग के हवाले किया’’।
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>> सूबेदार ने **उत्तर दिया** , ‘‘हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए...’’
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अंग्रेजी में वक्ता दो क्रियाओं को एक साथ इसतेमान नही करता है इसीलिए वह किसी एक क्रिया का ही उपयोग कर रहा है। आप निम्न प्रश्न के द्वारा जान सकते हैं कि पाठक को अंतर्निहित सूचना का पता चला है या नही, ‘‘दरवाजा कैसे जलता है?’’ यदि वह कहता है कि आग से, तो वह उसका अंतनिर्हित अर्थ समझ चुका है
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अंग्रेजी में, सूबेदार ने पत्युत्तर में जो कहा, वह जानकारी "उत्तर दिया" में निहित है| अतः क्रिया शब्द, "कहा" में अभिप्रेत है| पाठक इस अभिप्रेत जानकारी को समझ गया है, इसको परखने के लिए उससे पूछ सकते हैं, "सूबेदार ने कैसे उत्तर दिया?" यदि वे कहता है, कह कर तो स्पष्ट है कि वे अभिप्रेत जानकारी को समझ गया है|
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या, यदि आप दूसरा विकल्प चुनते हैं, तो आप पूछ सकते हैं, ‘‘यदि दरवाजे को आग के हवाले करते हैं तो क्या होता है?’’ यदि पाठक उत्तर देता है, ‘‘यह जलता है’’, तो वह अंतर्निहित सुचना को समझ चुका है
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* **सूबेदार ने उत्तर दिया और कहा, ‘‘हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए...’’** (मत्ती 8:8 ULB)
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* सूबेदार ने <u>उत्तर दिया</u> ‘‘हे प्रभु, मैं इस योग्य नहीं, कि तू मेरी छत के तले आए...’’
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अंग्रेजी में, सुबेदार के द्वारा कहे गए ‘‘कहा’’ क्रिया शब्द में ‘उत्तर दिया’ भी शामिल होता है और इसलिए उस क्रिया को अंतर्निहित रखा जा सकता है। आप निम्न प्रश्न के द्वारा जान सकते हैं कि पाठक को अंतर्निहित सूचना का पता चला है या नही, ‘‘सुबेदार ने कैसे उत्तर दिया?’’
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यदि वह उत्तर देता है कि ‘‘कहने के द्वारा’’ तो वह अंतर्निहित सुचना को समझ चुका है।
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> और **वह अपना मुंह खोल कर** उन्हें उपदेश देने लगा (मत्ती 5:2 ULT)
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>>उसने यह कहते हुए उनको उपदेश देना **आरम्भ किया** (या) उसने यह कहते हुए उनको शिक्षा दी
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अंग्रेजी में तो यह अति विचित्र प्रतीत होगा कि ऐसी जानकारी दें कि शब्दोच्चारण करते समय यीशु ने मुंह खोला| यह जानकारी क्रिया शब्द "उपदेश देने" में और "कहने" में समाहित है| अतः इस उक्ति को छोड़ दिया जाए और इस जानकारी को अभिप्रेत रहने दिया जाए| तथापि. "अपना मुंह खोल कर" एक मुहावरा हैजो आख्यान के आरम्भ का समावेश करता है| अतः वह जानकारी समाहित की जाए या अभिप्रेत रहने दी जाए|
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@ -43,13 +43,13 @@
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1. एक संज्ञा का उपयोग करें जिसका उपयोग पुरुषों एवं स्त्रियों दोनों के लिए हो सके।
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>**बुद्धिमान ***पुरुष*** क्योंकर मूर्ख के समान मरता है।** (सभोपदेशक 2:17 ULT)
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>**बुद्धिमान***पुरुष*** क्योंकर मूर्ख के समान मरता है।** (सभोपदेशक 2:17 ULT)
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>>'"बुद्धिमान ***व्यक्ति*** ऐसे मरता है जैसे एक मूर्ख।"
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>>"बुद्धिमान ***लोग*** मूर्ख के समान मरते हैं।’’
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2. एक शब्द का उपयोग करें जो पुरुषों को संदर्भित करता है और एक शब्द जो स्त्रियों को संदर्भित करता है।
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>**हे ***भाइयों***, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा।** (2 कुरिन्थियों 1:8) - पौलुस अपना पत्र स्त्री और पुरुष दोनों को ही लिख रहा है।
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>**हे***भाइयों***, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा।** (2 कुरिन्थियों 1:8) - पौलुस अपना पत्र स्त्री और पुरुष दोनों को ही लिख रहा है।
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>>"हे ***भाइयों और बहनों***, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा।’’ (2 कुरिन्थियों 1:8)
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3. ऐसे सर्वनामों का उपयोग करें जिनका उपयोग स्त्रियों एवं पुरुषों दोनों के लिए हो सके।
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@ -1,64 +1,68 @@
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### वर्णन
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सामान्य संज्ञा विशेष व्यक्तियों अथवा वस्तुओं को नही, वरन् सामान्य लोगों अथवा वस्तुओं को दिखाती है, इसे अक्सर नीतिवचन में देखा जा सकता है क्योंकि नीतिवचन उन चीजों के बारे में बताती है जो लोगों में सामान्य होती हैं।
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सामान्य संज्ञा विशेष व्यक्तियों अथवा वस्तुओं को नही, वरन् सामान्य लोगों अथवा वस्तुओं को संदर्भित करती है, नीतिवचन की पुस्तक में ऐसा प्रयोग बार-बार देखा जाता है क्योंकि नीतिवचनों में ऎसी बातें कही गई हैं जो मनुष्यों के लिए सर्वनिष्ठ हैं|
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> क्या हो सकता है कि **कोई** अंगारे पर चले, और उसके पांव न झुलसें?
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> **जो पराई स्त्री के पास जाता है** , उसकी दशा ऐसी है|
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> वरन **जो कोई उसको छूएगा** वह दंड से न बचेगा। (नीतिवचन 6:28-29 ULB)
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>क्या हो सकता है कि <u>कोर्इ</u> अंगारे पर चले, और उसके पांव न झुलसें?
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>जो <u>परार्इ स्त्री के पास जाता है, उसकी दशा ऐसी है</u>
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>वरन <u>जो कोर्इ उसको छूएगा</u>, वह दंड से न बचेगा। (नीतिवचन 6:28-29 ULB)
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उपरोक्त कथनों में जो मोटे शब्दों में हैं वे किसी व्यक्ति विशेष के सन्दर्भ में नहीं हैं| वे हर किसी मनुष्य को संदर्भित करते हैं जो ऐसा करता है|
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उपरोक्त रेखांकित कथन किसी एक व्यक्ति विशेष को नही दिखाते हैं। वे ऐसे कामों को करने वाले व्यक्तियों की ओर इशारा कर रहे हैं।
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### अनुवाद की समस्या है होने का कारण
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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विभिé भाषाओं में यह दिखाने के विभिé तरीके होते हैं कि संज्ञाएँ किसी सामान्य बात को दिखाती हैं। अनुवादक सामान्य विचारों के उन तरीकों को पहचानें जो उनकी भाषा में आम हैं।
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विभिन्न भाषाओं में विभिन्न रूपों में दर्शाया जाता है कि संज्ञा के वाक्यांशों का सन्दर्भ सर्वनिष्ठ है| आप (अनुवादक) को इस सर्वनिष्ठ विचारों को अपनी भाषा के अनुवाद में व्यवहारिक रीति से प्रयोग करना होगा|
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### बाइबल से उदाहरण
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> <u>धर्मी कार्य करने वाला</u> विपत्ति से छूट जाता है, परन्तु <u>दुष्ट</u> उसी विपत्ति में पड़ जाता है (नीतिवचन 11:8 ULB)
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> **धर्मी** विपत्ति से छोट जाता है परन्तु **दुष्ट** उसी विपत्ति में पद जाता है" (नीतिवचन 11:8 ULT)
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उपरोक्त रेखांकित कथन किसी एक व्यक्ति विशेष को नही वरन् धर्मी अथवा दुष्ट कार्य करने वाले प्रत्येक को दिखाते हैं।
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उपरोक्त कथन में मोटे सब्द किसी व्यक्ति विशेष को नही वरन् धर्म का काम करने वाले हर एक जन या दुष्टता का काम करने वाले हर एक जन को संदर्भित करते हैं|
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> <u>जो अपना अनाज रख छोड़ता है</u>, उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULB)
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> **जो अपना अनाज रख छोड़ता है** उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULT)
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यह किसी एक व्यक्ति विशेष को नही वरन् अनाज बेचने से मना करने वाले प्रत्येक को दिखाता हैं।
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यह किसी व्यक्ति विशेष को नही वरन् अनाज बेचने से मना करने वाले प्रत्येक जन को संदर्भित करता हैं।
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> <u>भले मनुष्य</u> से तो यहोवा प्रसé होता है, परन्तु <u>बुरी युक्ति करनेवाले</u> को वह दोषी ठहराता है। (नीतिवचन 12:2 ULB)
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> **भले मनुष्य** से तो यहोवा प्रसन्न होता है, परन्तु **बुरी युक्ति करनेवाले** को वह दोषी ठहराता है। (नीतिवचन 12:2 ULT)
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‘‘भले मनुष्य’’ कथन किसी एक व्यक्ति विशेष को नही वरन् हर भले व्यक्ति को दिखाता हैं। ‘‘बुरी युक्ति करनेवाले’’ कथन किसी एक व्यक्ति विशेष को नही वरन् हर बुरी युक्ति करने वाले व्यक्ति को दिखाता हैं।
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‘‘भले मनुष्य’’ इस उक्ति द्वारा व्यक्ति विशेष को नही वरन् हर एक भले मनुष्य को संदर्भित किया गया हैं। ‘‘बुरी युक्ति करनेवाले’’ इस उक्ति द्वारा किसी व्यक्ति विशेष को नही वरन् बुरी युक्ति करने वाले हर एक मनुष्य को दर्शया गया हैं।
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### अनुवाद रणनीतियाँ
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### अनुवाद की युक्तियाँ
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यदि आपकी भाषा लोगों अथवा वस्तुओं को दिखाने के लिए ULB के समान ही शब्दों का उपयोग कर सकती है, तो उन्ही शब्दों का उपयोग करें। आप निम्न रणनीतियों का भी उपयोग कर सकते हैं।
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यदि आपकी भाषा में व्यक्ति विशेष या वस्तु विशेष की अपेक्षा मनुष्य या वस्तु का सर्वनिष्ठ सन्दर्भ देने के लिए यदि ULT के शब्दों का प्रयोग किया जा सकता है तो उन शब्दों का प्र्स्योग करें| यदि नहीं हो सकता है, तो यहाँ कुछ युक्तियाँ दी जा रही हैं जिसका उपयोग आप कर सकते हैं|
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1. संज्ञा कथन में ‘‘the’’ शब्द का उपयोग करें।
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1. संज्ञा कथन में ‘‘एक’’ शब्द का उपयोग करें।
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1. ‘‘किसी व्यक्ति’’ या ‘‘कोर्इ भी’’ के समान ‘‘किसी या कोर्इ’’ शब्द का उपयोग करें
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1. ‘‘लोग’’ के समान बहुवचन का उपयोग करें
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1. अपनी भाषा में स्वाभाविक तौर पर इस्तेमाल होने वाले तरीकों का उपयोग करें
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(1) संज्ञा कथन में ‘‘किसी’’ शब्द का उपयोग करें।
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(2) संज्ञा कथन में ‘‘एक’’ शब्द का उपयोग करें।
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(3) ‘‘किसी व्यक्ति’’ या ‘‘कोई भी’’ के समान ‘‘किसी वस्तु" या "कोई मनुष्य’’ जैसी उक्तियों का उपयोग करें
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(4) ‘‘लोग’’ के समान बहुवचन का उपयोग करें
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(5) अपनी भाषा में काम में आने वाली किसी भी स्वाभाविक विधि का प्रयोग करें|
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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### अनुवाद की युक्तियों के प्रयोग के उदाहरण
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1. संज्ञा कथन में ‘‘the’’ शब्द का उपयोग करें।
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(1) संज्ञा कथन में ‘‘किसी’’ शब्द का उपयोग करें।
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* **<u>भले मनुष्य</u> से तो यहोवा प्रसé होता है, परन्तु <u>बुरी युक्ति करनेवाले</u> को वह दोषी ठहराता है।’’** (नीतिवचन 12:2 ULB)
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* <u>the भले मनुष्य</u> से तो यहोवा प्रसé होता है, परन्तु <u>the बुरी युक्ति करनेवाले</u> को वह दोषी ठहराता है।’’ (नीतिवचन 12:2)
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> **भले मनुष्य** से तो यहोवा प्रसन्न होता है, परन्तु **बुरी युक्ति करनेवाले** को वह दोषी ठहराता है। (नीतिवचन 12:2 ULT)
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1. संज्ञा कथन में ‘‘एक’’ शब्द का उपयोग करें।
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>> " **किसी भले मनुष्य** से तो यहोवा प्रसन्न होता है, परन्तु **किसी बुरी युक्ति करनेवाले** को वह दोषी ठहराता है।’’ (नीतिवचन 12:2)
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* **<u>जो</u> अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं** (नीतिवचन 11:26 ULB)
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* <u>एक जो</u> अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते है।
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(2) संज्ञा कथन में ‘हर ‘एक’’ का उपयोग करें।
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1. ‘‘किसी व्यक्ति’’ या ‘‘कोर्इ भी’’ के समान ‘‘किसी या कोर्इ’’ शब्द का उपयोग करें।
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> **जो** अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULT)
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* **<u>जो</u> अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं** (नीतिवचन 11:26 ULB)
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* <u>जो कोर्इ</u> अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं।
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>> "वह **हर एक जन जो** अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते है।
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1. ‘‘लोग’’ के समान बहुवचन का उपयोग करें (जैसा इस कथन में है, ‘‘मनुष्य’’।
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(3) ‘‘किसी व्यक्ति’’ या ‘‘कोई भी’वस्तु" के समान ‘‘किसी" या "कोई’’ शब्द का उपयोग करें।
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* **<u>जो</u> अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं** (नीतिवचन 11:26 ULB)
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* <u>जो</u> अपना अनाज रख छोड़ते हैं, उनको लोग शाप देते हैं।
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>**जो** अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULB)
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1. अपनी भाषा में स्वाभाविक तौर पर इस्तेमाल होने वाले तरीकों का उपयोग करें।
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>> **जो कोई** अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं।
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* **<u>जो</u> अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं** (नीतिवचन 11:26 ULB)
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* <u>जो भी</u> अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं।
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(4) ‘‘लोग’’ के समान बहुवचन का उपयोग करें (जैसा इस कथन में है, ‘‘मनुष्य’’।
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> **जो** अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULT)
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>> "मनुष्य उन **लोगों** को शाप देते हैं जो अपना अनाज रख छोड़ते हैं|
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1. अपनी भाषा में काम में आने वाली किसी भी स्वाभाविक विधि को काम में लें
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> **जो** अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं (नीतिवचन 11:26 ULB)
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>> " **जो भी** अपना अनाज रख छोड़ता है, उसको लोग शाप देते हैं।"
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सामान्य संज्ञा
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सामान्य संज्ञा गर्भितं वाक्यांश
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1. वर्णन करने वाली संज्ञा के बदले में एक वाक्य लगाएँ जिसका समान अर्थ हो
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* **मैं तुम्हें ऐसा ***शब्द और बुद्धि *** दूंगा** (लूका 21:15 ULB)
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* **मैं तुम्हें ऐसा***शब्द और बुद्धि *** दूंगा** (लूका 21:15 ULB)
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>> मैं तुम्हें ***बुद्धिमान शब्द*** दूंगा
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> **कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें ***अपने राज्य और महिमा*** में बुलाता है** (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 ULB)
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||||
> **कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें***अपने राज्य और महिमा*** में बुलाता है** (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 ULB)
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||||
>> कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें ***अपने महिमा के राज्य*** में बुलाता है
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(2) वर्णन करने वाली संज्ञा को एक वाक्यांश के साथ प्रतिस्थापित करें जिसका अर्थ समान है।
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> **क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा ***शब्द और बुद्धि*** दूंगा** (लूका 21:15 ULB)
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> **क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा***शब्द और बुद्धि*** दूंगा** (लूका 21:15 ULB)
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||||
>> क्योंकि मैं तुम्हें ऐसा ***बुद्धिमान शब्द*** दूंगा
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> **कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें ***अपने राज्य और महिमा*** में बुलाता है** (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 ULB)
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||||
> **कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें***अपने राज्य और महिमा*** में बुलाता है** (1 थिस्सलुनीकियों 2:12 ULB)
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||||
>>कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें ***अपने राज्य और महिमा*** में बुलाता है**
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(3)वर्णन करने वाली विशेषण के बदले में एक क्रिया-विशेषण लगाएँ जिसका समान अर्थ हो
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> **... यदि तुम ***चाहते*** और ***आज्ञा*** मानते हो...** (यशायाह 1:19 ULB)
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> **... यदि तुम***चाहते*** और***आज्ञा*** मानते हो...** (यशायाह 1:19 ULB)
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>> यदि तुम ***आज्ञा मानना चाहते*** हो...
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(4) उसकी जगह पर अन्य शब्द भेद लगाएँ जिसका समान अर्थ हो और दिखाए कि एक शब्द दूसरे का वर्णन कर रहा है
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***यदि तुम ***चाहते और आज्ञा मानते*** हो...** (यशायाह 1:19 ULB)
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* **यदि तुम***चाहते और आज्ञा मानते*** हो...** (यशायाह 1:19 ULB)
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- विशेषण ‘‘आज्ञा’’ की जगह पर ‘‘आज्ञा मानना’’ आ सकता है
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@ -46,11 +46,11 @@
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>और पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए: तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और <u>समुद्र के तीर की बालू के किनकों के समान</u> बहुत से लोग इकट्ठे हुए (1 शमूएल 13:5 ULB)
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उक्त रेखांकित शब्द सा वाक्य एक अत्युक्ति है। इसका अर्थ है कि पलिस्तीनों के साथ <u>बहुत सारे सैनिक</u> थे। इसका मतलब है कि फिलिस्तीन की सेना में *** कई, कई *** सैनिक थे।
|
||||
उक्त रेखांकित शब्द सा वाक्य एक अत्युक्ति है। इसका अर्थ है कि पलिस्तीनों के साथ <u>बहुत सारे सैनिक</u> थे। इसका मतलब है कि फिलिस्तीन की सेना में *** कई, कई*** सैनिक थे।
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||||
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||||
>वरन जैसे वह अभिषेक... तुम्हें <u>सब बातें</u> सिखाता है, और यह सच्चा है, और झूठा नहीं: और जैसा उस ने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उसमें बने रहते हो। (1 यूहन्ना 2:27 ULB)
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यह एक हाइपरबोले है। यह इस आश्वासन को व्यक्त करता है कि परमेश्वर की आत्मा हमें *** के बारे में सिखाती है जो हमें *** जानना आवश्यक है। परमेश्वर की आत्मा हमें हर उस चीज़ के बारे में नहीं सिखाती जिसे जानना संभव है।
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||||
यह एक हाइपरबोले है। यह इस आश्वासन को व्यक्त करता है कि परमेश्वर की आत्मा हमें *** के बारे में सिखाती है जो हमें*** जानना आवश्यक है। परमेश्वर की आत्मा हमें हर उस चीज़ के बारे में नहीं सिखाती जिसे जानना संभव है।
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>‘‘जब वह मिला, तो उससे कहा कि <u>सब लोग</u> तुझे ढूंढ रहे हैं’’ (मरकुस 1:37 ULB)
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@ -58,15 +58,15 @@
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### सामान्यीकरण के उदाहरण
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> *** क्या नाज़रथ से कुछ अच्छा निकल सकता है? *** (यूहन्ना 1:46 ULB)
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||||
> *** क्या नाज़रथ से कुछ अच्छा निकल सकता है?*** (यूहन्ना 1:46 ULB)
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||||
यह अलंकारिक प्रश्न सामान्यीकरण को व्यक्त करने के लिए है कि नाज़रथ में कुछ भी अच्छा नहीं है। वहां के लोगों की प्रतिष्ठा अशिक्षित होने और कड़ाई से धार्मिक न होने के कारण थी। बेशक, अपवाद थे।
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> उनमें से एक, अपने स्वयं के पैगंबरों में से एक ने कहा है, "*** क्रेते के लोग हमेशा झूठे, दुष्ट जानवर, आलसी घंटी हैं।" (तीतुस 1:12 ULB)
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||||
> उनमें से एक, अपने स्वयं के पैगंबरों में से एक ने कहा है, "* क्रेते के लोग हमेशा झूठे, दुष्ट जानवर, आलसी घंटी हैं।" (तीतुस 1:12 ULB)
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||||
यह एक सामान्यीकरण है जिसका अर्थ है कि क्रेते के लोगों की प्रतिष्ठा इस तरह से थी क्योंकि सामान्य तौर पर, क्रेते के लोगों का व्यवहार कैसा होता है। यह संभव है कि यह अपवाद थे।
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> *** एक आलसी हाथ गरीबी का कारण बनता है, लेकिन मेहनती का हाथ उसे अमीर बनाता है ***। (नीतिवचन 10: 4 ULB)
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||||
> *** एक आलसी हाथ गरीबी का कारण बनता है, लेकिन मेहनती का हाथ उसे अमीर बनाता है***। (नीतिवचन 10: 4 ULB)
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यह आम तौर पर सच है और अधिकांश लोगों के अनुभव को दर्शाता है। यह संभव है कि कुछ परिस्थितियों में अपवाद हो।
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@ -104,7 +104,6 @@
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* **जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता वह निर्धन होता और अपमान पाता है...** (नीतिवचन 13:18 ULB)
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* <u>सामान्य तौर पर</u>, जो शिक्षा को सुनी-अनसुनी करता वह निर्धन होता और अपमान पाता है...
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* **प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नार्इ बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उनकी सुनी जाएगी** (मत्ती 6:7 ULB)
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||||
* प्रार्थना करते समय अन्यजातियों की नार्इ, <u>जैसा वो अक्सर करते हैं</u> बक बक न करो; क्योंकि वे समझते हैं कि उनके बहुत बोलने से उनकी सुनी जाएगी
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@ -1,2 +1 @@
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अतिशयोक्ति क्या है?
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सामान्यीकरण क्या हैं? मैं इनका अनुवाद कैसे कर सकता हूं?
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||||
अतिशयोक्ति क्या है? सामान्यीकरण क्या हैं? मैं इनका अनुवाद कैसे कर सकता हूं?
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@ -54,7 +54,7 @@
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(1) यदि लोग बाइबल के किसी एक कार्य के लिए आदेशात्मक वाक्यों का उपयोग नही करते हैं, तो उसके बदले में एक कथन का उपयोग करें।
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> **शुद्ध हो **. (मती 8:3ब ULT)
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> **शुद्ध हो**. (मती 8:3ब ULT)
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> > "अब तू शद्ध है।"
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> > "मैं तुझे शुद्ध करता हूँ।"
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इस रूप में अनुवादित:-*
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> “**यदि तू लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उसको चलना चाहिये
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||||
> “यदि तू लड़के को शिक्षा उसी मार्ग की दे जिस में उसको चलना चाहिये
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> **तब**वह बुढ़ापे में भी उस से न हटेगा।"
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@ -1,69 +1,67 @@
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### वर्णन
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विभिé भाषाएँ वाक्यों के भागों को विभिé प्रकार से क्रमबद्ध करती हैं। अंग्रेजी में, आम तौर पर, पहले संज्ञा, फिर क्रिया, फिर कर्म, और विशेषण, इत्यादि होता है।
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||||
अलग अलग भाषाएँ किसी वाक्य के भागों को अपनी-अपनी मानकीय शैली के अनुसार व्यवस्थित करती हैं। अंग्रेजी में, सामान्यतः, पहले संज्ञा (कर्ता ) फिर क्रिया, फिर कर्म, और विशेषण, इत्यादि होता है, उदाहरणार्थ :**पतरस ने कल अपने घर की रंगाई की**
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**पतरस ने कल अपने घर की रंगार्इ की**
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अनेक अन्य भाषाएँ इन अवयवों को अपने भिन्र भिन्न क्रमों में प्रस्तुत करती हैं, जैसे: **रंगाई की, कल, पतरस ने अपने घर की**
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||||
|
||||
कर्इ सारी भाषाएँ इस वाक्य को कर्इ तरीके से लिखती हैं, जैसे:
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||||
यद्यपि सभी भाषाओं में वाक्यों के अपने ही मानकीय क्रम होते हैं, यह क्रम वक्ता या लेखक के द्वारा सर्वोच्च महत्व की विचारित सूचना के आधार पर बदल सकता है|
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**रंगार्इ की, कल, पतरस ने अपने घर की**
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||||
मान लो कि कोई इस प्रश्न का उत्तर दे रहा है: ‘‘पतरस ने कल क्या रंगा?’प्रश्न पूछने वाला व्यक्ति उपरोक्त वाक्य के में लिखी हर एक सूचना को जानता है, एक को छोड़कर और वह है, कर्म अर्थात ‘‘अपना घर’’। अत: यह शब्द सूचना का महत्वपूर्ण भाग बन जाता है और अंग्रेजी में उत्तर देने वाला कहेगा: **उसका घर ही तो है जिसको पतरस ने (कल) रंगा|**
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||||
यद्यपि सभी भाषाओं में वाक्यों के भागों के आम क्रम हैं, वक्ता के द्वारा दी जाने वाली सूचना के आधार पर यह क्रम बदल सकता है जिसे वक्ता अधिक जरूरी समझता है। मान लो कि कोर्इ ये प्रश्न पूछे? ‘‘पतरस ने कल क्या रंगार्इ की?’’
|
||||
इसमें सर्वोच्च महत्त्व की सूचना पहले स्थान पर रखी गई है जो अंग्रेजी में एक सामान्य विधि है। ऐसी अनेक भाषाएँ भी हैं जिनमें महत्वपूर्ण सूचना को सामान्यतः अंत में रखा जाएगा। लेख के प्रवाह में सर्वाधिक महत्त्व की जानकारी प्राय: वह होती है जिसको लेखक पाठकोँ के लिए नई जानकारी मानता है। कुछ भाषाओं में महत्वपूर्ण जानकारी पहले आती है, तो कुछ में इन्हे अंत में रखा जाता है।
|
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|
||||
व्यक्ति उपर के कथन में लिखी हर सूचना को जानता है, एक को छोड़कर ‘‘अपना घर’’। अत: यह शब्द सूचना का महत्वपूर्ण भाग बन जाता है और अंग्रेजी में उत्तर देने वाला कह सकता है:
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### अनुवाद की ऐसी समस्या होने का कारण
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**अपने घर की पतरस ने रंगार्इ की (कल)**
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||||
इसमें महत्वपूर्ण सूचना पहले स्थान पर है जो अंग्रेजी में आम तरीका है। दूसरी कुछ भाषाओं में शायद महत्वपूर्ण सूचना को अंत में डाला जाए। एक लेख के बहाव में, सबसे महत्वपूर्ण सूचना को अक्सर लेखक पाठकों के लिए नर्इ सूचना के रूप में लेता है। कुछ भाषाओं में महत्वपूर्ण सूचना पहले आती है, तो कुछ में इन्हे अंत में डाला जाता है।
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### कारण यह अनुवाद की समस्या है
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* विभिé भाषाएँ वाक्यों के भागों को विभिé प्रकार से क्रमबद्ध करती हैं। यदि अनुवादक स्रोत में से वाक्य के भाग को कॉपी करता है तो शायद उसकी भाषा में उसका कोर्इ अर्थ नही निकले।
|
||||
* विभिé भाषाएँ नयी या महत्वपूर्ण सूचनाओं को वाक्यों के विभिé भागों में दिखाती हैं। यदि अनुवादक स्रोत की ही तरह उस नर्इ या महत्वपूर्ण सूचना को उसी स्थान पर रखे तो उसकी भाषा में उसका गलत अर्थ निकल सकता है या लोगों को समझ ही नही आए।
|
||||
* विभिन्न भाषाएँ वाक्य के अवयवों को अपनी ही मानकीय शैली में व्यवस्थित करती हैं। यदिआप (अनुवादक) मूल भाषा के क्रम को ज्यों का त्यों अनुवाद करेंगे तो आपकी भाषा में वह वाक्य पूर्णतः अर्थहीन होगा।
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||||
* अलग-अलग भाषाएँ नई या महत्वपूर्ण जानकरियों को वाक्य में अलग-अलग स्थानों में व्यक्त करती हैं। यदि अनुवादक स्रोत की ही तरह उस नई या महत्वपूर्ण जानकारी को ज्यों का त्यों ही रख दे जैसा मूल भाषा के वाक्य में है तो उसकी भाषा में उसका गलत अर्थ निकल सकता है या लोगों को समझ ही नही आएगा।
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### बाइबल से उदाहरण
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>और सब खाकर तृप्त हो गए। (मरकुस 6:42 ULB)
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> और सब खाकर तृप्त हो गए। (मरकुस 6:42 ULT)
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||||
मूल यूनानी भाषा में इस वाक्य के भागों को अलग क्रम में लिखा गया था । वे इस प्रकार थे:
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मूल यूनानी भाषा में इस वाक्य के शब्दों को अलग क्रम में लिखा गया था । वे इस प्रकार थे: और उन्होंने सब खाया और वे तृप्त हुए।
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||||
* और सबने खाया और वे तृप्त हुए। अंग्रेजी में, इसका अर्थ लगता है कि लोगों ने सब कुछ खा लिया। परंतु अगला आयत कहता है कि उन्होने टुकड़ों से भरी बारह टोकरियाँ इकट्ठी कीं।
|
||||
अंग्रेजी में, इसका अर्थ लगता है कि लोगों ने सब कुछ खा लिया। परंतु अगला पद कहता है कि उन्होने बचे हुए टुकड़ों से भरी बारह टोकरियाँ उठाई। इस भ्रम को दूर करने के लिए, ULT के अनुवादकों ने इसको अंग्रेजी वाक्य के सही क्रम में रखा है|
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इस संदेह को दूर करने के लिए, ULB के अनुवादकों ने अंग्रेजी में इस सही क्रम में डाल दिया
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> ‘‘जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, भीड़ को विदा कर, कि चारों ओर के गांवों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें, क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं’’ (लूका 9:12 ULT)
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||||
> ‘‘जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, भीड़ को विदा कर, कि चारों ओर के गांवों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें, क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं’’ (लूका 9:12 ULB)
|
||||
इस पद में, चेलों के द्वारा यीशु से कही गयी इस बात में महत्वपूर्ण जानकारी को सर्वप्रथम व्यक्त किया गया है - कि वह भीड़ को विदा करे। परंतु उन भाषाओं में जहाँ महत्वपूर्ण बातों को अंत में लिखा जाता है, लोग यह समझ सकते हैं कि इस वाक्य में यीशु को दी गई जानकारी का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंश है -यह सुनसान जगह है। अति संभव है कि वे सोचने लगें कि चेले वहाँ सुनसान जगह की आत्माओं से डरे हुए थे और लोगों को भोजन लेने के लिए विदा करना, उनको आत्माओं से बचाने का एक तरीका था। यह गलत संदेश है।
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||||
इस आयत में, चेलों के द्वारा यीशु को कर्इ गर्इ बात को महत्वपूर्ण सूचना के तौर पर पहले डाला गया है - कि वह भीड़ को विदा करे। परंतु उन भाषाओं में जहाँ महत्वपूर्ण बातों को अंत में लिखा जाता है, लोग यह समझ सकें कि उनके द्वारा दिया गया कारण -यह सुनसान जगह है- एस वाक्य की सबसे महत्वपूर्ण सूचना है। वे शायद यह सोचने लगें कि चेले वहाँ सुनसान जगह की आत्माओं से डरे हुए थे और लोगों को भोजन लेने के लिए विदा करना, आत्माओं से बचाने का सही तरीका था। यह गलत संदेश है।
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> हाय, तुम पर; जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, क्योंकि उनके बाप-दादे झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी ऐसा ही किया करते थे। (लूका 6:26 ULT)
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> हाय, तुम पर; जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, क्योंकि उनके बाप-दादे झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी ऐसा ही किया करते थे। (लूका 6:26 ULB)
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||||
इस पद में, सूचना का सबसे महत्वपूर्ण भाग पहले लिखा है - ‘‘हाय’’ लोगों के कामों के सम्बन्ध में है। उस चेतावनी का गौण उपवाक्य अंत में हैजो कारण दर्शाता है। यह उन लोगों को भ्रम में डाल सकता है जिनकी भाषा में महत्वपूर्ण जानकारी को अंत में रखा जाता है।
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इस आयत में, सूचना का सबसे महत्वपूर्ण भाग पहले लिखा है - ‘‘हाय’’ लोगों के किए पर कहा जा रहा है। उस चेतावनी की मदद करने वाला भाग अंत में आता है। यह उन लोगों को संदेह में डाल सकता है जिनकी भाषा में महत्वपूर्ण सूचनाओं को अंत में डाला जाता है।
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### अनुवाद रणनीतियाँ
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### अनुवाद कौशल
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1. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में वाक्य के भागों को कैसे क्रमबद्ध किया जाता है और अपने अनुवाद में उसका उपयोग करें
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1. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में सबसे महत्वपूर्ण सूचनाओं को किस स्थान पर रखा जाता है और सूचनाओं के क्रम को उस प्रकार बदलें जिस प्रकार उन्हे आपकी भाषा में क्रमबद्ध किया जाता है
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1. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में सबसे महत्वपूर्ण सूचनाओं को किस स्थान पर रखा जाता है और सूचनाओं के क्रम को बदल कर उसी प्रकार कर लें जिस प्रकार उन्हे आपकी भाषा में क्रमबद्ध किया जाता है
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1. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में वाक्य के अवयवों को किस क्रम में रखा जाता है और अपने अनुवाद में उसी क्रम का उपयोग करें|
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1. अध्ययन करके देखें कि आपकी भाषा में नई और महत्वपूर्ण जानकारी किस स्थान में रखती है और जानकारी के क्रम को पुनः व्यवस्थित करें जिससे कि वह आपकी भाषा की शैली के अनुरूप हो|
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### अनुवाद रणनीतियों के प्रयोग के उदाहरण
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### अनुवाद कौशल कि व्यावहारिकता
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1. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में वाक्य के भागों को कैसे क्रमबद्ध किया जाता है और अपने अनुवाद में उसका उपयोग करें
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1. अध्ययन करके देखें कि आपकी भाषा में वाक्य के अवयवों को कैसे व्यवस्थित किया जाता है और उसी क्रमवार रचना को अपने अनुवाद में काम में लें|
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* वह वहां से निकलकर, आया अपने देश में, और वे पीछे हो लिए, उसके चेले (मरकुस 6:1 ULB)
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मूल भाषा यूनानी के क्रम में यह पद है:
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यह आयत मूल यूनानी भाषा के क्रम में लिखा है। ULB ने अंग्रेजी में इसे आम क्रम में लिखा है
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*
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> वह वहां से निकलकर अपने देश में आया, और उसके चेले उसके पीछे हो लिए (मरकुस 6:1 ULB)
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वह वहां से निकलकर, आया देश में अपने, और वे पीछे हो लिए, चेले उसके| (मरकुस 6:1)
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1. अध्ययन करें कि आपकी भाषा में सबसे महत्वपूर्ण सूचनाओं को किस स्थान पर रखा जाता है और सूचनाओं के क्रम को उस प्रकार बदलें जिस प्रकार उन्हे आपकी भाषा में क्रमबद्ध किया जाता है
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ULT ने इसको अंग्रेजी मानकीय क्रम में लिखा है|
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> जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, ‘‘भीड़ को विदा कर, कि चारों ओर के गांवों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें, क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं’’ (लूका 9:12 ULB)
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> यीशु वहां से निकलकर अपने देश में आया, और उसके चेले उसके पीछे हो लिए (मरकुस 6:1 ULT)
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यदि आपकी भाषा में महत्वपूर्ण सुचनाओं को अंत में डाला जाता है तो आप इस वाक्य के क्रम को बदल सकते हैं:
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2.अध्ययन करके देखें कि आपकी भाषा में नईं या महत्वपूर्ण जानकारी को किस स्थान में रखा जाता है और जानकारिओं के क्रम को पुनः व्यवस्थित करें जिससे कि वह आपकी भाषा कि शैली के अनुसार हो|
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* जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, ‘‘क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं, भीड़ को विदा कर, कि वे चारों ओर के गांवों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें’’
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> जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, ‘‘भीड़ को विदा कर, कि चारों ओर के गांवों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें, क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं’’ (लूका 9:12 ULT)
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> हाय, तुम पर; जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, क्योंकि उन के बाप-दादे झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी ऐसा ही किया करते थे (लूका 6:26 ULB)
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यदि आपकी भाषा में महत्वपूर्ण जानकारिओं को अंत में रखा जाता है तो आप इस वाक्य के क्रम को बदल सकते हैं:
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यदि आपकी भाषा में महत्वपूर्ण सुचनाओं को अंत में डाला जाता है तो आप इस वाक्य के क्रम को बदल सकते हैं:
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* जब दिन ढलने लगा, तो बारहों ने आकर उससे कहा, ‘‘क्योंकि हम यहां सुनसान जगह में हैं, भीड़ को विदा कर, कि वे आस पास के गांवों और बस्तियों में जाकर टिकें, और भोजन का उपाय करें’’
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* जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, क्योंकि उनके बाप-दादे झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी ऐसा ही किया करते थे, तो हाय, तुम पर!
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> हाय, तुम पर; जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, क्योंकि उन के बाप-दादे झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ भी ऐसा ही किया करते थे (लूका 6:26 ULT)
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यदि आपकी भाषा में महत्वपूर्ण जानकारियोँ को अंत में रखा जाता है तो आप इस वाक्य के क्रम को बदल सकते हैं:
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* जब सब मनुष्य तुम्हें भला कहें, तो यह ठीक वैसा ही है जैसा उनके पूर्वजों ने झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ किया था, तो तुम पर हाय!
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@ -1 +1 @@
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भाषाएँ एक वाक्य के भागों को कैसे क्रमबद्ध करती हैं?
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भाषाएँ किसी वाक्य के भागों को कैसे क्रमबद्ध करती हैं?
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@ -22,7 +22,7 @@
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> क्या तू रोशनी और अंधकार को उसके सिवाने तक हटा सकता है?
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> क्या तू उसके घर की डगर पहिचान सकता है?
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> **निसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा, क्योंकि तू तो उस समय उत्पन्न हुआ था; ** “**और तेरे दिनों की गिनती बहुत ज्यादा है! **” (अय्यूब 38:20-21 ULT))
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> **निसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा, क्योंकि तू तो उस समय उत्पन्न हुआ था;** “**और तेरे दिनों की गिनती बहुत ज्यादा है!**” (अय्यूब 38:20-21 ULT))
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अय्यूब ने सोचा कि वह बुद्धिमान था । यहोवा ने व्यंग्य का उपयोग कर अय्यूब को बताया कि वह बुद्धिमान नही था । उपरोक्त कथन में दो रेखांकित शब्द व्यंग्यात्मक हैं। वे कही गर्इ बात का विपरीत दिखाते हैं क्योंकि स्पष्ट दिखता है कि वे गलत हैं। वे बताते हैं कि अय्यूब शायद परमेश्वर के प्रश्न का उत्तर नही दे पाया था क्योंकि उसका जन्म बहुत, बहुत से सालों बाद हुआ था ।
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@ -44,7 +44,7 @@
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तुम अपनी रीतियों को मानने के लिये > **परमेश्वर की आज्ञा कैसी अच्छी तरह टाल देते हो!** (मरकुस 7:9अ ULT)
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> > **तुम्हारा मानना है कि परमेश्वर की आज्ञा को तोड़ते वक्त तुम अच्छा कर रहे हो** जिससे कि तुम अपनी रीतियों को मान सको!
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> > **तुम ऐसा बर्ताव करते हो कि परमेश्वर की आज्ञा तोड़ना अच्छा है ** जिससे कि तुम्हारी रीतियाँ पूरी होनी चाहिए
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> > **तुम ऐसा बर्ताव करते हो कि परमेश्वर की आज्ञा तोड़ना अच्छा है** जिससे कि तुम्हारी रीतियाँ पूरी होनी चाहिए
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> मैं **धर्मियों** को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूँ (लूका 5:31-32 ULT)
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> क्या तू प्रकाश और अंधकार की अगुवाई उनके काम के स्थानों पर कर सकता है?
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> और तू उनके घर की डगर पहचान सकता है?
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> **निःसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा! क्योंकि तू तो उस समय उत्पन्न हुआ था; **
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> **और तेरी आयु के वर्ष बहुत हैं! > **” (अय्यूब 38:20-21 ULT)
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> **निःसन्देह तू यह सब कुछ जानता होगा! क्योंकि तू तो उस समय उत्पन्न हुआ था;**
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> **और तेरी आयु के वर्ष बहुत हैं! >**” (अय्यूब 38:20-21 ULT)
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>> क्या तू प्रकाश और अंधकार की अगुवाई उनके काम के स्थानों पर कर सकता है? और तू उनके घर की डगर पहचान सकता है? **तू ऐसे व्यवहार करता है कि जैसे तू यह जानता है कि प्रकाश और अंधकार कैसे उत्पन्न हुआ, जैसे कि तू वहाँ पर था; जैसे कि तेरी आयु सृष्टि जितनी है, परन्तू तू नहीं हैं**!
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### Description
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संभाव्यताओं की माला एक रूपक है जिसमें समरूप कथनों की श्रृंखला की सूची होती है| वक्ता ऐसा इसलिए करता है कि उसकी बात को बिना अपवाद बोध सम्बन्धी स्वीकार किया जाए|
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#### इसका अनुवाद समस्या होने का कारण
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अनेक भाषाओं में संभाव्यताओं की माला का उपयोग नहीं किया जाता है और पाठक उलझन में पढ़ सकते हैं| वे आश्चर्य करते हैं कि वक्ता क्यों एक ही बात को बार-बार कह रहा है?
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### बाईबल से उदाहरण
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> चाहे वे खोदकर अधोलोक में उतर जाएं, तो वहाँ से मैं हाथ बढ़ाकर उंहें लाऊंगा; चाहे वे आकाश पर चढ़ जाएं, तो वहाँ से मैं उन्हें उतार लाऊँगा| चाहे वे कर्म्मेल में छिप जाएं, परन्तु वहाँ भी मैं ढूंढ-ढून्ढ कर पकड़ लूंगा, और चाहे वे समुद्र की थाह में मेरी दृष्टि से ओट हों वहाँ भी मैं सर्प को उन्हें डसने की आज्ञा दूंगा| चाहे क्षत्रु उंहें हांक कर बन्धुआई में ले जाएं, वहाँ भी मैं आज्ञा देकर तलवार से उन्हें घात कराऊंगा| (आमोस 9:2-4 ULT)
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इस गद्यांश में यहोवा इस्राएलियों से कह रहा है कि जब वह उन्हें दंड देगा तब उनमें से कोई भी नहीं बचेगा|
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> परन्तु तुझे उचित नहीं था कि तू अपने भाई के दिन में, अर्थात उसकी विपत्ति के दिन में उसकी ओर देखता रहता, और यहूदियों के विनाश के दिन उसके ऊपर आनंद करता, और उसके संकट के दिन बड़ा बोल बोलता| तुझे उचित नहीं था कि मेरी प्रजा की विपत्ति के दिन तू उसके फाटक में घुसता, और उसकी विपत्ति के दिन उसकी दुर्दशा को देखता रहता, और उसकी विपत्ति के दिन उसकी धन संपत्ति पर हाथ लगाता| तुझे उचित नहीं था कि तिर्मुहाने पर उसके भागनेवालों को मार डालने के लिए खडा होता, और संकट के दिन उसके बचे हुओं को पकडता| (ओबद्ध्याह 1:12–14)
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इस गद्यांश में यहोवा एदोमियों से कह रहा है कि उन्हें यहूदा के लोगों की सहायता करना आवश्यक था जब बेबिलोनियों ने उन्हें पराजीत किया था|
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### अनुवाद का कौशल
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यदि संभाव्यताओं की माला को वैसा ही समझा जाए जैसा ULT में है तो सम्भव्यता के माला को ज्यों का त्यों ही अनुवाद किया जाए| यदि समझ में न आए तो निम्लिखित युक्तिओं में से एक या अधिक का उपयोग किया जाए|
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(1) बाईबल में संभाव्यताओं की माला के आरम्भ या अंत में एक सामान्य कथन होता है जो उसके समग्र अर्थ को संक्षेप में व्यक्त करता है| आप उस वाक्य को इस प्रकार रच सकते हैं कि वह उसका सारांश वाक्य होना दर्शाए जो संभाव्यता माला का अर्थ प्रकट करता हो|
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(2) आप संभाव्यता माला के प्रत्येक वाक्य को एक अलग पंक्ति में रख सकते हैं| यह भी कि यदि संभाव्यता माला के प्रत्येक वाक्य के दो भाग हों तो आप संभाव्यता माला को इस प्रकार रच सकते हैं कि प्रत्येक भाग के समरूप भाग क्रम में हों| इसको या अन्य किसी प्रकार की रचना का उपयोग करें तो प्रत्येक वाक्य द्वारा एक ही अर्थ का प्रबलीकरण हो|
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(3) आप "और," "परन्तु" "या" शब्दों को वाक्यों के आरम्भ से हटा सकते हैं जिससे कि स्पष्ट हो सके कि सम्भाव्यता माला के अवयव सब एक क्रम में सूचीबद्ध किए जा रहे हैं|
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### अनुवाद के कौशल का व्यावहारिक उपयोग
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(1) और (3)का संयोजन:
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संभाव्यता की माला के आरम्भ या अंत में बाईबल में प्रायः एक सामान्य वाक्य होता है जो उसके समग्र अर्थ का सारांश होता है| आप उस वाक्य की रचना इस प्रकार कर सकते हैं कि उससे प्रकट हो कि वह संभाव्यता की माला का सारांश गर्भित वाक्य है|
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आप "और," "परन्तु" तथा "या" जैसे शब्दों को हटा सकते हैं जिसे कि स्पष्ट हो कि संभाव्यता की माला अवयव सब एक क्रमम में आ रहे हैं|
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> > जिस दिन परदेशी लोग उसकी धन संपत्ति छीनकर ले गए और पराए लोगों ने उसके फाटकों से घुस कर यरुशलेम पर चिट्ठी डाली, उस दिन तू भी उन में से एक था:
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>
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> पर तुझे उचित नहीं था कि तू अपने भाई के दिन में,अर्थात उसकी विपत्ति के दिन में उसकी ओर देखता रहता, और यहूदिओं के विनाश के दिन उसके ऊपर आनंद करता, और उसके संकट के दिन बड़ा बोल बोलता| तुझे उचित नहीं था कि मेरी प्रजा की विपत्ति के दिन तू उसके फाटक में घुसता, और उसकी विपत्ति के दिन उसकी दुर्दशा को देखता रहता, और उसकी विपत्ति के दिन उसकी धन संपत्ति पर हाथ लगाता| तुझे उचित नहीं था कि तिर्मुहाने पर उसके भागनेवालों को मार डालने के लिए खडा होता, और संकट के दिन उसके बचे हुओं को पकडता| (ओब्ध्याह 1:11–14)
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उपरोक्त उदाहरण में, पद 11 संभाव्यता माला जो पद 12-14 में है उसका सारांश और अर्थ पद 11 में प्रकट किया गया है|
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(1) और (2)का संयोजन:
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संभाव्यता की माला के आरम्भ या अंत में बाईबल में प्रायः एक सामान्य वाक्य होता है जो उसके समग्र अर्थ का सारांश होता है| आप उस वाक्य की रचना इस प्रकार कर सकते हैं कि उससे प्रकट हो कि वह संभाव्यता की माला का सारांश गर्भित वाक्य है, जो उसका अर्थ व्यक्त करता है|
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आप संभाव्यता माला के प्रत्येक वाक्य को एक अलग पंक्ति में रख सकते हैं| यह भी कि यदि संभाव्यता माला के प्रत्येक वाक्य के दो भाग हों तो आप संभाव्यता माला को इस प्रकार रच सकते हैं कि प्रत्येक भाग के समरूप भाग क्रम में हों| इसको या अन्य किसी प्रकार की रचना का उपयोग करें तो प्रत्येक वाक्य द्वारा एक ही अर्थ का प्रबलीकरण हो|
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> >उनमें से एक भी न भाग निकलेगा, और जो अपने को बचाए, वह बचने न पाएगा|:
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>
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> चाहे वे खोदकर अधोलोक में उतर जाएं,, मैं हाथ बढाकर उंहें लाऊँगा
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चाहे वे आकाश पर चढ़ जाएं, वहाँ से मैं उंहें उतार लाऊँगा|
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चाहे वे कर्म्मेल में छिप जाएं l, वहाँ भी मैं उन्हें ढूंढ ढूंढकर पकड़ लूंगा, there I will search and take them.
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चाहे वे समुद्र की थाह में मेरी दृष्टी से ओट हों, वहाँ भी मैं सर्प को उंहें डसने की आज्ञा दूंगा|
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चाहे क्षत्रु उंहें हांककर बंधूआई में ले जाए, वहाँ भी मैं आज्ञा देकर तलवार से उंहें घात कराऊंगा; (आमोस 9:1b–4 ULT)
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उपरोक्त उदाहारण में,सम्भाव्यता माला से पहले का वाक्य समग्र अर्थ व्यक्त करता है| उस वाक्य को प्रस्तावना स्वरूप रखा जा सकता है| प्रत्येक वाक्य के दूसरे भाग को, जैसा ऊपर है, अवतरण सोपान मार्ग स्वरुप या प्रत्येक वाक्य के आरंभिक भाग के सदृश्य क्रमवार प्रस्तुत किया जा सकता है, या किसी और शैली में रखा जा सकता है| जो भी वाक्य रचना दर्शाए कि ये सब वाक्य एक ही सत्य का (कि परमेश्वर से बचना संभव नाहीं) प्रकाशन कर रहे हैं तो उसका प्रयोग करें|
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@ -0,0 +1 @@
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संभाव्यता माला नामक रूपक क्या है?
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सम्भाव्यता माला
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> ‘मैं ही **अल्फा और ओमेगा हूँ,** प्रभु परमेश्वर कहता है, “वह जो है, और जो था, और जो आनेवाला है, जो सर्वशक्तिमान है.” (प्रकाशितवाक्य 1:8 ULT)
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>मैं **अल्फा और ओमेगा **, **पहिला और पिछला**, **आदि और अंत हूँ**. (प्रकाशितवाक्य 22:13, ULT)
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>मैं **अल्फा और ओमेगा**, **पहिला और पिछला**, **आदि और अंत हूँ**. (प्रकाशितवाक्य 22:13, ULT)
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**अल्फा और ओमेगा** यूनानी भाषा के पहला और अंतिम शब्द हैं। यह विभज्योतक है जो आरम्भ से लेकर अंत के बीच की सभी बातों को शामिल करते हैं। इसका अर्थ अनंतकाल से है।
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@ -45,7 +45,7 @@
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(2) दोनों भागों को शामिल करते हुए पहचानें कि विभज्योतक किसको दिखाता है।
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> हे पिता, **स्वर्ग और पृथ्वी** के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ (मत्ती 11:25ब ULT)
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||||
>> हे पिता, **सब कुछ, स्वर्ग में जो कुछ है और पृथ्वी में जो कुछ है ** के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ।
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||||
>> हे पिता, **सब कुछ, स्वर्ग में जो कुछ है और पृथ्वी में जो कुछ है** के प्रभु; मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ।
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||||
> क्या **छोटे क्या बड़े** जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा। (भजन संहिता 115:13 ULT)
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>> वह **उन सभी** को आशीष देगा, जो उसे आदर देते हैं, भले ही वे **छोटे या बड़े** हों।
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@ -16,7 +16,7 @@
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* **विषय**, लेखक/वक्ता द्वारा तुरंत चर्चा की जाने वाली वस्तु।
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* **छवि**, भौतिक वस्तु (वस्तु, घटना, कार्य, आदि) जो वक्ता विषय का वर्णन करने के लिए उपयोग करता है।
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||||
* **विचार**, अमूर्त अवधारणा या गुणवत्ता कि भौतिक ** छवि** सुनने वाले के मन में आती है जब वह सोचता है कि **छवि** और **विषय** समान कैसे हैं। प्रायः, एक रूपक का **विचार** स्पष्ट रूप से बाइबल में नहीं बताया गया है, लेकिन यह केवल संदर्भ से निहित है। सुनने वाले या पाठक को आमतौर पर **विचार** की आवश्यकता होती है।
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||||
* **विचार**, अमूर्त अवधारणा या गुणवत्ता कि भौतिक **छवि** सुनने वाले के मन में आती है जब वह सोचता है कि **छवि** और **विषय** समान कैसे हैं। प्रायः, एक रूपक का **विचार** स्पष्ट रूप से बाइबल में नहीं बताया गया है, लेकिन यह केवल संदर्भ से निहित है। सुनने वाले या पाठक को आमतौर पर **विचार** की आवश्यकता होती है।
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||||
इन शब्दों का उपयोग करते हुए, हम कह सकते हैं कि एक **रूपक** ऐसा अलंकार होता है जो एक भौतिक **छवि** का उपयोग करता है एक अमूर्त **विचार** वक्ता के **विषय** में लागू होता है।
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@ -23,7 +23,7 @@
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### बाइबल में से उदाहरण
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**(1)दूसरे खंड या वाक्यांश का अर्थ पहले जैसा है। **
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**(1)दूसरे खंड या वाक्यांश का अर्थ पहले जैसा है।**
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> तेरा वचन मेरे पांव के लिये दीपक
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> और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है। (भजन संहिता 119:105 ULT)
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@ -48,7 +48,7 @@
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(2) रणनीति (1) के अलावा,‘‘जैसे’’ या ‘‘समान’’ जैसे शब्दों का उपयोग करें जिससे कथन का सीधा अर्थ समझा नहीं जाए।
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>...पाप द्वार पर छिपा रहता है (उत्पत्ति 4:7 यूएलबी)- यह "जैसा है" शब्द के साथ अनुवाद किया जा सकता है।
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>> ... पाप द्वार पर छिपा रहता है, - ** जैसे कोई जंगली जानवर किसी व्यक्ति पर हमला करने की प्रतीक्षा करता है **
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>> ... पाप द्वार पर छिपा रहता है, - **जैसे कोई जंगली जानवर किसी व्यक्ति पर हमला करने की प्रतीक्षा करता है**
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(3) मानवीकरण के बिना, इसका अनुवाद करने की कोशिश करें
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### वर्णन
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सामान्य अंग्रेजी में, ‘‘संपत्ति’’ का अर्थ है कि कुछ होना अथवा मनुष्य के पास कुछ होना है। अंग्रेजी में उस व्याकरणीय संबंध को <u>of</u> या अपस्ट्रोफी <u>s</u> के द्वारा दिखाया गया है।
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अंग्रेजी में स्वत्व का जो व्याकरण रूप है वह सामान्यतः‘ मनुष्यों और वस्तुओं तथा मनुष्यों के आपसी संबंधों की विविधता दर्शाता है| अंग्रेजी में यह व्याकरण आधारित सम्बन्ध **(का) शब्द के प्रयोग से प्रकट होता है या शब्द के** पीछे सम्बन्ध कारक चिन्ह "s" लगाने से व्यक्त होता है या सम्बन्धवाचक सर्वनाम के उपयोग से दर्शाया जाता है| निम्नलिखित उदाहरण ऐसे ही कुछ विभिन्न रूप हैं जिनसे दर्शाया गया है कि मेरे दादा का एक घर है|
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* मेरे दादा <u>का<u/> घर
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* मेरे दादा <u>का<u/> घर
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* <u>उनका<u/> घर
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*द हाउस **of** माए ग्रान्डफादर
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इब्री, यूनानी और अंग्रेजी में संपत्ति अथवा कुछ होने का उपयोग विभिé तरीके से किया जाता है। कुछ परिस्थितियाँ दी गर्इ हैं जहाँ इनका उपयोग होता है।
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*माए ग्रान्डफादर**s** हाउस
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* हिज़ हाउस
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इब्रानी, यूनानी और अंग्रेजी में स्वामित्त्व के संकेतक उपयोग द्वारा विभिन्न परिस्थितिओं को दर्शाया जाता है। यहाँ कुछ सामान्य परिस्थितियाँ दी गई हैं जिनमें इसका उपयोग होता है
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* स्वामित्व - किसी के पास कुछ है
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* मेरे वस्त्र - वस्त्र जो मेरे हैं
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* सामाजिक संबंध - किसी एक का दूसरे के साथ सामाजिक संबंध है
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* मेरी माता - मुझे जन्म देने वालीं या मुझे संभालने वालीं
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* मेरे अध्यापक - मुझे सिखाने वाले
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* सामग्रियाँ - किसी चीज में कुछ है
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* आलु का थैला - एक थैला जिसमें आलु हैं, या जो आलुओं से भरा थैला
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* अंश अथवा संपूर्ण
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* मेरे अध्यापक - मुझे शिक्षा देनेवाला व्यक्ति
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* संपर्क - कोई वस्तु विशेष किसी व्यक्ति विशेष या वस्तु विशेष से सम्बंधित है
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* दाऊद का रोग - रोग जिसका अनुभव दाऊद को हो रहा है *परमेश्वर का भय - परमेश्वर के साथ सम्बन्ध में मनुष्य में अवस्थित भय होना उचित है *अन्तर्वस्तु - किसी चीज में कुछ है *कपड़ों का थैला -थैला जिसमें कपड़े हैं या एक थैला जिसमें कपड़े भरे हैं
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* आंशिक या सम्पूर्ण - कोई वस्तु किसी दूसरी वास्तु का भाग है
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* मेरा सिर - सिर जो शरीर का अंग है *मेरे घर की छत - छत जो मेरे घर का एक भाग है
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एक चीज दूसरी का अंश है
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कुछ भाषाओं में एक विशेष प्रकार का स्वामित्व होता है जिसे **अपरिहार्य स्वामित्व** कहते हैं| इस प्रकार के स्वामित्व को तब प्रयोग करते हैं जब कोई ऐसी वस्तु हो जो आपसे अविच्छेध्य हो अर्थात उन वस्तुओं के विपरीत जिन्हें आपसे अलग किया जा सकता है| उदाहरणार्थ उपरोक्त उदाहरणों में *मेरा सिर* और *मेरी माता* अपरिहार्य सम्बन्ध के उदाहरण हैं (कम से कम कुछ भाषाओं में)|दूसरी ओर, * मेरे कपडे* और *मेरा शिक्षक* परिहार्य सम्बन्ध हैं| अब परिहार्य और अपरिहार्य किसको माना जाए ? यह भाषाओं पर निर्भर करता है|
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* मेरा सिर - सिर जो मेरे शरीर का भाग है
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* एक घर की छत - छत जो किसी घर का भाग है
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### अनुवाद की बाधाओं के कारण
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### यह अनुवाद का विषय क्यों है
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* अनुवादकों को दोनो संज्ञाओं के आपसी संबंध को जानना जरूरी है जिसमें एक दूसरे के अर्थ को सम्मिलित करता है
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* कुछ भाषाओं में सारी परिस्थितियों के अंदर संपत्ति अथवाकुछ होने के भाव को विभिé तरीके से पेश किया जाता है
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* जब एक संज्ञा दूसरी संज्ञा के साथ स्वत्व के व्याकरण आधारित सम्बन्ध में हो तो ऐसी दो संग्याओं के विचारों के संबंधों को समझना अनुवादकों के लिए अति आवश्यक है|
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* कुछ भाषाओं में उन सब परिस्थितिओं में व्याकरण आधारित संबंधों को व्यक्त नहीं किया जाता है जिनको आपके मूल बाईबल पाठ में किया गया है|
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### बाइबल में से उदाहरण
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**स्वामित्व** - निम्नलिखित उदाहरण में, पुत्र के पास पैसा था
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> छुटका पुत्र ... वहाँ कुकर्म में <u>अपनी संपत्ति</u> उड़ा दी। (लूका 15:13 ULB)
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> छोटा पुत्र … निरंकुश जीवन जीने के कारण कंगाल हो गया (लूका 15:13 )
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**सामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, चेले वे लोग थे जिन्होने यूहéा तक सीखा
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**सामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, चेले वे लोग थे जिन्होने यूहन्ना से शिक्षा पाई थी|
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> तब <u>यूहéा के चेले</u> उसके पास आए (मत्ती 9:14 ULB)
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> तब **यूहन्ना के चेले** उसके पास आए (मत्ती 9:14 ULT)
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**सामाजिक संबंध** - निम्नलिखित उदाहरण में, मुकुट बनाने की सामग्री सोना था
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**संपर्क** - निम्नलिखित उदाहरण में, सुसमाचार वह सन्देश है जिसका सम्बन्ध पौलुस से है क्योंकि वह उसका प्रचार करता था|
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> और उन टिड्डियों के आकार लड़ार्इ के लिये तैयार किए हुए घोड़ों के से थे, और उन के सिरों पर मानों सोने के मुकुट थे; और उन के मुंह मनुष्यों के से थे। (प्रकाशितवाक्य 9:7 ULB)
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> मसीह यीशु को स्मरण रख जिसको मृतकों में से पुनर्जीवित किया गया,वह दाऊद का वंश है **मेरा सुसमाचार यही है** (2 तिमुथियुस 2:8 ULT)
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**सामग्री** - निम्नलिखित उदाहरण में, कटोरे में जल है
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**सामग्री** - निम्नलिखित उदाहरण में, मुकुट बनाने के लिए जो सामग्री काम में ली जाती है वह सोना है|
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> जो कोर्इ एक कटोरा पानी तुम्हें इसलिये पिलाए कि तुम मसीह के हो तो मैं तुम से सच कहता हूं कि वह अपना प्रतिफल किसी रीति से न खोएगा। (मरकुस 9:41 ULB)
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> उनके सिरों पर **सोने के मुकुट** जैसे कुछ थे (प्रकाशित वाक्य 9:7)
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**संपूर्ण का भाग** - निम्नलिखित उदाहरण में, द्वार महल का भाग है
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**अंतर्वस्तु** - निम्नलिखित उदाहरण में, कटोरे में पानी है|
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> परन्तु ऊरिय्याह अपने स्वामी के सब सेवकों के संग राजभवन के द्वार में लेट गया, और अपने घर न गया। (2 शमूएल 11:9 ULB)
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> जो कोई एक कटोरा पानी तुम्हे पीने को दे...अपना प्रतिफल नहीं खोएगा (मरकुस 9:41 ULT)
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**समूह का भाग** - निम्नलिखित उदाहरण में, ‘‘हम’’ पूरे भाग को दिखाता है और ‘‘प्रत्येक’’ उसके एक एक सदस्य को दिखाता है
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* सम्पूर्ण का अंश - निम्नलिखित उदाहरण में, द्वार महल का एक भाग है|
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>परन्तु उरिय्याह ..**राजभवन के द्वार** में लेट गया| (2शमुएल 11:9 ULT)
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**समूह का एक भाग** निम्नलिखित उदाहरण में "हम" सम्पूर्ण समूह के सन्दर्भ में है और "हर एक" प्रत्येक जन के सन्दर्भ में है|
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> पर हम में से हर एक को मसीह के दान के परिमाण से अनुग्रह मिला है। (इफिसियों 4:7 ULB)
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### घटनाएँ एवं संपत्ति
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कर्इ बार एक अथवा दोनो संज्ञाएँ भाववाचक संज्ञा है जो किसी घटना या कार्य को दिखाती है। निम्नलिखित उदाहरण में, भाववाचक संज्ञाएँ गाढ़े रंग में दी गर्इ हैं। ये कुछ संबंध हैं जो दो संज्ञाओं के बीच संभव हैं जब एक किसी घटना की ओर इशारा करती है।
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कई बार एक अथवा दोनो संज्ञाएँ भाववाचक संज्ञाए होती है जो किसी घटना या कार्य को दिखाती हैं। निम्नलिखित उदाहरणों में, भाववाचक संज्ञाएँ **प्रखर** शब्दों में दी गई हैं। ये कुछ संबंध हैं जो दो संज्ञाओं के बीच संभव हैं जब उनमें से एक किसी घटना के सन्दर्भ में हो।
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**कर्ता** - अक्सर ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि प्रथम संज्ञा के नाम पर, कौन कार्य करेगा। निम्नलिखित उदाहरण में, <u>यूहéा लोगों को बपतिस्मा देता है<u/>
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**कर्ता** - कभी-कभी "का" के बाद का शब्द दर्शाता है कि काम का करने वाला कौन है जिसका नाम पहली संज्ञा व्यक्त करती है। निम्नलिखित उदाहरण में, **यूहन्ना लोगों को बपतिस्मा देता था**|
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> <u>यूहéा का **बपतिस्मा**<u/> क्या यह स्वर्ग की ओर से था वा मनुष्यों की ओर से? उत्तर दो।’’ (मरकुस 11:30 ULB)
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**यूहन्ना का बपतिस्मा** क्या स्वर्ग से था या मनुष्यों की ओर से? उत्तर दो।’’ (मरकुस 11:30)
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निम्नलिखित उदाहरण में, <u>मसीह हमसे प्रेम करता है<u/>
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निम्नलिखित उदाहरण में, **मसीह हमसे प्रेम करता है**
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>कौन हमको <u>मसीह के प्रेम<u/> से अलग करेगा? (रोमियों 8:35 ULB)
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> हमको **मसीह के प्रेम** से कौन अलग करेगा? (रोमियों 8:35)
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**कर्म** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि किसके साथ क्या घटना होगी।
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**साधन**कभी कभी "का" के बाद आने वाला शब्द दर्शाता है कि किसको और किसे कुछ होगा।
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निम्नलिखित उदाहरण में, <u>लोग धन से प्रेम करते हैं<u/>
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निम्नलिखित उदाहरण में, **लोग धन से प्रेम करते हैं**
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>क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है (1 तिमुथियुस 6:10 ULB)
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>क्योंकि रूपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है (1 तिमुथियुस 6:10 ULT)
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**उपकरण** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि कैसे एक घटना घटेगी
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**साधन**- कई बार "का" के बाद आने वाला शब्द दर्शाता है कि कैसे कुछ होगा| निम्नलिखित उदाहरण में, परमेश्वर क्षत्रुओं को भेज कर **तलवार से नरसंहार का दंड** देता है|
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निम्नलिखित उदाहरण में, परमेश्वर <u>तलवार के द्वारा हमला करने के लिए दुश्मनों को भेजकर दण्ड देगा<u/>
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> तो तुम तलवार से डरो, क्योंकि जलजलाहट से **तलवार का दंड** मिलता है (अय्यूब 19:29 ULT)
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> तो तुम तलवार से डरो, क्योंकि जलजलाहट से <u>तलवार का दंड<u/> मिलता है (अय्यूब 19:29 ULB)
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**द्योतीकरण** - निम्नलिखित उदाहरण में यूंहन्ना पापों से मन फिराने वालों को बप्तिस्मा दे रहा था| उनको बपतिस्मा दिया जा रहा था कि उनका प्रायश्चित प्रकट हो| उनका **बप्तिस्मा उनके प्रायश्चित का द्योतक था**|
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**प्रतिनिधित्व** - कर्इ बार ‘का’ से जुड़ा शब्द बताता है कि किसके साथ क्या घटना होगी
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> यूहन्ना जंगल में बपतिस्मा देता और प्रचार करता आया, पापों की क्षमा के लिये**मनफिराव का बपतिस्मा**। (मरकुस 1:4 ULT)
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यह दिखाने के लिए वे मन फिरा रहे हैं, उन्होने बपतिस्मा लिया। उनका <u>बपतिस्मा उनके मनफिराव का चिन्ह था</u>
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> यूहéा आया, जो जंगल में बपतिस्मा देता, और पापों की क्षमा के लिये<u>मनफिराव के बपतिस्मा</u> का प्रचार करता था। (मरकुस 1:4 ULB)
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### दो संज्ञाओं के आपसी संबंध को जानने की रणनीतियाँ
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### दो संज्ञाओं के आपसी संबंध को जानने का कौशल
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1. आसपास के पदों को पढ़कर पता करें कि इससे आप दो संज्ञाओं के बीच के संबंध को पहचान सकें
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1. पद को UDB में पढ़ें। कर्इ बार यह संबंध को स्पष्ट बताता है
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1. देखें कि लेख इसके बारे में क्या बताता है।
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### अनुवाद रणनीति
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2.पद को UST में पढ़ें। कई बार यह संबंध को स्पष्ट बताता है
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यदि दो संज्ञाओं के बीच के संबंध के बारे में बताने के लिए संपत्ति का उपयोग स्पष्ट या सामान्य है तो उसका उपयोग करें। यदि यह अपरिचित या समझने में कठिन लगता है, तो निम्न को देखें:
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3. देखें कि इसके बारे में टिप्पणियाँ क्या कहती हैं।
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1. ऐसे विशेषण का उपयोग करें जिससे एक वस्तु दूसरे को स्पष्ट कर सके
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1. क्रिया का उपयोग कर बताएँ कि दोनो कैसे संबंधित हैं
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1. यदि एक संज्ञा किसी घटना को बताती है तो इसका अनुवाद एक क्रिया के रूप में करें
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### अनुवाद का कौशल
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### अनुवाद की रणनीतियों को लागु करने के उदाहरण
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यदि दो संज्ञाओं के बीच के संबंध के बारे में बताने के लिए संपत्ति का उपयोग स्पष्ट या सामान्य है तो उसका उपयोग करें। यदि यह अपरिचित हो या समझने में कठिन लगता है, तो निम्न को देखें:
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1. ऐसे विशेषण का उपयोग करें जिससे एक वस्तु दूसरे को स्पष्ट कर सके। निम्नलिखित विशेषणों को गाढ़े रंग में दिखाया गया है।
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1. ऐसे विशेषण का उपयोग करें जिससे एक संज्ञा दूसरी को स्पष्ट कर सके
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2. क्रिया का उपयोग कर बताएँ कि दोनो कैसे संबंधित हैं
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3. यदि एक संज्ञा किसी घटना को बताती है तो इसका अनुवाद एक क्रिया के रूप में करें
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* **उनके सिरों पर मानों <u>सोने के मुकुट<u/> थे** (प्रकाशितवाक्य 9:7 ULB)
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* उनके सिरों पर मानों <u>**सोने** के मुकुट<u/> थे
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### अनुवाद के कौशल को व्यवहार में लेने के उदाहरण
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1. क्रिया का उपयोग कर बताएँ कि दोनो कैसे संबंधित हैं। निम्नलिखित उदाहरण में, जोड़ी गर्इ क्रिया को गाढ़े रंग में दिखाया गया है।
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1. ऐसे विशेषण का उपयोग करें जिससे एक संज्ञा दूसरी को स्पष्ट कर सके।
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* **...जो कोर्इ <u>एक कटोरा पानी</u> पिलाए ....... वह अपना प्रतिफल न खोएगा।**’ (मरकुस 9:41 ULB)
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* ...जो कोर्इ <u>एक कटोरा पानी</u> पिलाए ....... वह अपना प्रतिफल न खोएगा।
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* **<u>कोप के दिन<u/> धन से तो कुछ लाभ नहीं होता** (नीतिवचन 11:4 ULB)
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* धन से तो कुछ लाभ नहीं होता, जब परमेश्वर <u>अपना कोप **दिखाएगा**<u/>
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* धन से तो कुछ लाभ नहीं होता जब परमेश्वर अपने <u>कोप के कारण<u/> लोगों को **दण्ड** देगा
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>उनके सिरों पर मानों **सोने के मुकुट** थे (प्रकाशितवाक्य 9:7)
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1. यदि एक संज्ञा किसी घटना को बताती है तो इसका अनुवाद एक क्रिया के रूप में करें। निम्नलिखित उदाहरण में, क्रिया को गाढ़े रंग में दिखाया गया है।
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>> उनके सिरों पर **सोने के मुकुट** थे
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* **सोचो क्योंकि मैं तो तुम्हारे बाल-बच्चों से नहीं कहता,) जिन्होंने न तो देखा और न जाना है कि तुम्हारे <u>परमेश्वर यहोवा ने क्या क्या ताड़ना</u> की** (व्यवस्थाविवरण 11:2 ULB)
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* सोचो क्योंकि मैं तो तुम्हारे बाल-बच्चों से नहीं कहता,) जिन्होंने न तो देखा और न जाना है कि तुम्हारे <u>परमेश्वर यहोवा ने मिस्रियों को कैसे **दण्ड दिया**</u>
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* **तू अपनी आंखों से दृष्टि करेगा और <u>दुष्टों के अंत<u/> को देखेगा** (भजन संहिता 91:8 ULB)
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* तू अपनी आंखों से दृष्टि करेगा और देखेगा कि यहोवा कैसे <u>दुष्टों का अंत करता<u/> है
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* **... तुम <u>पवित्र आत्मा का</u> दान पाओगे** (प्रेरितों के काम 2:38 ULB)
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* ... तुम <u>पवित्र आत्मा को पाओ जो परमेश्वर आपको **देगा**</u>
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2. क्रिया का उपयोग कर बताएँ कि दोनो कैसे संबंधित हैं।
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>जो कोई तुम्हे पीने के लिए **एक कटोरा पानी** दे... वह अपना प्रतिफल न खोएगा।’ (मरकुस 9:41
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जो कोई तुम्हे पीने के लिए **पानी से भरा कटोरा** दे... अपना प्रतिफल नहीं खोएगा
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> **कोप के दिन** धन से तो कुछ लाभ नहीं होता (नीतिवचन 11:4 ULT)
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>>**जिस दिन परमेश्वर अपना कोप प्रकट करे** उस दिन धन किसी लाभ का नहीं |
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3.यदि संज्ञाओं में से एक किसी घटना का बोध कराती है तो उसका अनुवाद क्रिया रूप में करें| (निम्नलिखित उदाहरणों में दो संपर्क सम्बन्ध हैं, "परमेश्वर का दंड" और "तेरा परमेश्वर")
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>सोचो क्योंकि मैं तो तुम्हारे बाल-बच्चों से नहीं कहता, जिन्होंने न तो देखा और न जाना है कि तुम्हारे **परमेश्वर यहोवा ने क्या क्या ताड़ना की** (व्यवस्थाविवरण 11:2 ULT)
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>तू अपनी आंखों से दृष्टि करेगा और **दुष्टों के अंत** को देखेगा (भजन संहिता 91:8 ULT)
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>> तू अपनी आंखों से दृष्टि करेगा और देखेगा कि **यहोवा कैसे दुष्टों का अंत करता** है
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> तुम **पवित्र आत्मा का दान पाओगे** (प्रेरितों के काम 2:38 ULT)
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>>तुम **पवित्र आत्मा को पाओ जो परमेश्वर तुम्हेदेगा**
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@ -1 +1 @@
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‘‘संपत्ति’’ या अधिकार की वस्तु क्या है और मैं उसका अनुवाद कैसे कर सकता हूँ?
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‘ स्वत्वबोधन क्या है और मैं उसका अनुवाद कैसे कर सकता हूँ?
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@ -1 +1 @@
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संपति या अधिकार
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स्वत्वबोधन
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@ -31,7 +31,7 @@
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* अप्रत्यक्ष उद्धरण: जब फरीसियों के द्वारा पूछा गया, **कि परमेश्वर का राज्य कब आएगा,**
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* प्रत्यक्ष उद्धरण: यीशु ने उनको उत्तर दिया और कहा कि, "**पमेश्वर का राज्य प्रगट रूप में नहीं आता। और लोग यह न कहेंगे कि, 'देखो, यहाँ है!' या 'वहाँ है!' क्योंकि देखो, परमेश्वर का राज्य तुम्हारे बीच में है।**"
|
||||
* प्रत्यक्ष उद्धरण: लोग यह न कहेंगे कि '**देखो, यहाँ है!' या, **वह**** वहाँ है!'
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||||
* प्रत्यक्ष उद्धरण: लोग यह न कहेंगे कि '**देखो, यहाँ है!' या,**वह**** वहाँ है!'
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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@ -50,7 +50,7 @@
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(2) यदि आपकी भाषा में अप्रत्यक्ष उद्धरण का उपयोग नही होता है, तो उसे प्रत्यक्ष उद्धरण में बदलें।
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> तब उसने उसे चिताया, **कि किसी से न कह, ** परन्तु, "जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।" (लूका 5:14 ULT)
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> तब उसने उसे चिताया, **कि किसी से न कह,** परन्तु, "जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।" (लूका 5:14 ULT)
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||||
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||||
> > तब उसने उसे चिताया कि, “**किसी से न कह**. बस जाकर अपने आप को याजक को दिखा और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने चढ़ावा ठहराया है उसे चढ़ा; कि उन पर गवाही हो।"
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@ -22,7 +22,7 @@
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ईज़ेबेल ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग राजा अहाब को स्मरण दिलाने के लिए किया था जिसे वह पहले से जानता था: कि वह अभी भी इस्राएल के राज्य के ऊपर शासन कर रहा था। भाषणगत् प्रश्न ने उसकी बात को और अधिक मजबूती बना दिया यदि उसने केवल इसे कहा मात्र होता, क्योंकि इसने अहाब को इस बात को स्वीकार करने के लिए मजबूर कर दिया था। उसने निर्धन व्यक्ति की सम्पत्ति लेने की इच्छा न रखने के लिए उसे ताड़ना देने के लिए ऐसा किया। वह यह कह रही थी कि क्योंकि वह इस्राएल का राजा था, इस लिए उसके पास उस व्यक्ति की सम्पत्ति लेने की सामर्थ्य थी।
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||||
> **क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन उसके घूंघट भूल जाएगी? ** तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं! (यिर्मयाह 2:32 ULT)
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||||
> **क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन उसके घूंघट भूल जाएगी?** तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं! (यिर्मयाह 2:32 ULT)
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||||
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||||
परमेश्वर ने उपरोक्त प्रश्न का उपयोग अपने लोगों को स्मरण दिलाने के लिए किया था जिस बात को वे पहले से ही जानते थे: एक जवान स्त्री अपने गहने को कभी नहीं भूलती या दुल्हन अपने घूंघट को नहीं भूलती है। उसके बाद उसने अपने लोगों को भूलने के लिए ताड़ना दी जो उन वस्तुओं से बहुत अधिक बढ़कर है।
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@ -66,7 +66,7 @@
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(1) प्रश्न के बाद उत्तर जोड़ें।
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> **क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन को उसके घूंघट भूल जाएगी?** तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं! (यिर्मयाह 2:32 ULT)
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||||
> > क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन को उसके घूंघट भूल जाएगी? **बिलकुल भी नहीं! ** तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं!
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||||
> > क्या एक कुँवारी उसके गहने, दुल्हन को उसके घूंघट भूल जाएगी? **बिलकुल भी नहीं!** तौभी मेरी प्रजा ने असँख्य दिनों से मुझे भुला दिया हैं!
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||||
|
||||
> या आप में से कौन सा व्यक्ति ऐसा है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा? (मत्ती 7:9 ULT)
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||||
>> या आप में से कौन सा व्यक्ति ऐसा है, कि यदि उसका पुत्र उस से रोटी मांगे, तो वह उसे पत्थर देगा? **तुम में से कोई भी ऐसा नहीं करेगा!**
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||||
|
@ -74,12 +74,12 @@
|
|||
(2) भाषणगत प्रश्न को एक कथन या विस्मयादिबोधक में परिवर्तित करें।
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> **परमेश्वर का राज्य कैसा है, और मैं इसकी तुलना किस से कर सकता हूँ?** यह सरसों के बीज की तरह है। (लूका 13:18-19अ ULT)
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||||
>> ** परमेश्वर का राज्य ऐसा ही है।** यह सरसों के बीज की तरह है..."
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||||
>> **परमेश्वर का राज्य ऐसा ही है।** यह सरसों के बीज की तरह है..."
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||||
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||||
> **क्या तू इस तरह परमेश्वर के महायाजक का अपमान करता है?** (प्रेरितों 23:4ब ULT) (प्रेरितों 23:4 ULT)
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||||
>> **तुझे परमेश्वर के महायाजक का अपमान नहीं करना चाहिए!**
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||||
> **जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर ही नहीं नहीं गया? ** (अय्यूब 3:11अ ULT)
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||||
> **जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर ही नहीं नहीं गया?** (अय्यूब 3:11अ ULT)
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||||
>> **कितना अच्छा होता कि जब मैं गर्भ से बाहर आया तो मैं मर गया होता!**
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||||
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||||
> **और मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई?** (लूका 1:43 ULT)
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||||
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@ -87,7 +87,7 @@
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||||
(3) भाषणगत प्रश्न को एक कथन में परिवर्तित करें, और फिर इसे एक संक्षिप्त प्रश्न के साथ उपयोग करें।
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||||
> इस्राएल के राज्य के ऊपर **क्या तू अभी भी शासन नहीं करता है? ** (1 राजा 21:7ब ULT)
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||||
> इस्राएल के राज्य के ऊपर **क्या तू अभी भी शासन नहीं करता है?** (1 राजा 21:7ब ULT)
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||||
>> तू अभी भी इस्राएल के राज्य पर शासन करता है, **क्या तू नहीं करता है?**
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||||
(4) प्रश्न के रूप अर्थात् ढ़ांचे को परिवर्तित करें ताकि यह आपकी भाषा में संचारित कर सके कि मूल वक्ता ने उसके बारे में क्या बताया।
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@ -1,6 +1,6 @@
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### विवरण
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अंग्रेजी में सबसे सरल वाक्य संरचना में**कर्ता ** और एक** क्रिया** शब्द सम्मिलित है:
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अंग्रेजी में सबसे सरल वाक्य संरचना में**कर्ता** और एक**क्रिया** शब्द सम्मिलित है:
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* लड़का भागा।
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@ -1,96 +1,98 @@
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### विवरण
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एक **वाक्य** शब्दों का एक समूह होता है जो एक पूर्ण विचार को व्यक्त करता है। वाक्यों के मूल प्रकार उन कार्यों के साथ नीचे सूचीबद्ध हैं जिनका मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है।
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||||
**वाक्य** शब्दों का वह समूह होता है जो किसी पूर्ण विचार को व्यक्त करता है। वाक्यों के मूल प्रकार उन कार्यों के साथ नीचे सूचीबद्ध हैं जिनका मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है।
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* **विवरण** - इन्हें मुख्य रूप से जानकारी देने के लिए उपयोग किया जाता है। '_यह एक सच है।_'
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* **प्रश्न** - इन्हें मुख्य रूप से जानकारी मांगने के लिए उपयोग किया जाता है। '_क्या आप उसे जानते हो?_'
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* **आज्ञावाचक वाक्य** - ये मुख्य रूप से किसी इच्छा या आवश्यकता को व्यक्त करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, कि कोई कुछ करे। '_उसे ऊपर उठाओ._'
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* **विस्मयादिबोधक** - ये मुख्य रूप से एक दृढ़ भावना को व्यक्त करने के लिए उपयोग किया जाता है। '_ओह! इससे दर्द हुआ!_'
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* **विवरण** --- इन्हें मुख्य रूप से जानकारी देने के लिए उपयोग किया जाता है। 'यह एक तथ्य है।'
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* **प्रश्न** --- इन्हें मुख्य रूप से जानकारी मांगने के लिए उपयोग किया जाता है। 'क्या आप उसे जानते हैं?'
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* **आदेशात्मक वाक्य** --- ये मुख्य रूप से किसी इच्छा या अनिवार्यता को व्यक्त करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, कि कोई कुछ करे। 'उसे उठाओ.'
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* **विस्मयादिबोधक** --- ये मुख्य रूप से एक दृढ़ भावना को व्यक्त करने के लिए उपयोग किया जाता है। 'ओह! इससे दर्द हुआ!'
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#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
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#### यह अनुवाद की समस्या है
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* विशेष कार्यों को व्यक्त करने के लिए भाषाओं में वाक्य प्रकारों का उपयोग करने के विभिन्न तरीके होते हैं।
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* अधिकांश भाषाएँ एक से अधिक गतिविधि के लिए इन वाक्य प्रकारों का उपयोग करती हैं।
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* बाइबल में प्रत्येक वाक्य एक निश्चित वाक्य प्रकार से सम्बन्धित है और इसमें एक निश्चित गतिविधि होती है, परन्तु कुछ भाषाएँ उस गतिविधि के लिए उस प्रकार की वाक्य का उपयोग नहीं करतीं हैं।
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* विशेष कार्यों को व्यक्त करने के लिए भाषाओं में वाक्य के प्रकारों का उपयोग करने की विभिन्न विधियां हैं।
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* अधिकांश भाषाएँ एक से अधिक कार्यकलापों के लिए इन वाक्य प्रकारों का उपयोग करती हैं।
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* बाइबल में प्रत्येक वाक्य एक निश्चित वाक्य प्रकार से सम्बन्धित है और उसका एक निश्चित कार्य है, परन्तु कुछ भाषाएँ उस कार्य विशेष के लिए उस प्रकार के वाक्य का उपयोग नहीं करतीं हैं।
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#### बाइबल से उदाहरण
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नीचे दिए गए उदाहरण इन मुख्य प्रकारों में से प्रत्येक को उनके मुख्य कार्यों के लिए उपयोग करते हैं।
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नीचे दिए गए उदाहरण इन मुख्य प्रकारों में से प्रत्येक को उनके मुख्य कार्यों के उपयोग के निम्मित दर्शाए गए हैं।
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#### वक्तव्य
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#### कथन
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> आरम्भ में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी बनाई। (उत्पत्ति 1:1 यूएलबी)
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> आरम्भ में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी की रचना की। (उत्पत्ति 1:1 ULB)
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वक्तव्यों में अन्य कार्य भी हो सकते हैं। (देखें [वक्तव्य - अन्य उपयोग](../figs-declarative/01.md))
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कथनों में अन्य कार्य भी हो सकते हैं। (देखें [Statements - Other Uses](../figs-declarative/01.md))
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#### प्रश्न
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नीचे दिए गए वक्ताओं ने जानकारी प्राप्त करने के लिए, और जिन लोगों को वे बोल रहे थे, उनके प्रश्नों के उत्तर देने के लिए इन प्रश्नों का उपयोग किया।
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नीचे दिए गए वाक्यों में वक्ताओं ने जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रश्न पूछे, और जिन लोगों से वे बातें कर रहे थे, उन्होंने उनके प्रश्नों के उत्तर दिए|
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> यीशु ने उनसे कहा, " **क्या तुम्हें विश्वास है कि मैं यह कर सकता हूँ?** " उन्होंने उससे कहा, "हाँ, प्रभु।" (मत्ती 9:28 ULT)
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>
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> जेलर ... ने कहा, "हे सज्जनों, **उद्धार पाने के लिए मैं क्या करूं?** " उन्होंने कहा, "प्रभु यीशु में विश्वास कर, तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा|" (प्रेरितों 16:29 -31 ULB)
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<blockquote> यीशु ने उनसे कहा, "<u> क्या तुम्हें विश्वास है कि मैं यह कर सकता हूँ? </u>" उन्होंने उससे कहा, "हाँ, प्रभु।" (मत्ती 9:28 यूएलबी) </blockquote>
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प्रश्नों में अन्य कार्य भी हो सकते हैं। (देखें [Rhetorical Question](../figs-rquestion/01.md))
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<blockquote> जेलर ... ने कहा, "श्रीमान्, <u> मुझे बचाए जाने के लिए क्या करना चाहिए? </u>" उन्होंने कहा, "प्रभु यीशु में विश्वास कर, और तू और तेरे घराने को बचाया जाएगा।” (प्रेरितों 16:2 9 -31 यूएलबी) </blockquote>
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#### आदेशात्मक वाक्य
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प्रश्नों में अन्य कार्य भी हो सकते हैं। (देखें [भाषणगत प्रश्न](../figs-rquestion/01.md))
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आदेशात्मक वाक्य विभिन्न प्रकार के होते हैं: आदेश, निर्देश, सुझाव, निमन्त्रण, अनुरोध, और इच्छाएँ।
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#### अनिवार्य वाक्य
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आदेश के साथ, वक्ता अपने अधिकार का उपयोग करता है और किसी को कुछ करने के लिए कहता है।
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अनिवार्य वाक्य विभिन्न प्रकार के होते हैं: आदेश, निर्देश, सुझाव, निमन्त्रण, अनुरोध, और इच्छाएँ।
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> **उठ** , बालाक, और **सुन** . सिप्पोर के पुत्र, (गिनती 23:18 ULB)
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**आदेश** के साथ, वक्ता अपने अधिकार का उपयोग करता है और किसी को कुछ करने के लिए कहता है।
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**निर्देश** के साथ, वक्ता किसी से कहता है कि वह काम को कैसे करे|
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> <u> उठ </u>, बालाक, और <u> सुन </u>. सिप्पोर के पुत्र, मेरी <u> सुन </u>. (गिनती 23:18 यूएलबी)
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> ... परन्तु यदि तुम जीवन में प्रवेश करना चाहते हैं, तो **आज्ञाओं को मानो** . ... यदि तू सिद्ध होना चाहता है, तो **जा** अपना माल **बेच** कर कंगालों को **दे** , और तुझे स्वर्ग में धन मिलेगा...(मत्ती 19:17, 21 ULB)
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**निर्देश** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए कहता है।
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**सुझाव** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए या नहीं करने के लिए कहता है जो उसके विचार में उसकी सहायता के लिए है| निम्नलिखित उदाहरण में, दोनों अंधों के लिए अच्छा तो यही है कि वे एक दुसरे का पथप्रदर्शन न करें|
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> ... परन्तु यदि तुम जीवन में प्रवेश करना चाहते हैं, तो <u> आज्ञाओं को मानो </u>. ... यदि तू सिद्ध होना चाहता है, तो <u> जा </u>, <u> बेच </u> जो कुछ तेरे पास है, और <u> उसे </u> गरीबों को बाँट दें, और तुझे स्वर्ग में धन प्राप्त होगा। (मत्ती 19:17, 21 यूएलबी)
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> एक अंधा व्यक्ति दूसरे अन्धे व्यक्ति को मार्ग बताने के योग्य नहीं होता है, होता है क्या? क्या दोनों गड़हे में नहीं गिरेंगे? (लूका 6:39 UDB)
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**सुझाव** के साथ, वक्ता किसी को कुछ करने के लिए कहता है या ऐसा नहीं करता है क्योंकि वह सोचता है कि इस से उस व्यक्ति की सहायता हो सकती है। नीचे दिए गए उदाहरण में, यदि वे एक-दूसरे का मार्गदर्शन करने का प्रयास नहीं करते हैं तो यह दोनों अन्धे पुरुषों के लिए सबसे अच्छा है।
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वक्ता उस समूह का भाग बनने की मंशा रख सकते हैं, जो दी गए सुझाव का अनुपालन करता है| उत्पत्ति 11 में, लोग कह रहे थे कि उनके लिए एक साथ ईंटों को बनाना अच्छा होगा।
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> एक अन्धे व्यक्ति को दूसरे अन्धे व्यक्ति का मार्गदर्शन करने का प्रयास <u> नहीं करना चाहिए </u> यदि उसने किया, तो वे दोनों एक गड़हे में गिर जाएंगे! (लूका 6:39 यूडीबी)
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> तब वे आपस में कहने लगे, "आओ, **हम ईंटें बनाकर** भलीभांति आग में पकाएं|" (उत्पत्ति 11:3 ULT) )
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वक्ता समूह का भाग बनने का मंशा रख सकते हैं, जिसका सुझाव दिया जाता है। उत्पत्ति 11 में, लोग कह रहे थे कि उनके लिए ईंटों को एक साथ बनाना अच्छा होगा।
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**आमंत्रण** के साथ, वक्ता विनम्रता या मित्रता का उपयोग करता है ताकि यह सुझाव दिया जा सके और यदि श्रोता चाहे तो उसे करे| यह प्रायः ऎसी बात होती है जो वक्ता के विचार में श्रोता के लिए आनंददायक है|
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> उन्होंने एक-दूसरे से कहा, "आओ, <u> हम मिलकर </u> ईंटें बनाएँ और उन्हें अच्छी तरह से सेंक लें।" (उत्पत्ति 11:3 यूएलबी)
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> तू भी हमारे संग **चल**, और हम तेरी भलाई करेंगे| (गिनती 10:29)
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**आमंत्रण** के साथ, वक्ता विनम्रता या मित्रता का उपयोग करता है ताकि यह सुझाव दिया जा सके कि यदि वह चाहे तो कोई कुछ कुछ करता है। इससे सामान्य रूप से ऐसा कुछ होता है जिससे वक्ता सोचता है कि श्रोता को आनन्द मिलेगा।
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**अनुरोध** के साथ, वक्ता यह कहने के लिए विनम्रता का उपयोग करता है कि वह चाहता है कि कोई ऐसा कुछ करे। इसमें आदेश की अपेक्षा अनुरोध को स्पष्ट करने के लिए 'कृपया' शब्द जोड़ा जा सकता है| यह सामान्य रूप से कुछ ऐसा होता है जो वक्ता को लाभ पहुँचाएगा।
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> <u> आओ </u> हमारे साथ और हम आपको साथ अच्छा करेंगे। (गिनती 10:29)
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> प्रतिदिन की रोटी आज भी **हमें दें** . (मत्ती 6:11 ULB)
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**अनुरोध** के साथ, वक्ता यह कहने के लिए विनम्रता का उपयोग करता है कि वह चाहता है कि कोई ऐसा कुछ करे। इसमें यह सुनिश्चित करने के लिए 'कृपया' शब्द सम्मिलित हो सकता है कि यह एक अनुरोध है, न कि आदेश। यह सामान्य रूप से कुछ ऐसा होता है जो वक्ता को लाभ पहुँचाएगा।
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> **मैं तुझसे विनती करता हूँ** मुझे कषमा कर दे| (लूका 14:18 ULB)
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<blockquote> आज हमें प्रतिदिन की रोटी <u> हमें दें </u>. (मत्ती 6:11 यूएलबी) </blockquote>
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मनुष्य मन में इच्छा रखते हुए व्यक्त करता है कि उसकी मनोकामना पूरी हो| अंग्रेज़ी में इनका आरम्भ प्रायः "हो सके" या "होने दे" से होता है|
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<blockquote> मुझे<u> कृपया क्षमा करें </u>. (लूका 14:18 यूएलबी) </blockquote>
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उत्पत्ति 28 में, इसहाक ने याकूब से कहा कि वह उसके लिए क्या चाहता है कि परमेश्वर करे।
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एक **इच्छा** के साथ एक व्यक्ति व्यक्त करता है कि वे क्या करना चाहते हैं। अंग्रेजी में वे अक्सर "कृप्या" या "आइए" शब्द से आरम्भ होते हैं। उत्पत्ति 28 में, इसहाक ने याकूब से कहा कि वह क्या चाहता था कि परमेश्वर उसके लिए क्या करे।
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> **परमेश्वर सर्वसामर्थी तुझे आशीष दे** तुझे, फलदायी बनाए और तुझे बढ़ाए। (उत्पत्ति 28:3 यूएलबी)
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> <u> परमेश्वर सर्वसामर्थी तुझे आशीष दे</u> तुझे, फलदायी बनाए और तुझे बढ़ाए। (उत्पत्ति 28:3 यूएलबी)
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उत्पत्ति 9 में, नूह ने कनान के लिए कहा कि उसकी इच्छा है कि उसके साथ ऐसा हो|
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उत्पत्ति 9 में, नूह ने कहा कि वह क्या चाहता था कि कनान के साथ क्या घटित हो।
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> कनान **शापित हो** **हो सके तो वह** अपने भाइयों के दासों का भी दास हो जाए| (उत्पत्ति 9:25 ULB))
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> <u> कनान </u> शापित हो। <u> ऐसा हो कि </u>वह तेरा भाइयों के नौकरों के लिए एक नौकर हो जाए। (उत्पत्ति 9:25 यूएलबी)
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उत्पत्ति 21 में, हाजिरा ने अपनी दृढ़ इच्छा व्यक्त की कि अपने पुते को मरते हुए न देखे, और फिर वह चली गई ताकि वह उसे मरते हुए न देख सके।
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उत्पत्ति 21 में, हाजिरा ने अपने पुत्र के न मरने के लिए अपनी दृढ़ इच्छा व्यक्त की, और फिर वह चली गई ताकि वह उसे मरते हुए न देख सके।
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> मुझ को लड़के की मृत्यु **देखनी न पड़े** (उत्पत्ति 21:16 ULB)
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> <u> मुझे बच्चे को मरते हुए </u> न देखने पड़े। (उत्पत्ति 21:16 यूएलबी)
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अनिवार्य शब्दों वाले वाक्यों में अन्य कार्य भी होते हैं। (देखें [अनिवार्य - अन्य उपयोग](../figs-imperative/01.md))
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आदेशात्मक वाक्यों में अन्य कार्य भी होते हैं। (देखें [Imperatives - Other Uses](../figs-imperative/01.md))
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#### विस्मयादिबोधक
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विस्मयादिबोधक दृढ़ भाव को व्यक्त करते हैं। यूएलबी और यूडीबी अनुवादों अनुवादों में, सामान्य रूप से अन्त में विस्मयादिबोधक चिह्न (!) होता है।
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विस्मयादिबोधक वाक्य दृढ़ भाव को व्यक्त करते हैं। ULT और UST अनुवादों में, वाक्य के अंत में प्रायः विस्मयादिबोधक चिह्न (!) होता है।
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> हे प्रभु, हमें बचा,; हम मरने वाले हैं! (मत्ती 8:25 यूएलबी)
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(अन्य तरीकों के लिए [विस्मयादिबोधक](../figs-exclamations/01.md) जिनमें विस्मयादिबोधकों को दिखाया जाता है और उनके अनुवाद करने के तरीके को देखें।)
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(विस्मय को प्रकट करने की अन्य विधियों और उनके अनुवाद की विधियों के लिए (देखें: [Exclamatios](../figs-exclamations/01.md)) जिनमें विस्मयादिबोधकों को दिखाया जाता है और उनके अनुवाद करने के तरीके को देखें।)
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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### अनुवाद की युक्तियाँ
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1. अपनी भाषा में प्रयोग किए जाने वाले तरीकों का प्रयोग यह दिखाने के लिए करें कि एक वाक्य में एक ही विशेष कार्य होता है।
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1. जब बाइबल में एक वाक्य में एक वाक्य का प्रकार होता है कि आपकी भाषा उसे वाक्य की गतिविधि के लिए उपयोग नहीं करती है, तो अनुवाद के लिए रणनीतियों के लिए नीचे दिए गए पृष्ठ को देखें।
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(1) अपनी भाषा का प्रयोग इस प्रकार करें कि प्रकट हो कि वाक्य का एक विशेष कार्य होता है|
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* [वक्तव्य - अन्य उपयोग](../figs-declarative/01.md)
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* [भाषणगत प्रश्न](../figs-rquestion/01.md)
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* [अविवार्य - अन्य उपयोग](../figs-imperative/01.md)
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* [विस्मयादिबोधक](../figs-exclamations/01.md)
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(2) यदि बाईबल में कोई ऐसा वाक्य प्रकार आ जाता है जिसका उपयोग आपकी भाषा में उस वाक्य के काम के लिए नहीं किया जाता है तो अनुवाद की युक्तियों हेतु निम्न व्यक्त पृष्ठों को देखें|
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* [Statements - Other Uses](../figs-declarative/01.md)
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* [Rhetorical Quwstion](../figs-rquestion/01.md)
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* [Imperatives - Other Uses](../figs-imperative/01.md)
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||||
* [exclamations](../figs-exclamations/01.md)
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@ -1 +1 @@
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वाक्य के विभिé प्रकार कौन कौनसे हैं और उनका उपयोग कहाँ होता है?
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||||
वाक्य के विभिé प्रकार कौन कौन से हैं और उनका उपयोग कहाँ होता है?
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@ -65,7 +65,7 @@
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>कितनी बार मैं अपने बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, **बस एक मुर्गी उसके बच्चों को उसके पंखों के नीचे इकट्ठा करती है**, परन्तु तुम इस से सहमत नहीं थे! (मत्ती 23:37ब ULT)
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> > मैं कितनी बार तेरे बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, **जैसे माता अपने शिशुओं का ध्यान बहुत ही अच्छी तरह से करती है **, परन्तु तुमने इन्कार कर दिया!
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> > मैं कितनी बार तेरे बच्चों को एक साथ इकट्ठा करना चाहता था, **जैसे माता अपने शिशुओं का ध्यान बहुत ही अच्छी तरह से करती है**, परन्तु तुमने इन्कार कर दिया!
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> यदि तुम्हारे पास **सरसों के अनाज के जैसा** ... छोटे विश्वास है तो (मत्ती 17:20)
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@ -2,69 +2,70 @@
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बाइबल इब्रानी, अरामी और यूनानी में लिखी गई थी।
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इन भाषाओं में**एकवचन** "आप" शब्द "तुम" के रूप में है जब केवल एक व्यक्ति को सन्दर्भित किया जाता है, और**बहुवचन** शब्द शब्द "तुम्हारे" के रूप में है जब एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित किया जाता है।
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इन भाषाओं में "तू" शब्द एक वचन में तब होता है जब वह किसी एक मनुष्य का सन्दर्भ देता है और जब उसका सन्दर्भ एक से अधिक मनुष्यों से हो तो उसका बहुवचन रूप होता है परन्तु बाईबल के वक्ता कभी-कभी जन समूह के संबोधन में भी एकवचन "तू" शब्द का प्रयोग करते हैं| अंग्रेज़ी भाषा की बाईबल में यह स्पष्ट प्रकट नहीं है क्योंकि अंग्रेज़ी भाषा में "आप" या "तू" को स्पष्ट दर्शाने के लिए अलग-अलग वचन नहीं हैं परन्तु आप उन भाषाओं की बाईबल में ऐसा देख सकते हैं जिनमें वचनांतर है|
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यद्यपि कभी-कभी बाइबल में वक्ताओं ने "आप" के **एकवचन**रूप का उपयोग किया है, चाहे वे लोगों के समूह से ही बात क्यों न कर रहे थे।
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एक और बात है कि पुराने नियम के वक्ता और लेखक जनसमूह को बहुवचन "वे" की अपेक्षा एक वचन सर्वनाम,"वह"से संबोधित करते हैं|
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जब आप अंग्रेजी में बाइबल पढ़ते हैं तो यह स्पष्ट नहीं होता है, क्योंकि अंग्रेजी में "आप" एकवचन और "आप" बहुवचन के लिए भिन्न रूप नहीं हैं।
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अंत में, पुराने नियम के वक्ता और लेखक किए गए सामूहिक कार्य को,जिसमें वे भी सहभागी हैं, "मैं" ने किया कहते हैं जबकि सच तो यह है कि वह कार्य सब ने किया है|
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परन्तु आप इसे देख सकते हैं यदि आप ऐसी भाषा में बाइबल पढ़ते हैं, जिसमें इनके भिन्न रूप पाए जाते हैं।
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### इसे अनुवाद की एक समस्या होने का कारण
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इसके अतिरिक्त, पुराने नियम के वक्ताओं और लेखकों ने अक्सर बहुवचन सर्वनाम "वे" की अपेक्षा एकवचन सर्वनाम "वह" को लोगों के समूहों के लिए सन्दर्भित किया।
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### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
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* क्योंकि कई भाषाओं में, एक अनुवादक जो "आप" के सामान्य रूप से बाइबल पढ़ता है उसे यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता एक व्यक्ति से या एक से अधिक से बात कर रहा था या नहीं।
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* कुछ भाषाओं में यह एक भ्रम उत्पन्न करने वाला हो सकता है, यदि एक वक्ता एक से अधिक व्यक्ति से बात करते समय एकवचन सर्वनाम का उपयोग करता है।
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* कई भाषाओं में, अनुवादक यदि बाईबल में 'तू" के सर्वनिष्ठ प्रयोग को देख रहा है तो उसके लिए यह समझना आवश्यक है कि संबोधन एक व्यक्ति को किया गया है या एक से अधिक को|
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* कुछ भाषाओं में यह एक भ्रम उत्पन्न करने वाला हो सकता है, यदि वक्ता एक से अधिक व्यक्ति से या उनके विषय में बात करते समय एकवचन सर्वनाम का उपयोग करता है।
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### बाइबल से उदाहरण
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> <sup> 1 </ sup> सावधान रहो कि कहीं <u> तुम </u> लोगों के सामने दिखाने के लिए <u> अपने </u> धर्म वाले कामों को तो नहीं करते हैं, अन्यथा <u> तुम्हें </ तुम्हारे>पिता से <u> जो</u> स्वर्ग में हैं, कोई प्रतिफल नहीं मिलेगा। <sup> 2 </ sup> तो जब <u> तुम </u> दान देते हैं, तो <u> स्वयं </u> के लिए तुरही न बजवाएँ, क्योंकि पापी लोग सभाओं और सड़कों पर ऐसा करते हैं, ताकि वे लोगों की प्रशंसा को प्राप्त कर सकें।
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> सावधान रहो **तुम**मनुष्यों को दिखाने के लिए **अपने** धर्म के काम न करो, नहीं तो **अपने** स्वर्गीय पिता से कुछ भी फल न पाओगे| २इस्लिए जब **तू** दान करे, तो **अपने** आगे तुरही न बजवा,जैसे कपटी, सभाओं और गलियों में करते हैं, जिससे कि लोग उनकी प्रशंसा करें|मैं **तुम** से सच कहता हूँ कि वे अपना प्रतिफल पा चुके| (मत्ती 6:1-2 ULT)
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वास्तव में मैं आपको <u> you </u> कहता हूँ, उन्हें अपना प्रतिफल प्राप्त हुआ है। (मत्ती 6:1,2 यूएलबी)
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यीशु ने भीड़ को संबोधित करते समय पद 1 में बहुवचन "तू" का उपयोग किया है और पद 2 के पहले वाक्य में एकवचन "तू" का उपयोग किया है| तदोपरांत अंतिम वाक्य में उसने पुनः बहुवचन का उपयोग किया है|
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यीशु ने भीड़ को यह कहा। उसने वचन 1 में पहली बार "तुम" बहुवचन और वचन 2 के पहले वाक्य में "तुम" एकवचन का उपयोग किया। फिर अन्तिम वाक्य में उसने बहुवचन का पुन: उपयोग किया।
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>तब परमेश्वर ने यह सब वचन कहे: "मैं **तेरा** परमेश्वर यहोवा हूँ," जो **तुझे**दासत्व के घर अर्थात मिस्र देश से निकाल लाया है। **तू** मुझे छोड़ दूसरों को इश्वर करके न मानना| (निर्गमन 20:1-3 ULT)
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> परमेश्वर ने इन सभी शब्दों को बोला: "मैं यहोवा, <u> तेरा </u> परमेश्वर हूँ, जो दासता के घर मिस्र देश से <u> तुझे </u> लाया था। <U> तेरे </u> पास मेरे सामने अन्य ईश्वर नहीं नहीं होने चाहिए।” (निर्गमन 20:1-3 यूएलबी)
|
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||||
परमेश्वर ने इस्राएल के सभी लोगों से यह कहा। वह उन्हें मिस्र से बाहर ले लिया था और वह चाहता था कि वे सभी उसकी आज्ञा का पालन करें, परन्तु उसने उनसे बात करते समय यहाँ शब्द तूझे का एकवचनीय रूप का उपयोग किया है।
|
||||
परमेश्वर ने इस्राएल के सब लोगों से यह कहा था। वह उन्हें मिस्र से बाहर ले आया था और वह चाहता था कि वे सब उसकी आज्ञा का पालन करें, परन्तु उसने उनसे बात करते समय यहाँ एकवचन "तू" शब्द का उपयोग किया है।
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|
||||
> यहोवा यह कहता है,
|
||||
> "एदोम के तीन पापों के लिए,
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||||
> वरन् चार के लिए भी,
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||||
> मैं दण्ड को नहीं बदलूँगा,
|
||||
> क्योंकि <u> वह </u> तलवार के साथ <u> उसके </u> भाई के पीछे दौड़ा
|
||||
> और सारी दया को एक किनारे रख दिया।
|
||||
> <u> उसका </u> क्रोध लगातार बढ़ता ही चला गया,
|
||||
> और <u> उसका </u> क्रोध सदैव के लिए बना रहा।” (आमोस 1:11 यूएलबी)
|
||||
> "एदोम के तीन ...अपराधों के कारण ,
|
||||
> वरन् चार... के कारण ,
|
||||
> मैं उसका दण्ड न छोडूंगा,
|
||||
> क्योंकि **उसने अपने** भाई को तलवार लिए हुए खदेड़ा
|
||||
> और कुछ भी दया न की,
|
||||
> परन्तु **अपने** क्रोध में उनको लगातार फाड़ता ही रहा,,
|
||||
> और **अपने** रोष को अनंत काल के लिए बनाए रहा” (आमोस 1:11 ULT)
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||||
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यहोवा ने इन बातों को एदोम राष्ट्र के बारे में कहा, न केवल एक व्यक्ति के बारे में।
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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||||
तब मैं थोड़े पुरुषों को लेकर रात को उठा...मैं रात को तराई के फाटक में होकर निकला...और यरूशलेम की टूटी पडी हुई शहरपनाह.. को देखा...फिर घुमकर तराई के फाटक से भीतर आया,और...लौट आया| (नहेम्याह 2:12,15)
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||||
नहेम्याह स्पष्ट कहता है कि वह अपने निरीक्षण अभियान में अन्य लोगों को भी साथ ले गया था परन्तु अपने निरीक्षण के वर्णन में वह कहता है,"मैं" ने यह किया और वह किया|
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### अनुवाद का कौशल
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यदि लोगों के समूह का वर्णन करते समय सर्वनाम का एकवचन रूप स्वभाविक हो, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें।
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* चाहे आप इसका उपयोग कर सकें, यह तौभी इस बात पर निर्भर हो सकता है कि वक्ता कौन है और लोग कौन हैं जिस के बारे में या जिस से वह बात कर रहा है।
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* यह वक्ता क्या कह रहा है, इस पर भी निर्भर हो सकता है।
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* आप इसका उपयोग कर सकते है या नहीं यह निर्भर करता है कि वक्ता कौन है और जिन लोगों के बारे में या जिन लोगों से वह चर्चा कर रहा है, वे कौन हैं|
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* यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि वक्ता क्या कह रहा है|
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1. यदि लोगों के समूह का वर्णन करते समय सर्वनाम का एकवचनीय रूप स्वभाविक नहीं है, या यदि पाठक इसके द्वारा भ्रमित हो जाएंगे, तो सर्वनाम के बहुवचन रूप का उपयोग करें।
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### अनुवाद के कौशल की व्यावहारिकता
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### अनुवाद की लागू की गईं रणनीतियाँ
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1. यदि लोगों के समूह का वर्णन करते समय सर्वनाम का एकवचन रूप स्वभाविक नहीं है, या यदि पाठक इसके द्वारा भ्रमित हो जाएंगे, तो सर्वनाम के बहुवचन रूप का उपयोग करें।
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1. यदि लोगों के समूह का वर्णन करते समय सर्वनाम का एकवचनीय रूप स्वभाविक नहीं है, या यदि पाठक इसके द्वारा भ्रमित हो जाएंगे, तो सर्वनाम के बहुवचन रूप का उपयोग करें।
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||||
> यहोवा यों कहता है,
|
||||
> "एदोम के तीन...अपराधों के कारण
|
||||
> वरव चार...के कारण मैं अपना दंड न छोडूंगा;
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||||
> क्योंकि **उसने** **अपने भाई** को तलवार लिए हुए खदेड़ा
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||||
> और कुछ भी दया न की,
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||||
> परन्तु **अपने** क्रोध में उनको लगातार फाड़ता ही रहा,और
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||||
>**अपने** रोष को अनंतकाल के लिए बनाए रहा
|
||||
(आमोस 1:11 यूएलबी)
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||||
> यहोवा यह कहता है,
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||||
> "एदोम के तीन पापों के लिए,
|
||||
> चार के लिए भी, मैं दण्ड को नहीं बदलूँगा,
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||||
> क्योंकि <u> वह </u> तलवार के साथ <u> उसके </u> भाई के पीछे दौड़ा
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||||
> और सारी दया को एक किनारे रख दिया।
|
||||
> <u> उसका </u> क्रोध लगातार बढ़ता ही चला गया,
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||||
> और <u> उसका </u> क्रोध सदैव के लिए बना रहा।” (आमोस 1:11 यूएलबी)
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> यहोवा यों कहता है,
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> "एदोम के तीन…अपराधों के कारण
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> वरव चार…के कारण मैं अपना दंड न छोडूंगा;
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> क्योंकि **उसने** **अपने भाई** को तलवार लिए हुए खदेड़ा
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> और कुछ भी दया न की,
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> परन्तु **अपने** क्रोध में उनको लगातार फाड़ता ही रहा,और
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> **अपने** रोष को अनंतकाल के लिए बनाए रहा
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यहोवा यह कहता है,
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>मैं थोड़े पुरुषों को लेकर रात को उठा...**मैं** रात को तराई के फाटक से होकर निकला...और.. टूटी हुई शहरपनाह... को देखा...फिर घूमकर तराई के फाटक से भीटर आया ओरिस प्रकार **मैं** लौट आया| (नहेम्याह 2:12,15)
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> "एदोम के तीन पापों के लिए,
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> चार के लिए भी, मैं दण्ड को नहीं बदलूँगा, क्योंकि <u> उन्होंने </u> तलवार के साथ <u> उनके भाइयों </u> का पीछा किया
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> और सारी दया को एक किनारे रख दिया।
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> <u> उनका </u> क्रोध लगातार बढ़ता ही चला गया,
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> और <u> उनका </u> क्रोध सदैव के लिए बना रहा।”
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>मैं थोड़े पुरुषों को लेकर रात को उठा...**हम** रात को तराई के फाटक से होकर निकले ...और.. **हमने** टूटी हुई शहरपनाह... को देखा...फिर **हम** घूमकर तराई के फाटक से भीटर आए ओर इस प्रकार **हम** लौट आए|
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### वर्णन
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कुछ भाषाओं में "आप" का **एकवचनीय** रूप होता है जब शब्द "आप" केवल एक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है, और एक ** बहुवचन** रूप जब शब्द "आप" एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। कुछ भाषाओं में "आप" का एक **द्विवचनीय** रूप भी होता है जब शब्द "आप" केवल दो लोगों को सन्दर्भित करता है। जो अनुवादक इन भाषाओं में से किसी एक को बोलते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है ताकि वे अपनी भाषा में शब्द "आप" के लिए सही शब्द को चुन सकें। अंग्रेजी जैसी अन्य भाषाओं में केवल एक ही रूप होता है, जिसे लोग इस बात पर ध्यान दिए बिना कि कितने लोगों को यह सन्दर्भित करता है, उपयोग करते हैं।
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कुछ भाषाओं में "आप" का **एकवचनीय** रूप होता है जब शब्द "आप" केवल एक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है, और एक **बहुवचन** रूप जब शब्द "आप" एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। कुछ भाषाओं में "आप" का एक **द्विवचनीय** रूप भी होता है जब शब्द "आप" केवल दो लोगों को सन्दर्भित करता है। जो अनुवादक इन भाषाओं में से किसी एक को बोलते हैं, उन्हें सदैव यह जानने की आवश्यकता होगी कि वक्ता का अर्थ क्या है ताकि वे अपनी भाषा में शब्द "आप" के लिए सही शब्द को चुन सकें। अंग्रेजी जैसी अन्य भाषाओं में केवल एक ही रूप होता है, जिसे लोग इस बात पर ध्यान दिए बिना कि कितने लोगों को यह सन्दर्भित करता है, उपयोग करते हैं।
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बाइबल सबसे पहले इब्रानी, अरामी और यूनानी भाषाओं में लिखी गई थी। इन भाषाओं में शब्द "आप" के एकवचन और "आप" के बहुवचन रूप भी पाए जाते हैं। जब हम उन भाषाओं में बाइबल पढ़ते हैं, तो सर्वनाम और क्रिया के रूप हमें दिखाते हैं कि शब्द "आप" एक व्यक्ति या एक से अधिक व्यक्ति को सन्दर्भित करता है। यद्यपि, वे हमें नहीं दिखाते हैं कि क्या यह केवल दो लोगों या दो से अधिक लोगों को सन्दर्भित करता है। जब सर्वनाम हमें यह नहीं दिखाते हैं कि शब्द "आप" कितने लोगों को सन्दर्भित करता है, तो हमें यह देखने के लिए सन्दर्भ देखने की आवश्यकता पड़ती है कि वक्ता कितने लोग बात कर रहे थे।
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तो मानक प्रारूप में यूहन्ना 1:1-2 की तरह एक सन्दर्भ इस तरह दिखेगा:
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\c 1
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c 1
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\ p
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p
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\ v 1 आरम्भ में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था।
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v 1 आरम्भ में वचन था, और वचन परमेश्वर के साथ था, और वचन परमेश्वर था।
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\ v 2 यही, वचन, परमेश्वर के साथ आरम्भ में था।
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v 2 यही, वचन, परमेश्वर के साथ आरम्भ में था।
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जब एक कंप्यूटर प्रोग्राम जो मानक प्रारूप को पढ़ सकता है, इसे देखता है, तो यह सभी अध्याय संकेतकों को उसी रूप में प्रारूपित करने में (उदाहरण के लिए, बड़ी सँख्या के साथ) और सभी वचन सँख्याओं को वैसे ही (उदाहरण के लिए, एक छोटे सुपरस्क्रिप्ट अर्थात् शब्द के ऊपर की ओर सँख्या के साथ लिखा हुआ होना) सक्षम होता है।
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### अन्य सामग्री के लिए मार्कडाउन या चिन्ह
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मार्कडाउन एक बहुत ही सामान्य संकेत पद्धति भाषा है, जिसका प्रयोग इंटरनेट पर कई स्थानों पर किया जाता है। मार्कडाउन का उपयोग एक ही पाठ के लिए विभिन्न प्रारूपों (जैसे वेबपृष्ठ, मोबाइल ऐप, पीडीएफ, आदि) में उपयोग को बहुत अधिक आसान बनाता है। इस इसी पद्धति में लिखा जाता है, तो मार्कडाउन** बड़े अझरों ** और * तिरछे अक्षर * का समर्थन करता है:
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मार्कडाउन एक बहुत ही सामान्य संकेत पद्धति भाषा है, जिसका प्रयोग इंटरनेट पर कई स्थानों पर किया जाता है। मार्कडाउन का उपयोग एक ही पाठ के लिए विभिन्न प्रारूपों (जैसे वेबपृष्ठ, मोबाइल ऐप, पीडीएफ, आदि) में उपयोग को बहुत अधिक आसान बनाता है। इस इसी पद्धति में लिखा जाता है, तो मार्कडाउन**बड़े अझरों** और * तिरछे अक्षर * का समर्थन करता है:
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मार्कडाउन **बड़े अझरों** और *तिरछे अक्षर* का समर्थन करता है। मार्कडाउन इस तरह के शीर्षकों का भी समर्थन करता है:
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#### ओबीएस और बाइबल से उदाहरण
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> तुमने तो मुझे गुलाम के रूप में बेचकर बुराई करने का प्रयास किया, *** परन्तु *** परमेश्वर ने भलाई के लिए बुराई का उपयोग किया! (कहानी 8 खांचा 12 ओबीएस)
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> तुमने तो मुझे गुलाम के रूप में बेचकर बुराई करने का प्रयास किया, *** परन्तु*** परमेश्वर ने भलाई के लिए बुराई का उपयोग किया! (कहानी 8 खांचा 12 ओबीएस)
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युसुफ के भाइयों की युसुफ को बेचने की बुरी योजना कई लोगों को बचाने के लिए परमेश्वर की भली योजना के विपरीत है। शब्द "परन्तु" इसके विपरीत को चिह्नित करता है।
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#### ओबीएस और बाइबल से उदाहरण
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> वह गुस्से में आ गई और युसुफ पर पर झूठा आरोप लगा दिया *** जिसके कारण उसे गिरफ्तार कर लिया गया और कैद में भेज दिया गया ***. (कहानी 8 खांचा 5 ओबीएस)
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> वह गुस्से में आ गई और युसुफ पर पर झूठा आरोप लगा दिया *** जिसके कारण उसे गिरफ्तार कर लिया गया और कैद में भेज दिया गया***. (कहानी 8 खांचा 5 ओबीएस)
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स्त्री के झूठे आरोप का लक्ष्य या उद्देश्य युसुफ को गिरफ्तार करवाना और जेल भेजना था।
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बोअज़ का लक्ष्य या उद्देश्य पुरुषों को मुट्ठी भर जाने पर कुछ-कुछ निकालकर गिरा देने और इसे रूत को इक्ट्ठा (बीनने) करने के लिए छोड़े देने का निर्देश देने का था।
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> ... चरवाहों ने एक-दूसरे से कहा, "आओ हम वास्तव में बैतलहम को जाएं, *** और इस घटी हुई घटना को देखें ***, जिसे प्रभु ने हमें बताया है।" (लूका 2:15 यूएलटी)
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> ... चरवाहों ने एक-दूसरे से कहा, "आओ हम वास्तव में बैतलहम को जाएं, *** और इस घटी हुई घटना को देखें***, जिसे प्रभु ने हमें बताया है।" (लूका 2:15 यूएलटी)
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बैतलहम जाने का उद्देश्य उस घटना को देखना था जो घटित हुई थी। यहाँ उद्देश्य चिह्नित नहीं है और इसे गलत समझा जा सकता है।
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> "... यदि तू *** जीवन में प्रवेश करना चाहता है ***, आज्ञाओं का पालन कर।" (मत्ती 19:17 यूएलटी)
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> "... यदि तू *** जीवन में प्रवेश करना चाहता है***, आज्ञाओं का पालन कर।" (मत्ती 19:17 यूएलटी)
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आज्ञाओं को पालन करने का लक्ष्य जीवन में प्रवेश करने के लिए है।
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> इस से दाईं ओर या बाईं ओर न मुड़ना *** ताकि जहाँ कहीं तू जाएगा वहां सफल होगा। (यहोशू 1:7 यूएलटी)
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> इस से दाईं ओर या बाईं ओर न मुड़ना * ताकि जहाँ कहीं तू जाएगा वहां सफल होगा। (यहोशू 1:7 यूएलटी)
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मूसा ने इस्राएलियों को जो निर्देश दिए थे, उनसे मुँह न मोड़ने का उद्देश्य यही था कि वे सफल हों।
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1. यदि लक्ष्य कथन का निर्माण अस्पष्ट है, तो उसे उसमें परिवर्तित कर दें जो अधिक स्पष्ट है।
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> "इसके अतिरिक्त मुट्ठी भर जाने पर कुछ-कुछ निकालकर गिरा भी दिया करो ***उसके बीनने के लिये छोड़ दो***, और उसे डाँटना मत।" (रूत 2:16 यूएलटी)
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>> "इसके अतिरिक्त मुट्ठी भर जाने पर कुछ-कुछ निकालकर गिरा भी दिया करो ***ताकि वह बीन सके ***, और उसे डाँटना मत।" (रूत 2:16 यूएलटी)
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>> "इसके अतिरिक्त मुट्ठी भर जाने पर कुछ-कुछ निकालकर गिरा भी दिया करो ***ताकि वह बीन सके***, और उसे डाँटना मत।" (रूत 2:16 यूएलटी)
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> ... चरवाहों ने एक-दूसरे से कहा, "आओ हम वास्तव में बैतलहम को जाएं, *** और इस घटी हुई घटना को देखें ***, जिसे प्रभु ने हमें बताया है।" (लूका 2:15 यूएलटी)
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>> ... चरवाहों ने एक-दूसरे से कहा, "आओ हम वास्तव में बैतलहम को जाएं, *** ताकि हम इस बात को देख सकें जो घटित हुई है ***, जिसे प्रभु ने हमें बताया है।" (लूका 2:15 यूएलटी)
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> ... चरवाहों ने एक-दूसरे से कहा, "आओ हम वास्तव में बैतलहम को जाएं, *** और इस घटी हुई घटना को देखें***, जिसे प्रभु ने हमें बताया है।" (लूका 2:15 यूएलटी)
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>> ... चरवाहों ने एक-दूसरे से कहा, "आओ हम वास्तव में बैतलहम को जाएं, *** ताकि हम इस बात को देख सकें जो घटित हुई है***, जिसे प्रभु ने हमें बताया है।" (लूका 2:15 यूएलटी)
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(2) यदि कथनों का क्रम पाठक के लिए लक्ष्य कथन को अस्पष्ट या भ्रमित करता है, तो व्यवस्था क्रम को परिवर्तित कर दें।
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> "... यदि तू *** जीवन में प्रवेश करना चाहता है ***, आज्ञाओं का पालन कर।" (मत्ती 19:17 यूएलटी)
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> "... यदि तू *** जीवन में प्रवेश करना चाहता है***, आज्ञाओं का पालन कर।" (मत्ती 19:17 यूएलटी)
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>> "... आज्ञाओं का पालन कर यदि तू *** जीवन में प्रवेश करना चाहता है***." या: "... आज्ञाओं का पालन कर*** ताकि तू जीवन में प्रवेश कर सकें***."
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>परन्तु दाख की बारी के उत्पादको ने बेटे को देखा, तो आपस में कहा, ‘यह तो वारिस है, आओ, उसे मार डालें ***और उसकी विरासत ले लें***.' और उन्होंने उसे पकड़ा और दाख की बारी से बाहर निकालकर मार डाला। (मत्ती 21:38-39 यूएलटी)
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**कारण** शाऊल में परिवर्तन का होना है - यह कि उसने यीशु पर विश्वास करने वाले लोगों को मारने का प्रयास किया था, और अब वह स्वयं यीशु पर विश्वास करता था। **परिणाम** यह है कि यहूदी चकित थे। शब्द "क्योंकि दो विचारों को जोड़ता है और इंगित करता है कि यह एक कारण है।
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> देखो, समुद्र में एक ऐसा बड़ा तूफान उठा, ***जिससे ***नाव लहरों से ढक गई। (मत्ती 8:24 यूएलटी)
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> देखो, समुद्र में एक ऐसा बड़ा तूफान उठा, ***जिससे***नाव लहरों से ढक गई। (मत्ती 8:24 यूएलटी)
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**कारण** बड़ा तूफान है, और ** परिणाम ** नाव लहरों के साथ ढक गई थी। दो घटनाएं आपस में शब्द "जिससे" के द्वारा जुड़ी हुई हैं। ध्यान दें कि शब्द "जिससे" अक्सर एक लक्ष्य संबंध को इंगित करता है, परन्तु यहां संबंध कारण-और-परिणाम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि समुद्र सोच नहीं सकता है और इसलिए उसके पास लक्ष्य नहीं है।
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**कारण** बड़ा तूफान है, और **परिणाम** नाव लहरों के साथ ढक गई थी। दो घटनाएं आपस में शब्द "जिससे" के द्वारा जुड़ी हुई हैं। ध्यान दें कि शब्द "जिससे" अक्सर एक लक्ष्य संबंध को इंगित करता है, परन्तु यहां संबंध कारण-और-परिणाम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि समुद्र सोच नहीं सकता है और इसलिए उसके पास लक्ष्य नहीं है।
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>परमेश्वर ने सातवें दिन को आशीष दी और पवित्र ठहराया; ***क्योंकि*** उसमें उसने सृष्टि की रचना के अपने सारे काम से विश्राम लिया। (उत्पत्ति 2:3 यूएलटी)
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> "धन्य हो तुम, जो दीन हो, ***क्योंकि*** परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है। (लूका 6:20 यूएलटी)
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(1) परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है जो दीन हैं। ***इसलिए*, दीन धन्य हैं।
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(1) परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है जो दीन हैं। *इसलिए*, दीन धन्य हैं।
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(२) धन्य हैं दीन, *** क्योंकि***परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है।
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(3) ***कारण यह है कि*** दीन इसलिए धन्य ***है क्योंकि*** परमेश्वर का उनका राज्य है।
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> देखो, समुद्र में एक ऐसा बड़ा तूफान उठा, ***जिससे ***नाव लहरों से ढक गई। (मत्ती 8:24 यूएलटी)
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> देखो, समुद्र में एक ऐसा बड़ा तूफान उठा, ***जिससे***नाव लहरों से ढक गई। (मत्ती 8:24 यूएलटी)
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(1) देखो, नाव को लहरों ने ढक लिया था ***क्योंकि*** समुद्र पर एक बड़ा तूफान उठ खड़ा हुआ था।
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#### ओबीएस और बाइबल से उदाहरण
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> *** जब सुलैमान बूढ़ा हुआ, तो उसने उनके देवताओं की भी पूजा की। (ओबीएस कहानी 18 खांचा 3)
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> * जब सुलैमान बूढ़ा हुआ, तो उसने उनके देवताओं की भी पूजा की। (ओबीएस कहानी 18 खांचा 3)
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सुलैमान ने विदेशी देवताओं की पूजा करना शुरू कर दिया था जब वह बूढ़ा हो गया था। बूढ़ा होना पृष्ठभूमि की घटना है। अन्य देवताओं की पूजा करना मुख्य घटना है।
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@ -22,11 +22,11 @@
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पहली घटना -- यरुशलेम को जाना - - चल रही है और बहुत पहले शुरू हुई थी। हम इसे "प्रति वर्ष" शब्दों के कारण जानते हैं। यरूशलेम जाना पृष्ठभूमि की घटना है। तब एक घटना शुरू होती है जो उस समय शुरू हुई जब "जब वह बारह वर्ष का था।" इस तरह मुख्य घटना यीशु और उसके परिवार के फसह पर्व मनाने के लिए यरुशलेम की यात्रा करने का विशिष्ट समय है *जब वह बारह वर्ष का था।*
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> अब यह उस समय के बारे में है ***जब *** वे वहीं थे, उसके बच्चे के जन्म का समय आ गया। (लूका 2:6 यूएलटी)
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> अब यह उस समय के बारे में है ***जब*** वे वहीं थे, उसके बच्चे के जन्म का समय आ गया। (लूका 2:6 यूएलटी)
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बेतलहम में होना पृष्ठभूमि की घटना है। बच्चे का जन्म मुख्य घटना है।
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>… *** जब *** पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया का राज्यपाल था, और गलील में हेरोदेस इतूरैया, और त्रखोनीतिस में, उसका भाई फिलिप्पुस, और अबिलेने में लिसानियास चौथाई के राजा थे, ***उस समय***जब हन्ना और कैफा महायाजक थे - परमेश्वर का वचन जंगल में जकर्याह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुँचा । (लूका 3:1-2 यूएलटी)
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>… *** जब*** पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया का राज्यपाल था, और गलील में हेरोदेस इतूरैया, और त्रखोनीतिस में, उसका भाई फिलिप्पुस, और अबिलेने में लिसानियास चौथाई के राजा थे, ***उस समय***जब हन्ना और कैफा महायाजक थे - परमेश्वर का वचन जंगल में जकर्याह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुँचा । (लूका 3:1-2 यूएलटी)
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यह उदाहरण पांच पृष्ठभूमि खण्डों (अल्पविराम-चिह्नों द्वारा चिह्नित) के साथ शुरू होता है, जिसका संकेत "जब" और "उस समय" शब्दों से पृष्ठभूमि के रूप में मिलता है। तब मुख्य घटना घटित होती है: "परमेश्वर का वचन यूहन्ना के पास पहुँचा"।
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@ -39,7 +39,7 @@
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#### अनुप्रयुक्त अनुवाद रणनीतियों के उदाहरण
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>… *** जब *** पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया का राज्यपाल था, और गलील में हेरोदेस इतूरैया, और त्रखोनीतिस में, उसका भाई फिलिप्पुस, और अबिलेने में लिसानियास चौथाई के राजा थे, *** उस समय *** जब हन्ना और कैफा महायाजक थे - परमेश्वर का वचन जंगल में जकर्याह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुँचा। (लूका 3:1-2 यूएलटी)
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>… *** जब*** पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया का राज्यपाल था, और गलील में हेरोदेस इतूरैया, और त्रखोनीतिस में, उसका भाई फिलिप्पुस, और अबिलेने में लिसानियास चौथाई के राजा थे, *** उस समय*** जब हन्ना और कैफा महायाजक थे - परमेश्वर का वचन जंगल में जकर्याह के पुत्र यूहन्ना के पास पहुँचा। (लूका 3:1-2 यूएलटी)
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(1) यदि जोड़ने वाला शब्द यह स्पष्ट नहीं करता है कि जो आगे आ रहा है वह पृष्ठभूमि खण्ड है, तो जोड़ने वाले शब्द का उपयोग करें जो इसे और अधिक स्पष्ट रूप से संचारित करता है।
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@ -47,7 +47,7 @@
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(2) यदि आपकी भाषा जोड़ने वाले शब्दों का उपयोग करने की तुलना में एक अलग ही तरीके से पृष्ठभूमि खण्ड को चिह्नित करती है, जैसे कि विभिन्न क्रिया रूपों के साथ होता है, तो उसी तरीके का उपयोग करें।
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>… पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया पर ***शासन कर रहा था*** और हेरोदेस गलील पर ***शासन कर रहा था*** और उसका भाई फिलिप्पुस इतूरैया और त्रखोनीतिस के क्षेत्र पर ***शासन कर रहा था*** और लिसानियास अबिलेने पर ***शासन कर रहा था*** और हन्ना और कैफा महायाजक ***होने के नाते*** कार्य कर रहे थे - तब परमेश्वर का वचन जंगल में जकर्याह के पुत्र यूहन्ना के पास *** पहुँचा ***.
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>… पुन्तियुस पिलातुस यहूदिया पर ***शासन कर रहा था*** और हेरोदेस गलील पर ***शासन कर रहा था*** और उसका भाई फिलिप्पुस इतूरैया और त्रखोनीतिस के क्षेत्र पर ***शासन कर रहा था*** और लिसानियास अबिलेने पर ***शासन कर रहा था*** और हन्ना और कैफा महायाजक ***होने के नाते*** कार्य कर रहे थे - तब परमेश्वर का वचन जंगल में जकर्याह के पुत्र यूहन्ना के पास *** पहुँचा***.
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#### समय संबंध जोड़ने वाले शब्दों में अंतर का उदाहरण:
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@ -55,13 +55,13 @@
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| ------------------------ | -------------------------------------------- |
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| पृष्ठभूमि की रूपरेखा | उन दिनों में यहोवा का **वचन दुर्लभ था**; |
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| पृष्ठभूमि का दोहराया जाना | वहाँ पर दर्शन की कोई बात नहीं थी। |
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| मुख्य घटना का परिचय | ** यह उस समय हुआ**, |
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| पृष्ठभूमि | ** जब ** एली अपने स्थान पर लेटा हुआ था
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| मुख्य घटना का परिचय | **यह उस समय हुआ**, |
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| पृष्ठभूमि | **जब** एली अपने स्थान पर लेटा हुआ था
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| समकालिक पृष्ठभूमि | **और** उसकी आँखें धुंधली होने लगी थीं, जिस कारण उसे सूझ नहीं पड़ता था, |
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| समकालिक पृष्ठभूमि | ** और ** और परमेश्वर का दीपक अब तक बुझा नहीं था, |
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| समकालिक पृष्ठभूमि | ** और ** शमूएल यहोवा के मन्दिर में लेटा हुआ था, |
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| समकालिक पृष्ठभूमि | **और** और परमेश्वर का दीपक अब तक बुझा नहीं था, |
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| समकालिक पृष्ठभूमि | **और** शमूएल यहोवा के मन्दिर में लेटा हुआ था, |
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| समकालिक पृष्ठभूमि | जहाँ परमेश्वर का सन्दूक था। |
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| मुख्य घटना | ** यहोवा ने शमूएल को पुकारा**, |
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| मुख्य घटना | **यहोवा ने शमूएल को पुकारा**, |
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| अनुक्रमिक घटना । उसने कहा, "मैं यहाँ हूँ।" (1 शमू. 3:1-4 यूएलटी)
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उपरोक्त उदाहरण में, पहली दो पंक्तियां एक ऐसी परिस्थिति के बारे में बात करती हैं जो लंबे समय से चल रही थी। यह सामान्य, दीर्घ-कालिक पृष्ठभूमि है। हम इसे "उन दिनों में" वाक्यांश से जानते हैं। फिर अल्प-कालिक पृष्ठभूमि वाली कई पंक्तियां मिलती हैं। पहले वाले को "जब," के द्वारा परिचित कराया जाता है और फिर तीन और पहले वाले "और" से जुड़े हुए हैं। "वहाँ" द्वारा प्रस्तुत किया गया पृष्ठभूमि खण्ड इससे पहले के पृष्ठभूमि खण्ड के बारे में कुछ और बताता है। फिर मुख्य घटना घटित होती है, उसके बाद और अधिक घटनाएं घटित होती हैं। इन संबंधों को अपनी भाषा में दिखाने के लिए अनुवादकों को सबसे अच्छे तरीके के बारे में सोचना होगा।
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@ -24,11 +24,11 @@
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> लोग जकर्याह की प्रतीक्षा करते रहे ***और*** अचम्भा करने लगे कि उसे मन्दिर में ऐसी देर क्यों लगी। (लूका 1:21 यूएलटी)
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लोग एक ही समय में प्रतीक्षा कर रहे थे और सोच रहे थे। सामान्य संजोयक, *** और ***, इसे इंगित करता है।
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लोग एक ही समय में प्रतीक्षा कर रहे थे और सोच रहे थे। सामान्य संजोयक, *** और***, इसे इंगित करता है।
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> और ***जबकि*** वे आकाश की ओर ताक रहे थे ***जब*** वह ऊपर जा रहा था, तब देखो, दो पुरुष श्वेत वस्त्र पहने हुए उनके पास आ खड़े हुए। (प्रेरितों 1:10 यूएलटी)
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एक ही समय में तीन घटनाएँ घटित हुईं हैं - चेले ऊपर की ओर ताक रहे हैं, यीशु ऊपर जा रहा है, और दो आदमी आ खड़े होते हैं। संयोजक शब्द "*** जबकि ***" और "*** जब ***" हमें इसे बताते हैं।
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एक ही समय में तीन घटनाएँ घटित हुईं हैं - चेले ऊपर की ओर ताक रहे हैं, यीशु ऊपर जा रहा है, और दो आदमी आ खड़े होते हैं। संयोजक शब्द "*** जबकि***" और "*** जब***" हमें इसे बताते हैं।
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#### अनुवाद रणनीतियाँ
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(1) और ***उस समय*** वे आकाश की ओर ताक रहे थे ***जब*** वह ऊपर जा रहा था, तब देखो, दो पुरुष श्वेत वस्त्र पहने हुए उनके पास आ खड़े हुए ।
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(2) और *** जबकि *** वे आकाश की ओर ताक रहे थे ***जब*** वह ऊपर जा रहा था, ***तब देखो उसी समय***, दो पुरुष श्वेत वस्त्र पहने हुए उनके पास आ खड़े हुए ।
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(2) और *** जबकि*** वे आकाश की ओर ताक रहे थे ***जब*** वह ऊपर जा रहा था, ***तब देखो उसी समय***, दो पुरुष श्वेत वस्त्र पहने हुए उनके पास आ खड़े हुए ।
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(3) वे आकाश की ओर ताक रहे थे ***जब*** वह ऊपर जा रहा था, ***तब*** उन्होंने श्वेत वस्त्र पहने हुए दो पुरुष को उनके पास आ खड़े हुए देखा ।
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### विवरण
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मनुष्य होने के नाते, हम अपने विचारों को वाक्यांशों और वाक्यों में लिखते हैं। सामान्य रूप से, हम विचारों की एक श्रृंखला को संचारित करना चाहते हैं जो विभिन्न तरीकों से एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। ** जोड़ने वाले शब्द और वाक्यांश ** दिखाते हैं कि ये विचार एक दूसरे से कैसे संबंधित हैं। उदाहरण के लिए, हम बता सकते हैं कि नीचे दिए गए विचार कैसे जुड़े हुए रेखांकित किए गए शब्दों का उपयोग करने के द्वारा आपस में संबंधित हैं:
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मनुष्य होने के नाते, हम अपने विचारों को वाक्यांशों और वाक्यों में लिखते हैं। सामान्य रूप से, हम विचारों की एक श्रृंखला को संचारित करना चाहते हैं जो विभिन्न तरीकों से एक दूसरे से जुड़े हुए होते हैं। **जोड़ने वाले शब्द और वाक्यांश** दिखाते हैं कि ये विचार एक दूसरे से कैसे संबंधित हैं। उदाहरण के लिए, हम बता सकते हैं कि नीचे दिए गए विचार कैसे जुड़े हुए रेखांकित किए गए शब्दों का उपयोग करने के द्वारा आपस में संबंधित हैं:
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* बारिश हो रही थी, *** इसलिए *** मैंने अपना छाता खोला।
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* बारिश हो रही थी, *** परन्तु *** मेरे पास छाता नहीं था। *** इसलिए *** मैं बहुत अधिक गीला हो गया हूं।
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* बारिश हो रही थी, *** इसलिए*** मैंने अपना छाता खोला।
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* बारिश हो रही थी, *** परन्तु*** मेरे पास छाता नहीं था। *** इसलिए*** मैं बहुत अधिक गीला हो गया हूं।
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जोड़ने वाले शब्द या वाक्यांश एक वाक्य के भीतर वाक्यांशों या खंडों को आपस में जोड़ सकते हैं। वे वाक्यों को एक दूसरे के साथ जोड़ सकते हैं। वे साथ ही पूरे खण्ड को आपस में जोड़ सकते हैं ताकि यह दिखा सकें कि कैसे पहले खण्ड के बाद आने वाला दूसरा खण्ड आपस में संबंधित है। बहुत बार, जोड़ने वाले ऐसे शब्द जो एक दूसरे खण्ड को पूरी तरह से जोड़ते हैं, या तो संयोजन या क्रियाविशेषण होते हैं।
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> बारिश हो रही थी, परन्तु मेरे पास छाता नहीं था। इसलिए मैं बहुत अधिक गीला हो हूं।
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> *** अब *** मुझे अपने कपड़े बदलने चाहिए। फिर मैं एक पियाला गर्म चाय पीऊंगा और आग से स्वयं को गर्म करूंगा।
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> *** अब*** मुझे अपने कपड़े बदलने चाहिए। फिर मैं एक पियाला गर्म चाय पीऊंगा और आग से स्वयं को गर्म करूंगा।
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उपरोक्त उदाहरण में, शब्द "अब" पाठ के दो छोटे खण्डों को आपस में जोड़ता है, जो उनके बीच के संबंध को दर्शाता है। बोलने वाले को अपने कपड़े बदलने चाहिए, गर्म चाय पीना चाहिए, और पहले जो कुछ हुआ था, उसके कारण स्वयं को गर्म करना है (अर्थात्, वह बारिश में भीग गया है)।
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### बाइबल से उदाहरण
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> मैंने तुरंत मांस और लहू के साथ परामर्श नहीं किया, और न ही मैं उन लोगों के पास यरूशलेम गया, जो मुझसे पहले प्रेरित थे, *** परन्तु *** इसके स्थान पर मैं अरब गया और फिर दमिश्क लौट आया। *** फिर *** तीन साल बाद मैं कैफा से भेंट करने के लिए यरूशलेम को गया, और उसके साथ पंद्रह दिन रहा। (गलातियों 1: 16-18 यूएलटी)
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> मैंने तुरंत मांस और लहू के साथ परामर्श नहीं किया, और न ही मैं उन लोगों के पास यरूशलेम गया, जो मुझसे पहले प्रेरित थे, *** परन्तु*** इसके स्थान पर मैं अरब गया और फिर दमिश्क लौट आया। *** फिर*** तीन साल बाद मैं कैफा से भेंट करने के लिए यरूशलेम को गया, और उसके साथ पंद्रह दिन रहा। (गलातियों 1: 16-18 यूएलटी)
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शब्द "परन्तु" किसी बात का परिचय देता है कि ** पहले जो कहा गया था, उसके विपरीत ** तुलना ** है। **तुलना** यहाँ पौलुस ने क्या नहीं किया और क्या नहीं किया में है। शब्द "फिर" घटनाओं के एक ** अनुक्रम ** का परिचय देता है। यह कुछ ऐसा परिचय देता है जिसे पौलुस ने दमिश्क से लौटने के पश्चात् किया था।
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> *** इसलिए *** जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े ***और*** वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा । ***परन्तु*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। (मत्ती 5:19 यूएलटी)
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> *** इसलिए*** जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े ***और*** वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा । ***परन्तु*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। (मत्ती 5:19 यूएलटी)
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शब्द "इसलिए" इस खण्ड को इससे पहले वाले खण्ड के साथ जोड़ता है, यह संकेत देता है कि इस पहले आए खण्ड ने इस **खण्ड** के लिए कारण दिया है । शब्द "इसलिए" सामान्य रूप से एक वाक्य की तुलना में बड़े खण्डों को जोड़ता हूं। शब्द "और" एक ही वाक्य के भीतर केवल दो क्रियाओं को जोड़ता है, जो कि आज्ञाओं को तोड़ना और दूसरों को सिखाना है। इस वचन में "परन्तु" लोगों के एक समूह को परमेश्वर के राज्य में क्या कहा जाएगा, **के विपरीत** लोगों के एक अन्य समूह को क्या कहा जाएगा की तुलना करता है।
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> हम किसी के सामने किसी भी ठोकर को नहीं रखते हैं, ***क्योंकि *** हम नहीं चाहते कि हमारी सेवकाई पर कोई दोष आए। ***इसके स्थान पर***, हम अपने सभी कार्यों से स्वयं को प्रमाणित करते हैं, कि हम परमेश्वर के सेवक हैं। (2 कुरिन्थियों 6: 3-4 यूएलटी)
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> हम किसी के सामने किसी भी ठोकर को नहीं रखते हैं, ***क्योंकि*** हम नहीं चाहते कि हमारी सेवकाई पर कोई दोष आए। ***इसके स्थान पर***, हम अपने सभी कार्यों से स्वयं को प्रमाणित करते हैं, कि हम परमेश्वर के सेवक हैं। (2 कुरिन्थियों 6: 3-4 यूएलटी)
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यहाँ शब्द "क्योंकि" उसे जोड़ता है जो इसके पीछे ** कारण ** के रूप में इसके आगे वाले के लिए आया है; पौलुस किसी को सामने कोई ठोकर नहीं रखता का कारण यह है कि वह नहीं चाहता कि उसकी सेवकाई के ऊपर कोई दोष आए। "इसके स्थान पर" पौलुस क्या करता है (अपने कार्यों से प्रमाणित करता है कि वह परमेश्वर का सेवक है) ** के विपरीत ** की तुलना उसने जो कहा है उसे नहीं करता है (ठोकर को सामने रखते हुए)।
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यहाँ शब्द "क्योंकि" उसे जोड़ता है जो इसके पीछे **कारण** के रूप में इसके आगे वाले के लिए आया है; पौलुस किसी को सामने कोई ठोकर नहीं रखता का कारण यह है कि वह नहीं चाहता कि उसकी सेवकाई के ऊपर कोई दोष आए। "इसके स्थान पर" पौलुस क्या करता है (अपने कार्यों से प्रमाणित करता है कि वह परमेश्वर का सेवक है) **के विपरीत** की तुलना उसने जो कहा है उसे नहीं करता है (ठोकर को सामने रखते हुए)।
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### सामान्य अनुवाद रणनीतियाँ
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(1) एक जोडऩे वाले शब्द का उपयोग करें (भले ही यूएलटी उपयोग नहीं करता है)।
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> ** यीशु ने उनसे कहा, "मेरे पीछे आओ, और मैं तुम्हें पुरुषों का मछुआरा बनाउंगा।" तुरंत उन्होंने अपने जालों को छोड़ दिया और उसके पीछे हो लिए।** (मरकुस 1: 17-18 यूएलटी)
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> **यीशु ने उनसे कहा, "मेरे पीछे आओ, और मैं तुम्हें पुरुषों का मछुआरा बनाउंगा।" तुरंत उन्होंने अपने जालों को छोड़ दिया और उसके पीछे हो लिए।** (मरकुस 1: 17-18 यूएलटी)
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उन्होंने यीशु का अनुसरण किया ***क्योंकि*** उसने उनसे ऐसा करने के लिए कहा। कुछ अनुवादक इस खण्ड को जोड़ने वाले शब्द "ऐसा" के साथ चिह्नित करना चाहेंगे।
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>> यीशु ने उनसे कहा, "मेरे पीछे आओ, और मैं तुम्हें पुरुषों का मछुआरा बनाउंगा।" *** इसलिए ~ तुरंत उन्होंने अपने जालों को छोड़ दिया और उसके पीछे हो लिए।
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>> यीशु ने उनसे कहा, "मेरे पीछे आओ, और मैं तुम्हें पुरुषों का मछुआरा बनाउंगा।" * इसलिए ~ तुरंत उन्होंने अपने जालों को छोड़ दिया और उसके पीछे हो लिए।
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(2) जोड़ने वाले एक शब्द का उपयोग तब तक न करें यदि उसका उपयोग करना विषय प्रतीत हो और लोग इसके बिना ही विचारों के बीच सही संबंध को समझेंगे।।
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> *** इसलिए *** जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े ***और*** वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। ***परन्तु*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। (मत्ती 5:19 यूएलटी)
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> *** इसलिए*** जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े ***और*** वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। ***परन्तु*** जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा। (मत्ती 5:19 यूएलटी)
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कुछ भाषाएं यहां जोड़ने वाले शब्दों का उपयोग करना पसंद नहीं करेंगी, क्योंकि उनके बिना अर्थ स्पष्ट है और उनका उपयोग करना अस्वाभाविक होगा। वे इस तरह से अनुवाद कर सकते हैं कि:
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इसलिए जो कोई भी इनमें से छोटी से छोटी में से किसी एक को तोड़े, वैसा ही दूसरों को सिखाए, वह स्वर्ग के राज्य में छोटा कहलाएगा। जो कोई उनका पालन करता है और उन्हें सिखाता है उसे स्वर्ग के राज्य में महान कहा जाएगा।
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> **मैंने तुरंत मांस और लहू के साथ परामर्श नहीं किया, न ही मैं उन लोगों के पास यरूशलेम गया, जो मुझसे पहले प्रेरित थे, *** परन्तु *** इसके स्थान पर मैं अरब गया और फिर दमिश्क लौट आया। *** फिर *** तीन साल बाद मैं कैफा से भेंट करने के लिए यरूशलेम को गया, और उसके साथ पंद्रह दिन रहा।** (गलातियों 1: 16-18 यूएलटी)
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> **मैंने तुरंत मांस और लहू के साथ परामर्श नहीं किया, न ही मैं उन लोगों के पास यरूशलेम गया, जो मुझसे पहले प्रेरित थे,*** परन्तु *** इसके स्थान पर मैं अरब गया और फिर दमिश्क लौट आया।*** फिर *** तीन साल बाद मैं कैफा से भेंट करने के लिए यरूशलेम को गया, और उसके साथ पंद्रह दिन रहा।** (गलातियों 1: 16-18 यूएलटी)
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कुछ भाषाओं को यहाँ "परन्तु" या "तब" शब्दों की आवश्यकता नहीं हो सकती है। वे इस तरह अनुवाद कर सकते हैं:
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इसके बाद आपको यह समझने की आवश्यकता है कि कौन कार्यवाही कर रहा है।
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एक स्पष्ट अनुवाद** प्रतिभागियों ** की पहचान करेगा।
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एक स्पष्ट अनुवाद**प्रतिभागियों** की पहचान करेगा।
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**प्रतिभागी** एक घटना में लोग या वस्तुएँ होती हैं, जो उस घटना में भाग लेते हैं।
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इस वचन के लिए नोट यह कहता है कि:
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* ** वह अपने मुँह के बल गिर गया** - "उसने घुटने टेककर अपने मुँह से भूमि को छुआ" या "वह भूमि पर झुक गया" (यूडीबी) यहाँ यूडीबी अनुवाद के शब्दों को एक और अनुवाद के सुझाव के रूप में प्रदान किया गया है।
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* **वह अपने मुँह के बल गिर गया** - "उसने घुटने टेककर अपने मुँह से भूमि को छुआ" या "वह भूमि पर झुक गया" (यूडीबी) यहाँ यूडीबी अनुवाद के शब्दों को एक और अनुवाद के सुझाव के रूप में प्रदान किया गया है।
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@ -20,28 +20,28 @@
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#### क्या यह खण्ड आरम्भ, निरन्तरता या का अन्त सन्दर्भ है
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> <sup> 1 </ sup> यह तब हुआ जब यीशु ने अपने बारह शिष्यों को निर्देश देना समाप्त कर दिया, इसलिए वह वहाँ से निकलकर उनके शहरों में शिक्षा देने और प्रचार करने के लिए निकल गया। <sup> 2 </ sup> अब जब यूहन्ना ने मसीह के कार्यों के बारे में बन्दीगृह में सुना, तो उसने अपने शिष्यों के द्वारा एक सन्देश भेजा <sup> 3 </ sup> और उससे कहा, "क्या तू ही आने वाला हैं, या क्या कोई और व्यक्ति है, जिसे हमें ढूँढना चाहिए? " (मत्ती 11:1-3 यूएलबी)
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||||
> <sup> 1 </sup> यह तब हुआ जब यीशु ने अपने बारह शिष्यों को निर्देश देना समाप्त कर दिया, इसलिए वह वहाँ से निकलकर उनके शहरों में शिक्षा देने और प्रचार करने के लिए निकल गया। <sup> 2 </sup> अब जब यूहन्ना ने मसीह के कार्यों के बारे में बन्दीगृह में सुना, तो उसने अपने शिष्यों के द्वारा एक सन्देश भेजा <sup> 3 </sup> और उससे कहा, "क्या तू ही आने वाला हैं, या क्या कोई और व्यक्ति है, जिसे हमें ढूँढना चाहिए? " (मत्ती 11:1-3 यूएलबी)
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* **सामान्य जानकारी**: - यह कहानी के एक नए भाग की आरम्भ है, जहाँ लेखक बताता है कि यीशु ने यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले के शिष्यों को कैसी प्रतिक्रिया दी। (देखें: *नई घटना का परिचय*) यह नोट आपको एक कहानी के एक नए भाग की आरम्भ में सचेत करता है और आपको एक ऐसे पृष्ठ का सम्पर्क देता है, जो नई घटनाओं और उनके अनुवाद से सम्बन्धित विषयों के बारे में और अधिक बताता है।
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#### कौन बोल रहा है
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> <sup> 17 </ sup> क्योंकि वह हम में से एक था और इस सेवाकाई के लाभों का उसको भाग प्राप्त हुआ था।”<sup> 18 </ sup> (अब इस व्यक्ति ने अपने बुरे कार्य की कमाई के साथ एक खेत खरीदा। तब वह अपने सिर के बल गिर गया, और उसका शरीर फट गया, और उसके सारी आंतें बाहर निकल गए। <sup> 19 </ sup> यह यरूशलेम में रहने वाले सभी लोगों को ज्ञात हो गया कि खेत को उनकी भाषा हकलदमा, अर्थात्, खून वाला खेत कहा जाता था।) (प्रेरितों 1:17-19 यूएलबी)
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> <sup> 17 </sup> क्योंकि वह हम में से एक था और इस सेवाकाई के लाभों का उसको भाग प्राप्त हुआ था।”<sup> 18 </sup> (अब इस व्यक्ति ने अपने बुरे कार्य की कमाई के साथ एक खेत खरीदा। तब वह अपने सिर के बल गिर गया, और उसका शरीर फट गया, और उसके सारी आंतें बाहर निकल गए। <sup> 19 </sup> यह यरूशलेम में रहने वाले सभी लोगों को ज्ञात हो गया कि खेत को उनकी भाषा हकलदमा, अर्थात्, खून वाला खेत कहा जाता था।) (प्रेरितों 1:17-19 यूएलबी)
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* **सम्पर्क स्थापित करते हुआ कथन:** - पतरस विश्वासियों को अपना सन्देश देता रहता है, जिसे उसने *प्रेरितों 1:16* में आरम्भ किया था। यह नोट आपको बताता है कि यह अभी भी पतरस ही है, जो वचन 17 में बोल रहा है ताकि आप अपनी भाषा में इसे सही तरीके से चिह्नित कर सकें।
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#### व्यक्ति या वस्तु जिसे सर्वनाम यहाँ उद्धृत कर रहा है'
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> <sup> 20 </ sup> और यशायाह बड़े साहस के साथ और कहता है कि,
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> <sup> 20 </sup> और यशायाह बड़े साहस के साथ और कहता है कि,
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> "मैं उन लोगों के द्वारा पाया गया जिन्होंने मुझे नहीं खोजा था।
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> मैं उन लोगों को दिखाई दिया जिन्होंने मुझे ढूँढा भी नहीं।”
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||||
> <sup> 21 </ sup> परन्तु इस्राएल के लिए वह कहता है, "पूरे दिन मैं अपने हाथों को
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> <sup> 21 </sup> परन्तु इस्राएल के लिए वह कहता है, "पूरे दिन मैं अपने हाथों को
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> एक अनाज्ञाकारी और विरोधी लोगों की ओर फैलाए रहा।” (रोमियों 10:20-21 यूएलबी)
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* **सामान्य जानकारी:** - यहाँ शब्द "मैं," "मुझे," और "मेरा" परमेश्वर को उद्धृत करता है। यह नोट आपको यह बताता है कि सर्वनाम किसको सन्दर्भित करता है। आपको कुछ जोड़ने की आवश्यकता हो सकती है, ताकि पाठकों को पता चले कि यशायाह स्वयं के लिए बात नहीं कर रहा है, परन्तु परमेश्वर ने जो कहा है उसे उद्धृत कर रहा है।
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#### महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि या निहित जानकारी
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> <sup> 26 </ sup> अब यहोवा के एक स्वर्गदूत ने फिलिप्पुस से कहा और कहा, "उठ और दक्षिण की ओर यरूशलेम से गाजा तक जाने वाली सड़क पर जा।" (यह सड़क एक रेगिस्तान में है।) <Sup> 27 </ sup> वह उठा और चला गया। देखो, इथियोपिया का एक व्यक्ति था, जो इथियोपियाई लोगों की रानी कन्दाके के अधीन बड़े अधिकार को पाए हुए एक अधिकारी था। वह उसके सारे खजाने का प्रभारी था। वह आराधना करने के लिए यरूशलेम आया था। <sup> 28 </ sup> वह अपने रथ में लौट रहा था और बैठा हुआ था, और भविष्यद्वक्ता यशायाह को पढ़ रहा था। (प्रेरितों 8:26-28 यूएलबी)
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> <sup> 26 </sup> अब यहोवा के एक स्वर्गदूत ने फिलिप्पुस से कहा और कहा, "उठ और दक्षिण की ओर यरूशलेम से गाजा तक जाने वाली सड़क पर जा।" (यह सड़क एक रेगिस्तान में है।) <Sup> 27 </sup> वह उठा और चला गया। देखो, इथियोपिया का एक व्यक्ति था, जो इथियोपियाई लोगों की रानी कन्दाके के अधीन बड़े अधिकार को पाए हुए एक अधिकारी था। वह उसके सारे खजाने का प्रभारी था। वह आराधना करने के लिए यरूशलेम आया था। <sup> 28 </sup> वह अपने रथ में लौट रहा था और बैठा हुआ था, और भविष्यद्वक्ता यशायाह को पढ़ रहा था। (प्रेरितों 8:26-28 यूएलबी)
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* **सामान्य जानकारी:** - यह फिलिप्पुस और इथियोपिया के व्यक्ति के बारे में कहानी की आरम्भ है। वचन 27 इथियोपिया के व्यक्ति के बारे में पृष्ठभूमि की जानकारी देता है। (देखें: *पृष्ठभूमि*) यह नोट आपको कहानी के एक नए भाग के आरम्भ और कुछ पृष्ठभूमि जानकारी के लिए सचेत करता है, ताकि आप इन बातों से अवगत रह सकें और इन बातों को दिखाने के तरीके का अपनी भाषा के तरीकों में उपयोग कर सकें। नोट में पृष्ठभूमि की जानकारी के बारे में पृष्ठ का एक सम्पर्क सम्मिलित है, ताकि आप इस तरह की जानकारी का अनुवाद कैसे करें के बारे में अधिक जान सकें।
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@ -9,7 +9,7 @@
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> यह बाजार में खेलने वाले बच्चों की तरह है, जो बैठते और एक-दूसरे को पुकारते और कहते हैं, "हमने तुम्हारे लिए <u> बाँसुरी </u> बजाई है।" (मत्ती 11:16-17 यूएलबी)
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* **बाजार** - एक बड़ा, खुला हवा वाला क्षेत्र होता है, जहाँ लोग अपने सामान बेचने के लिए आते हैं
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* ** बाँसुरी** - एक लम्बा, खोखला संगीत वाद्य यंत्र होता है, जिसे ऊपर से लेकर नीचे तक हवा भरते हुए बजाया जाता है
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* **बाँसुरी** - एक लम्बा, खोखला संगीत वाद्य यंत्र होता है, जिसे ऊपर से लेकर नीचे तक हवा भरते हुए बजाया जाता है
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> जो लोग वैभवशाली कपड़ों को पहनते और विलासिता में रहते हैं, वे <u> राजाओं के महलों </u> (लूका 7:25 यूएलबी) में रहते हैं
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@ -18,7 +18,6 @@
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1. अनुवाद से उत्तर के बारे में सोचो। जो कुछ आप अन्य बाइबल अनुवादों से जानते हैं, उससे उत्तर न देने का प्रयास करें।
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||||
1. उत्तर प्रदर्शित करने के लिए प्रश्न पर क्लिक करें।
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||||
1. यदि आपका उत्तर सही है, तो आपने एक अच्छा अनुवाद किया है। परन्तु स्मरण रखें, आपको अभी भी भाषा समुदाय के साथ अनुवाद की परीक्षा करने की आवश्यकता, यह देखने के लिए कि क्या यह दूसरों को समतुल्य अर्थ संचारित करता है। समुदायिक जाँच के लिए टीक्यू का उपयोग करने के लिए, इन चरणों का पालन करें:
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1. समुदाय के एक या अधिक सदस्यों को बाइबल के अध्याय के नए पूर्ण अनुवाद को पढ़कर कर सुनाएँ।
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||||
1. श्रोताओं को केवल इस अनुवाद के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए कहें और बाइबल के अन्य अनुवादों से वे जो कुछ जानते हैं, उसका उपयोग न करें। यह लोगों की नहीं, अनुवाद की परीक्षा है। यही वह कारण है कि क्यों उन लोगों के साथ अनुवाद की जाँच करना जो बाइबल को अच्छी तरह से नहीं जानते हैं, बहुत अधिक उपयोगी है।
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||||
1. “प्रश्न” नामक खण्ड को देखें।
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@ -1,6 +1,6 @@
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title: "विषय-सूची"
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||||
title: "Table of Contents"
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||||
sections:
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||||
- title: "परिचय"
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||||
- title: "Introduction"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "अनुवाद सहायक पुस्तिका का परिचय"
|
||||
link: translate-manual
|
||||
|
@ -12,7 +12,7 @@ sections:
|
|||
link: translate-more
|
||||
- title: "अपने बाइबल अनुवाद का लक्ष्य कैसे बनाएँ?"
|
||||
link: translate-aim
|
||||
- title: "एक अच्छे अनुवाद को परिभाषित करना"
|
||||
- title: "Defining a Good Translation"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "अच्छे अनुवादक के गुण"
|
||||
link: guidelines-intro
|
||||
|
@ -42,7 +42,7 @@ sections:
|
|||
link: guidelines-collaborative
|
||||
- title: "निरंतरता के अनुवाद को तैयार करना"
|
||||
link: guidelines-ongoing
|
||||
- title: "अर्थ आधारित अनुवाद"
|
||||
- title: "Meaning-Based Translation"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "अनुवाद प्रक्रिया"
|
||||
link: translate-process
|
||||
|
@ -70,21 +70,21 @@ sections:
|
|||
sections:
|
||||
- title: "अर्थ के लिए अनुवाद"
|
||||
link: translate-tform
|
||||
- title: "अनुवाद करने से पहले"
|
||||
- title: "Before Translating"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "प्रथम प्रालेख तैयार करना"
|
||||
link: first-draft
|
||||
- title: "अनुवाद दल को चुनना"
|
||||
link: choose-team
|
||||
sections:
|
||||
- title: "अनुवादक की योग्यताएँ"
|
||||
link: qualifications
|
||||
- title: "Choosing a Translation Style"
|
||||
link: choose-style
|
||||
- title: "चुनना कि क्या अनुवाद किया जाए"
|
||||
link: translation-difficulty
|
||||
- title: "स्रोत लेख को चुनना"
|
||||
link: translate-source-text
|
||||
sections:
|
||||
- title: "कॉपीराइट, लाइसेंस और स्रोत लेख"
|
||||
- title: "कॉपीराइट, लार्इसेंस और स्रोत लेख"
|
||||
link: translate-source-licensing
|
||||
- title: "स्रोत लेख एवं वर्जन संख्याएँ"
|
||||
link: translate-source-version
|
||||
|
@ -97,11 +97,13 @@ sections:
|
|||
link: translate-alphabet2
|
||||
- title: "फाइल प्रारूप"
|
||||
link: file-formats
|
||||
- title: "अनुवाद का आरम्भ कैसे करें"
|
||||
- title: "How to Start Translating"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "प्रथम प्रालेख तैयार करना"
|
||||
link: first-draft
|
||||
- title: "अनुवाद में मदद"
|
||||
link: translate-help
|
||||
- title: "अनलॉक बाइबल टेक्सट"
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- title: "The Bible Text"
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- title: "मूल एवं स्रोत भाषा"
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||||
- title: "बाइबल के अनुवाद में ULB एवं UDB का उपयोग कैसे करें"
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||||
- title: "अनुवाद करते वक्त अनुवाद सहायक(ट्रांसलेशन हेल्प) का उपयोग करें"
|
||||
- title: "Use the Translation Helps when Translating"
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sections:
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- title: "लिंक्स के साथ नोट्स"
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@ -144,144 +146,27 @@ sections:
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- title: "ULB कथनों के साथ नोट्स"
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- title: "ट्रांसलेशन वर्ड का उपयोग करना"
|
||||
- title: "शब्दों के अनुवाद संसाधन का उपयोग करना"
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||||
- title: "अनुवाद प्रश्नों का उपयोग"
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- title: "सही समय पर सीखने का अनुखंड"
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- title: "Just-in-Time Learning Modules"
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||||
sections:
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||||
- title: "भाषा के अलंकार"
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- title: "Translation Issues"
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||||
sections:
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||||
- title: "भाषा के अलंकार"
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link: figs-intro
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||||
- title: "संबोधक चिन्ह"
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||||
- title: "युग्मक"
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link: figs-doublet
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- title: "शिष्टोक्ति"
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link: figs-euphemism
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- title: "विस्तृत रूपक"
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- title: "हेन्डियडिस"
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link: figs-hendiadys
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- title: "अतिशयोक्ति एवं सामान्यीकरण"
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link: figs-hyperbole
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- title: "मुहावरे"
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link: figs-idiom
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- title: "व्यंग्यात्मक"
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link: figs-irony
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- title: "विडंबना"
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link: figs-litotes
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- title: "मेरिस्म"
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link: figs-merism
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||||
- title: "रूपक"
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- title: "मेटोनिमी"
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link: figs-metonymy
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- title: "समरूपता"
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- title: "समान अर्थ के साथ समरूपता"
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link: figs-synonparallelism
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- title: "मानवीकरण"
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link: figs-personification
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- title: "भविष्यसूचक अतीत"
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- title: "आलंकारिक प्रश्न"
|
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link: figs-rquestion
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- title: "उपमा"
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link: figs-simile
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- title: "उपलक्ष्य अलंकार"
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link: figs-synecdoche
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||||
- title: "व्याकरण"
|
||||
sections:
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- title: "व्याकरण के विषय"
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||||
link: figs-grammar
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||||
- title: "भाववाचक संज्ञा"
|
||||
link: figs-abstractnouns
|
||||
- title: "प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष"
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||||
link: figs-activepassive
|
||||
- title: "सूचना देने एवं याद दिलाने वाले शब्दों में अंतर करना"
|
||||
link: figs-distinguish
|
||||
- title: "दोहरे नकारात्मक"
|
||||
link: figs-doublenegatives
|
||||
- title: "अध्याहार"
|
||||
link: figs-ellipsis
|
||||
- title: "‘तुम’ के प्रारूप"
|
||||
link: figs-you
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||||
- title: "‘तुम’ के प्रारूप - युग्म/बहुवचन"
|
||||
link: figs-youdual
|
||||
- title: "‘तुम’ के प्रारूप - एकवचन"
|
||||
link: figs-yousingular
|
||||
- title: "सामान्य संज्ञा"
|
||||
link: figs-genericnoun
|
||||
- title: "जाओ और आओ"
|
||||
link: figs-go
|
||||
- title: "आम विशेषण"
|
||||
link: figs-nominaladj
|
||||
- title: "घटनाओं का क्रम"
|
||||
link: figs-events
|
||||
- title: "भाषा के भाग"
|
||||
link: figs-partsofspeech
|
||||
- title: "संपति या अधिकार"
|
||||
link: figs-possession
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||||
- title: "क्रियाएँ"
|
||||
link: figs-verbs
|
||||
- title: "जब पुल्लिंग शब्दों में स्त्रियाँ शामिल होती है"
|
||||
link: figs-gendernotations
|
||||
- title: "शब्द क्रम"
|
||||
link: figs-order
|
||||
- title: "सर्वनाम"
|
||||
sections:
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||||
- title: "सर्वनाम"
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||||
link: figs-pronouns
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- title: "प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरूष"
|
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|
||||
- title: "विशिष्ट एवं अंतर्निहित ‘हम’"
|
||||
link: figs-exclusive
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||||
- title: "‘तुम’ के प्रारूप - औपचारिक या अनौपचारिक"
|
||||
link: figs-youformal
|
||||
- title: "समूह को दिखाने वाले एकवचन सर्वनाम"
|
||||
link: figs-youcrowd
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||||
- title: "कर्मकर्त्ता सर्वनाम"
|
||||
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||||
- title: "सर्वनाम - उनका कब उपयोग करें"
|
||||
link: writing-pronouns
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||||
- title: "वाक्य"
|
||||
sections:
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||||
- title: "वाक्य रचना"
|
||||
link: figs-sentences
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||||
- title: "सूचना संरचना"
|
||||
link: figs-infostructure
|
||||
- title: "वाक्य के प्रकार"
|
||||
link: figs-sentencetypes
|
||||
sections:
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||||
- title: "कथन - अन्य उपयोग"
|
||||
link: figs-declarative
|
||||
- title: "आदेशात्मक - अन्य उपयोग"
|
||||
link: figs-imperative
|
||||
- title: "विस्मयादिबोधक"
|
||||
link: figs-exclamations
|
||||
- title: "उद्धरण"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "उद्धरण एवं उद्धरण हासिये"
|
||||
link: writing-quotations
|
||||
- title: "प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण"
|
||||
link: figs-quotations
|
||||
- title: "उद्धरण चिन्ह"
|
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link: figs-quotemarks
|
||||
- title: "उद्धरणों में उद्धरण"
|
||||
link: figs-quotesinquotes
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||||
- title: "लेखन शैली (लेख)"
|
||||
- title: "लेखों के भेद"
|
||||
link: translate-textvariants
|
||||
- title: "पद सेतु"
|
||||
link: translate-versebridge
|
||||
- title: "Writing Styles (Discourse)"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "लेखन के प्रकार"
|
||||
link: writing-intro
|
||||
- title: "पृष्ठभूमि का परिचय"
|
||||
- title: "पृष्ठभूमि की जानकारी"
|
||||
link: writing-background
|
||||
- title: "जोड़ने वाले शब्द"
|
||||
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||||
- title: "कहानी का अंत"
|
||||
link: writing-endofstory
|
||||
- title: "अतिशयाक्ति हालात"
|
||||
- title: "काल्पनिक परिस्थितियाँ"
|
||||
link: figs-hypo
|
||||
- title: "नर्इ घटनाओं का परिचय"
|
||||
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|
||||
|
@ -297,15 +182,117 @@ sections:
|
|||
link: writing-symlanguage
|
||||
- title: "प्रतीकात्मक भविष्यद्वाणी"
|
||||
link: writing-apocalypticwriting
|
||||
- title: "अनुवाद के मुद्दे"
|
||||
- title: "Sentences"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "लेखों के भेद"
|
||||
link: translate-textvariants
|
||||
- title: "संदर्भ पुल"
|
||||
link: translate-versebridge
|
||||
- title: "अपरिचित"
|
||||
- title: "वाक्य रचना"
|
||||
link: figs-sentences
|
||||
- title: "सूचना संरचना"
|
||||
link: figs-infostructure
|
||||
- title: "वाक्य के प्रकार"
|
||||
link: figs-sentencetypes
|
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sections:
|
||||
- title: "कथन - अन्य उपयोग"
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- title: "आदेशात्मक - अन्य उपयोग"
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- title: "विस्मयादिबोधक"
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- title: "शब्दों और वाक्यांशों को जोड़ना"
|
||||
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|
||||
sections:
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||||
- title: "संयोजक - अनुक्रमिक समय संबंध"
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- title: "संयोजक - समकालीन समय संबंध"
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- title: "संयोजक - पृष्ठभूमि की जानकारी"
|
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- title: "संयोजक - लक्ष्य (उद्देश्य) संबंध"
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- title: "संयोजक - कारण और परिणाम संबंध"
|
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- title: "संयोजक - तुलनात्मक संबंध"
|
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- title: "Factual Conditions"
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||||
- title: "Contrary-to-Fact Conditions"
|
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- title: "Hypothetical Conditions"
|
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- title: "संयोजक - अपवाद खण्ड"
|
||||
link: grammar-connect-exceptions
|
||||
- title: "Grammar"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "अपरिचितों का अनुवाद"
|
||||
- title: "व्याकरण के विषय"
|
||||
link: figs-grammar
|
||||
- title: "भाववाचक संज्ञा"
|
||||
link: figs-abstractnouns
|
||||
- title: "कर्तृवाच्य एवं कर्मवाच्य"
|
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||||
- title: "सूचना देने बनाम याद दिलाने वाले शब्दों में अंतर करना"
|
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- title: "दोहरे नकारात्मक"
|
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link: figs-doublenegatives
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- title: "पदन्यूनता"
|
||||
link: figs-ellipsis
|
||||
- title: "तुम के प्रारूप"
|
||||
link: figs-you
|
||||
- title: "‘तुम’ के रूप - युग्म/बहुवचन"
|
||||
link: figs-youdual
|
||||
- title: "‘तुम’ के रूप - एकवचन"
|
||||
link: figs-yousingular
|
||||
- title: "सामान्य संज्ञा गर्भितं वाक्यांश"
|
||||
link: figs-genericnoun
|
||||
- title: "जाओ और आओ"
|
||||
link: figs-go
|
||||
- title: "आम विशेषण"
|
||||
link: figs-nominaladj
|
||||
- title: "घटनाओं का क्रम"
|
||||
link: figs-events
|
||||
- title: "भाषा के भाग"
|
||||
link: figs-partsofspeech
|
||||
- title: "स्वत्वबोधन"
|
||||
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|
||||
- title: "क्रियाएँ"
|
||||
link: figs-verbs
|
||||
- title: "जब पुल्लिंग शब्दों में स्त्रियाँ शामिल होती हैं"
|
||||
link: figs-gendernotations
|
||||
- title: "Word Order"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "शब्द क्रम"
|
||||
link: figs-order
|
||||
- title: "Word Order – Hebrew"
|
||||
link: figs-orderHeb
|
||||
- title: "Word Order – Greek"
|
||||
link: figs-orderGrk
|
||||
- title: "Quotes"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "उद्धरण एवं उद्धरण हासिये"
|
||||
link: writing-quotations
|
||||
- title: "प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष उद्धरण"
|
||||
link: figs-quotations
|
||||
- title: "उद्धरण चिन्ह"
|
||||
link: figs-quotemarks
|
||||
- title: "उद्धरणों में उद्धरण"
|
||||
link: figs-quotesinquotes
|
||||
- title: "Pronouns"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "सर्वनाम"
|
||||
link: figs-pronouns
|
||||
- title: "प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरुष"
|
||||
link: figs-123person
|
||||
- title: "विशिष्ट एवं संयुक्त ‘‘हम’’"
|
||||
link: figs-exclusive
|
||||
- title: "‘तुम’ के प्रारूप - औपचारिक या अनौपचारिक"
|
||||
link: figs-youformal
|
||||
- title: "समूह को दिखाने वाले एकवचन सर्वनाम"
|
||||
link: figs-youcrowd
|
||||
- title: "कर्मकर्त्ता सर्वनाम"
|
||||
link: figs-rpronouns
|
||||
- title: "सर्वनाम - उनका कब उपयोग करें"
|
||||
link: writing-pronouns
|
||||
- title: "Unknowns"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "अज्ञात का अनुवाद"
|
||||
link: translate-unknown
|
||||
- title: "शब्दों की प्रति बनाना या उधार लेना"
|
||||
link: translate-transliterate
|
||||
|
@ -317,47 +304,96 @@ sections:
|
|||
link: figs-explicitinfo
|
||||
- title: "सूचना को अंतर्निहित कब रखें"
|
||||
link: figs-extrainfo
|
||||
- title: "बाइबलीय दूरी"
|
||||
- title: "बाइबल में दूरी"
|
||||
link: translate-bdistance
|
||||
- title: "बाइबलीय मात्रा"
|
||||
link: translate-bvolume
|
||||
- title: "बाइबलीय वजन"
|
||||
link: translate-bweight
|
||||
- title: "बाइबलीय धन"
|
||||
- title: "बाइबल में धन"
|
||||
link: translate-bmoney
|
||||
- title: "इब्री महीने"
|
||||
- title: "इब्रानी महीने"
|
||||
link: translate-hebrewmonths
|
||||
- title: "संख्याएँ"
|
||||
link: translate-numbers
|
||||
- title: "क्रमबद्ध संख्याएँ"
|
||||
- title: "क्रमसूचक संख्याएँ"
|
||||
link: translate-ordinal
|
||||
- title: "अंश"
|
||||
link: translate-fraction
|
||||
- title: "दशमलव संख्याएँ"
|
||||
link: translate-decimal
|
||||
- title: "प्रतीकात्मक कार्य"
|
||||
link: translate-symaction
|
||||
- title: "बाइबल के रूप"
|
||||
- title: "Figures of Speech"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "भाषा के अलंकार"
|
||||
link: figs-intro
|
||||
- title: "संबोधक चिन्ह"
|
||||
link: figs-apostrophe
|
||||
- title: "परोक्ष टिपण्णी"
|
||||
link: figs-aside
|
||||
- title: "दोहरात्मक"
|
||||
link: figs-doublet
|
||||
- title: "शिष्टोक्ति"
|
||||
link: figs-euphemism
|
||||
- title: "हेन्डियडिस"
|
||||
link: figs-hendiadys
|
||||
- title: "अतिशयोक्ति"
|
||||
link: figs-hyperbole
|
||||
- title: "मुहावरे"
|
||||
link: figs-idiom
|
||||
- title: "व्यंग्यात्मक"
|
||||
link: figs-irony
|
||||
- title: "सम्भाव्यता माला"
|
||||
link: figs-litany
|
||||
- title: "विडंबना"
|
||||
link: figs-litotes
|
||||
- title: "विभज्योतक"
|
||||
link: figs-merism
|
||||
- title: "रूपक"
|
||||
link: figs-metaphor
|
||||
- title: "लक्षणालंकार"
|
||||
link: figs-metonymy
|
||||
- title: "समरूपता"
|
||||
link: figs-parallelism
|
||||
- title: "समान अर्थ के साथ समरूपता"
|
||||
link: figs-synonparallelism
|
||||
- title: "मानवीकरण"
|
||||
link: figs-personification
|
||||
- title: "भविष्यसूचक अतीत"
|
||||
link: figs-pastforfuture
|
||||
- title: "भाषणगत प्रश्न"
|
||||
link: figs-rquestion
|
||||
- title: "उपमा"
|
||||
link: figs-simile
|
||||
- title: "उपलक्षण अलंकार"
|
||||
link: figs-synecdoche
|
||||
- title: "Biblical Imagery"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "बाइबल के रूप"
|
||||
link: biblicalimageryta
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - सामान्य मेटोनिमी"
|
||||
link: bita-part2
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - सामान्य नमूने"
|
||||
link: bita-part1
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - सामान्य मेटोनिमी"
|
||||
link: bita-part2
|
||||
- title: "Biblical Imagery – Simple Metaphors"
|
||||
link: figs-simetaphor
|
||||
- title: "विस्तृत रूपक"
|
||||
link: figs-exmetaphor
|
||||
- title: "Biblical Imagery – Complex Metaphors"
|
||||
link: figs-cometaphor
|
||||
- title: "Biblical Imagery – Common Metaphors in the Bible"
|
||||
sections:
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - जानवर"
|
||||
link: bita-animals
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - शरीर के अंग एवं मानवीय गुण"
|
||||
- title: "बाइबल आधारित छवियाँ - देह के अंग एवं मानवीय गुण"
|
||||
link: bita-hq
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - खेतीबाड़ी"
|
||||
link: bita-farming
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - मानवीय व्यवहार"
|
||||
link: bita-humanbehavior
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - मानवनिर्मित वस्तुएँ"
|
||||
link: bita-manmade
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - प्राकृतिक नमूने"
|
||||
link: bita-phenom
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - मानवनिर्मित वस्तुएँ"
|
||||
link: bita-manmade
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - खेतीबाड़ी"
|
||||
link: bita-farming
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - जानवर"
|
||||
link: bita-animals
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - पौधे"
|
||||
link: bita-plants
|
||||
- title: "बाइबल के रूप - सांस्कृतिक नमूने"
|
||||
|
|
|
@ -24,7 +24,7 @@
|
|||
|
||||
#### शब्द का भाग
|
||||
|
||||
एक शब्द या एक शब्द का एक भाग जिसका अर्थ होता है और उसमें कोई छोटा भाग नहीं होता है, जिसका अर्थ हो। (उदाहरण के लिए, "अक्षर" में 3 अक्षर हैं, परन्तु केवल शब्द का 1 भाग है, जबकि "अक्षरों" में 3 अक्षर और दो भाग (अ-क्ष-र **ओं**) है। (अन्तिम "ओ" एक भाग है, जिसका अर्थ है कि यह "बहुवचन" है)
|
||||
एक शब्द या एक शब्द का एक भाग जिसका अर्थ होता है और उसमें कोई छोटा भाग नहीं होता है, जिसका अर्थ हो। (उदाहरण के लिए, "अक्षर" में 3 अक्षर हैं, परन्तु केवल शब्द का 1 भाग है, जबकि "अक्षरों" में 3 अक्षर और दो भाग (अ-क्ष-र **ओं**) है। (अन्तिम "ओ" एक भाग है, जिसका अर्थ है कि यह "बहुवचन" है))
|
||||
|
||||
### अक्षर कैसे शब्दों को बनाते हैं
|
||||
|
||||
|
|
|
@ -23,6 +23,7 @@
|
|||
1. बाइबल में पाए जाने वाले लोगों ने मीटर, लीटर और किलोग्राम जैसे आधुनिक मापों का उपयोग नहीं किया। मूल मापों का उपयोग करने से पाठकों को यह जानने में सहायता मिल सकती है कि बाइबल वास्तव में बहुत समय पहले लिखी गई थी जब लोग उन मापों का उपयोग करते थे।
|
||||
1. आधुनिक मापों का उपयोग करने से पाठकों को मूलपाठ को आसानी से समझने में सहायता मिल सकती है।
|
||||
2. आप जिस भी माप का उपयोग करते हैं, पाठ, या फुटनोट अर्थात् पाद टिप्पणी में अन्य प्रकार के मापों के बारे में बताना, यदि सम्भव हो तो ज्यादा अच्छा होगा।
|
||||
|
||||
1. यदि आप बाइबल के मापों का उपयोग नहीं करते हैं, तो पाठकों को यह विचार न देने का प्रयास करें कि माप सटीक हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप एक वर्ग को ".46 मीटर" या यहाँ तक कि "46 सेंटीमीटर" के रूप में भी अनुवाद करते हैं, तो पाठकों सोच सकते हैं कि माप सटीक है। "आधा मीटर," "45 सेंटीमीटर," या "50 सेंटीमीटर" इत्यादि कहना अधिक सर्वोत्तम होगा।
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1. कभी-कभी यह दिखाने के लिए शब्द "माप" का उपयोग करने में सहायता मिल सकती है कि माप सटीक नहीं है। उदाहरण के लिए, लूका 24:13 कहता है कि इम्माऊस यरूशलेम से साठ स्टेडिया पर स्थित था। इसका अनुवाद यरूशलेम से "लगभग दस किलोमीटर" के रूप में किया जा सकता है।
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1. जब परमेश्वर लोगों को बताता हैं कि कितना समय होना चाहिए, और जब लोग उस लम्बाई के अनुसार कामों को करते हैं, तो अनुवाद में इसके "बारे" में उपयोग न करें। अन्यथा यह इस तरह का प्रभाव देगा कि परमेश्वर को सटीकता के साथ सरोकार नहीं है कि वास्तव में कोई समय कितना लम्बा होना चाहिए था।
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@ -59,11 +60,11 @@
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(5) आपके लोगों के द्वारा मापने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलटी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें। निम्नलिखित नोट्स में यूएलटी अनुवाद माप को दिखाता है।
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>> "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ***एक मीटर*** <sup> 1 </ sup> होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई ***मीटर का दो तिहाई*** <sup> 2 </ sup> होगी; और इसकी ऊँचाई ***मीटर का दो तिहाई*** होगी।”
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>> "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ***एक मीटर*** <sup> 1 </sup> होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई ***मीटर का दो तिहाई*** <sup> 2 </sup> होगी; और इसकी ऊँचाई ***मीटर का दो तिहाई*** होगी।”
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फुटनोट्स कुछ इस तरह से दिखाई देगा:
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>> "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ***एक मीटर*** <sup> 1 </ sup> होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई ***मीटर का दो तिहाई*** <sup> 2 </ sup> होगी; और इसकी ऊँचाई ***मीटर का दो तिहाई*** होगी।”
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>> "उन्हें बबूल की लकड़ी का एक सन्दूक बनाना है। इसकी लम्बाई ***एक मीटर*** <sup> 1 </sup> होनी चाहिए; इसकी चौड़ाई ***मीटर का दो तिहाई*** <sup> 2 </sup> होगी; और इसकी ऊँचाई ***मीटर का दो तिहाई*** होगी।”
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फुटनोट्स कुछ इस तरह से दिखाई देगा:
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(4) बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और मूलपाठ या नोट में समतुल्य मूल्य को लिखें।
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>> "एक पर ***पाँच सौ दिनार की*** <sup> 1 </ sup>, और दूसरे पर ***पचास दिनार की देन थी***. <Sup> 2 </ sup>"
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>> "एक पर ***पाँच सौ दिनार की*** <sup> 1 </sup>, और दूसरे पर ***पचास दिनार की देन थी***. <Sup> 2 </sup>"
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फुटनोट्स कुछ इस तरह दिखेगा:
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>> <sup> [1] </ sup> पाँच सौ दिन की मजदूरी
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>> <sup> [2] </ sup> पचास दिन की मजदूरी
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>> <sup> [1] </sup> पाँच सौ दिन की मजदूरी
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>> <sup> [2] </sup> पचास दिन की मजदूरी
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(5) बाइबल के शब्द का प्रयोग करें और इसे एक नोट में समझाएँ।
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>> "एक पर ***पाँच सौ दिनार की*** <sup> 1 </ sup>, और दूसरे पर ***पचास दिनार की*** देन थी।" (लूका 7:41 ULT)
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>> "एक पर ***पाँच सौ दिनार की*** <sup> 1 </sup>, और दूसरे पर ***पचास दिनार की*** देन थी।" (लूका 7:41 ULT)
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>> <sup> [1] </ sup> एक दिनार की मूल्य चाँदी की उतनी मात्रा थी, जिसे लोग एक दिन के काम को करके कमा सकते थे।
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>> <sup> [1] </sup> एक दिनार की मूल्य चाँदी की उतनी मात्रा थी, जिसे लोग एक दिन के काम को करके कमा सकते थे।
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@ -56,7 +56,7 @@
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(4) यूएलटी अनुवाद से मापों का उपयोग करें और उन मापों को सम्मिलित करें जिन्हें आपके लोग मूलपाठ या नोट में जानते हैं। निम्नलिखित मूलपाठ में दोनों माप दिखाए गए हैं।
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>> "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल **एक बत (छः गैलन)** मिलेगा, और बीज के **एक होमेर (ढाई बुशेल) ** से केवल **एक एपा (बीस क्वार्ट्स) ** मिलेगा।”
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||||
>> "चार हेक्टेयर अंगूर के खेत लिए केवल **एक बत (छः गैलन)** मिलेगा, और बीज के **एक होमेर (ढाई बुशेल)** से केवल **एक एपा (बीस क्वार्ट्स)** मिलेगा।”
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(5)आपके लोगों के द्वारा जानने वाले मापों का उपयोग करें, और मूलपाठ में या नोट में यूएलटी अनुवाद से माप सम्मिलित करें। निम्नलिखित फुटनोट्स में यूएलटी अनुवाद माप दिखाए गए हैं।
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@ -52,7 +52,7 @@
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1. उन मापों का प्रयोग करें जिन्हें आपके लोग पहले से जानते हैं, और मूलपाठ में या फुटनोट में यूएलबी अनुवाद से मापों को सम्मिलित करें। निम्नलिखित नोट्स में यूएलबी माप दिखाए गए हैं।
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* "भेंट से कांस्य <u> सत्तर किक्कार और 2,400 शेकेल </u>. <Sup> 1 </ sup> वजनी था"
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* "भेंट से कांस्य <u> सत्तर किक्कार और 2,400 शेकेल </u>. <Sup> 1 </sup> वजनी था"
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* फुटनोट इस तरह दिखेगा:
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<sup> [1] </ sup> यह लगभग 2,400 किलोग्राम का था।
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<sup> [1] </sup> यह लगभग 2,400 किलोग्राम का था।
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@ -43,7 +43,7 @@
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**कई लोग मुझ से दूर हो गए हैं और मुझ पर आक्रमण किया है।**
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<sup> 2 </ sup> **कई मेरे बारे में कहते हैं,**
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<sup> 2 </sup> **कई मेरे बारे में कहते हैं,**
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**"परमेश्वर से उसको कोई सहायता नहीं है।" *सेला***
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@ -5,7 +5,6 @@
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यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:
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1. अनुवाद करने से पहले पूरे सन्दर्भ को पढ़ें। इससे पहले कि आप इसका अनुवाद करना आरम्भ करें, पूरे सन्दर्भ के मुख्य बिन्दु को समझें। यदि यह एक कथा सन्दर्भ है, जैसे कि यीशु के आश्चर्यकर्मों में से एक की कहानी, जो मूल स्थिति को चित्रित करती है। कल्पना कीजिए कि आप वहाँ थे। कल्पना कीजिए कि लोगों को कैसा लगा।
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1. बाइबल का अनुवाद करते समय, सदैव अपने स्रोत मूलपाठ के रूप में बाइबल के कम-से-कम दो संस्करणों का उपयोग करें। दो संस्करणों की तुलना करने से आपको अर्थ के बारे में सोचने में सहायता मिलेगी, जिससे आप मात्र एक संस्करण का ही शब्दिक पालन न करें। दो संस्करणों को होना चाहिए:
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* एक संस्करण जो मूल भाषा के रूप अर्थात् ढ़ाचें की बहुत अधिक निकटता में हो, जैसे अनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल (यूएलबी)।
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@ -34,11 +34,11 @@
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यह कोष्टक में रखा जाता है।
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> <sup> 5 </sup> जब यीशु ने देखा और देखा कि एक बड़ी भीड़ उसके पास आ रही थी, तो उसने फिलिप्पुस से कहा, "हम रोटी खरीदने कहाँ जा रहे हैं, ताकि वे खा सकें?" <sup> 6 </sup> ** (** <u> अब यीशु ने ऐसा फिलिप्पुस की परीक्षा करने के लिए कहा था, क्योंकि वह स्वयं जानता था कि वह क्या करने जा रहा है </u>. **)** <sup> 7 </ sup> फिलिप्पुस ने उत्तर दिया, "प्रत्येक के लिए दो सौ दिनार जितना भोजन भी पर्याप्त नहीं होगा।" (यूहन्ना 6:5-7 यूएलबी)
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||||
> <sup> 5 </sup> जब यीशु ने देखा और देखा कि एक बड़ी भीड़ उसके पास आ रही थी, तो उसने फिलिप्पुस से कहा, "हम रोटी खरीदने कहाँ जा रहे हैं, ताकि वे खा सकें?" <sup> 6 </sup> **(** <u> अब यीशु ने ऐसा फिलिप्पुस की परीक्षा करने के लिए कहा था, क्योंकि वह स्वयं जानता था कि वह क्या करने जा रहा है </u>. **)** <sup> 7 </sup> फिलिप्पुस ने उत्तर दिया, "प्रत्येक के लिए दो सौ दिनार जितना भोजन भी पर्याप्त नहीं होगा।" (यूहन्ना 6:5-7 यूएलबी)
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||||
नीचे दिए गए कोष्टक में वे शब्द नहीं हैं, जिन्हें यीशु कह रहा था, परन्तु वह हैं, जिसे यूहन्ना पाठक से कह रहा था, पाठक को सतर्क करने के लिए कि यीशु उन शब्दों का उपयोग कर रहा था कि जिस पर उन्हें सोचने और व्याख्या करने की आवश्यकता थी।
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> "इसलिए, जब तुम पवित्र स्थान में खड़ी हुई दानिय्येल भविष्यद्वक्ता द्वारा कही गई घृणित घृणा को देखो," ** (** <u> पाठक समझें </u> **)**, " तो जो यहूदिया में हैं, वे पहाड़ पर भाग जाएँ, जो छत पर हैं, नीचे घर में से कुछ भी लेने के लिए न जाएँ, 18 और जो खेत में है, वह अपना कपड़ा लेने के लिए वापस न आएँ।” (मत्ती 24:15-18 यूएलबी)
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> "इसलिए, जब तुम पवित्र स्थान में खड़ी हुई दानिय्येल भविष्यद्वक्ता द्वारा कही गई घृणित घृणा को देखो," **(** <u> पाठक समझें </u> **)**, " तो जो यहूदिया में हैं, वे पहाड़ पर भाग जाएँ, जो छत पर हैं, नीचे घर में से कुछ भी लेने के लिए न जाएँ, 18 और जो खेत में है, वह अपना कपड़ा लेने के लिए वापस न आएँ।” (मत्ती 24:15-18 यूएलबी)
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#### अभिस्थापन
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उदाहरण के लिए:
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> <sup> 5 </sup> ये उन अगुओं के नाम हैं, जिन्हें तेरे साथ युद्ध करना चाहिए:
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> & nbsp; & nbsp; & nbsp; & nbsp; रूबेन के गोत्र से, शदेऊर के पुत्र एलीसूर;
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||||
> शिमोन के गोत्र से <sup> 6 </ sup>, सुरीशदे के पुत्र शलूमीएल;
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||||
> & nbsp; & nbsp; & nbsp; & nbsp; <sup> 7 </ sup> यहूदा के गोत्र से, अम्मीनादाब के पुत्र नहशोन; (गिनती 1:5-7 यूएलबी)
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||||
> रूबेन के गोत्र से, शदेऊर के पुत्र एलीसूर;
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||||
> शिमोन के गोत्र से <sup> 6 </sup>, सुरीशदे के पुत्र शलूमीएल;
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||||
> <sup> 7 </sup> यहूदा के गोत्र से, अम्मीनादाब के पुत्र नहशोन; (गिनती 1:5-7 यूएलबी)
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### विवरण
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अंश एक प्रकार की सँख्या होती है, जो किसी वस्तु के बराबर भागों या लोगों या वस्तुओं के बड़े समूह के बराबर समूहों को सन्दर्भित करती है। एक वस्तु या वस्तुओं का ए समूह दो या दो से अधिक भागों या समूहों में बांटा गया है, और एक अंश उन भागों या समूहों में से एक या अधिक को सन्दर्भित करता है।
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||||
अंश एक प्रकार की सँख्या है जो सम्पूर्णता का प्रतिनिधित्व करती है। जब किसी वस्तु को अनेक बराबर अंशों में विभाजित किया जाता है तब उसका एक अंश उन अंशों में से एक या अनेक अंशों का सन्दर्भ देता है।
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> अर्घ के बलिदान के लिए, तू दाखरस को एक हीन की <u> एक तिहाई </u> भेंट में प्रस्तुत करना। (गिनती 15:7 यूएलबी)
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यहोवा को सुखदायक सुगंध देनेवाला **तिहाई** हीन दाखमधु। (गिनती 15:7 ULT)
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||||
एक हीन एक पात्र होता है, जो दाखरस और अन्य तरल पदार्थ को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। वे एक हीन पात्र को तीन बराबर भागों में विभाजित करने और उन भागों में से केवल एक को भरने के बारे में सोचते थे, और उस मूल्य को प्रस्तुत करते थे।
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||||
हीन एक निर्धारित पात्र होता है, जो दाखरस और अन्य तरल पदार्थ को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। उन लोगों को हीन नामक पात्र को तीन बराबर भागों में विभाजित करने की कल्पना करनी होती थी और उसके एक ही भाग तक तरल पदार्थ भरना होता था।
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||||
> जहाजों के <u> एक तिहाई </u> भाग नष्ट हो गए थे। (प्रकाशितवाक्य 8:9 यूएलबी)
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||||
> … **एक तिहाई** जहाज नष्ट हो गए। (प्रकाशितवाक्य 8:9 ULT)
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||||
कई जहाज थे। यदि उन सभी जहाजों को जहाजों के तीन बराबर समूहों में विभाजित किया गया था, तो जहाजों का एक समूह नष्ट हो गया था। अंग्रेजी में अधिकांश अंशों में केवल "-th" सँख्या को अन्त में जोड़ा गया है।
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समुद्र में अनेक जहाज थे| यदि इन सब जहाज़ों को तीन बराबर भागों में विभाजित किया जाए तो उनका एक बेड़ा नष्ट हो गया था।
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| पूरे भाग को |अंश | में विभाजित किया गया है
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| -------- | -------- |
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| चार | चौथा |
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| दस | दसवाँ |
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| सौ | एक सौवाँ |
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| हजार | एक हज़ारवाँ |
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अंग्रेज़ी में अधिकाँश अंशों को दर्शाने वाले शब्दों के अंत में "th" होता है जैसे फॉरth, सिक्सth, नाइनth, टेनth.
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||||
अंग्रेजी में कुछ अंश उस पद्धति का पालन नहीं करते हैं।
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सम्पूर्ण को अनेक अंशों में विभाजित किया जाता है | अंश | |……………..|………………..| फॉर | फोर्थ | | टेन |टेंथ | वन हंड्रेड | वन हनडरेथ | |वन थाऊजन | वन थऊसेन्थ |
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| पूरे भाग को |अंश | में विभाजित किया गया है
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| -------- | -------- |
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| दो | आधा |
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| तीन | तीसरा |
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||||
| पाँच | पाँचवाँ |
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अंग्रेजी में कुछ अंश इस पद्धति का पालन नहीं करते हैं।
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||||
**इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है:** कुछ भाषाएँ अंशों का उपयोग नहीं करती हैं। वे मात्र भागों या समूहों के बारे में बात कर सकती हैं, परन्तु वे यह बताने के लिए अंशों का उपयोग नहीं करती हैं कि समूह में कितना बड़ा भाग है या कितने सम्मिलित हैं।
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| पूरे भाग को अनेक |अंश | में विभाजित किया गया है | अंश | |-------- | -------- || दो | आधा || तीन | तीसरा | | पाँच | पाँचवाँ |
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### बाइबल से उदाहरण
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#### इसे अनुवाद की समस्या होने के कारण
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> अब मनश्शे के गोत्र के <u> आधे </u> को, मूसा ने बाशान में विरासत दी, परन्तु दूसरे <u> आधे </u> को, यहोशू ने यदरन के पश्चिम में अपने भाइयों के साथ एक विरासत दी। (यहोशू 22:7 यूएलबी)
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||||
कुछ भाषाओं में अंशों का प्रयोग नहीं किया जाता है| वे केवल भागों या समूहों का उल्लेख करती हैं, परन्तु वे अंशों द्वारा संकेत नहीं देती हैं कि कोई भाग कितना बड़ा हैं या किसी समूह में कितने भाग हैं|
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मनश्शे का गोत्र दो समूहों में बांटा गया। वाक्यांश "मनश्शे के गोत्र का पहला आधा" उन समूहों में से एक को सन्दर्भित करता है। वाक्यांश "दूसरा आधा" दूसरे समूह को सन्दर्भित करता है।
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### बाईबल से उदाहरण
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> चार स्वर्गदूत जो उस घड़ी के लिए तैयार किए गए थे, उस दिन, उस महीने, और उस वर्ष, मनुष्यों की <u> एक तिहाई </u> को मारने के लिए छोड़ दिए गए थे। (प्रकाशितवाक्य 9:15 यूएलबी)
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||||
> अब मनश्शे के **आधे** गोत्रियों को, मूसा ने बाशान में भाग दिया था परन्तु दुसरे **आधे**गोत्र को, यहोशू ने… यदरन के पश्चिम की ओर भाग दिया था। (यहोशू 22:7 ULT)
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||||
यदि सभी लोगों को तीन बराबर समूहों में विभाजित किया जाए, तो एक समूह के लोगों की सँख्या मारी जाएगी।
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मनश्शे का गोत्र दो समूहों में बांटा गया। यह वाक्यांश, "मनश्शे के**आधे गोत्रियों** उन दो समूहों में से एक के सन्दर्भ में है| **दुसरे आधे** का सन्दर्भ दुसरे समूह से है।
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> अर्घ के बलिदान के लिए, तू दाखरस को एक हीन की <u> चौथाई को भेंट में प्रस्तुत करने के लिए तैयार करना। (गिनती 15:5 यूएलबी)
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> वे चारों स्वर्गदूत…जो उस घड़ी…के लिए मनुष्यों की **एक तिहाई** को मार डालने को तैयार किए गए थे। (प्रकाशितवाक्य 9:15 ULT)
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वे चार बराबर भागों में दाखरस को एक हीन में विभाजित करने और उनमें से एक को समतुल्य मूल्य में तैयार करने की कल्पना कर रहे थे।
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यदि सब लोगों को तीन बराबर समूहों में विभाजित किया जाए, तो एक समूह के लोगों की सँख्या मारी जाएगी।
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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> और **चौथाई** हीन अर्घ करके देना। (गिनती 15:5 ULT)
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यदि आपकी भाषा में कोई अंश सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो आप इन रणनीतियों पर विचार कर सकते हैं।
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वे एक हीन को काल्पनिक चार बराबर भागों में विभाजित करके एक भाग दाखमधु लेते थे|
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1. उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिसमें वस्तु को विभाजित किया जाएगा, और फिर उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिन्हें सन्दर्भित किया जा रहा है।
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1. वजन और लम्बाई के माप के लिए, एक इकाई का उपयोग करें जो आपके लोगों को पता हो या जो यूडीबी में इकाई हो।
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1. माप के लिए, अपनी भाषा में उपयोग किए जाने वाले मापों का ही उपयोग करें।
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### अनुवाद कौशल
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ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपका माप मीट्रिक अर्थात् दशमलव पद्धति से कैसे सम्बन्धित है और आप प्रत्येक माप को समझता है।
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यदि आपकी भाषा में कोई अंश सही अर्थ देता है, तो इसका उपयोग करने पर विचार करें। यदि नहीं, तो आप इस कौशल पर विचार कर सकते हैं।
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### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
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(1) उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिनमें किसी वस्तु को विभाजित किया जाएगा, और फिर उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिन्हें सन्दर्भित किया जा रहा है।
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1. उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिसमें वस्तु को विभाजित किया जाएगा, और फिर उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिन्हें सन्दर्भित किया जा रहा है।
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(2) वजन और लम्बाई के माप के लिए, उस इकाई का उपयोग करें जो आपके लोगों को पता हो या जो ईकाइयां UST में हों।
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* **महासागर की <u> एक तिहाई </u> रक्त की तरह लाल हो गया** (प्रकाशितवाक्य 8:8 यूएलबी)
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* यह ऐसे था कि मानो उन्होंने <u> महासागर </u> को तीन भागों में <u> विभाजित कर दिया </u>, और समुद्र का <u> एक भाग </u> रक्त बन गया।
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||||
* **तब तू बैल के साथ तेल के <u> आधे हीन </u> के साथ अच्छे मैदे के एक एपा के <u> तीन दसवाँ अंश </u> भाग को अनाज की भेंट के रूप में प्रस्तुत करना।** (गिनती 15:9 यूएलबी)
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||||
* ... तब तू <u> मैदे का एक एपा </u> दस भागों में </>> विभाजित करना</u> और <u> तेल के एक हीन </u> को दो भागों में <u> विभाजित करना होगा </u>. तब <u> उन तीन भागों को </u> को मैदे के <u> उन तीन भागों में से एक में </u> मिलाना। तब तू बैल के साथ उस अनाज की भेंट को प्रस्तुत करना।
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||||
(3)माप के लिए, अपनी भाषा में उपयोग किए जाने वाले मापों का ही उपयोग करें। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपका माप मीट्रिक प्रणाली अर्थात् दशमलव पद्धति से कैसे सम्बन्धित है और आप प्रत्येक माप को समझें।
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1. माप के लिए, यूडीबी अनुवाद में दिए गए माप का उपयोग करें। यूडीबी अनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मूल्य का प्रतिनिधित्व करने के बारे में सोचा है।
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### अनुवाद के कौशल को व्यावहार में लाने के उदाहरण
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* **<u> शेकेल का दो तिहाई </u>** (1 शमूएल 13:21 यूएलबी)
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* </u> चाँदी के <u> आठ ग्राम (1 शमूएल 13:21 यूडीबी)
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* **<u> तेल के आधे हीन </u> के साथ मैदे के एपा के तीन दसवें </u>मिलाना।** (गिनती 15:9 यूएलबी)
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* <u> साढ़े छह लीटर </u> बारीक पिसे हुए आटे को <u> दो लीटर </u> जैतून के तेल में मिलाए जाए। (गिनती 15:9 यूडीबी)
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(1) उन भागों या समूहों की सँख्या बताएँ जिसमें किसी वास्तु को विभाजित किया जाएगा, तदोपरांत उन भागों या समूहों का वर्णन करें जिनको संदर्भित किया जा रहा है।
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1. माप के लिए, अपनी भाषा में उपयोग किए जाने वाले मापों का ही उपयोग करें। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपका माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित है और आप प्रत्येक माप को समझता है।
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> समुद्र का **एक तिहाई** लहू हो गया (प्रकाशितवाक्य 8:8 ULT)
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>
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> > यह ऐसे था कि मानो उन्होंने समुद्र को **तीन भागों में** **विभाजित कर दिया**, और समुद्र का **एक भाग** रक्त बन गया।
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>
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> तब बछेड़े का चढ़ाने वाला उसके संग **आधा हीन** तेल से सना हुआ एपा का **तीन दसवां अंश**अन्नबलि करके चढ़ाए। (गिनती 15:9 ULT)
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>
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> > … तब तू मैदे का एक एपा **दस भागों में** **विभाजित करना** और तेल के एक हीन को **दो भागों** में **विभाजित करना**. तब मैदे के उन **तीन भागों** को तेल के दो भागों में से **एक** में सान लेना,तदोपरांत उस अन्नबलि को बछड़े के साथ चढ़ाना।
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||||
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||||
* **<u> तेल के <u> आधे हीन के साथ </u> मिश्रित बारीक आटे के एपा के </u> तीन दसवें </u>** (गिनती 15:9, यूएलबी)
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* <u> छः क्वार्ट </u> मैदा <u> दो क्वार्ट </u> तेल के साथ मिला हुआ।
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(2) माप के लिए, USTअनुवाद में दिए गए माप का उपयोग करें। USTअनुवाद के अनुवादकों ने पहले से ही मीट्रिक पद्धति में मापों का संरूपण किया हुआ है।
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> … **शेकेल का दो तिहाई** (1 शमूएल 13:21 ULT)
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>
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> …चाँदी के **आठ ग्राम**…(1 शमूएल 13:21 UST)
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>
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> …**आधा हीन** तेल में सना हुआ **एपा का तीन दसवां** अंश मैदा (गिनती 15:9 ULT)यूएलबी)
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>
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> > …**साढ़े छह लीटर** मैदे **दो लीटर** जैतून के तेल में मिलाया जाए। (गिनती 15:9 ULT)
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(3) माप के लिए, अपनी भाषा में उपयोग किए जाने वाले मापों का ही उपयोग करें। ऐसा करने के लिए आपको यह जानना होगा कि आपका माप मीट्रिक पद्धति से कैसे सम्बन्धित है और आपको प्रत्येक माप को समझना होगा।
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> …**आधा हीन** तेल में सना हुआ **एपा का तीन दसवां** अंश मैदा (गिनती 15:9 ULT))
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> > **छः क्वार्ट** मैदा **दो क्वार्ट** तेल के साथ मिला हुआ।
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नीचे दिए गए उदाहरण इन दो वचनों का उपयोग करते हैं।
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> **उस समय, तुम मेरे सामने ***अबीब के महीने*** में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में ही हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे।** (निर्गमन 23:15 ULT)
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> **उस समय, तुम मेरे सामने***अबीब के महीने*** में आना, जो इस उद्देश्य के लिए निर्धारित है। यह इस महीने में ही हुआ था कि तुम मिस्र से बाहर आए थे।** (निर्गमन 23:15 ULT)
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> **यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि ***सातवें महीने में, महीने के दसवें दिन में***, तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए।** (लैव्यव्यवस्था 16:29 ULT)
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> **यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि***सातवें महीने में, महीने के दसवें दिन में***, तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए।** (लैव्यव्यवस्था 16:29 ULT)
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1. इब्रानी महीने की सँख्या बताएँ।
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(4) समय को महीने के सन्दर्भों में लेने की अपेक्षा ऋतु के सन्दर्भ में उद्धृत करें।
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>> यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि ***जिस दिन को मैं आरम्भिक पतझड़ ऋतु में चुनता हूँ*** <sup> 1 </ sup> तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए।
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>> यह सदैव तुम्हारे लिए एक कानून होगा कि ***जिस दिन को मैं आरम्भिक पतझड़ ऋतु में चुनता हूँ*** <sup> 1 </sup> तुम्हें स्वयं को नम्र करना चाहिए और कोई काम नहीं करना चाहिए।
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* फुटनोट्स कुछ इस तरह दिखेगा:
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>> <sup> [1] </ sup> इब्रानी कहता है, "सातवें महीना, महीने के दसवें दिन।"
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>> <sup> [1] </sup> इब्रानी कहता है, "सातवें महीना, महीने के दसवें दिन।"
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### Making a Key Terms Spreadsheet
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* Make a list of the key terms in the story or Bible passage that you translate, along with the term that you choose for each of them in the target language. It is best if you can do this on a spreadsheet so that you can list the source word or phrase in one column and the target word or phrase in another column. Further columns could list equivalent terms in other languages and the references where these terms occur in the Bible. Make sure that everyone translating Bible books that use these terms has access to the spreadsheet, or a chart on paper, so that you can all use the same words or phrases in your translation.
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* Use the list of words and definitions in the unfoldingWord® translation Words resource to help you to make a list of these words and to understand what they mean. The translationStudio tool will show you these words and their definitions as you encounter them in the source text, and the translationWords tool in translationCore will give you a list of all of the key terms in each book of the Bible.
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* Each time the key word occurs in the source text, make sure that the term you have chosen for the translation still makes sense in that context. If it does not, discuss the problem with others on the translation team and try to find a solution together. You may need to use a different term, or you may need to use more than one term for the different contexts, or you may need to find another way to communicate the term that includes all of the meanings, such as using a longer phrase.
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* When you have decided that you need to use different target language words or phrases to translate one source language word in different contexts, then make a new line on the spreadsheet for each different way that you are translating the source word. Repeat the source term in the source column, and put the new translation in the next column, under the first translation. Share this spreadsheet with everyone on the translation team so that they can choose the right translation for the key term in the context that they are translating.
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How do I make a key terms spreadsheet?
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@ -0,0 +1 @@
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Making a Key Terms Spreadsheet
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### विवरण
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हजारों वर्षों पहले, लोगों ने बाइबल की पुस्तकें को लिखा था। तब अन्य लोगों ने उनकी हाथ से नकल बनाईं और उनका अनुवाद किया। उन्होंने यह काम बहुत ही अधिक सावधानी से किया, और कई वर्षों तक कई लोगों ने हजारों प्रतियाँ बनाईं। यद्यपि, जिन्होंने बाद में उन लोगों को देखा, उन्होंने देखा कि उनके बीच कुछ छोटी भिन्नाताएँ थीं। कुछ नकलकर्ताओं ने गलती से कुछ शब्दों को छोड़ दिया, और कुछ ने किसी दूसरे के शब्द को गलत समझा, जो उसे गलत आभासित हुआ। कभी-कभी उन्होंने दुर्घटनावश शब्दों या यहाँ तक कि पूरे वाक्यों को जोड़ा, या इसलिए क्योंकि वे कुछ समझाना चाहते थे।
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हजारों वर्ष पहले, लोगों ने बाइबल की पुस्तकों को लिखा था। उसके बाद अन्य लोगों ने हाथों से उनकी नकल बनाईं और उनका अनुवाद किया। उन्होंने यह काम बहुत ही अधिक सावधानी से किया, और कई वर्षों तक कई लोगों ने हजारों प्रतियाँ बनाईं। तथापि,जिन लोगों ने उनका पुनरावलोकन किया, उन्होंने पाया कि उनमे कुछ छोटी-छोटी भिन्नाताएँ थीं। कुछ लिपिकों ने गलती से कुछ शब्दों को छोड़ दिया था या कुछ वैसे ही दिखने वाले अन्य शब्द के भ्रम में पढ़ गए। यदा-कदा उन्होंने कुछ शब्द वरन पूर्अण वाक्य भी अपनी ओर से जोड़ दिए जो या तो संयोगवश था या वे किसी बात को समझाना चाहते थे। आज की बाईबल प्रतियां इन्ही प्राचीन लिपिओं का अनुवाद हैं| आज की कुछ बाईबल प्रतियों में इन अतिरिक्त वाक्यों को रखा गया है| ULT में, इन अतिरिक्त वाक्यों को प्रायः पाद टिप्पणियों में दर्शाया गया है|
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आधुनिक बाइबलें पुरानी प्रतियों के अनुवाद हैं। कुछ आधुनिक बाइबलों में इनमें से कुछ वाक्यों को जोड़ा गया है। यूएलबी अनुवाद में, इन अतिरिक्त वाक्यों को सामान्य रूप से फुटनोट्स में लिखा गया है। बाइबल के विद्वानों ने कई पुरानी प्रतियाँ को पढ़ा है और उनकी तुलना एक दूसरे के साथ की है। बाइबल में उस प्रत्येक स्थान पर जहाँ थोड़ी सी भिन्नता थी, उन्होंने यह पता लगाया है कि कौन से शब्द सबसे अधिक सही हैं। यूएलबी अनुवाद के अनुवादक यूएलबी अनुवाद पर आधारित शब्दों के ऊपर आधारित हैं, जिसे विद्वान कहते हैं कि यह सबसे अधिक सही हैं।
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बाईबल के विद्वानों ने कई पुरानी प्रतियों को पढ़ा है और उनकी परस्पर तुलना की है। बाइबल में उस प्रत्येक स्थान पर जहाँ थोड़ी सी भिन्नता थी, उन्होंने यह पता लगाया है कि कौन से शब्दों का यथोचित सही होना सर्व संभावित है। ULT के अनुवादकों ने ULT को उन शब्दों पर आधारित रखा है जिनको बाईबलविद सर्व संभावना में सही बताते हैं| क्योंकि ULT पढ़ने वालों के पास अन्य मूल लिपिओं पर आधारित बाईबल भी होती हैं| ULT के अनुवादकों ने यदा-कदा उनमें प्रकट कुछअंतरों के बारे में जानकारियाँ भी दी हैं, या तो पाद टिप्पनियों में या उन्फोल्डिंग वार्ड @ ट्रांसलेशन नोट्स में।
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क्योंकि यूएलबी अनुवाद का उपयोग करने वाले लोगों के पास अन्य प्रतियों के ऊपर आधारित बाइबल तक पहुँच हो सकती है, यूएलबी अनुवाद के अनुवादकों ने फुटनोट को सम्मिलित किया हैं, जो उनके बीच कुछ भिन्नता को बताते हैं। अनुवादकों को यूएलबी में मूलपाठ का अनुवाद करने और यूएलबी में किए गए फुटनोट्स में जोड़े गए वाक्यों के बारे में लिखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यद्यपि, यदि स्थानीय कलीसिया वास्तव में उन वाक्यों को मुख्य मूलपाठ में सम्मिलित करना चाहती है, तो अनुवादक उन्हें मूलपाठ में डाल सकते हैं और उनके बारे में एक फुटनोट को सम्मिलित कर सकते हैं।
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अनुवादकों को प्रोत्साहित किया जाता है कि मूल पाठ को ULT में अनुवाद करें और अतिरिक्त वाक्यों की चर्चा पाद टिप्पणियों में करें, जैसा ULT में किया गया है। तथापि यदि स्थानीय कलीसिया वास्तव में चाहती है कि उन वाक्यों को मूलपाठ में सम्मिलित किया जाए तो अनुवादक उन्हें मूलपाठ में डाल सकते हैं और उनके बारे में पाद टिप्पणी कर सकते हैं।
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### बाइबल से उदाहरण
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मत्ती 18:10-11 यूएलबी अनुवाद में वचन 11 के बारे में एक फुटनोट दिया गया है।
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मत्ती 18:10-11 ULT में पद 11 के बारे में एक पाद टिप्पणी लिखी गई है।
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> <sup> 10 </sup> देखें कि तुम इनमें से किसी भी छोटे को तुच्छ न जानो। क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ कि स्वर्ग में उनके स्वर्गदूत सदैव मेरे पिता के चेहरे को देखते हैं, जो स्वर्ग में है। <sup> 11 </sup> <sup> [1] </sup>
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> <sup> 10 </sup> देखो कि तुम इनमें से किसी भी छोटे को तुच्छ न जानो। क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ कि स्वर्ग में उनके स्वर्गदूत सदैव मेरे पिता के चेहरे को देखते हैं, जो स्वर्ग में है। <sup> 11 </sup> <sup> [1] </sup>
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<sup> [1] </sup> कई मूलपाठ, कुछ प्राचीन, v. 11 में इसे सम्मिलित करती हैं। *क्योंकि मनुष्य का पुत्र जो खो गया था, उसे बचाने के लिए आया था।*
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<sup> [1] </sup> कई बाईबलविद,कुछ प्राचीन भी,पद 11 को सम्मिलित करते हैं। *क्योंकि मनुष्य का पुत्र खोए हुओं को बचाने के लिए आया है।*
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यूहन्ना 7:53-8:11 सबसे पुरानी पांडुलिपियों में नहीं पाया जाता है। इसे यूएलबी अनुवाद में सम्मिलित किया गया है, परन्तु इसे आरम्भ और अन्त में वर्गाकार कोष्टक ([ ]) के साथ चिह्नित किया गया है, और वचन 11 के बाद एक फुटनोट दिया गया है।
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यूहन्ना 7:53-8:11 सर्वोत्तम प्राचीन पांडुलिपियों में नहीं पाया जाता है। इसे ULT में सम्मिलित किया गया है, परन्तु इसे आरम्भ और अन्त में वर्गाकार कोष्टक ([]) के साथ चिह्नित किया गया है, और पद 11 के बाद एक पद टिप्पणी दी गई है।
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> <sup> 53 </sup> तब हर व्यक्ति अपने घर चला गया। ... <sup> 11 </sup> उसने कहा, "किसी से नहीं, प्रभु।" यीशु ने कहा, "मैं भी तेरी निन्दा नहीं करता हूँ। अपने रास्ते पर चली जा; अब से फिर पाप न करना।” <sup> [2] </ sup>
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> 53 [तब हर व्यक्ति अपने घर चला गया। ... 11 </sup> उसने कहा, "किसी से नहीं, प्रभु।" यीशु ने कहा, "मैं भी तुझे दोष नहीं देता हूँ। जा और फिर पाप न करना।”] <sup> [2] </sup>
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<sup> [2] </ sup> सबसे पुरानी पांडुलिपियों में यूहन्ना 7:53-8:11 नहीं मिलता है
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<sup> [2] </sup> कुछ प्राचीन पांडुलिपियों में यूहन्ना 7:53-8:11 मिलता है
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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### अनुवाद का कौशल
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जब किसी मूलपाठ में असंगति होती है, तो आप उस समय यूएलबी अनुवाद या किसी अन्य संस्करण का पालन करना चुन सकते हैं, जिस तक आपके पास पहुँच है।
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जब कहीं पर पातभेद प्रकट हो रहा हो तो ऐसी स्थिति में आप ULT या आपके पास जो भी बाईबल संस्करण है उसकी सहायता लेने का चुनाव कर सकते हैं।
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1. यूएलबी अनुवाद के द्वारा दिए गए वचनों का अनुवाद करें और यूएलबी अनुवाद को प्रदान किए जाने वाले फुटनोट को सम्मिलित करें।
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1. ULT के पदों के अनुकरण में अनुवाद करें और ULT में दी गई पाद टिप्पणियों को समाहित करें।
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2. पदों का अनुवाद किसी और संस्करण के आधार पर करें और पद टिप्पणी को परिवर्तित करें ताकि यह उस स्थिति के अनुसार उपयुक्त हो सके।
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1. वचनों का अनुवाद एक और संस्करण के रूप में करें, और फुटनोट को परिवर्तित करें ताकि यह उस स्थिति के अनुसार उपयुक्त हो सके।
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### व्यावहारिक अनुवाद कौशल के उदाहरण
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### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
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अनुवाद कौशल मरकुस 7:14-16 U L T में व्यावहारिक बनाया गया है जिसमें पद 16 के बारे में एक पाद टिप्पणी दी गई है।
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अनुवाद रणनीतियों को मरकुस 7:14-16 यूएलबी पर लागू किया गया है, जिसमें वचन 16 के बारे में एक फुटनोट है।
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* > <sup> 14 </sup> **उसने भीड़ को पुन: बुलाया और उनसे कहा, "तुम सभी मेरी सुनो, और समझो। <sup> 15 </sup> मनुष्य के बाहर ऐसा कुछ भी नहीं है जो उसमें प्रवेश करके उसे अशुद्ध कर सकता है। परन्तु मनुष्य में से बहार निकलने वाली बातें ही हैं जो उसको अशुद्ध करती हैं।”** <sup> 16 [1] </sup>
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* <sup> 14 </ sup> **उसने भीड़ को पुन: बुलाया और उनसे कहा, "तुम सभी मेरी सुनो, और समझो। <sup> 15 </ sup> किसी व्यक्ति के पास बाहर से कुछ भी नहीं है जो जब उसमें प्रवेश करता है तो उसे अशुद्ध कर सकता है। जो कुछ उस व्यक्ति से निकलता है, वही उसे अशुद्ध करता है।”** <sup> 16 [1] </ sup>
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* **<sup> [1] </ sup> सबसे प्राचीन प्रतियाँ वचन 16. को छोड़ देती हैं *यदि किसी के पास सुनने के लिए कान हैं, तो वह सुनें*.**
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<sup> [1] </sup> कुछ प्राचीन पांडुलिपियाँ पद 16. को समाहित करती हैं: **यदि किसी के पास सुनने के लिए कान हैं, तो वह सुनें|**
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1. यूएलबी अनुवाद के द्वारा दिए गए वचनों का अनुवाद करें और यूएलबी अनुवाद के द्वारा प्रदान किए वाले फुटनोट को सम्मिलित करें।
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1. पदों का नुवाद वैसे ही करें जैसे ULT में है और ULT में दी गई पाद टिप्पणी को समाहित करें| ULB अनुवाद के द्वारा दिए गए वचनों का अनुवाद करें और यूएलबी अनुवाद के द्वारा प्रदान किए वाले फुटनोट को सम्मिलित करें।
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* <sup> 14 </ sup> उसने भीड़ को पुन: बुलाया और उनसे कहा, "तुम सभी, मेरी बात सुनो, और समझो। <sup> 15 </ sup> किसी व्यक्ति के पास बाहर कुछ भी नहीं है जो उसे अशुद्ध कर सकता है, जब वह उसके भीतर प्रवेश करता है। जो कुछ उस व्यक्ति से निकलता है, वही उसे अशुद्ध करता है।”<Sup> 16 [1] </ sup>
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* <sup> [1] </ sup> सबसे प्राचीन प्रतियाँ वचन 16 को छोड़ देती हैं। *यदि किसी के पास सुनने के कान हैं, तो वह इसे सुनें*।
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* <sup> 14 </sup> उसने भीड़ को पुन: बुलाया और उनसे कहा, "तुम सभी, मेरी बात सुनो, और समझो। <sup> 15 </sup> मनुष्य के बाहर कुछ नहीं है जो उसके भीतर जाकर उसको अशुद्ध करे| परन्तु मनुष्य के भीतर से जो बाहर निकलता हैं वही है जो उसको अशुद्ध करता हैं।”<Sup> 16 </sup>यदि किसी के पास सुनने के लिए कान हों तो वह सुने|*
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* <sup> [1] </sup> कुछ प्राचीन पांडुलिपियों में पद 16 का उल्लेख नहीं है।
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1. वचनों का अनुवाद एक और संस्करण के रूप में करें, और फुटनोट को परिवर्तित करें ताकि यह उस स्थिति के अनुसार उपयुक्त हो सके।
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2. वचनों का अनुवाद किसी और संस्करण के अनुसार करें, और फुटनोट को परिवर्तित करें ताकि यह उस स्थिति के अनुसार उपयुक्त हो सके।
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* <sup> 14 </ sup> उसने भीड़ को पुन: बुलाया और उनसे कहा, "तुम सभी, मेरी बात सुनो, और समझो। <sup> 15 </ sup> किसी व्यक्ति के पास बाहर कुछ भी नहीं है जो उसे अशुद्ध कर सकता है, जब वह उसके भीतर प्रवेश करता है। जो कुछ उस व्यक्ति से निकलता है, वही उसे अशुद्ध करता है। <sup> 16 </ sup> यदि किसी के पास सुनने के कान हैं, तो वह इसे सुनें।”<sup> [1] </ sup>
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* <sup> [1] </ sup> कुछ प्राचीन प्रतियों में वचन 16 नहीं है।
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> <sup>14</sup> उसने भीड़ को पुनः बुलाया और उनसे कहा,तुम सब मुझे सुनो और समझो|
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<sup>15</sup>
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मनुष्य के बाहर से भीतर जो जाता है वह उसको अशुद्ध नहीं करता है| परन्तु मनुष्य के भीतर से जो निकलता है, वही है जो उसको अशुद्ध करता है|
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<sup>16</sup>
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यदि किसी मनुष्य के पास सुनने के लिए कान हों तो वह सुन ले|<sup> [1]</sup>
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> > <sup> [1]</sup> कुछ प्राचीन पान्दुलिपिओं में पद 16 नहीं है|
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एक शब्द उधार लेने के कई तरीके होते हैं।
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1. यदि आपकी भाषा उस भाषा से एक अलग लिपि का उपयोग करती है, जिसका आप अनुवाद कर रहे हैं, तो आप अपनी भाषा की लिपि के सम्बन्धित अक्षर के आकार के साथ प्रत्येक अक्षर के आकार को आसानी से प्रतिस्थापित कर सकते हैं।
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1. आप इस शब्द को लिख सकते हैं, जैसा दूसरी भाषा में लिखा जाता है, और उसका उच्चारण इस तरह से करें कि जैसा आपकी भाषा में सामान्य रूप से उन अक्षरों के लिए उच्चारण किया जाता है।
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1. आप इस शब्द को दूसरी भाषा के तरीके से उच्चारण कर सकते हैं, और अपनी भाषा के नियमों में उपयुक्त बनाने के लिए वर्तनी को समायोजित कर सकते हैं।
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### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
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यहाँ "फाड़नेवाले भेड़िए" एक रूपक का हिस्सा है, इसलिए पाठक को यह जानकारी समझने के लिए आवश्यक है कि वे इस रूपक में भेड़ों के लिए अत्याधिक खतरनाक हैं। (यदि भेड़ें भी अज्ञात हैं, तो आपको अनुवाद करने के लिए अनुवाद रणनीतियों में से किसी एक का उपयोग करने की आवश्यकता होगी, या रूपकों के लिए अनुवाद की रणनीति का उपयोग करके रूपक को किसी अन्य चीज़ में बदलना होगा। देखें [रूपकों का अनुवाद करना](../figs-metaphor/01.md)।
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> **यहाँ हमारे पास केवल पाँच ***रोटियाँ*** और दो मछलियाँ हैं** (मत्ती 14:17 ULT)
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> **यहाँ हमारे पास केवल पाँच***रोटियाँ*** और दो मछलियाँ हैं** (मत्ती 14:17 ULT)
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>> यहाँ हमारे पास केवल पाँच ***पके हुए अनाज के बीज की रोटियाँ*** और दो मछलियाँ हैं**
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1. आपकी भाषा से मिलता-जुलता कुछ करें यदि ऐसा करना किसी ऐतिहासिक तथ्य को गलत तरीके से प्रस्तुत नहीं करता है।
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1. शब्द को किसी अन्य भाषा से नकल करें, और लोगों को इसे समझने में सहायता देने के लिए एक सामान्य शब्द या वर्णनात्मक वाक्यांश जोड़ें।
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> **और उसे ***गन्धरस*** मिला हुआ दाखरस देने लगे, परन्तु उसने नहीं लिया।** (मरकुस 15:23 ULT) – हो सकता है कि लोग सर्वोत्तम रीति से समझें कि गन्धरस क्या है यदि इसे सामान्य शब्द "दवा" के साथ प्रयोग किया जाए।
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> **और उसे***गन्धरस*** मिला हुआ दाखरस देने लगे, परन्तु उसने नहीं लिया।** (मरकुस 15:23 ULT) – हो सकता है कि लोग सर्वोत्तम रीति से समझें कि गन्धरस क्या है यदि इसे सामान्य शब्द "दवा" के साथ प्रयोग किया जाए।
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>> और उसे ***गन्धरस नामक एक दवा*** मिला हुआ दाखरस देने लगे, परन्तु उसने नहीं लिया।
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> **यहाँ हमारे पास केवल पाँच ***रोटियाँ*** और दो मछलियाँ हैं** (मत्ती 14:17 ULT) - हो सकता है कि लोग सर्वोत्तम रीति से समझें कि ब्रेड क्या होती है यदि इसका उपयोग एक वाक्यांश के साथ किया जाता है जो यह बताता हो कि यह किस से (बीज) बना है और इसे कैसे (पीस कर और पका कर) तैयार किया जाता है ।
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> **यहाँ हमारे पास केवल पाँच***रोटियाँ*** और दो मछलियाँ हैं** (मत्ती 14:17 ULT) - हो सकता है कि लोग सर्वोत्तम रीति से समझें कि ब्रेड क्या होती है यदि इसका उपयोग एक वाक्यांश के साथ किया जाता है जो यह बताता हो कि यह किस से (बीज) बना है और इसे कैसे (पीस कर और पका कर) तैयार किया जाता है ।
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> यहाँ हमारे पास केवल पाँच ***रोटियाँ पीसे हुए बीज की पकी हुई हैं*** और दो मछलियाँ हैं**
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1. एक शब्द का प्रयोग करें जो अपने अर्थ में अधिक सामान्य है।
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> **मैं यरूशलेम को खण्डहर बनाकर ***गीदड़ों*** का स्थान बनाऊँगा***** (यिर्मयाह 9:11 ULT)
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>> मैं यरूशलेम को खण्डहर बनाकर ***जंगली कुत्तों*** का स्थान बनाऊँगा
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> **यहाँ हमारे पास केवल पाँच ***रोटियाँ*** और दो मछलियाँ हैं** (मत्ती 14:17 ULT)
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> **यहाँ हमारे पास केवल पाँच***रोटियाँ*** और दो मछलियाँ हैं** (मत्ती 14:17 ULT)
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>> यहाँ हमारे पास केवल पाँच ***पकी हुई रोटियाँ*** और दो मछलियाँ हैं
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1. एक शब्द या वाक्यांश का उपयोग करें जो अपने अर्थ में अधिक विशेष है।
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> **उसने ***बड़ी-बड़ी ज्योतियाँ***** बनाईं (भजन संहिता 136:7 ULT)
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> **उसने***बड़ी-बड़ी ज्योतियाँ***** बनाईं (भजन संहिता 136:7 ULT)
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>> **उसने ***सूर्य और चन्द्रमा*** को बनाया
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जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको विचारों को उसी क्रम में रखना चाहिए, जो लक्षित भाषा में स्वाभाविक हों। (देखें [घटनाओं की व्यवस्था](../figs-events/01.md))
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<blockquote> <sup> 1 </ sup> पौलुस, यीशु मसीह का एक सेवक, जिसे प्रेरित कहा जाता है, और परमेश्वर के सुसमाचार के लिए अलग हो गया ... <sup> 7 </ sup> यह पत्र उन सभी के लिए है, जो रोम में हैं, जो परमेश्वर के प्रिय हैं। (रोमियों 1:1,7 यूएलबी) </blockquote>
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<blockquote> <sup> 1 </sup> पौलुस, यीशु मसीह का एक सेवक, जिसे प्रेरित कहा जाता है, और परमेश्वर के सुसमाचार के लिए अलग हो गया ... <sup> 7 </sup> यह पत्र उन सभी के लिए है, जो रोम में हैं, जो परमेश्वर के प्रिय हैं। (रोमियों 1:1,7 यूएलबी) </blockquote>
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<blockquote> <sup> 1 </ sup> मैं, पौलुस, जो मसीह यीशु की सेवा करता है, रोम के शहर में तुम सभी विश्वासियों को यह पत्र लिख रहा हूँ। (रोमियों 1:1 यूडीबी) </blockquote>
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<blockquote> <sup> 1 </sup> मैं, पौलुस, जो मसीह यीशु की सेवा करता है, रोम के शहर में तुम सभी विश्वासियों को यह पत्र लिख रहा हूँ। (रोमियों 1:1 यूडीबी) </blockquote>
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यूएलबी अनुवाद पौलुस की शैली को उसका पत्र आरम्भ करने की शैली दिखाती है। वह वचन 7 तक नहीं बताता है कि उसके दर्शक कौन हैं। यद्यपि, यूडीबी अनुवाद एक ऐसी शैली का पालन करती है, जो आज अंग्रेजी और कई अन्य भाषाओं में अधिक स्वभाविक है।
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यूडीबी इस तरह की अमूर्त अभिव्यक्तियों का उपयोग नहीं करने की प्रयास करता है, क्योंकि कई भाषाएँ अमूर्त अभिव्यक्तियों का उपयोग नहीं करती हैं।
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जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना होगा कि लक्षित भाषा इन विचारों को प्रस्तुत करने के लिए किसे प्राथमिकता देती है। (देखें [अमूर्त संज्ञाएँ](../figs-abstractnouns/01.md)
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जब आप अनुवाद करते हैं, तो आपको यह निर्धारित करना होगा कि लक्षित भाषा इन विचारों को प्रस्तुत करने के लिए किसे प्राथमिकता देती है। (देखें [अमूर्त संज्ञाएँ](../figs-abstractnouns/01.md))
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> उसने तुम्हें <u> सारी बातों </u> और <u> सारे ज्ञान </u> में हर तरह से समृद्ध बना दिया है।(1 कुरिन्थियों 1:5 यूएलबी)
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@ -1,44 +1,37 @@
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### विवरण
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दुर्लभ विषयों में, आप अनलॉक्ड शाब्दिक बाइबल (यूएलबी) या अनलॉक्ड डायनामिक बाइबल (यूडीबी) में देखेंगे कि दो या दो से अधिक वचन सँख्याएँ संयुक्त हैं, जैसे कि 17-18।
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अनफोल्डिंग सिम्प्लिफाइड टेक्स्ट (UST) में आपको कहीं-कहीं देखें को मिलेगा कि दो या अधिक पदों को संयुक्त किया गया है, जैसे 17-18. इसको पद सेतु कहते हैं इसमें उन पदों की जानकारियों को इस प्रकार व्यवस्थित किया जाता है कि कहानी या सन्देश बड़ी आसानी से समझा जा सके|
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इसे एक वचन सम्पर्क कहा जाता है। इसका अर्थ है कि वचनों की जानकारी को पुन: व्यवस्थित किया गया था ताकि कहानी या सन्देश को आसानी से समझा जा सके।
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> 29 ये सब होरियों के कुल थे: लोतान, शोबाल, शिबोंन, अना, दीशोन, एसेर, दीशान, ये सब सेईर देश में होरियों की वंशावली के अनुसार कुल थे| (उत्पत्ति 36: 29-30 ULT)
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> <sup> 29 </ sup> ये होरियों के कुलों थे: लोनान, शोबाल, शिबोन और अना, <sup> 30 </ sup> दोशोन, एसेर, दीशान: ये सेईर देश में उनके कबीलों की सूचियों के अनुसार होरियों के कुल हैं। (उत्पत्ति 26:29-30 ULB)
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> 29-30 होर के वंश से सेईर देश में बसने वाली जातियां| इन जातियों के नाम थे, लोतान, शोबाल, शिबोन, अना,दीशोन, एसेर, और दीशान| (उत्पत्ति 26:29-30 UST)
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<blockquote> <sup> 29-30 </ sup> लोगों के समूह जो होर के वंशज थे, जो सेईर की भूमि में रहते थे। लोगों के समूहों के नाम लोनान, शोबाल, शिबोन और अना, दोशोन, एसेर, दीशान हैं। (उत्पत्ति 26:29-30 यूडीबी) </blockquote>
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यूएलबी मूलपाठ में, वचन 29 और 30 अलग हैं, और सेईर में रहने वाले लोगों के बारे में जानकारी वचन 30 के अन्त में दी हुई है। यूडीबी मूलपाठ में, वचन सम्मिलित हो गए हैं, और सेईर में रहने वालों के बारे में जानकारी आरम्भ में दी गई है। कई भाषाओं के लिए, यह जानकारी का एक और तार्किक क्रम है।
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ULT में पद 29 और 30 अलग अलग हैं और सेईर देश में निवास करने वालों की जानकारी पद 30 के अंत में दी गई है| UST में इन पदों को जोड़ दिया गया है और सेईर देश में उनके बसने की जानकारी आरम्भ में दी गई है| अनेक भाषाओं के लिए यह जानकारी देने का अधिक तार्किक क्रम है|
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### बाइबल से उदाहरण
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कभी-कभी यूएलबी के वचन पृथक होते हैं, जबकि यूडीबी में एक वचन सम्पर्क होता है।
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जहां UST में पद सेतु है वहाँ ULT में पद पृथक हैं|
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> <sup> 4 </sup> यद्यपि, तुम्हारे बीच कोई निर्धन नहीं होना चाहिए (क्योंकि यहोवा तुम्हें निश्चित रूप से उस देश में आशीष देगा जो वह तुमको विरासत के रूप में देता है), <sup> 5 </sup> यदि तुम केवल अपने परमेश्वर यहोवा की आवाज सुनो और इन सभी आज्ञाओं को मानो जिन्हें मैं आज तुम्हें आज्ञा देता हूँ। (व्यवस्थाविवरण 15:4-5 यूएलबी)
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> <sup>4-5</sup> हमारा परमेश्वर यहोवा तुम्हे उस देश में आशीष देगा जो वह तुम्हे देता है| यदि तुम हमारे परमेश्वर यहोवा की आज्ञाओं को मानोगे और इन सब आज्ञाओं का पालन करोगे जो मैं आज तुमको देता हूँ तो तुम्हारे मध्य कोई दरिद्र न रहेगा| (व्यवस्थाविवरण 15:4-5 ULB)
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<blockquote> <sup> 4-5 </sup> यहोवा हमारा परमेश्वर तुम्हें उस देश में आशीष देगा जो वह तुम्हें दे रहा है। यदि तुम हमारे परमेश्वर यहोवा की आज्ञा मानते हैं और जो आज्ञा मैं आज तुम्हें दे रहा हूँ, उसका पालन करते हो, तो तुम्हारे बीच कोई भी निर्धन नहीं होगा। (व्यवस्थाविवरण 15:4-5 यूडीबी) </blockquote>
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> <sup> 4 </sup> तथापि, तेरे बीच कोई दरिद्र न रहेगा (क्योंकियाहोवा निश्चय ही तम्हें उस देश में आशीष देगा जो वह तुम्हें अधिकार करने के लिए उत्तराधिकार में देता है)
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<sup> 5</sup> यदि तुम अपने परमेश्वर यहोवा की बात यत्न से सुनो कि इन सब आज्ञाओं का पालन करो जिनकी आज्ञा मैं आज तुम्हे देता हूँ| (व्यवस्थाविवरण 15:4-5 UDB)
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यूएलबी अनुलवाद में कुछ वचन सम्पर्क भी पाए जाते हैं।
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> <sup> 16-17</sup>परन्तु यहोवा ने उससे कहा, "मैं तुझे अनुमति नहीं देता हूँ कि तू उस वृक्ष का फल खाए जो तुझे इस योग्य बना देगा कि तू जान ले कि कौन से काम करने के लिए अच्छे हैं और कौन से काम करने के लिए बुरे हैं| यदि तू उस वृक्ष से एक भी फल कैगा तो जिस दिन तू उसे खाएगा उसी दिन तू निश्चय ही मर जाएगा| परन्तु मैं तुझे अनुमति देता हूँ कि वाटिका के अन्य किसी भी वृक्ष का फल तो खा सकता है| (उत्पत्ति 2:16-17 UST)
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> <sup> 17-18 </sup> एज्रा के पुत्र येतेर, मेरेद, एपेर और चालोन थे। मेरेद की मिस्री पत्नी से मिर्य्याम, शम्मै और यिशबह थे, जो एशतमो का पिता बना। <u> ये बित्या के पुत्र थे, जो फ़िरौन की पुत्री थी, जिसे मेरेद ने विवाह किया था। </u> मेरेदे की यहूदिन पत्नी ने येदेद को जन्म दिया, जो गदोर का पिता बन गया; हेबेर, जो सोको; और यकूतीएल का पिता बन गया, जो जानोह का पिता बन गया। (1 इतिहास 4:17-18 यूएलबी)
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> <sup> 16</sup> यहोवा परमेश्वर ने आदम को यह आज्ञा दी, तू वाटिका के सब वृक्षों का फल बिना खटके खा सकता है|
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<sup> 17</sup> पर भले या बुरे के ज्ञान का जो वृक्ष है, उसका फल तू कभी न खाना : क्योंकि जिस दिन तू उसका फल खाएगा उसी दिन अवश्य मर जाएगा| (उत्पत्ति 2:16-17 ULT)
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यूएलबी अनुवाद ने वचन 18 से वचन 17 के लिए रेखांकित वाक्य को और स्पष्ट रूप से दिखाया कि बित्या के पुत्र कौन थे। यहाँ मूल व्यवस्था दी गई है, जो कई पाठकों को भ्रमित कर रही है:
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### अनुवाद करने की युक्तियाँ
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> 17 एज्रा के पुत्र: येतेर, मेरेद, एपेर और चालोन। वह गर्भवती हुई और उसने मिर्य्याह, शम्मै और एशतमो के पिता यिश्बाह को जन्म दिया। 18 और उसकी यहूदिन पत्नी ने गदोर के पिता जेरेद, सोको के पिता हेबेर और जानोह के पुत्र यकूतीएल को जन्म दिया। ये फिरौन की बेटी बित्या के पुत्र थे, जिससे मेरेद विवाहित था। (1 इतिहास 4:17-18 टीएनके अनुवाद)
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जानकारियों को इस प्रकार क्रमबद्ध करें कि आपके पाठकों के लिए वे स्पष्ट हो जाएं| यदि जानकारियों का क्रम स्पष्ट है जैसा ULT में है परन्तु यदि क्रम उलझन उत्पन्न करता है या अर्थ को विकृत करता है तो क्रम में परिवर्तान लाएं कि स्पष्टता आ जाए|
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(1) यदि आप जानकारी को एक पद में से लेकर पूर्वोक्त पद की जानकारी से पूर्व रखते हैं तो उन पदों को संयोजित करे और उनके मध्य (-) लगा दें|
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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आप [translationStudio](https://help.door43.org/en/knowledgebase/13-translationstudio-android/docs/24-marking-verses-in-translationstudio) देखें कि पदों को कैसे रखा जाता है|
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जानकारी को इस तरह की व्यवस्था में रखें कि जो आपके पाठकों के लिए स्पष्ट हो।
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प्रायोगिक अनुवाद युक्तियों के उदाहरण
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1. यदि आप पहले वचन की जानकारी को उससे पहले के वचन की जानकारी के आगे डालते हैं, तो दो वचन सँख्याओं के बीच एक हाइफ़न अर्थात् समास चिह्न डालें।
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1. यदि यूएलबी अनुवाद में एक वचन सम्पर्क पाया जाता है, परन्तु आपके द्वारा सन्दर्भित एक और बाइबल में ऐसा कुछ भी नहीं है, तो आप उस क्रम का चयन कर सकते हैं, जो आपकी भाषा में सबसे अच्छी तरह से काम करती है। [ट्रैन्स्लेशनस्टूडियो ऐप] में देखें कि वचनों को कैसे चिह्नित किया जाता है (http://help.door43.org/en/knowledgebase/13-translationstudio-android/docs/24-marking-verses-in-translationstudio)।
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### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
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1. यदि आप पहले वचन की जानकारी को उससे पहले के वचन की जानकारी के आगे डालते हैं, तो दो वचन सँख्याओं के बीच एक हाइफ़न अर्थात् समास चिह्न डालें।
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* **<sup> 2 </ sup> तुम्हें अपने देश के मध्य में अपने लिए तीन शहरों का चयन करना होगा, जिसे यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें देने पर है। <sup> 3 </ sup> तुम्हें एक सड़क को बनाना होगा और अपनी भूमि की सीमाओं को तीन भागों में विभाजित करना होगा, उस देश में जिसे तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हें विरासत में दे रहा है, ताकि कोई भी जो किसी दूसरे व्यक्ति को मार डाले, वहाँ भाग जाए।** ( व्यवस्थाविवरण 19:2-3)
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* <sup> 2-3 </ sup> अपनी भूमि की सीमाओं को तीन भागों में विभाजित करना होगा, जिसे वह तुम्हें विरासत में दे रहा है। फिर प्रत्येक भाग में एक शहर का चयन करना। तुम्हें अच्छी सड़कों को बनाना होगा ताकि लोग आसानी से उन शहरों में जा सकें। कोई भी जो किसी दूसरे व्यक्ति को मारता है, वह अपनी सुरक्षा के लिए उन शहरों में से एक में जाकर बच सकता है। (व्यवस्थाविवरण 19:2-3 यूडीबी)
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1. यदि यूएलबी अनुवाद में एक वचन सम्पर्क पाया जाता है, परन्तु आपके द्वारा सन्दर्भित एक और बाइबल में ऐसा कुछ भी नहीं है, तो आप उस क्रम का चयन कर सकते हैं, जो आपकी भाषा में सबसे अच्छी तरह से काम करती है।
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(1) यदि एक पद की जानकारी दुसरे पद की जानकारी के पूर्व रखना हो तो उनदोनों पदों को संय्जित करें और पद क्रमांकों के मध्य (-) लगाकर उनको पहले पद के आरम्भ में रखें
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> 2 तुम अपने लिए अपने उस देश के मध्य में तीन नगरों को चुन लेना, जो यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हे देता है की तुम्हारा उत्तराधिकार ठहरे| 3 तुम्हे मार्ग का निर्माण करके अपने देश की सीमाओं को, जो तुम्हारा परमेश्वर तुम्हे उत्तराधिकार में देता है, तीन भागों में बाँट लेना है, कि मनुष्य का हर एक हत्यारा भाग कर वहाँ जा सके| (व्यवस्थाविवरण 19:2-3 ULT)
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> 2-3 जो देश वह तुम्हे देता है उसको तुम तीन भागों में बाँट लेना तदोपरांत उनमें से प्रत्येक में एक नगर चुन लेना| मनुष्य वहाँ आसानी से पहुँच सके इसलिए आवश्यक ही कि उत्तम मार्गों का निर्माण किया जाए| मनुष्य की हात्या कोई कर दे तो भाग कर उनमें से किसी एक नगर में सुरक्षित हो सकता है| (व्यवस्थाविवरण 19:2-3 UST)
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कुछ पदों की संख्या आपस में मिली क्यों होती हैं, जैसे “3-5” या “17-18”
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उसत में कुछ पदों के क्रमांकों को संयोजित क्यों किया गया है जैसे, “3-5” या “17-18”?
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संदर्भ पुल
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पद सेतु
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प्रकाशितवाक्य में से मिलने वाले रेखांकित वाक्यांश दानिय्येल और यहेजकेल के सन्दर्भों में भी प्रगट होते हैं
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<blockquote> दीपदानों के बीच में मनुष्य के पुत्र की तरह एक था, जो एक लम्बे वस्त्र को पहिने हुए था, जो उसके पैरों तक नीचे जा रहा था, और उसकी छाती के चारों ओर एक सुनहरा कमरबन्द था। <u> उसके सिर और बाल ऊन के जैसे श्वेत थे </ u> - बर्फ के जैसे श्वेत, और उसकी आँखें आग की लौ की तरह थीं। <u> उसके पैर चमकते हुए पीत्तल की तरह थे </ u>, जो भट्टी में शुद्ध किया गया था, और <u> उसकी आवाज बहुत से चलने वाले पानी की आवाज की तरह थी </ u>। वह अपने दाहिने हाथ में सात तारों को रखता था, और उसके मुँह से एक तेज दो धारों वाली तलवार निकल रही थी। उसका चेहरा सूर्य की तरह चमक रहा था। (प्रकाशितवाक्य 1:13-16 यूएलबी) </blockquote>
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<blockquote> दीपदानों के बीच में मनुष्य के पुत्र की तरह एक था, जो एक लम्बे वस्त्र को पहिने हुए था, जो उसके पैरों तक नीचे जा रहा था, और उसकी छाती के चारों ओर एक सुनहरा कमरबन्द था। <u> उसके सिर और बाल ऊन के जैसे श्वेत थे </u> - बर्फ के जैसे श्वेत, और उसकी आँखें आग की लौ की तरह थीं। <u> उसके पैर चमकते हुए पीत्तल की तरह थे </u>, जो भट्टी में शुद्ध किया गया था, और <u> उसकी आवाज बहुत से चलने वाले पानी की आवाज की तरह थी </u>। वह अपने दाहिने हाथ में सात तारों को रखता था, और उसके मुँह से एक तेज दो धारों वाली तलवार निकल रही थी। उसका चेहरा सूर्य की तरह चमक रहा था। (प्रकाशितवाक्य 1:13-16 यूएलबी) </blockquote>
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> जैसा कि मैंने देखा,
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> सिंहासन अपने स्थान पर रखा हुआ था,
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> उसके कपड़े बर्फ के जैसे श्वेत थे,
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> और <u> उसके सिर के बाल शुद्ध ऊन की तरह थे </u>। (दानिय्येल 7: 9 यूएलबी)
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<blockquote> मैंने ऊपर देखा और सन के वस्त्र पहने हुए एक व्यक्ति को देखा, ऊफाज़ से मिलने वाले शुद्ध सोने से बना हुआ कमरबन्द उसकी कमर के चारों ओर लिपटा हुआ था।उसका शरीर फीरोजा की तरह था, उसका चेहरा बिजली की तरह था, उसकी आँखें आग लगाने वाली मशाल की तरह थीं, उसकी बाहों और <u> उसके पैर चमकाए हुए पीत्तल की तरह थे </ u>, और उसके शब्दों की आवाज एक बड़ी भीड़ की आवाज़ की तरह थी । (दानिय्येल 10: 5-6 यूएलबी) </blockquote>
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<blockquote> मैंने ऊपर देखा और सन के वस्त्र पहने हुए एक व्यक्ति को देखा, ऊफाज़ से मिलने वाले शुद्ध सोने से बना हुआ कमरबन्द उसकी कमर के चारों ओर लिपटा हुआ था।उसका शरीर फीरोजा की तरह था, उसका चेहरा बिजली की तरह था, उसकी आँखें आग लगाने वाली मशाल की तरह थीं, उसकी बाहों और <u> उसके पैर चमकाए हुए पीत्तल की तरह थे </u>, और उसके शब्दों की आवाज एक बड़ी भीड़ की आवाज़ की तरह थी । (दानिय्येल 10: 5-6 यूएलबी) </blockquote>
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> देखो! इस्राएल के परमेश्वर की महिमा पूर्व से आई थी; <u> उसकी आवाज बहुत से बहने वाले पानी की आवाज की तरह थी </u>, और पृथ्वी उसकी महिमा से चमक गई! (यहेजकेल 43:2 यूएलबी)
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निम्नलिखित सन्दर्भ पिछली घटनाओं के सन्दर्भ में अतीत काल के उपयोग को दिखाता है। रेखांकित क्रियाएँ अतीक की घटनाओं को सन्दर्भित करती हैं।
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> आमोस के पुत्र यशायाह का दर्शन, जो उसने यहूदा और यरूशलेम के विषय में यहूदा के राजा उज्जिय्याह, योथाम, आहाज और हिजकिय्याह के दिनों में <u> देखा </u> था।
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> सुनो, आकाश, और हे पृथ्वी, अपना ध्यान लगा; क्योंकि यहोवा ने <u> बोला है </ u>:
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> "मैंने <u> पोषित किया है </ u> और बच्चे को<u> पालन किया</ u>, परन्तु वे मेरे विरूद्ध<u> विद्रोह कर चुके हैं </ u>। (यशायाह 1: 1-2 यूएलबी)
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||||
> सुनो, आकाश, और हे पृथ्वी, अपना ध्यान लगा; क्योंकि यहोवा ने <u> बोला है </u>:
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> "मैंने <u> पोषित किया है </u> और बच्चे को<u> पालन किया</u>, परन्तु वे मेरे विरूद्ध<u> विद्रोह कर चुके हैं </u>। (यशायाह 1: 1-2 यूएलबी)
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निम्नलिखित सन्दर्भ भविष्यकाल और अतीत काल के विभिन्न उपयोगों को दिखाता है।
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> पहले के समय उसने अपमानित किया
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> जबुलून की भूमि और नप्ताली की भूमि,
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> परन्तु बाद के समय में वह उसे महिमामय, समुद्र के मार्ग पर, यदरन से परे, राष्ट्रों को गलील बना देगा।
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||||
> अन्धेरे में चलने वाले लोग <u> ने एक बड़े प्रकाश को देखा है </ u>;
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||||
> अन्धेरे में चलने वाले लोग <u> ने एक बड़े प्रकाश को देखा है </u>;
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||||
> जो लोग मृत्यु की छाया वाले देश में रहते हैं, उन पर प्रकाश <u> चमक गया</u>। (यशायाह 9: 1-2 यूएलबी)
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**उदाहरण** - नीचे दी गई कहानी में रेखांकित वाक्य पृष्ठभूमि की पूरी जानकारी हैं।
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पतरस और यूहन्ना एक शिकार यात्रा पर गए क्योंकि **उनके गाँव में अगले दिन एक त्यौहार होने वाला था**. **पतरस गाँव का सबसे अच्छा शिकारी था**. **उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था! ** वे जंगली सुअर की आवाज पाने के लिए कम झाड़ियों के मध्य में से घंटों तक चलते रहे। सुअर भाग गया, परन्तु वे सुअर को गोली दागने और उसे मारने में सफल रहे। फिर उन्होंने उसके पैरों को थोड़ी सी रस्सी के साथ बांध लिया **जिसे वे अपने साथ लाए थे**, और उसे एक लकड़ी पर लटका कर घर ले गए।जब वे उसे गाँव में लाए, तो पतरस के चचेरे भाई ने सुअर को देखा और महसूस किया कि **यह उसका स्वयं का सुअर था**. पतरस ने गलती से उसके अपने चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था .
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पतरस और यूहन्ना एक शिकार यात्रा पर गए क्योंकि **उनके गाँव में अगले दिन एक त्यौहार होने वाला था**. **पतरस गाँव का सबसे अच्छा शिकारी था**. **उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था!** वे जंगली सुअर की आवाज पाने के लिए कम झाड़ियों के मध्य में से घंटों तक चलते रहे। सुअर भाग गया, परन्तु वे सुअर को गोली दागने और उसे मारने में सफल रहे। फिर उन्होंने उसके पैरों को थोड़ी सी रस्सी के साथ बांध लिया **जिसे वे अपने साथ लाए थे**, और उसे एक लकड़ी पर लटका कर घर ले गए।जब वे उसे गाँव में लाए, तो पतरस के चचेरे भाई ने सुअर को देखा और महसूस किया कि **यह उसका स्वयं का सुअर था**. पतरस ने गलती से उसके अपने चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था .
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पृष्ठभूमि की जानकारी अक्सर ऐसी बात के बारे में बताती है, जो पहले घटित हुई थी या ऐसा ही कुछ बाद में घटित होगा। इनके कुछ उदाहरण ये हैं "उनके गाँव में अगले दिन एक त्योहार होगा" और "उसने एक बार तीन जंगली सूअरों को मार डाला था," "जिसे वे अपने साथ लाए थे," और "पतरस ने गलती से अपने स्वयं के चचेरे भाई के सुअर को मार डाला था।"
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2. यदि पाठक कुछ निश्चित जानकारी की अपेक्षा करते हैं, परन्तु यह बाइबल में नहीं है, तो उस जानकारी को देने के लिए अनिश्चित शब्द या वाक्यांश का उपयोग करने पर विचार करें, जैसे: "किसी अन्य समय" या "कोई।"
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> पृथ्वी पर बाढ़ के आने के समय नूह छः सौ वर्ष का था।** (उत्पत्ति 7:6 यूएलटी) - यदि लोगों नई घटना के बारे में कुछ बताया जाने की अपेक्षा करते है, तो वाक्यांश "उसके बाद" उनकी सहायता कर सकता है, देखें कि यह घटनाओं के पहले ही उल्लेख किया गया है।
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> पृथ्वी पर बाढ़ के आने के समय नूह छः सौ वर्ष का था। (उत्पत्ति 7:6 यूएलटी) - यदि लोगों नई घटना के बारे में कुछ बताया जाने की अपेक्षा करते है, तो वाक्यांश "उसके बाद" उनकी सहायता कर सकता है, देखें कि यह घटनाओं के पहले ही उल्लेख किया गया है।
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>> **उसके बाद**, जब नूह छह सौ वर्ष का था, तो बाढ़ पृथ्वी पर आई।
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> **फिर उसने झील के किनारे में सिखाना** आरम्भ किया। (मरकुस 4:1 यूएलटी) - अध्याय 3 में यीशु किसी के घर पर शिक्षा दे रहा था। पाठकों को यह बताने की आवश्यकता हो सकती है कि यह नई घटना किसी अन्य समय पर घटित हुई थी, या यीशु वास्तव में झील में गया था।
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यदि पुराने प्रतिभागी का कुछ समय के लिए उल्लेख नहीं किया गया है, या यदि प्रतिभागियों के बीच भ्रम हो सकता है, तो लेखक प्रतिभागी के नाम का पुन: उपयोग कर सकता है। नीचे दिए गए उदाहरण में, मानोह को उसके नाम से सन्दर्भित किया गया है, जिसे लेखक ने वचन 2 के बाद उपयोग नहीं किया है।
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> फिर **मानोह** ने परमेश्वर से प्रार्थना की … (न्यायियों 13:8 ULT)
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कुछ भाषाओं में क्रिया के बारे में कुछ ऐसी बात है, जो कर्ता के बारे में कुछ और बताती है। उन भाषाओं में से कुछ लोग सदैव पुराने वाक्यांशों के लिए संज्ञा वाक्यांशों या सर्वनामों का उपयोग नहीं करते हैं, जब वे वाक्य में कर्ता होते हैं। क्रिया पर चिन्ह्ति करना श्रोता के लिए पर्याप्त जानकारी यह समझने के लिए देता है कि कर्ता कौन है। [देखें क्रियाएँ ](../figs-verbs/01.md).)
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कुछ भाषाओं में क्रिया के बारे में कुछ ऐसी बात है, जो कर्ता के बारे में कुछ और बताती है। उन भाषाओं में से कुछ लोग सदैव पुराने वाक्यांशों के लिए संज्ञा वाक्यांशों या सर्वनामों का उपयोग नहीं करते हैं, जब वे वाक्य में कर्ता होते हैं। क्रिया पर चिन्ह्ति करना श्रोता के लिए पर्याप्त जानकारी यह समझने के लिए देता है कि कर्ता कौन है। [देखें क्रियाएँ](../figs-verbs/01.md).)
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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### विवरण
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जब यह कहना कि किसी ने कुछ कहा है, तो हम अक्सर यह बताते हैं कि किन्होंने बात की, किसके साथ उन्होंने बात की, और उन्होंने क्या कहा। किसने बात की और किसके साथ बात की, इस बारे में जानकारी को **उद्धरण हाशिया** कहा जाता है। व्यक्ति ने क्या कहा **उद्धरण** है। (इसे हवाला भी कहा जाता है।)
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जब यह कहना कि किसी ने कुछ कहा है, तो हम प्रायः यह बताते हैं कि वह किसने कहा था, किससे कहा था और क्या कहा था। किसने बात की और किसके साथ बात की, इस बारे में जानकारी को **उद्धरण हाशिया** कहा जाता है। उस व्यक्ति ने क्या कहा **उद्धरण चिन्हों में होता** है। (इसे हवाला भी कहा जाता है।)कुछ भाषाओं में उद्धरण चिन्ह अरम्ब में या अंत में या उद्धरण के दो अंशों के मध्य आते हैं।
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कुछ भाषाओं में उद्धरण हाशिया उद्धरण के दो भागों के बीच पहले, अन्तिम या यहाँ तक कि बीच में आ सकता है। उद्धरण हाशिया नीचे रेखांकित हैं।
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उद्धरण हाशिया नीचे रेखांकित हैं।
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* <u> उसने कहा </u>, "भोजन तैयार है। आ जाओ और खाओ।"
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* "भोजन तैयार है। आ जाओ और खाओ, "<u> उसने कहा </u>.
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* "भोजन तैयार है," उसने कहा। </u> "आ जाओ और खाओ।" कुछ भाषाओं में, उद्धरण हाशिया में एक से अधिक क्रिया हो सकती है, जिसका अर्थ "कहा" से है।
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* **उसने कहा** , "भोजन तैयार है। आ जाओ और खाओ।"
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* "भोजन तैयार है। आ जाओ और खाओ, " **उसने कहा** .
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* "भोजन तैयार है," **उसने कहा**, "आ जाओ और खाओ।" कुछ भाषाओं में, उद्धरण हाशिया में एक से अधिक क्रियाएं हो सकती हैं, जिनका अर्थ "कहा" ही होता है।
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> परन्तु उसकी माता ने<u> उत्तर दिया </u>और<u> कहा </u>, "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।" (लूका 1:60 यूएलबी)
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> परन्तु उसकी माता ने **उत्तर दिया** और **कहा**, "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।" (लूका 1:60 यूएलटी)
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जब यह लिखना होता है कि किसी ने किसी ने कुछ कहा है, तो कुछ भाषाओं में उल्टे कौमा ("") नामक उद्धरण चिह्नों में उद्धरण (क्या कहा गया) को लिखा जाता है। कुछ भाषा उद्धरण के चारों ओर अन्य तरह के प्रतीकों का उपयोग करती हैं, जैसे कि इन कोण उद्धरण चिह्न («»), या कुछ और।
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जब यह लिखना होता है कि किसी ने कुछ कहा है, तो कुछ भाषाओं में उसके उद्धरण (जो कहा गया है) को उद्धरण चिन्हों अर्थात उल्टे कौमा ("") में लिखा जाता है। कुछ भाषा उद्धरण के चारों ओर अन्य तरह के प्रतीकों का उपयोग करती हैं, जैसे कोण उद्धरण चिह्न («»), या कुछ और।
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#### इसका कारण यह अनुवाद का एक विषय है
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#### इसको अनुवाद की समस्या होने का कारण
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* अनुवादकों को उद्धरण हाशिया डालना की आवश्यकता होगी जहाँ यह उनकी भाषा में सबसे अधिक स्पष्ट और स्वभाविक है।
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* अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि क्या वे उद्धरण हाशिए में एक या दो क्रियाएँ चाहते हैं जिसका अर्थ है "कहा" से है।
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* अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि उद्धरण के आसपास कौन से अंक उपयोग करें।
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* अनुवादकों को उद्धरण हाशिया डालने की आवश्यकता होगी जहाँ यह उनकी भाषा में सबसे अधिक स्पष्ट और स्वभाविक है।
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* अनुवादकों को यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि क्या वे उद्धरण हाशिए में एक या दो क्रियाएँ चाहते हैं जिसका अर्थ है, "कहा"।
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* अनुवादकों को यह निर्णय लेना होगा कि उद्धरण को कौन से चिन्हों में रखें ।
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### बाइबल से उदाहरण
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#### उद्धरण से पहले उद्धरण हाशिया
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> <u> जकर्याह ने स्वर्गदूत से कहा </u>, "मुझे कैसे पता चलेगा कि यह होगा? क्योंकि मैं बूढ़ा व्यक्ति हूँ, और मेरी पत्नी भी बहुत बूढ़ी है।” (लूका 1:18 यूएलबी)
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>**जकर्याह ने स्वर्गदूत से कहा**, "मुझे कैसे पता चलेगा कि यह होगा? क्योंकि मैं बूढ़ा व्यक्ति हूँ, और मेरी पत्नी भी बहुत बूढ़ी है।” (लूका 1:18 यूएलबी)
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<blockquote> फिर कुछ कर संग्रहकर्ता भी बपतिस्मा लेने आए, और <u> उन्होंने उससे कहा </u>, "हे शिक्षक, हमें क्या करना चाहिए?" (लूका 3:12 यूएलबी) </blockquote>
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<blockquote> फिर कुछ चुंगी लेने वाले भी बपतिस्मा लेने आए, और **उन्होंने उससे कहा**, "हे शिक्षक, हमें क्या करना चाहिए?" (लूका 3:12 यूएलबी) </blockquote>
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> <u> उसने उनसे कहा, </u> "तुम्हें जितना पैसा चाहिए उससे अधिक धन इकट्ठा न करो।" (लूका 3:13 यूएलबी)
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> **उसने उनसे कहा**"जो तुम्हारे लिए ठहराया गया है उससे अधिक धन इकट्ठा न करो।" (लूका 3:13 यूएलबी)
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##### उद्धरण के बाद उद्धरण हाशिया
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> यहोवा इस विषय के प्रति अनिच्छुक था। "ऐसा नहीं होगा," <u> उसने कहा </u>. (आमोस 7:3 यूएलबी)
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> यहोवा इस बात से पछताया । "ऐसा नहीं होगा," **उसने कहा**. (आमोस 7:3 यूएलटी)
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##### उद्धरण के दो भागों के बीच उद्धरण हाशिया
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> "मैं उनसे अपना चेहरा छुपा लूँगा," <u> उसने कहा, </u> "और मैं देखूँगा कि उनका अन्त क्या होगा, क्योंकि वे एक विकृत पीढ़ी हैं, ऐसे बच्चें हैं, जो अविश्वासी हैं।" (व्यवस्थाविवरण 32:20 यूएलबी)
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> "मैं उनसे अपना मुख छिपा लूँगा," **उसने कहा**, "और देखूँगा कि उनका अन्त कैसा होगा, क्योंकि वे बहुत टेढ़े हैं, और धोखा देने वाले पुत्र हैं।" (व्यवस्थाविवरण 32:20 यूएलटी)
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<blockquote> "इसलिए, जो कर सकते हैं," <u> उसने कहा, </u> "उसे हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।” (प्रेरितों 25:5 यूएलबी) </blockquote>
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<blockquote> "इसलिए, जो कर सकते हैं," <u> उसने कहा, </u> "उसे हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।” (प्रेरितों 25:5 यूएलटी) </blockquote>
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> "क्योंकि देखो, ऐसे दिन आ रहे हैं" - <u> यह यहोवा की घोषणा है </u> - "जब मैं अपने लोगों, इस्राएल के भाग्य को पुर्नस्थापित करूँगा" (यिर्मयाह 30:3 यूएलबी)
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> "क्योंकि देखो, ऐसे दिन आ रहे हैं" **यह यहोवा की वाणी है** - "जब मैं अपने लोगों, इस्राएल के भाग्य को पुर्नस्थापित करूँगा" (यिर्मयाह 30:3 यूएलटी)
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### अनुवाद की रणनीतियाँ
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### अनुवाद की युक्तियाँ
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1. निर्धारित करें कि उद्धरण हाशिया कहाँ रखा जाए।
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1. निर्धारित करें कि एक या दो शब्दों वाले "कहा" अर्थ को चुनना है या नहीं।
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1. निर्णय लें कि उद्धरण हाशिया कहाँ रखा जाए।
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2. निर्णय लें कि "कहा" के समानार्थक एक या दो शब्द चुनें या नहीं।
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### अनुवाद के लिए लागू की गई रणनीतियों के उदाहरण
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### अनुवाद की युक्तियोँ की व्यावहारिकता के उदाहरण
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1. निर्धारित करें कि उद्धरण हाशिया कहाँ रखा जाए।
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1. निर्णय लें कि उद्धरण हाशिया कहाँ रखा जाए।
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* **"इसलिए, जो लोग कर सकते हैं," <u> उसने कहा, </u> "उन्हें हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।”** (प्रेरितों 25:5 यूएलबी)
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* <u> उसने कहा, </u> "इसलिए, जो लोग जा सकते हैं, उन्हें हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।”
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* "इसलिए, जो लोग जा सकते हैं, उन्हें हमारे साथ वहाँ जाना चाहिए। यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए, "<u> उसने कहा </u>.
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* "इसलिए, जो लोग जा सकते हैं, उन्हें हमारे साथ वहाँ जा सकते हैं," <u> उसने कहा। </u> "यदि व्यक्ति के साथ कुछ गड़बड़ है, तो तुम्हें उस पर आरोप लगाना चाहिए।"
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> **उसने कहा**, "तुम में जो अधिकार रखते हैं वे साथ चलें, और यदि इस मनुष्य ने कुछ अनुचित काम किया है तो उस पर दोष लगाएं।”
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>>"तुम में से जो अधिकार रखते हैं वे साथ चालें, **उसने कहा** और यदि इस मनुष्य ने कुछ अनुचित काम किया है तो उस पर दोष लगाएं।"
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>> "तुम में जो अधिकार रखते हैं वे साथ चलें, और यदि इस मनुष्य ने कुछ अनुचित काम किया है तो उस पर दोष लगाएं,"**उसने कहा**.
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>> "तुम में जो लोग अधिकार रखते हैं," **उसने कहा** वे साथ चलें और यदि इस मनुष्य ने कुछ अनुचित काम किया है तो उस पर दोष लगाएं।"
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1. निर्धारित करें कि एक या दो शब्दों वाले "कहा" अर्थ को चुनना है या नहीं।
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2. निर्णय लें कि "कहा" के समानार्थक एक या दो शब्दों को चुनें या न चुनें ।
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* **परन्तु उसकी माता ने <u> उत्तर दिया और कहा </u>, "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।"** (लूका 1:60 यूएलबी)
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* परन्तु उसकी माता ने <u> उत्तर दिया </u>, "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।"
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* परन्तु उसकी माता ने <u> कहा </u>, "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा।"
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* परन्तु उसकी माता ने </u> इस तरह से <u> उत्तर दिया, "नहीं, इसकी अपेक्षा उसे यूहन्ना कहा जाएगा," उसने <u> कहा </u>.
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>परन्तु उसकी माता ने **उत्तर दिया और कहा**, "नहीं, वरन उसका नाम यूहन्ना रखा जाए।" (लूका 1:60 यूएलटी)
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> > परन्तु उसकी माता ने **उत्तर दिया**, "नहीं, वरन उसका नाम यूहन्ना रखा जाए।"
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> > परन्तु उसकी माता ने **कहा**, "नहीं, वरन उसका नाम यूहन्ना रखा जाए।"
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> > परन्तु उसकी माता ने यह **उत्तर दिया**,"नहीं, वरन उसका नाम यूहन्ना रखा जाए," उसने **कहा**
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@ -44,8 +44,8 @@
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1. प्रतीकों के साथ मूलपाठ का अनुवाद करें। फिर फुटनोट्स में प्रतीकों की व्याख्या करें।
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* **इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्नों में <u> चौथा जानवर देखा जो </u>, भययोग्य, डरावना, और बहुत दृढ़ था। उसके <u> लौहे के बड़े दांत थे</u>; यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसके <u> दस सींग </u> थे।** (दानिय्येल 7:7 यूएलबी)
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* इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्न में एक चौथा जानवर देखा, <sup> 1 </ sup> जो भययोग्य, डरावना, और बहुत अधिक दृढ़ था। उसके लौहे के बड़े दांत थे <sup> 2 </ sup> यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसके दस सींग थे। <Sup> 3 </ sup>
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* इसके बाद मैंने रात में अपने स्वप्न में एक चौथा जानवर देखा, <sup> 1 </sup> जो भययोग्य, डरावना, और बहुत अधिक दृढ़ था। उसके लौहे के बड़े दांत थे <sup> 2 </sup> यह नष्ट हो गया, टुकड़ों में तोड़ दिया गया, और जो कोई भी बचा था, उसके नीचे कुचला गया। यह अन्य जानवरों से अलग था, और इसके दस सींग थे। <Sup> 3 </sup>
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* फुटनोट इस तरह दिखेगा:
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* <sup> [1] </ sup> जानवर एक साम्राज्य का प्रतीक है।
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* <sup> [2] </ sup> लौह के दांत वाला साम्राज्य की सामर्थी सेना का प्रतीक है।
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* <sup> [3] </ sup> सींग सामर्थी राजाओं के प्रतीक हैं।
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* <sup> [1] </sup> जानवर एक साम्राज्य का प्रतीक है।
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* <sup> [2] </sup> लौह के दांत वाला साम्राज्य की सामर्थी सेना का प्रतीक है।
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* <sup> [3] </sup> सींग सामर्थी राजाओं के प्रतीक हैं।
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